UP Board Class 8 Hindi Chapter 1 Solutions – वीणावादिनी वर दे

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वीणावादिनी वर दे’ हिंदी पाठ्यपुस्तक की कक्षा 8 का प्रथम अध्याय है, जिसमें कवि सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ माँ सरस्वती की वंदना करते हैं। इस कविता में कवि माँ सरस्वती से नवचेतना, नवजीवन, और नवप्रकाश की कामना करते हैं। वे अज्ञान और अंधकार को मिटाकर ज्ञान और प्रकाश की धारा बहाने की प्रार्थना करते हैं।

UP Board Class 8 Hindi Chapter 1

UP Board Class 8 Hindi Chapter 1 Solutions

SubjectHindi (Manjari)
Class8th
Chapter1. वीणावादिनी वर दे
Authorसूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’
BoardUP Board

कुछ करने को-

प्रश्न-1. इस कविता में कवि द्वारा माँ सरस्वती से भारत और संसार के लिए अनेक वरदान माँगे गये हैं। आप अपने विद्यालय के लिए क्या-क्या वरदान माँगना चाहेंगे?

उत्तर- मैं अपने विद्यालय के लिए सभी विद्यार्थियों में ज्ञान की प्यास और गुणवत्ता शिक्षा का वरदान मांगूंगा।

कविता से

प्रश्न 1. कविता में भारत के लिए क्या वरदान माँगा गया है? उत्तर- कविता में भारत के लिए स्वतन्त्रता, अमरत्व, ज्ञान और नव-जागरण का वरदान माँगा गया है।

उत्तर- कविता में भारत के लिए स्वतंत्रता, उन्नति और विज्ञान के प्रगति का वरदान मांगा गया है।

प्रश्न 2. तालिका के खण्ड ‘क’ और खण्ड ‘ख’ से शब्द चुनकर शब्द-युग्म बनाईए

उत्तर-

प्रश्न 3. पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए

(क) काट अन्ध-उर के बन्धन-स्तर, बहा जननी, ज्योतिर्मय निर्झर।

भाव:- काट अंधकार के बंधन, ज्ञान का प्रकाश फैलाओ, हे जननी (माता सरस्वती)।

(ख) कलुष-भेद तम हर, प्रकाश भर, जगमग जग कर दे।

भाव:- हमारे पाप और अज्ञानता को दूर करो, प्रकाश भरकर जगत् को ज्योतिर्मय बनाओ।

(ग) नव गति, नव लय, ताल-छन्द नव, नवल कंठ, नव जलद-मन्द्ररव।

भाव:- हमें नई गति, नई लय, नए छंद-ताल, नई वाणी और गंभीर मन प्रदान करो, हे माता सरस्वती।

भाषा की बात-

प्रश्न 1. कविता में आए ‘वर दे’, ‘भर दे’ की तरह अन्य तुकान्त शब्दों को छाँटकर लिखिए।

उत्तर- ‘कर दे’, ‘स्वर दे’, अन्य तुकान्त शब्द हैं।

प्रश्न 2. ज्योतिः + मय = ज्योतिर्मय, निः+ झर = निर्झर। इन शब्दों में विसर्ग का रेफ हुआ है। यह विसर्ग सन्धि है। इसी प्रकार के दो शब्द लिखिए तथा उनका सन्धि विच्छेद कीजिए।

उत्तर- दुः + गति = दुर्गति, निः + धन = निर्धन

प्रश्न 3. विभक्ति को हटाकर शब्दों के मेल से बनने वाला शब्द समास कहलाता है। ‘वीणा वादिनी’ का अर्थ है ‘वीणा को बजाने वाली’ अर्थात् सरस्वती। यह बहुव्रीहि समास का उदाहरण है। इसी प्रकार गजानन, पीताम्बर, चतुरानन शब्दों में भी बहुव्रीहि समास है। इनका विग्रह कीजिए।

उत्तर-

गजानन – जिसका आनन (मुख/चेहरा) गज (हाथी) के समान है, अर्थात् गणेश।
पीताम्बर – जिसके अम्बर (वस्त्र) पीते (पीले) रंग के हैं, अर्थात् विष्णु।
चतुरानन – जिसके चार आनन (चेहरे) हैं, अर्थात् ब्रह्मा।

प्रश्न 4. ‘नव गति’ में ‘नव’ गुणवाचक विशेषण है, यह गति, शब्द की विशेषता बताता है। कविता में ‘नव’ अन्य किन शब्दों के विशेषण के रूप में आया है, लिखिए।

उत्तर- कविता में ‘नव’ शब्द इन शब्दों के विशेषण के रूप में आया है – नवलय, नवताल, नवकंठ, नवजलद, नवनभ, नवविहग-वृंद, नवपर और नवस्वर।

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