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इस पाठ में लेखक हरिशंकर परसाई ने एक पुरानी और जर्जर बस की यात्रा का मनोरंजक वर्णन किया है। उन्होंने बस को सजीव रूप में चित्रित करते हुए इसकी खामियों और कमियों को बहुत ही रोचक ढंग से बयान किया है। जैसे-जैसे बस आगे बढ़ती है, वैसे-वैसे उसके विभिन्न हिस्सों में खराबियां उभरती चली जाती हैं। लेकिन इन कठिनाइयों के बावजूद बस धीरे-धीरे आगे बढ़ती रहती है।
UP Board Class 8 Hindi Chapter 21 Solutions
Subject | Hindi (Manjari) |
Class | 8th |
Chapter | 21. बस की यात्रा |
Author | हरिशंकर परसाई |
Board | UP Board |
कुछ करने को
प्रश्न 1. अधिक धुआँ फेंकने वाले, जर्जर और बहुत पुराने वाहन वायु प्रदूषण और अन्य खतरों को बढ़ावा देते हैं। वायु प्रदूषण के अन्य घटक कौन से हैं? इसका उल्लेख करते हुए वायु प्रदूषण पर एक लेख तैयार कीजिए।
उत्तर: वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या है जिसके कई कारण हैं। पुराने और खराब वाहनों के अलावा, कारखानों से निकलने वाले धुएं, अवैध रूप से जलाई जा रही प्लास्टिक और कचरा, वनों की कटाई और जीवाश्म ईंधन के बढ़ते उपयोग भी वायु प्रदूषण के प्रमुख कारण हैं।
वायु प्रदूषण में मुख्य रूप से नाइट्रोजन ऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, ओजोन, लेड और कार्बन मोनोऑक्साइड जैसे हानिकारक पदार्थ शामिल हैं। ये पदार्थ मनुष्यों और पशु-पक्षियों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डालते हैं। साथ ही, वे वायुमंडल को भी प्रदूषित करते हैं और ग्लोबल वार्मिंग का कारण बनते हैं।
हमें वायु प्रदूषण को कम करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करना चाहिए और सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल बढ़ाना चाहिए। साथ ही, पर्यावरण के अनुकूल तकनीकों को अपनाना और वायु प्रदूषण पर नियंत्रण लगाने वाले कानूनों को सख्ती से लागू करना भी आवश्यक है।
प्रश्न 2.
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।
विचार और कल्पना
प्रश्न 1. लेखक ने बस को सजीव रूप में देखा है। अनुमान लगाइए कि अगर लेखक बस से बातचीत करते तो उनके और बस के बीच में कहाँ-कहाँ और क्या-क्या बातें होती?
उत्तर: यदि लेखक बस से बातचीत करते तो उनके बीच निम्नलिखित स्थानों पर यह बातचीत हो सकती है:
जब लेखक पहली बार बस को देखते हैं:
- लेखक: नमस्कार बूढ़ी बस माँ! आप कितने सालों से इस सड़क पर चल रही हैं?
- बस: बेटा, मैं तो बहुत पुरानी हूँ। खाक लग गई है मुझे इस दुनिया में घूमते हुए। लेकिन अभी भी मेरा मन करता है कि मैं चलती रहूँ और लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाती रहूँ।
जब बस अचानक रुक जाती है:
- लेखक: क्या हुआ बस माँ? आज आप थकी लग रही हैं?
- बस: हाँ बेटा, बुढ़ापा आ गया है। थोड़ी देर रुककर आराम कर लेती हूँ तो चल पड़ूंगी फिर से।
जब बस नाले में गिरने से बचती है:
- लेखक: धन्य है आपको बस माँ! आपने हमारी जान बचा ली।
- बस: अरे बेटा, मैं बूढ़ी हूँ लेकिन अभी भी मेरे अंदर जान बाकी है। मैं आपको कभी नुकसान नहीं पहुंचाऊंगी।
ऐसी संवादात्मक बातचीत से लेखक बस के प्रति संवेदनशील और कृतज्ञ भाव व्यक्त कर सकता है। साथ ही बस के बुजुर्ग होने के बावजूद उसके साहस और लगन को भी उजागर किया जा सकता है।
प्रश्न 2.
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।
व्यंग से
प्रश्न 1. लोगों ने शाम वाली बस से सफ़र नहीं करने की सलाह क्यों दी थी?
उत्तर: लोगों ने शाम वाली बस से सफर न करने की सलाह इसलिए दी क्योंकि बस बहुत पुरानी और खराब हालत में थी। उसके पुर्जों का खराब होना, टायरों का फटा होना और अन्य तकनीकी खामियों के कारण बस किसी भी समय दुर्घटनाग्रस्त हो सकती थी। यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए लोग शाम के समय इस बस से यात्रा करने से डरते थे।
प्रश्न 2. लेखक के मन में बस को देखकर श्रद्धा का भाव क्यों उमड़ पड़ा?
