Today we are presenting you with our free guide on Bihar Board class 7 Hindi chapter 20. This free guide includes the complete question answer of chapter 20 – “यशास्विनी” with easy explanations.
इस अध्याय में हम महिला सशक्तिकरण और उनके अधिकारों पर विचार करेंगे। यह कविता महिलाओं को अपने आप पर गर्व करने और अपनी क्षमताओं को पहचानने के लिए प्रेरित करती है। यहां कवि ने महिलाओं से उन सामाजिक बंधनों को तोड़ने का आग्रह किया है जो उनकी उन्नति में बाधक हैं। कविता यह संदेश देती है कि महिलाएं घर की चारदीवारी से बाहर निकलकर अपने सपनों को साकार करें और समाज में अपनी भूमिका निभाएं।

Bihar Board Class 7 Hindi Chapter 20 Solutions
Subject | Hindi |
Class | 7th |
Chapter | 20. यशास्विनी |
Author | बेबी रानी |
Board | Bihar Board |
पाठ से –
प्रश्न 1. इन पद्यांशों के अर्थ स्पष्ट कीजिए।
(क) पग-नुपूर कंगन हार नहीं,
तुम विद्या से श्रृंगार करो।
अर्थ – हे नारी! तुम बाहरी सौंदर्य जैसे पैरों में नूपुर, हाथों में कंगन और गले में हार पहनकर अपना सौंदर्य प्रदर्शित मत करो। इसके बजाय अपने आंतरिक सौंदर्य अर्थात् विद्या और ज्ञान से अपना श्रृंगार करो।
(ख) वह दान दया की वस्तु नहीं,
वह जीव नहीं वह नारी है।
अर्थ – हे पुरुषो! नारी को केवल दान-दया या परोपकार करने वाले एक जीव के रूप में मत देखो। वह पुरुषों के साथ-साथ चलने वाली एक समान सहभागी है।
(ग) उसे टेरेसा बन जीने दो,
उसे इंदिरा बन जीने दो।
अर्थ – हे पुरुषो! इसी नारी में कोई महान समाजसेविका मदर टेरेसा या कोई महान नेता इंदिरा भी बन सकती है। अत: उन्हें भी टेरेसा या इंदिरा बनने का अवसर दो।
पाठ से आगे –
प्रश्न 1. समाज में लिंग-भेद मिटाना क्यों जरूरी है? इसको मिटाने के लिए आप क्या-क्या कर सकते हैं?
उत्तर: समाज में अभी भी लिंग के आधार पर भेदभाव किया जाता है, जिसे दूर करना आवश्यक है। क्योंकि बेटे और बेटियां दोनों एक समान हैं और देश के विकास में उनका योगदान समान रूप से महत्वपूर्ण है। बेटियां भी शिक्षा प्राप्त कर अपने कौशल और प्रतिभा से देश का नाम रोशन कर रही हैं। फिर भी स्त्री-पुरुष के बीच भेदभाव किया जाता है, जो स्त्रियों के साथ अन्याय है।
इस लिंग-भेद को मिटाने के लिए हम निम्न कार्य कर सकते हैं:
- भ्रूण हत्या को रोकने के लिए जागरूकता फैलाना और कड़े कानून लागू करना।
- लड़कियों की शिक्षा पर विशेष ध्यान देना और उन्हें शिक्षित करने के लिए प्रोत्साहित करना।
- बेटे-बेटी को समान रूप से देखने और उनका समान अधिकार सुनिश्चित करने का प्रयास करना।
- समाज में स्त्री के योगदान और महत्व को उजागर करना।
- पारिवारिक और सामाजिक स्तर पर लिंग-भेद को खत्म करने के लिए प्रयास करना।
- इन उपायों से समाज में लिंग-भेद को मिटाया जा सकता है और बेटियों को समान अवसर प्रदान किया जा सकता है।
प्रश्न 2. समाज में स्त्री एवं पुरुष में भेद-भाव किन-किन रूपों में दिखाई देता है। इन्हें समाप्त करने के लिए क्या-क्या किया जा सकता है?
उत्तर: आज के समाज में स्त्री और पुरुष के बीच विभिन्न रूपों में भेदभाव देखने को मिलता है, जैसे:
- स्त्रियों को पुरुषों द्वारा अपनी सेविका मानकर उनका शोषण किया जाता है।
- स्त्रियों को घर के कामों तक ही सीमित रखा जाता है और उनकी बाहरी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया जाता है।
- स्त्रियों को शिक्षित करना अभिशाप माना जाता है और उनके शिक्षण पर कम ध्यान दिया जाता है।
- स्त्रियों के रहन-सहन, खान-पान और पढ़ाई-लिखाई में पुरुषों की तुलना में कमियां देखी जाती हैं।
इस प्रकार समाज में स्त्री की तुलना में पुरुष का महत्व अधिक माना जाता है। इन भेदभावों को दूर करने के लिए निम्न उपाय किए जा सकते हैं:
- समाज में स्त्री के योगदान और उपलब्धियों की चर्चा को बढ़ावा देना।
- स्त्री-पुरुष के लिए समान शिक्षा प्रणाली सुनिश्चित करना।
- स्त्रियों को शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित करना और उनके विकास के लिए सहयोग देना।
- सामाजिक और कानूनी रूप से स्त्रियों के अधिकारों को सुरक्षित करना।
- घर और समाज में स्त्री-पुरुष के बीच भेदभाव को समाप्त करने का प्रयास करना।
- इन उपायों से स्त्री-पुरुष के बीच के भेदभाव को मिटाया जा सकता है और उन्हें समान अवसर प्रदान किया जा सकता है।
प्रश्न 3. समाज में भ्रूण हत्याएं हो रही हैं। लगातार महिलाओं की संख्या में कमी हो रही है। लोग लड़के की कामना करते हैं तथा लड़कियों को दोयम दर्जे के नागरिक के रूप में देखा जाता है। वर्तमान समय में कमोवेश नारी की यही स्थिति है। इस परिदृश्य को ध्यान में रखकर एक स्वरचित कविता का निर्माण कीजिए।
उत्तर:
बेटी
गर्भ में बेटे को क्यों नहीं समझते,
बेटी भी तो देश का नाम रोशन करती।
कह दिया बेटा है तो कोई कुकर्मी नहीं,
बेटी का जन्म लेने दो, यह उसका अधिकार है।
क्या कहती हो, बेटी का नहीं हो सकता,
इंदिरा, लता, कल्पना जैसी महान बन सकती।
नहीं तो तुम्हें नारी होने पर धिक्कार है,
अपने बच्चों को आगे बढ़ने दो, यही सच्चा प्यार है।
बेटियां भी हैं देश की शान, गौरव और अभिमान,
उनका भी है देश में समान अधिकार और सम्मान।
व्याकरण –
प्रश्न 1. निम्नलिखित शब्दों के विलोम लिखिए –
उत्तर:
तोड़ो = जोड़ो
संवारना = मिटाना
नफरत = प्रेम
सम्मान = असम्मान
स्वीकार = अस्वीकार
दया = कठोरता
प्रश्न 2. दिये गये पुलिङ्ग शब्दों के स्त्रीलिंग शब्द लिखिए –
उत्तर:
अभिनेता = अभिनेत्री।
नेता = नेताइन।
लेखक = लेखिका।
छात्र = छात्रा।
अध्यापक = अध्यापिका।
नर = नारी।