Here we have shared UP Board Class 8 Hindi chapter 8 solutions for free. This is our expert written guide which you can use to answer all the questions asked in Hindi Manjari chapter 8 – “धानों का गीत”.
पाठ 8 – धानों का गीत में किसान के ताने-मसूर से धान, चाँदनी, और गाँव के वातावरण का सरलता से वर्णन किया गया है। कवि केदारनाथ सिंह ने ग्रामीण परिवेश में किसान की आवाज के माध्यम से बादल का स्वागत किया है। गीत में किसान बादल से प्रार्थना करता है कि वे उसके खेतों में आकर धान उगाने, उन्हें हरा-भरा करने और उनके खेतों को खुशहाल बनाने में मदद करें।

UP Board Class 8 Hindi Chapter 8 Solutions
Subject | Hindi (Manjari) |
Class | 8th |
Chapter | 8. धानों का गीत |
Author | केदारनाथ सिंह |
Board | UP Board |
गीत से-
प्रश्न 1. बादल को स्वागत कौन-कौन और कब-कब कर रहे हैं?
उत्तर- कविता के अनुसार, किसान भोर (सुबह), दोपहर को धूप ढलने पर, शाम के समय और पूजा के समय बादलों का स्वागत कर रहे हैं। वे हर समय बादलों की आकांक्षा करते हैं क्योंकि बादलों से वर्षा होती है, जो उनकी फसलों के लिए जीवनदायिनी है।
प्रश्न 2. पंक्तियों के भावार्थ स्पष्ट कीजिए
(क) चंदा को बाँचेंगे कच्ची कलगियों, सूरज को सूखी रेत में।
भावार्थ – इस पंक्ति का अर्थ है कि चांद की चांदनी नरम धान की बालियों पर पड़ेगी और सूरज की धूप सूखी रेत पर चमकेगी।
(ख) संझा पुकारेंगी गीली आँखड़ियाँ भोर हुए धन-खेत।
भावार्थ – इस पंक्ति से तात्पर्य है कि शाम के समय लोगों की आंखें वर्षा की आस में भीगी हुई होंगी और सुबह के समय धान के खेत हरे-भरे दिखाई देंगे।
(ग) पूजा की बेला में ज्वार अरेंगे, धान-दिये की बेर।
भावार्थ – इस पंक्ति का अर्थ है कि सुबह के समय ज्वार की बालियां हिलेंगी और रात के समय धान के खेतों की लहराती बालियां दीपकों की तरह जगमगाएंगी।
प्रश्न 3. धान को प्रान क्यों कहा गया है? समझाकर लिखिए।
उत्तर- धान को प्रान इसलिए कहा गया है क्योंकि चावल विश्व की एक बड़ी आबादी के लिए प्रमुख भोजन है। यह लोगों का जीवन रखने वाला अन्न है, इसलिए इसे प्राण कहा गया है।
प्रश्न 4.
धान उगेंगे कि प्रान उगेंगे,
धान कैंपेंगे कि प्रान कैंपेंगे, और
धान पकेंगे कि प्रान पकेंगे- इन तीनों पंक्तियों के भावार्थ की तुलना करते हुए यह स्पष्ट कीजिए कि ‘उगेंगे’, कैंपेंगे और ‘पकेंगे’ से क्या आशय है?
उत्तर- इन पंक्तियों में ‘उगेंगे’ का अर्थ है धान की बालियां अंकुरित होंगी, ‘कैंपेंगे’ का अर्थ है धान की बालियां लहलहाएंगी और ‘पकेंगे’ का अर्थ है धान के दाने पक जाएंगे। कवि धान के विकास के हर चरण को जीवन से जोड़कर देखता है, इसलिए उसने प्रान शब्द का प्रयोग किया है।
भाषा की बात-
प्रश्न 1. जहाँ प्रकृति की वस्तुओं को मानवीय व्यवहार की तरह दिखाया जाता है, वहाँ मानवीकरण अलंकार होता है, जैसे-संझा पुकारेगी। इसकी तरह कविता में मानवीकरण अलंकार के अन्य उदाहरण हूँढकर लिखिए।
उत्तर- बादल आना जी, डगरिया पुकारेगी, तुलसी-वन झरेंगे, ज्वार झरेंगे।
प्रश्न 2. कविता में अनेक तद्भव शब्दों का प्रयोग हुआ है। जैसे- प्रान और चन्दा। इनका तत्सम रूप क्रमशः ‘प्राण’ और ‘चन्द्रमा’ है। कविता में आए अन्य तद्भव शब्दों को छाँटिए तथा उनका तत्सम रूप लिखिए।
उत्तर-
तद्भव | तत्सम |
---|---|
सूरज | सूर्य |
सूखी | शुष्क |
खेत | क्षेत्र |
साँझ | संध्या |
दिये | दीपक |