UP Board Class 8 Hindi Chapter 5 Solutions – अपराजिता

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पाठ 5 – अपराजिता एक बहादुर लड़की की अद्भुत साहस और दृढ़ता की कहानी है, जो अपने जीवन की चुनौतियों के बावजूद अपने लक्ष्य को प्राप्त करती है। यह लड़की निचले शरीर के पोलियो से पीड़ित है, लेकिन उसने कभी हार नहीं मानी। वह अपने साहस और मेहनत से माइक्रोबायोलॉजी में डॉक्टरेट प्राप्त करती है और समाज के लिए एक प्रेरणा बनती है।

UP Board Class 8 Hindi Chapter 5

UP Board Class 8 Hindi Chapter 5 Solutions

SubjectHindi (Manjari)
Class8th
Chapter5. अपराजिता
Authorगौरा पंत ‘शिवानी’
BoardUP Board

कहानी से-

प्रश्न 1. कौन-कौन से कथन सही हैं? हमें अपने जीवन की रिक्तता बहुत छोटी लगने लगती है, जब|

(क) दूसरों के दुख अपने दुखों से बड़े लगने लगते हैं।
(ख) हमारे कष्टों से बड़े कष्ट को कोई हँसकर झेलता दिखाई देता है।
(ग) अपने कष्टों के लिए विधाता को दोषी मान लेते हैं।
(घ) कष्टों को ईश्वर की इच्छा मानकर स्वीकार कर लेते हैं।

उत्तर- हमारे कष्टों से बड़े कष्ट को कोई हंसकर झेलता दिखाई देता है कष्टों को ईस्वर की इच्छा मानकर स्वीकार कर लेते है।

प्रश्न 2. लेखिका क्यों चाहती थीं कि लखनऊ का युवक उनकी पंक्तियॉ पढ़े?

उत्तर- लेखिका चाहती थी कि लखनऊ का युवक, जिसका एक हाथ कटा था, उनकी पंक्तियां पढ़े ताकि वह डॉ. चन्द्रा के जीवन से प्रेरणा ले सके। डॉ. चन्द्रा बचपन से ही विकलांग थीं, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उनकी लगन, उत्साह और जिजीविषा से युवक को सीख लेनी चाहिए कि कैसे विपरीत परिस्थितियों में भी आगे बढ़ा जा सकता है।

प्रश्न 3. डॉ० चन्द्रा की कविताएँ देखकर लेखिका की आँखें क्यों भर आयीं?

उत्तर- डॉ. चन्द्रा की कविताएं पढ़कर लेखिका की आंखें इसलिए भर आईं क्योंकि उनमें एक गहरी उदासी झलकती थी जो डॉ. चन्द्रा के व्यक्तित्व में कभी नहीं दिखी। उनकी कविताओं में अंतर्निहित दुख और पीड़ा लेखिका के हृदय को छू गई।

प्रश्न 4. डॉ० चन्द्रा ने विज्ञान के अतिरिक्त किन अन्य क्षेत्रों में उपलब्धियाँ प्राप्त कीं?

उत्तर- विज्ञान के अतिरिक्त, डॉ. चन्द्रा ने कविता लेखन, कढ़ाई-बुनाई, संगीत और जर्मन भाषा में भी उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल कीं। उन्होंने गर्ल गाइड में राष्ट्रपति का स्वर्ण कार्ड भी जीता था। वे एक बहुमुखी प्रतिभा थीं जिन्होंने कई क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाई।

प्रश्न 5. निम्नलिखित कथनों का भाव स्पष्ट कीजिए-

(क) वह बित्ते भर की लड़की मुझे किसी देवांगना से कम नहीं लगी।

भाव- लेखिका छोटे कद की डॉ. चन्द्रा को किसी देवी से कम नहीं समझती थी क्योंकि उनके व्यक्तित्व, बुद्धिमत्ता और उपलब्धियां असाधारण थीं। उनके शारीरिक दोष के बावजूद, उनकी आंतरिक शक्ति अलौकिक थी।

(ख) पूरा निचला धड़ सुन्न है, फिर भी बोटी-बोटी फड़क रही है।

भाव- यद्यपि डॉ. चन्द्रा का निचला शरीर पूरी तरह निष्क्रिय था, फिर भी उनके भीतर जीवन की लगन और जोश कायम था। वे जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए बेचैन थीं।

(ग) मैं चाहती हूँ कि कोई मुझे सामान्य-सा सहारा भी न दे।

भाव- डॉ. चन्द्रा चाहती थीं कि वे किसी पर निर्भर न हों। उन्हें किसी भी प्रकार का बाहरी सहयोग नहीं चाहिए था। वे पूरी तरह आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनना चाहती थीं।

(घ) चिकित्सा ने जो खोया है, वह विज्ञान ने पाया है।

भाव- चिकित्सा विज्ञान में डॉ. चन्द्रा को प्रवेश नहीं मिला क्योंकि वह शारीरिक रूप से विकलांग थीं। इस प्रकार चिकित्सा ने उनकी प्रतिभा को खो दिया। लेकिन विज्ञान ने उन्हें स्वीकार किया और उन्होंने प्राणी विज्ञान में उपलब्धि हासिल की।

(ङ) ईश्वर सब द्वार एक साथ बन्द नहीं करता। यदि एक द्वार बन्द करता है तो दूसरी द्वार खोल भी देता है।

भाव- ईश्वर हमेशा किसी न किसी तरह से सफलता के रास्ते खोलता है। यदि एक रास्ता बंद होता है तो दूसरा रास्ता खुल जाता है। हमें अपनी क्षमताओं पर भरोसा रखना चाहिए।

प्रश्न 6. शारदा सुब्रह्मण्यम को ‘वीर जननी’ का पुरस्कार क्यों मिला?