उत्तर: लेखक ने बस को देखकर श्रद्धा का भाव व्यंग्यात्मक ढंग से व्यक्त किया है। वास्तव में बस इतनी पुरानी और जर्जर थी कि उसकी दशा पर तरस खाना चाहिए था। लेकिन लेखक ने बस को मानवीकृत करते हुए उसके प्रति आदरभाव दिखाया, जैसे वह एक बुजुर्ग व्यक्ति हो जिसके प्रति सम्मान व्यक्त किया जाना चाहिए।
प्रश्न 3. बस तक लेखक और उनके मित्रों को छोड़ने आये हुए लोगों के मन में क्या-क्या भाव हो रहे थे?
उत्तर: बस की खराब दशा को देखते हुए लेखक और उनके मित्रों को छोड़ने आए लोगों के मन में डर और चिंता के भाव थे। वे सोच रहे थे कि कहीं यह बस रास्ते में ही बिखर न जाए और उनकी जान को खतरा न हो। उन्हें लग रहा था कि वे लेखक और उनके मित्रों को अंतिम बार देख रहे हैं, मानो उन्हें विदा कर रहे हों।
प्रश्न 4. “बस सविनय अवज्ञा आन्दोलन के दौर से गुजर रही थी।” इस वाक्य से लेखक को क्या तात्पर्य है?
उत्तर: इस वाक्य से लेखक का तात्पर्य है कि बस के सभी अंग जर्जर और टूटे-फूटे थे, लेकिन फिर भी वह काम कर रही थी। बस के पुर्जे, टायर और अन्य भाग एक-दूसरे के विरुद्ध थे, लेकिन विनम्र भाव से वे एक-दूसरे का विरोध कर रहे थे। इस प्रकार बस का हाल सविनय अवज्ञा आंदोलन जैसा था जहां लोग शांतिपूर्ण तरीके से अंग्रेजी शासन का विरोध कर रहे थे।
प्रश्न 5. “उत्सर्ग की ऐसी भावना दुर्लभ है।” लेखक ने यह किसके लिए, क्यों और किस संदर्भ में कहा?
उत्तर: लेखक ने यह वाक्य बस कंपनी के मालिकों/हिस्सेदारों के लिए कहा है। बस की खराब हालत को देखते हुए स्पष्ट था कि कंपनी ने बस की मरम्मत और रखरखाव पर ध्यान नहीं दिया। उन्हें केवल लाभ कमाने की चिंता थी, यात्रियों की सुरक्षा नहीं। ऐसे में लेखक ने व्यंग्य किया कि इन हिस्सेदारों में उत्सर्ग यानी त्याग की भावना बिलकुल नहीं थी, जो एक दुर्लभ गुण है।
भाषा की बात
प्रश्न 1. पाठ में कुछ शब्द जैसे-हाजिर, सफर उर्दू भाषा के शब्द हैं। ऐसे ही पाठ में आये अन्य भाषाओं के शब्दों को छाँटकर लिखिए।
उत्तर : संस्कृत भाषा- मित्र, श्रद्धा, वयोवृद्ध अंत्येष्टि, प्राणांत, वृद्धावस्था, उत्सर्ग, निमित्त।
अंग्रेजी- इंजन, बस, कंपनी, ट्रेनिंग, बॉडी, सीट, फुल, ब्रेक, पेट्रोल, टायर।
प्रश्न 2. जिस वाक्य में प्रश्न पूछा जाता है, उसे प्रश्नवाचक वाक्य कहते हैं। प्रश्नवाचक वाक्य में क्या, कहाँ, क्यों, कैसे आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है। परन्तु पाठ में कुछ ऐसे वाक्य हैं जिनके उत्तर में इन शब्दों का प्रयोग किया गया है जैसे-वह बोले चलती क्यों नहीं है जी! अभी चलेगी। हाँ जी, और कैसे चलेगी?
उत्तर : प्रश्नवाचक वाक्य-
- क्या तुम हमारे साथ चलोगे?
- तुम कल कहाँ गायब थे?
- यह तो बताओ कि हमारी गलती क्या है?
- रमा बार-बार उधर क्यों देख रही है?
- पिताजी मुंबई से कब लौटेंगे?
प्रश्न 3. जिन शब्दों के एक से अधिक अर्थ होते हैं उन्हें अनेकार्थी शब्द कहते हैं। जैसेबस-यातायात के साधन के अर्थ में और पर्याप्त के अर्थ में प्रयुक्त होता है। नीचे दिये गये अनेकार्थी शब्दों के अर्थ लिखकर उनको वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
उत्तर :
- कर (हाथ) – यह पत्र दादी जी के कर-कमलों से लिखा गया था।
- कर (टैक्स) – हमें अपना बिक्री कर समय पर जमा करना चाहिए।
- पत्र (चिठ्ठी) – बहुत दिन से अनुज का पत्र नहीं आया है।
- पत्र (पत्ता) – शिवजी को बेल-पत्र चढाया जाता है।
- सोना (स्वर्ण धातु) – सोना-दिन-ब-दिन महँगा होता जा रहा है।
- सोना (नींद) – बच्चा सोना चाहता है तो सोने दो।
- मन (हृदय) – मेरा मन इस बात को नहीं मान रहा है।
- मन (वजन) – किसान ने एक मन चावल बेचा।