UP Board Class 8 Hindi Chapter 6 Solutions – बिहारी के दोहे

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पाठ 6 – बिहारी के दोहे में बिहारी के कुछ प्रसिद्ध दोहे शामिल हैं जो नीति और भक्ति के महत्वपूर्ण जीवन-मूल्यों को सिखाते हैं। इन दोहों के माध्यम से नैतिकता, ईमानदारी, और व्यावहारिक जीवन के सिद्धांतों पर प्रकाश डाला गया है।

UP Board Class 8 Hindi Chapter 6

UP Board Class 8 Hindi Chapter 6 Solutions

SubjectHindi (Manjari)
Class8th
Chapter6. बिहारी के दोहे
Authorबिहारी
BoardUP Board

विचार और कल्पना-

प्रश्न 1. ‘धतूरे’ की अपेक्षा ‘सोने’ को अधिक मादक क्यों कहा गया है?

उत्तर- मनुष्य सोने की लालच में इतना अंधा हो जाता है कि वह उसे पाने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। धतूरे की लत से मुक्त होना आसान है, लेकिन सोने की लालच से मुक्त होना बहुत कठिन है। इसलिए सोने को धतूरे से अधिक मादक माना गया है।

प्रश्न 2. नीति के दोहों में कोई न कोई मूल्य छिपा होती है, जैसे-पहले दोहे में व्यक्ति अपने गुणों से बड़ा होता है’ से सम्बन्धित मूल्य है। इसी प्रकार निम्नलिखित मूल्यों से सम्बन्धित दोहों को लिखिए

(क) दिखावा करने से बड़प्पन नहीं आता।

उत्तर-

बड़े न हुजै गुनन बिन, बिरद-बड़ाई पाय।
कहत धतूरे सो कनक, गहनों गढ्यौ न जाय।

(ख) स्वयं अपनी प्रशंसा नहीं करनी चाहिए।

उत्तर-

ओछे बड़े न ह्वै सकें, लगौं सतर ह्वै गैन।
दीरघ होहिं न नैकहूँ, फारि निहारै नैन।

(ग) जिस वस्तु से हमारा कार्य सिद्ध हो, वही महत्त्वपूर्ण है।

उत्तर-

अति अगाध, अति ओथरो, नदी, कूप, सर बाइ।
सो ताकौ सागर जहाँ, जाकि प्यास बुझाइ।

(घ) गुण, सौंदर्य से अधिक महत्त्वपूर्ण है।

उत्तर-

बड़े न हूजे गुनन बिन, विरद बंड़ाई पाय।
कहत धतूरे सों कनक, गहनों गढ्यो न जाय।

कविता से-

प्रश्न 1. ‘नाम बड़ा होने से ही कोई बड़ा नहीं हो सकता’ इस कथन की पुष्टि के लिए कवि ने कौन-सा उदाहरण दिया है?।

उत्तर- कवि ने कहा है कि अगर धतूरे को सोना कह दिया जाए तो वह सोना नहीं बन जाएगा। क्योंकि धतूरे से गहने नहीं बनाए जा सकते हैं। इसी प्रकार किसी को केवल नाम से बड़ा कहने से वह बड़ा नहीं हो जाता।

प्रश्न 2. कवि ने नदी, कूप, सर, बावली को सागर के समान किस स्थिति में सागर माना है?

उत्तर- जब किसी की प्यास बुझाई जाती है, तो उसके लिए नदी, कुआं, तालाब या बावली भी सागर के समान हो जाते हैं। अर्थात् जो उपयोगी है, वही महत्वपूर्ण है।

प्रश्न 3. ‘छोटे बड़े नहीं हो सकते’ इसके लिए कौन सा उदाहरण दिया गया है?

उत्तर- कवि का कहना है कि चाहे हम कितना भी आंखें फाड़-फाड़कर देखें, छोटी चीज़ बड़ी नहीं दिख सकती। इससे स्पष्ट है कि बड़ा या छोटा होना गुण पर निर्भर करता है, न कि दिखावे पर।

प्रश्न 4. कृष्ण की मोहन मूरति क्यों अद्भुत है?

उत्तर- कृष्ण की मूरति इसलिए अद्भुत है क्योंकि उन्होंने गरीबों का मित्र बनकर उन्हें संसार के दुःखों से पार करवाया। उनकी करुणा और गरीब-हितैषी प्रवृत्ति उन्हें अनोखा बनाती है।

प्रश्न 5. पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए

(क) सो ताकौ सागर जहाँ, जाकी प्यास बुझाई।

भाव- जिस वस्तु से किसी की आवश्यकता पूरी हो जाती है, वही उसके लिए सबसे महत्वपूर्ण है। महानता किसी वस्तु की बाहरी शक्ल या नाम पर नहीं, बल्कि उसकी उपयोगिता पर निर्भर करती है।

(ख) दूरि भजन जातें कयौ, सौ रौं भन्यौ गॅवार।

भाव- जिन बुराइयों से दूर रहने की सलाह दी गई थी, उन्हीं बुराइयों को अपनाया गया। अक्सर लोग सच्चाई को नहीं समझते और अपने गलत कार्यों को जारी रखते हैं।

(ग) तूठे तूठे फिरत हौ, झूठे बिरद कहाई।

भाव- हे प्रभु! मैं आपकी शरण में आया हूं। मुझे संसार के दुःखों से बचाइए, ताकि आपके महान होने की बात असत्य न सिद्ध हो।

भाषा की बात-

प्रश्न 1. कविता में प्रयुक्त निन्नलिखित शब्दों को देखिए और उनके खड़ी बोली के रूप पर ध्यान दीजिए। सो = वह, ताकौ = उसके लिए, हुवै सकें = हो सके। नीचे लिखे शब्दों के खड़ी बोली रूप लिखिए

उत्तर- तऊ = उससे, ताते = उतना, जातें = जितना, कह्यौं = कहा।

प्रश्न 2. कविता में जहाँ एक ही शब्द दो या दो से अधिक बार आए और उसका अर्थ भिन्न-भिन्न हो, वहाँ यमक अलंकार होता है। नीचे लिखी पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है और क्यों?

उत्तर-

(क) भजन कयौ, ताते भन्यौ, भन्यौ न एकौ बार।
दूरि भजन जातें कह्यौ, सौ तों भन्यौ गॅवार। यमक अलंकार है क्योंकि भजन और भज्यौ शब्द दो बार आकर भिन्न-भिन्न अर्थ में प्रयुक्त हुए हैं।
(ख) ‘इस धरा का इस धरा पर ही धरा रह जायेगा।
(ग) “काली घटा का घमण्ड घटा’

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