उत्तर- शारदा सुब्रह्मण्यम को ‘वीर जननी’ का पुरस्कार इसलिए मिला क्योंकि उन्होंने अपनी विकलांग बेटी चन्द्रा के लिए असीम संघर्ष किया। उन्होंने बेटी की शारीरिक कमजोरी को कभी बाधा नहीं बनने दिया और उसे हर संभव शिक्षा दी। चन्द्रा के व्हीलचेयर को खींचकर स्कूल ले जाना, उसकी पढ़ाई में मदद करना आदि कठिन कार्य किए। अपनी साधारण आय से भी उन्होंने चन्द्रा को विदेश भेजकर उच्च शिक्षा दिलाई। एक माँ के रूप में शारदा ने बेटी की सभी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए असाधारण साहस और त्याग दिखाया।

भाषा की बात

प्रश्न 1.

उत्तर- विद्यार्थी स्वयं शुद्ध बोलकर पढ़ें।

प्रश्न 2. ‘यातना’ शब्द संज्ञा है। उसमें ‘प्रद’ प्रत्यय जोड़ देने से ‘यातनाप्रद’ शब्द विशेषण बन जाता है, जिसका अर्थ है- कष्ट देने वाला। नीचे लिखे शब्दों में ‘प्रद’ जोड़कर नए शब्द बनाइए और उनके अर्थ लिखिए।

उत्तर-

शब्द। ‘ प्रद’ जोड़कर नए शब्द अर्थ
कट कष्टप्रद कष्ट देने वाला
आनन्द आनन्दप्रद आनन्द देने वाला
लाभ लाभप्रद लाभ देने वाला
हानि हानिप्रद हानि देने वाला
ज्ञान ज्ञानप्रद ज्ञान देने वाला

प्रश्न 3. निम्नलिखित वाक्य पढ़िए-

(क) इसके इस जीवन से तो मौत भली है।
(ख) मैंने जब वे कविताएँ देखीं तो आँखें भर आईं।
वाक्य (क) में ‘तो’ निपात के रूप में प्रयुक्त है। ‘निपात’ उस शब्द को कहते हैं, जो वाक्य में कहीं भी रखा जा सकता है, जैसे- पर, भर, ही, तो। किन्तु वाक्य (ख) में ‘तो’, ‘जब’ के साथ ‘तब’ के अर्थ में प्रयुक्त हुआ है। क और ख की भाँति दो-दो वाक्य बनाकर लिखिए।

उत्तर-

(क) गुलामी करने से तो मर जाना अच्छा है।
(ख) जब मैंने आसमान में काले बादल देखे तो भीगने से बचने को घर की तरफ दौड़ लगाई।
(क) गरीबी के जीवन से तो पुरुषार्थ करना भला है।
(ख) जब विद्यार्थी बस से टकराकर घायल हो गया तो लोगों ने उसे अस्पताल पहुँचाया।

प्रश्न 4. ‘वह बैसाखियों से ही हुवील चेयर तक पहुँच उसमें बैठ गई और बड़ी तटस्थता से उसे स्वयं चलाती कोठी के भीतर चली गई।’ इस वाक्य में दो वाक्य हैं, दोनों वाक्य स्वतन्त्र अर्थ दे रहे हैं। किन्तु ये वाक्य ‘और’ से (UPBoardSolutions.com) जुड़े हुए हैं, ऐसे वाक्य को संयुक्त वाक्य कहते हैं। संयुक्त वाक्य में दो या दो से अधिक सरल वाक्य होते हैं, जो ‘और’,’किन्तु’ या ‘इसलिए’ से जुड़े रहते हैं। संयुक्त वाक्य के कोई दो उदाहरण पाठ से चुनकर लिखिए।

उत्तर-

(क) “पहले दुख भुलाने के लिए नशे की गोलियाँ खाने लगा और अब नूरमंजिल की शरण गही है।”
(ख) “एक वर्ष तक कष्टसाध्य उपचार चला और एक दिन स्वयं ही ऊपरी धड़ में गति आ गई।”

प्रश्न 5. पाठ में आए हुए अंग्रेजी भाषा के शब्दों को छाँटिए और लिखिए।

उत्तर- ‘कार’, ‘सीट’, ‘ह्वीलचेयर’, ‘मशीन’, ‘बटन’, ‘आई०ए०एस०’, ‘स्टेशन’, ‘ट्रेन’, ‘मैडम’, ‘ड्रग रिसर्च इंस्टिट्यूट’, ‘माइक्रोबायोलॉजी’, ‘ईस्ट’, ‘वेस्ट’, ‘सेंटर’,’बायोडाटा’, ‘फेलोशिप’, ‘आई०आई०टी०’, ‘थीसिस’, ‘डाक्टरेट’, ‘पी०एच-डी०’, ‘आर्थोपेडिक’, ‘सर्जन’, ‘डॉक्टर’, ‘पीरियड’, ‘एम०एस-सी०’, ‘स्पेशल’, ‘प्रोफेसर’, ‘लैदर’, ‘जैकेट’, ‘गर्ल’, ‘गाइड’, ‘कॉन्वेंट’, ‘बी०एस०सी०’, ‘इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस’, ‘अलबम’।

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