Below you will get our free solutions on Bihar Board class 7 Hindi chapter 15. This is our comprehensive set of guide for chapter 15 – “ऐसे-ऐसे”. It provides you with the accurate and reliable answers of all the questions from the exercise.
यह पाठ एक लघु नाटक है जिसमें मोहन नामक एक छात्र की चतुराई और मजेदार चालबाजी को दिखाया गया है। मोहन गर्मियों की छुट्टियों में खेल-कूद में इतना मशगूल रहा कि उसने अपना होमवर्क नहीं किया। अब जब स्कूल खुलने वाला है तो उसे डर है कि टीचर उसे डांटेंगे। इसलिए वह एक नाटकीय हरकत करता है और अपने माता-पिता, पड़ोसियों और डॉक्टरों को भी झांसा देकर एक अजीब बीमारी “ऐसे-ऐसे” का बहाना बनाता है।
Bihar Board Class 7 Hindi Chapter 15 Solutions
Subject | Hindi |
Class | 7th |
Chapter | 15. ऐसे-ऐसे |
Author | विष्णु प्रभाकर |
Board | Bihar Board |
पाठ से –
प्रश्न 1. माँ मोहन के “ऐसे-ऐसे” कहने पर क्यों घबड़ा रही थी?
उत्तर: माँ मोहन के “ऐसे-ऐसे” कहने पर घबड़ा रही थी, क्योंकि उन्हें लगता था कि मोहन किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित है। माँ मोहन की इस अस्वस्थता को समझ नहीं पा रही थीं और उसका कारण पता नहीं चल पा रहा था। साथ ही, मोहन भी अपनी बीमारी का नाटक करके माँ को और अधिक परेशान कर रहा था। इस वजह से माँ काफी घबराई हुई थीं और चिंतित भी थीं।
प्रश्न 2. ऐसे कौन-कौन से बहाने होते हैं जिन्हें मास्टर जी एक ही बार में सुनकर समझ जाते हैं ? ऐसे कुछ बहानों के बारे में लिखो।
उत्तर: ऐसे कुछ आम बहाने हैं, जिन्हें मास्टर जी एक बार में ही पहचान लेते हैं:
- सिर दर्द: यह एक बहुत ही आम बहाना है, जिसका इस्तेमाल स्कूली बच्चे होमवर्क न करने या स्कूल से छुट्टी लेने के लिए करते हैं।
- पेट दर्द: यह भी एक ऐसा ही बहाना है, जिसका प्रयोग किया जाता है स्कूल से छुट्टी लेने के लिए।
- बुखार: स्कूल से छुट्टी लेने के लिए बच्चे अक्सर बुखार का बहाना करते हैं।
- आँखों में दर्द: यह भी एक ऐसा ही बहाना है, जिसका इस्तेमाल होमवर्क न करने के लिए किया जाता है।
- जी मत खराब है: यह भी एक सामान्य बहाना है, जिसका प्रयोग स्कूल से छुट्टी लेने के लिए किया जाता है।
मास्टर जी इन आम बहानों को एक बार में ही पहचान लेते हैं और समझ जाते हैं कि बच्चा किसी वास्तविक बीमारी से नहीं, बल्कि बहाना कर रहा है।
पाठ से आगे –
प्रश्न 1. स्कूल के काम से बचने के लिए मोहन ने कई बार पेंट में “ऐसे-ऐसे” होने का बहाने बनाए।
मान लो, एक बार सचमुच पेट में दर्द हो गया और उसकी बातों पर लोगों ने विश्वास नहीं किया, तब मोहन पर क्या बीती होगी।
उत्तर: मोहन की बातों पर किसी को भी विश्वास नहीं होगा। जब उसे सचमुच पेट दर्द होगा, तब वह परेशान होकर अपनी गलतियों पर पछताएगा। कोई उसे दवा या इलाज नहीं देगा और वह कराहता रहेगा। यह उसके लिए सबक होगा कि झूठ बोलने से क्या-क्या परेशानियाँ हो सकती हैं।
प्रश्न 2.
पाठ में आए वाक्य “लोचा-लोचा फिरे है” के बदले
इस तरह की अन्य पंक्तियाँ भी हैं जैसे –
इत्ती नयी-नयी बीमारियाँ निकली हैं,
राम मारी बीमारियों ने तंग कर दिया,
तेरे पेट में तो बहुत बड़ी दाढ़ी है।
अनुमान लगाओ, इन पंक्तियों को दूसरे ढंग से कैसे लिखा जा सकता हैं ?
इत्ती नयी-नयी बीमारियाँ निकली हैं।
उत्तर:
कितनी बेतहाशा नई-नई बीमारियाँ पैदा हो रही हैं।
अनगिनत नई बीमारियों ने तंग कर दिया है।
तुम्हारे पेट में तो दाढ़ी ही दाढ़ी है, बहाने बनाने वाले।
प्रश्न 3. मान लीजिए ………. संवाद के रूप में लिखिए। (स्वयं)
उत्तर:
दोस्त: हेलो मोहन, तुम्हारी तबीयत ख़राब है क्या?
मोहन: नहीं यार, मेरे साथ ऐसे-वैसे ही हो रहा है।
दोस्त: “ऐसे-वैसे” का मतलब तो तुम जानते ही हो, कुछ भी नहीं। फिर तुम्हारा कार्य क्यों नहीं हो पाया?
मोहन: मेरे प्यारे दोस्त, यही तो हमारी बीमारी है। तुम्हें मालूम भी कैसे हो गया कि “ऐसे-वैसे” का मतलब कुछ भी नहीं होता।
दोस्त: हाँ यार, कभी-कभी मुझे भी “ऐसे-वैसे” हो जाता है, जब स्कूल का कार्य टाल देता हूँ।
(दोनों हंसने लगते हैं)
प्रश्न 4. संकट के समय के लिए ……….. कैसे बात करेंगे? कक्षा में करके बताइए।
उत्तर:
पुलिस स्टेशन – हाय, पुलिस स्टेशन। कहाँ से बोल रहे हैं? क्या बताना है?
मैं मोगलपुरा से बोल रहा हूँ। कुछ अपराधी किसी घातक योजना पर काम करते दिखाई दिए हैं। कृपया शीघ्र पहुँचकर उन्हें गिरफ्तार करें। मैं उन्हें रोकने का प्रयास करूंगा।
फायर ब्रिगेड – हाय, फायर ब्रिगेड स्टेशन। मोगलपुरा के मकान नंबर 40 में आग लग गई है। लपटें बहुत ऊंची हैं। कृपया शीघ्र पहुँचें।
डॉक्टर – हाय डॉक्टर साहब, मैं आपके पुत्र अनोज का दोस्त मनोज बोल रहा हूँ। मेरी माँ तेज बुखार से काँप रही है। कृपया जल्दी आकर देखें और कुछ दवाईयाँ भी साथ ले लें।