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इस अध्याय में लेखक धर्मवीर भारती अपने बचपन के एक संस्मरण को साझा करते हैं जब उन्होंने अपने पैसे से पहली पुस्तक ‘देवदास’ खरीदी थी। लेखक का बचपन आर्थिक तंगी से गुजरा था, लेकिन उनके घर में नियमित रूप से पत्र-पत्रिकाएं और बाल साहित्य आता था जिससे उन्हें पढ़ने का शौक लग गया। यह अध्याय पुस्तकों के प्रति लेखक के लगाव और उनकी महत्ता को दर्शाता है।
UP Board Class 8 Hindi Chapter 19 Solutions
Subject | Hindi (Manjari) |
Class | 8th |
Chapter | 19. जब मैंने पहली पुस्तक खरीदी |
Author | धर्मवीर भारती |
Board | UP Board |
कुछ करने को
प्रश्न 1. आर्य समाज संस्था ने भारतीय समाज में फैली रूढ़ियों एवं आडम्बरों को दूर करने का प्रयास किया। वह भारत का नव जागरण काल था। आर्य समाज के अतिरिक्त ब्रह्म समाज, प्रार्थनासमाज, थियोसॉफिकल सोसाइटी जैसी अनेक संस्थाओं ने भी समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर करने का प्रयास किया था। इन संस्थाओं के संस्थापकों के बारे में जानकारी प्राप्त कीजिए।
उत्तर : ब्रह्म समाज के संस्थापक राजा राममोहन रॉय थे। उन्हें भारतीय पुनर्जागरण का अग्रदूत और आधुनिक भारत का जनक कहा जाता था। उन्होंने बाल-विवाह, सती प्रथा, जाति प्रथा, कुरीतियों और अंधविश्वासों का विरोध किया। उन्होंने देश की शिक्षा और समाज सुधार के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया।
प्रार्थना समाज के संस्थापक आत्माराम पांडुरंग और महर्षि केशवचंद्र सेन थे। आत्माराम चिकित्सक और समाज सुधारक थे, जबकि केशवचंद्र सेन दार्शनिक, धार्मिक उपदेशक और सामाजिक कार्यकर्ता थे। इन दोनों ने समाज में फैले अंधविश्वासों और कुरीतियों को दूर करने का प्रयास किया।
थियोसोफिकल सोसायटी की संस्थापिका डॉ. एनी बेसेंट थीं। वे एक बहुमुखी प्रतिभा की धनी थीं – लेखिका, वक्ता, महिला अधिकार समर्थक और भारत प्रेमी। उन्होंने देश की राजनीति और सांस्कृतिक चेतना को प्रभावित किया। उन्होंने आध्यात्मिकता और नारी उत्थान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
इन सभी संस्थाओं ने भारत के सामाजिक, धार्मिक और शैक्षणिक पुनरुत्थान में अग्रणी भूमिका निभाई।
प्रश्न 3.
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।
विचार और कल्पना-
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।
संस्मरण से
प्रश्न 1. बचपन में लेखक के घर कौन-कौन सी पत्रिकाएँ आती थीं?
उत्तर : बचपन में लेखक के घर ‘आर्यमित्र’, ‘साप्ताहिक’, ‘वेदोदय’, ‘सरस्वती’ और ‘गृहिणी’ जैसी प्रमुख पत्रिकाएं आती थीं। ये धार्मिक, सामाजिक और साहित्यिक विषयों पर प्रकाशित होने वाली शीर्ष पत्रिकाएं थीं।
प्रश्न 2. बचपन में लेखक को स्वामी दयानन्द जी की जीवनी क्यों पसन्द थी?
उत्तर : बचपन में लेखक को स्वामी दयानंद सरस्वती की जीवनी इसलिए पसंद थी क्योंकि उसमें स्वामी जी के जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं का उल्लेख था। स्वामीजी ने समाज में व्याप्त रूढ़ियों और अंधविश्वासों का विरोध किया था। उन्होंने अपने हत्यारे को भी क्षमा कर दी थी जो लेखक की नजर में बहुत महान बात थी।
प्रश्न 3. लेखक को अँग्रेजी में सबसे अधिक अंक पाने के बाद उपहार में कौन-सी दो पुस्तकें मिली थीं और उनसे लेखक को क्या जानकारी प्राप्त हुई?
