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इस अध्याय में हम आर्यभट्ट जी के जीवन और उनके महान् योगदानों के बारे में पढ़ेंगे। आर्यभट्ट जी एक महान खगोलविद्, गणितज्ञ और ज्योतिषी थे, जिन्होंने अपने नवीन विचारों से खगोल विज्ञान और गणित के क्षेत्र में क्रांति ला दी। उन्होंने केवल 23 वर्ष की उम्र में ही “आर्यभट्टीयम्” नामक अपना प्रसिद्ध ग्रंथ लिखा, जिसमें उन्होंने पृथ्वी के घूर्णन और ग्रहों की गति जैसे महत्वपूर्ण सिद्धांतों का वर्णन किया। शून्य की उपयोगिता पर उनकी चर्चा अद्भुत थी। उन्होंने अंकगणित, बीजगणित, रेखागणित और ज्यामिति के क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। हम इस अध्याय में उनके जीवन और उनके वैज्ञानिक योगदानों के बारे में विस्तार से पढ़ेंगे।

Bihar Board Class 7 Hindi Chapter 19 Solutions
Subject | Hindi |
Class | 7th |
Chapter | 19. आर्यभट |
Author | पाठयपुस्तक विकास समिति |
Board | Bihar Board |
पाठ से –
प्रश्न 1. निम्नलिखित वाक्यों में सही के सामने सही (✓) का और गलत के सामने गलत (☓) का निशान लगाइए।
प्रश्नोत्तर –
(i) आर्यभट्ट एक प्रसिद्ध किसान थे। (☓)
(ii) वे पाटलीपुत्र के रहने वाले थे। (☓)
(iii) आर्यभट्ट भारत के पहले व्यक्ति थे जिन्होंने कहा था कि पृथ्वी अपनी धूरी पर चक्कर लगाती है। (✓)
(iv) चाँद के प्रकट होने तथा पूरा गायब होने के मध्य एक निश्चित अवधि होती है। (✓)
प्रश्न 2. आर्यभट्ट ने कौन-कौन-सी खोज की?
उत्तर: आर्यभट्ट एक महान खगोलविद्, गणितज्ञ और ज्योतिषविद् थे। उन्होंने कई महत्वपूर्ण खोजों को अपने लेखों में दर्ज किया, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
(i) पृथ्वी गोलाकार है और अपने अक्ष पर घूमती है।
(ii) सूर्य स्थिर है और पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है।
(iii) ज्योतिष में 12 राशियाँ होती हैं।
(iv) चन्द्रग्रहण तब होता है जब पृथ्वी की छाया चन्द्रमा पर पड़ती है।
(v) चन्द्रमा का ग्रहण होने और लोप होने का समय सटीक रूप से पता लगाया जा सकता है।
(vi) सभी ग्रह और नक्षत्र सूर्य की परिक्रमा करते हैं।
(vii) वृत्त की परिधि को मापने का एक तरीका का प्रयोग किया।
प्रश्न 3. अंधविश्वास से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: अंधविश्वास वह मान्यता या विश्वास है जो वैज्ञानिक आधार पर प्रमाणित नहीं होता, लेकिन लोग उसे मानते हैं। इसमें लोग परंपरागत या धार्मिक मान्यताओं को बिना तर्क-वितर्क के मान लेते हैं। जैसे – मरे हुए व्यक्ति को “भूत” कहकर पुकारना एक अंधविश्वास है, क्योंकि वैज्ञानिक रूप से ऐसा कोई प्रमाण नहीं है। अंधविश्वास से समाज में कुरीतियां और भ्रम फैलते हैं।
प्रश्न 4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए।
(क) आर्यभट्ट का सूर्यग्रहण एवं चन्द्रग्रहण के विषय में क्या मानना था?
उत्तर: आर्यभट्ट का मानना था कि जब चन्द्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ती है तो सूर्यग्रहण और जब पृथ्वी की छाया चन्द्रमा पर पड़ती है तो चन्द्रग्रहण होता है।
(ख) “आर्य भट्टीयम्” किन विषयों पर लिखा ग्रन्थ है ?
उत्तर: “आर्य भट्टीयम्” खगोली ज्ञान, गणित और ज्योतिषीय ज्ञान पर साधारित ग्रन्थ है।
(ग) रवि मार्ग किसे कहते हैं ?
उत्तर: आकाशीय पिण्ड सूर्य की परिक्रमा करते हैं, जिस मार्ग से आकाशीय पिण्ड परिक्रमा करते हैं उसे “रवि मार्ग” कहते हैं।
(घ) आर्यभट्ट ने जब “आर्यभट्टीयम्” की रचना की उस समय उनकी उम्र क्या थी?
उत्तर: मात्र तैइस वर्ष की उम्र में आर्यभट्ट ने आर्यभट्टीयम् की रचना की।
व्याकरण –
(क) विज्ञान + इक = वैज्ञानिक। इसी तरह “इक” प्रत्यय जोड़कर अन्य कुछ शब्दों का निर्माण कीजिए।
उत्तर:
- दर्शन + इक = दार्शनिक।
- साहित्य + इक = साहित्यिक ।
- साहस + इक = साहसिक।
- परम्परा + इक = पारम्परिक ।
- भूगोल + इक = भौगोलिक।
- शब्द + इक = शाब्दिक इत्यादि ।
(ख) निम्नलिखित शब्दों से वाक्य बनाइए-
उत्तर:
- उपग्रह–उपग्रह बड़े ग्रहों की परिक्रमा करते हैं।
- उद्योग – उद्योग-धन्धे को बढ़ावा देना चाहिए।
- भौगोलिक – भौगोलिक स्थिति का ज्ञान भूगोल में मिलता है।
- नैतिक – हमारे नैतिक कर्म समय पर होना चाहिए।
- पृथ्वी – पृथ्वी अपने अक्ष पर घूमती है।
(ग) निम्नलिखित शब्दों को अ और आ के उच्चारण में अंतर पर ध्यान देते हुए बोलिए-
उत्तर:
अ | आ |
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