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“पुष्प की अभिलाषा” शीर्षक से यह कविता आपको एक नई दृष्टि प्रदान करेगी। इस कविता में फूल को एक जीवंत प्राणी के रूप में चित्रित किया गया है, जिसकी अपनी इच्छाएं और अभिलाषाएं हैं। फूल न तो किसी राजा-महाराजा की अंत्येष्टि में शामिल होना चाहता है, और न ही किसी देवी-देवता की पूजा में भाग लेना चाहता है। उसकी एकमात्र इच्छा है कि उसे उन पथों पर फेंका जाए जिन पर देशभक्त योद्धा अपने देश की रक्षा के लिए निकलते हैं।
Bihar Board Class 7 Hindi Chapter 3 Solutions
Subject | Hindi |
Class | 7th |
Chapter | 3. पुष्प की अभिलाषा |
Author | माखन लाल चतुर्वेदी |
Board | Bihar Board |
पाठ से –
प्रश्न 1. निम्नलिखित पंक्तियों के भावार्थ स्पष्ट कीजिए –
चाह नहीं सम्राटों के शव पर
हे हरि, डाला जाऊँ।
चाह नहीं. देवों के सिर पर,
चढूँ, भाग्य पर इठलाऊँ।
उत्तर:- इन पंक्तियों में कवि कह रहा है कि उसकी इच्छा न तो सम्राटों के शव पर गिरने की है और न ही देवताओं के सिर पर चढ़कर भाग्यशाली बनने की। वह अपने जीवन की गरिमा को बनाए रखना चाहता है।
प्रश्न 2. प्रस्तुत पाठ में “मैं” शब्द का प्रयोग किसके लिए किया गया है?
उत्तर:- पुष्प के लिए।
प्रश्न 3. हे वनमाली, मुझे तोड़कर उस रास्ते पर फेंक देना, जिस रास्ते से होकर अपनी मातृभूमि पर शीश चढ़ाने वाले वीर जाते हैं।” उपर्युक्त भाव पाठ की जिन पंक्तियों के द्वारा अभिव्यक्ति होती है उन पंक्तियों को लिखिए।’
उत्तर:- उपर्युक्त भाव इन पंक्तियों द्वारा अभिव्यक्त होता है –
“मुझे तोड़ लेना वनमाली, उस पथ पर देना तुम फेंक।
मातृभूमि पर शीश चढ़ाने, जिस पथ जाएँ वीर अनेक॥”
प्रश्न 4. “भाग्य पर इठलाऊँ” का कौन-सा अर्थ ठीक लगता है ?
(क) भाग्य पर नाराज होना।
(ख) भाग्य पर गर्व करना।
(ग) भाग्य पर विश्वास न करना।
उत्तर:- (ख) भाग्य पर गर्व करना।
पाठ से आगे –
प्रश्न 1. बड़े-बड़े सम्मान पाने की बजाय पुष्प उस पथ पर फेंका जाना क्यों पसंद करता है, जिस पर मातृभूमि के लिए अपना सर्वस्व अर्पण करने वाले दीर जाते हैं ? अपना विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर:- पुष्प मातृभूमि की रक्षा करने वाले वीरों के पथ पर चलना चाहता है क्योंकि उसके लिए देश सेवा ही सबसे बड़ा सम्मान है। बड़े-बड़े सम्मानों से उसकी अभिलाषा नहीं है, बल्कि वह अपने देश और मातृभूमि की रक्षा करने वाले वीरों की सहायता करना चाहता है। उसकी प्रमुख इच्छा मातृभूमि के लिए अपना बलिदान देना है।
प्रश्न 2. पुष्प की भाँति आपकी भी कोई अभिलाषा होगी। उन्हें दस वाक्यों में लिखिए।
उत्तर:- पुष्प की तरह मेरी भी कुछ अभिलाषाएं हैं। मैं भी देश की सेवा करना चाहता हूं। मैं चाहता हूं कि मेरा जीवन देश और समाज के लिए उपयोगी हो। मुझे देश के गौरव और सम्मान को बढ़ाना है। मैं चाहता हूं कि देश के दुश्मनों का विनाश हो। मेरी यह भावना है कि देश के प्रति समर्पण ही सबसे बड़ा धर्म है। मैं देश-भक्ति और देश सेवा के मार्ग पर चलना चाहता हूं। मैं अपने जीवन को देश के लिए समर्पित करना चाहता हूं। मेरा लक्ष्य देश की रक्षा और सेवा करना है।
व्याकरण –
प्रश्न 1. भाग्य शब्द के पहले सौ उपसर्ग लगाकर सौभाग्य शब्द बनता -है। इसी प्रकार नि, दुः अन् उपसर्ग लगाकर दो-दो शब्द बनाइए।
उत्तर:-
नि = निहत्था, निशान ।
दुः = दुष्कर्म, दुश्मन ।
अन् = अनावश्यक, अनुत्तीर्ण ।