उत्तर : जब लेखक को अंग्रेजी विषय में सर्वाधिक अंक मिले तो उन्हें उपहार में दो पुस्तकें प्राप्त हुईं। एक पुस्तक पक्षियों पर थी जिससे लेखक को विभिन्न प्रकार के पक्षियों के बारे में जानकारी मिली। दूसरी पुस्तक समुद्री यात्राओं और जहाजों की रहस्यमय कहानियों से भरी थी जिससे लेखक रोमांचक समुद्री यात्राओं के बारे में जान सका।
प्रश्न 4. पुस्तकों को पढ़ना एक अच्छी आदत है। बच्चों का मन कहानियों में खूब लगता है। दूसरी भाषाओं के उपन्यास और कहानियों के हिन्दी अनुवाद भी उपलब्ध हैं। नीचे लिखी पुस्तकों के लेखकों के नाम बताइए (नाम बताकर ) l
उत्तर :
पुस्तक का नाम | लेखक का नाम |
---|---|
आनन्द मठ | बंकिमचन्द्र चटर्जी |
अन्ना करेनिना | टालस्टाय |
पेरिस का कुबड़ा | विक्टर ह्यूगो |
मदर | गोर्की |
विचित्र वीर | सर्वा-रीज |
सत्यार्थ प्रकाश | दयानन्द सरस्वती |
सूरज का सातवाँ घोड़ा | धर्मवीर भारती |
देवदास | शरत्चन्द्र चट्टोपाध्याय |
कपाल कुण्डला | बंकिमचन्द्र चटर्जी |
प्रश्न 5. लेखक ने ‘देवदास’ फिल्म क्यों नहीं देखी?
उत्तर : लेखक ने ‘देवदास’ फिल्म इसलिए नहीं देखी क्योंकि उन्होंने अपनी पसंदीदा पुस्तक खरीदने के लिए फिल्म देखने का पैसा खर्च कर दिया था। लेखक किताबों को फिल्मों से अधिक महत्व देते थे और उनकी रुचि पढ़ने में ज्यादा थी।
प्रश्न 6. क्या आपने कोई फिल्म देखी है? कौन-सी? उस फिल्म में आपको क्या अच्छा लगा, क्या नहीं?
उत्तर : हाल ही में मैंने “तानाजी: द अनसंग वॉरियर” फिल्म देखी। यह एक ऐतिहासिक फिल्म है जिसमें मराठा योद्धा तानाजी मालुसरे की वीरगाथा दिखाई गई है। मुझे इस फिल्म में लड़ाइयों के दृश्य, प्राचीन मराठा संस्कृति का चित्रण और अभिनेताओं का शानदार अभिनय बहुत पसंद आया। हालांकि, कुछ दृश्यों में अत्यधिक रक्तपात और हिंसा को दिखाया गया है जो बच्चों के लिए उपयुक्त नहीं है। लेकिन समग्र रूप से यह एक शानदार और शिक्षाप्रद फिल्म है।
भाषा की बात
प्रश्न 1. ‘वेदोदय’, तथा ‘दुर्गेश’ शब्द क्रमशः वेद+उदय तथा दुर्ग+ईश की सन्धि से बने हैं। इसमें अ + उ = ओ तथा अ + ई = ए हो गया है। इसी प्रकार निम्नलिखित शब्दों को सन्धि-विग्रह करें l
उत्तर :
वीरोचित = वीर + उचित
देवोचित = देव + उचित
रमेश = रमा + ईश
सुरेश = सुर + ईश
प्रश्न 2. इस पाठ में लाइब्रेरी, ईस्ट इण्डिया, थियेटर, पिक्चर आदि अंग्रेजी के शब्द आए हैं। इनके लिए प्रयुक्त होने वाले हिन्दी शब्दों को लिखिए।
उत्तर :
अँग्रेजी | हिन्दी |
---|---|
लाइब्रेरी | पुस्तकालय |
थियेटर | रंगशाला |
इण्डिया | भारत |
पिक्चर | चलचित्र |
प्रश्न 3. नीचे कुछ वाक्य दिए गए हैं, इनमें साधारण, संयुक्त तथा मिश्र-तीनों प्रकार के वाक्य हैं उन्हें पहचान कर वाक्यों के सामने नाम लिखिए।
उत्तर :
(क) मेरे पिता आर्य समाज, रानी मण्डी के प्रधान थे और माँ ने स्त्री शिक्षा के लिए आदर्श कन्या पाठशाला की स्थापना की थी। = संयुक्त वाक्य
(ख) माँ स्कूली पढ़ाई पर जोर देती थीं। = साधारण वाक्य
(ग) जल्दी-जल्दी घर लौट आया और दो रुपये में से एक रुपया छह आना माँ के हाथ में रख दिये l = संयुक्त वाक्य
(घ) उनका आशीर्वाद था या मेरा जी-तोड़ परिश्रम कि तीसरे-चौथे में मेरे अच्छे नम्बर आए और पाँचवें दर्जे में तो मैं फस्र्ट आयाl = मिश्रित वाक्य
(ङ) उस साल इण्टरमीडिएट पास किया था। = साधारण वाक्य
प्रश्न 4. निम्नलिखित वाक्य को ध्यान से पढ़िए और बताइए कि इसमें कर्ता, क्रिया, कर्म में से किसका लोप है?
उत्तर : पिता जी ने (कर्ता) लोकनाथ की दुकान से ताजा अनार का शर्बत मिट्टी के कुल्हड़ में मुझे (कर्म अप्रत्यक्ष ) पिलाया और सर पर हाथ रखकर बोले- तुम (कर्ता) वायदा करो कि पाठ्यक्रम ” की किताबें भी इतने ही ध्यान से पढोगे, तुम (कर्ता) माँ की चिन्ता मिटाओगे।