Bihar Board class 7 Hindi chapter 17 solutions are available on this page. Below we have covered all the questions from chapter 17 – “सोना” and given their accurate answers in hindi.
इस पाठ में लेखिका एक हिरण शावक ‘सोना’ के साथ अपने अनुभवों को बयां करती हैं। उन्हें पशु-पक्षियों से बहुत लगाव था और वे उनके साथ बड़े प्यार से रहती थीं। एक दिन उनके घर एक हिरण शावक आता है जिसकी माँ शिकारियों द्वारा मार दी गई थी। लेखिका उसे ‘सोना’ नाम देकर पालने लगती हैं। वह सोना के साथ अपने बचपन की यादें ताजा करती हैं। सोना लेखिका के घर में ही रहता था और उनके साथ खेलता-कूदता था। लेखिका बद्रीनाथ की यात्रा पर चली गईं तो सोना का बहुत अभाव रहा। जब वे वापस आईं तो उन्हें पता चला कि सोना को रस्सी से बांधकर रखा गया था और वह छिटककर चल बसा था। इस घटना से लेखिका को बहुत दुख हुआ।
Bihar Board Class 7 Hindi Chapter 17 Solutions
Subject | Hindi |
Class | 7th |
Chapter | 17. सोना |
Author | महादेवी वर्मा |
Board | Bihar Board |
पाठ से –
प्रश्न 1. महादेवी वर्मा को अपना निश्चय क्यों बदलना पड़ा?
उत्तर: महादेवी वर्मा ने पहले हिरण पालने का निश्चय किया था, लेकिन सोना की दर्दनाक मृत्यु से वह आहत हो गईं। उनके मित्र सुष्मिता वसु ने एक पत्र लिखकर उन्हें एक नया हिरण स्वीकार करने के लिए मनाया। वसु जानती थी कि महादेवी ही इस हिरण की सुरक्षा और देखभाल कर सकती हैं। इस प्रकार सुष्मिता वसु के आग्रह और प्रयास से महादेवी वर्मा ने अपना पहला निश्चय बदलकर हिरण को अपने पास रखने का फैसला कर लिया।
प्रश्न 2. सोना के दिनभर के कार्यकलाप को अपनी भाषा में लिखिए।
उत्तर: सोना का दिनचर्या इस प्रकार थी –
प्रातः होते ही वह घर से बाहर निकलकर मैदान में आ जाती। वहाँ खड़ी होकर चौकड़ी भरती और छात्रावास के बच्चों के साथ दौड़ती-खेलती रहती। वह छात्रावास के हर कमरे में जाकर वहाँ रखी वस्तुओं को देखती। बच्चों द्वारा दिए गए खाद्य पदार्थों को प्रेम से खाती। वर्ग के समय में वह वर्ग जाकर देखती। कभी-कभी अन्य पशुओं के साथ भी समय बिताती। मैदान में घास चरती और दूध, चना प्रेम से खाती।
प्रश्न 3. सोना को छोटे बच्चे क्यों अच्छे लगते थे?
उत्तर: सोना को छोटे बच्चे इसलिए अच्छे लगते थे क्योंकि वे सोना के साथ खेलते, दौड़ते और उससे प्यार करते थे। बच्चों की यह मासूम और खुशमिजाज प्रवृत्ति सोना को बहुत पसंद आती थी। वह भी बच्चों के साथ मनमोहक खेल-कूद करती और उनका आदर-सम्मान करती थी। इस तरह बच्चों का सोना के प्रति अनुराग और भाईचारा सोना को बहुत अच्छा लगता था।
प्रश्न 4. भाव स्पष्ट कीजिए
(क) जब मृत्यु इतनी अपवित्र और असुंदर है तब उसे बाँटते घूमना क्यों अपवित्र और असुंदर कार्य नहीं है।
उत्तर: जब मनुष्य की मृत्यु होती है, तो उसका शरीर अपवित्र और असुंदर हो जाता है। लोग मृतक को छूने से बचते हैं, मानो वह अपवित्र हो गया है। लेकिन यह सोचना गलत है कि मृत्यु ही अपवित्र और असुंदर है। क्योंकि मनुष्य अपने समकालीन मनुष्यों और पशु-पक्षियों का भी वध कर रहा है, जो कि सच में अपवित्र और असुंदर कार्य है। इसलिए मृत व्यक्ति का शरीर देखना या उसे सम्मानपूर्वक बाँटना अपवित्र नहीं है, बल्कि मनुष्य द्वारा किए जा रहे अन्य विनाशकारी कार्य ही वास्तव में अपवित्र और असुंदर हैं।
(ख) पशु, मनुष्य के निश्छल स्नेह से परिचित रहते हैं। उसकी ऊँची-नीची सामाजिक स्थितियों से नहीं।
उत्तर: पशु मनुष्य के निश्छल स्नेह से परिचित होते हैं। वे मनुष्य की सामाजिक स्थिति या उसकी ऊँची-नीची जाति से प्रभावित नहीं होते। पशु केवल मनुष्य के द्वारा दिए जाने वाले प्यार और स्नेह से प्रभावित होते हैं। चाहे मनुष्य गरीब हो या अमीर, ऊँची जाति का हो या निम्न जाति का, पशु उसके निश्छल व्यवहार से ही प्रभावित होते हैं। अर्थात् पशु मनुष्य की सामाजिक स्थिति या जाति-पाँति से परिचित नहीं होते, बल्कि केवल उसके प्रेम और स्नेह से।
पाठ से आगे –
प्रश्न 1. सोना के सौंदर्य का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
उत्तर: सोना एक अत्यंत सुंदर हिरण थी। उसका रंग सुनहला और मुलायम था, मानो मखमल से बना हो। उसके लंबे-लंबे कान और बड़ी-बड़ी चमकदार आँखें उसकी खूबसूरती को और बढ़ा देती थीं। आँखों के चारों ओर काला कोर था, जैसे उसने काजल लगाया हो। उसकी लम्बी और पतली सी डकार, सुडौल शरीर और सुंदर पनयाई गर्दन देखने में बेहद आकर्षक लगती थी। यह सारी खूबसूरती को देखकर ऐसा लगता था कि वह कभी भी ढलक पड़ेगी।
प्रश्न 2. पशु-पक्षियों की सुरक्षा के लिए आप क्या-क्या उपाय करेंगे?
उत्तर: पशु-पक्षियों की सुरक्षा के लिए हम निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं:
- पशु-पक्षियों के प्राकृतिक आवास यानी वनों का संरक्षण और बचाव करना।
- पशु-पक्षियों के शिकार और अवैध व्यापार पर कड़ी रोक लगाना।
- पालतू पशु-पक्षियों के स्वास्थ्य, पोषण और आवास की उचित देखभाल करना।
- पशु-पक्षियों के प्रति जनता में जागरूकता पैदा करना और उनके प्रति दया और संवेदना बढ़ाना।
- पशु-पक्षियों के संरक्षण के लिए कानूनों को सख्ती से लागू करना।
- पशु-चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार करना और उनका उपचार सुगम बनाना।
इन उपायों से हम पशु-पक्षियों की सुरक्षा और संरक्षण को सुनिश्चित कर सकते हैं।
प्रश्न 3. क्या होता यदि –
(क) हिरन के तीन-चार दिन के बच्चे को लेखिका के पास न लाया जाता।
उत्तर: यदि हिरण के तीन-चार दिन के बच्चे को लेखिका के पास न लाया जाता, तो वह बच्चा निश्चित रूप से मर जाता। क्योंकि वह इतना छोटा था कि माँ के अभाव में जीवित नहीं रह पाता। महादेवी वर्मा जी के यहाँ पशु-पक्षियों को बहुत प्यार और देखभाल मिलती थी, इसलिए वह शायद इस छोटे बच्चे को भी जीवित रख पाती। लेकिन वन में अकेले रहकर उसकी मृत्यु हो जाती।
(ख) हेमंत-वसंत और फ्लोरा सोना से दोस्ती न करते।
उत्तर: यदि हेमंत, वसंत और फ्लोरा सोना से दोस्ती न करते, तो सोना के साथ बिताए गए खुशमिजाज और प्रेमपूर्ण क्षणों का वर्णन नहीं हो पाता। सोना अकेला और उदास रहती और महादेवी वर्मा के लिए भी उसकी देखभाल करना और उसके साथ खेलना मुश्किल हो जाता। पशु-पक्षी आपस में दोस्ती करते हैं और एक-दूसरे पर विश्वास करते हैं, इस पहलू को भी इस कहानी से नहीं देखा जा सकता।
(ग) लेखिका बद्रीनाथ की यात्रा पर न जाती।
उत्तर: यदि लेखिका बद्रीनाथ की यात्रा पर न जाती, तो सोना की जान नहीं जाती। क्योंकि सोना की मौत लेखिका के अभाव में ही हुई थी। जब लेखिका बद्रीनाथ गई हुई थी, तब सोना गेट से बाहर जाने लगी थी, जिसके कारण रक्षकों ने उसे बाँध दिया था। इस बंधन में ही सोना की मृत्यु हो गई। अतः यात्रा पर न जाने से लेखिका सोना की जान बचा पाती।
व्याकरण –
प्रश्न 1. व्यञ्जनों के प्रत्येक वर्ग के नासिक्य व्यञ्जन को अनुसार (‘) प्रकट करता है जबकि अनुनासिक (“) स्वर का गुण है.। पाठ में आये पाँच अनुनासिक और पाँच अनुस्वार शब्दों की सूची बनाइए –
उत्तर:
अनुनासिक | अनुस्वार |
(क) डॉक्टर | (क) परंतु |
(ख) भाँति | (ख) जंगल |
(ग) मुँह | (ग) संबद्ध |
(घ) गाँठ | (घ) भंग |
(ङ) ठाँग | (ङ) रंग |
प्रश्न 2. इन वाक्यों में रेखांकित शब्दों के कारक चिह्न की पहचान कीजिए।
(क) मैंने निश्चय किया कि अब हिरण नहीं पालूँगी।
उत्तर: कर्ता (ने)।
(ख) जिसमें उसके लिए स्नेह छलकता था।
उत्तर: सम्प्रदान (के लिए)।
(ग) गोधूली कूदकर मेरे कंधे पर आ बैठी।
उत्तर: अधिकरण (पर)।
(घ) हिरण शेर से डरता है।
उत्तर: आपादान (से)।
(ङ) अरे ! यह तो बहुत सुंदर है !
उत्तर: सम्बोधन (अरे)।
(च) मेरी दृष्टि सोना को खोजने लगी।
उत्तर: कर्म (को)।
प्रश्न 3. कई बार दो शब्द मिलकर भी एक शब्द बनते हैं। जैसेछात्रा+ आवास-छात्रावास ।
उत्तर:
सूर्य + उदय = सूर्योदय ।
पूर्व + उत्तर = पूर्वोत्तर ।
विद्या + अर्थी = विद्यार्थी ।
धन + उपार्जन = धनोपार्जन ।
प्रति + एक = प्रत्येक इत्यादि ।