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पेड़ों के संग बढ़ना सीखो’ हिंदी पाठ्यपुस्तक की कक्षा 8 का चौथा अध्याय है, जिसमें कवि सर्वेश्वर दयाल सक्सेना ने पर्यावरण संरक्षण की प्रेरणा दी है। इस कविता में कवि ने पेड़ों और प्राकृतिक संसाधनों के महत्व को रेखांकित किया है और हमें उन्हें बचाने का संदेश दिया है। कवि ने पेड़ों के साथ बढ़ने और उनके संग चलने की बात करते हुए उनकी महत्ता को समझाया है।
UP Board Class 8 Hindi Chapter 4 Solutions
Subject | Hindi (Manjari) |
Class | 8th |
Chapter | 4. पेड़ों के संग बढ़ना सीखो |
Author | |
Board | UP Board |
कुछ करने को-
प्रश्न 1.
उत्तर- विद्यार्थी स्वयं करें।
प्रश्न 2. नीचे लिखे गये शब्दों की सहायता से आप भी एक तुकान्त कविता बनाइएखोना, रोना, काट, बाँट, हरा, भरा।
उत्तर-दिए गए शब्दों की सहायता से एक तुकांत कविता:-
जंगल था हरा-भरा, खोना पड़ा सब कुछ,
मनुष्य ने किया विनाश, रोना पड़ा हर मुख।
कुल्हाड़ी चली बेलगाम, काटे गए वृक्ष अनगिनत,
प्रकृति की की बेइज्जत, बांटी उसने विभीषिका।
अब नहीं रही शुद्ध हवा, ना रहा कोई पंछी,
सूखे पेड़ों की दास्तान, सुनती है यह धरती।
कब लौटेगी हरियाली, कब आएगी वसंत की बहार,
पेड़ लगाओ, रखो धरती को हरा-भरा यही अब बचा है उपहार।
प्रश्न 3.
उत्तर- विद्यार्थी स्वयं करें।
विचार और कल्पना-
प्रश्न 1. अगर पेड़ न होंगे तो मनुष्य का जीवन कैसा हो जायेगा? इस संबंध में अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर- यदि पेड़ न होंगे तो मनुष्य का जीवन बहुत दुखी और कठिन हो जाएगा। पेड़ हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे हमें ऑक्सीजन प्रदान करते हैं और कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं। वे हमारे लिए फल, लकड़ी और दवाइयां भी देते हैं। पेड़ों के बिना, हवा बहुत प्रदूषित हो जाएगी और लोगों को साँस लेने में परेशानी होगी। बिना पेड़ों के, वर्षा का पैटर्न भी बदल जाएगा, जिससे बाढ़ और सूखे की घटनाएं बढ़ेंगी। मिट्टी का कटाव भी बढ़ेगा और खेती पर बहुत बुरा असर पड़ेगा।
पेड़ों के बिना, कई जंगली जानवरों के लिए आवास और भोजन की कमी होगी, जिससे वे विलुप्त हो सकते हैं। ग्लोबल वार्मिंग की समस्या और भी गंभीर हो जाएगी क्योंकि पेड़ ग्रीनहाउस गैसों को अवशोषित करते हैं। धरती पर जीवन का अस्तित्व ही संकट में पड़ जाएगा क्योंकि पेड़ पारिस्थितिकी तंत्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।
इसलिए, पेड़ों के बिना मनुष्य का जीवन बहुत ही कठिन हो जाएगा। हमें अपने पर्यावरण और प्रकृति का ख्याल रखना चाहिए और अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए ताकि हम स्वस्थ और खुशहाल जीवन जी सकें।
प्रश्न 2. यदि पेड़ पौधे बोलने लगें तो वे अपनी कौन-कौन सी समस्या बतायेंगे? ।
उत्तर- यदि पेड़-पौधे बोल सकें तो वे निश्चित रूप से अपनी ये समस्याएं बताएंगे:-
- मनुष्य बेतरतीब तरीके से उनकी कटाई करते हैं और उनकी देखभाल नहीं करते।
- वे औद्योगिक प्रदूषण और धुएं से बहुत प्रभावित होते हैं।
- शहरीकरण के कारण उनके आवास का विनाश हो रहा है।
- कीटनाशकों और रासायनिक उर्वरकों से उन्हें नुकसान पहुंचता है।
- मनुष्य उन्हें सम्मान नहीं देते और उनके महत्व को नहीं समझते।
कविता से
प्रश्न 1. “बहुत दिनों से सोच रहा था, थोड़ी-सी धरती पाऊँ” से कवि का क्या आशय है ?
उत्तर- “बहुत दिनों से सोच रहा था, थोड़ी-सी धरती पाऊँ” से कवि का आशय यह है कि वे काफी समय से इस प्रयास में लगे हुए हैं कि बाग-बगीचा लगाने के लिए थोड़ी-सी ज़मीन कहीं खरीदें।
प्रश्न 2. कविता में कवि की क्या चिन्ता है?
उत्तर- कवि की चिंता है कि अगर इसी तरह पेड़-पौधों की कटाई होती रही तो पशु-पक्षियों का आवास समाप्त हो जाएगा, हवा प्रदूषित होगी और धरती पर जीवन का अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाएगा।
प्रश्न 3. कवि क्या विनती कर रहा है?
उत्तर- कवि सभी से विनती कर रहा है कि वे पेड़ों की कटाई न करें बल्कि और अधिक पेड़ लगाएं ताकि धरती हरी-भरी बनी रहे।
प्रश्न 4. बच्चे और पेड़ संसार को हरा-भरा किस प्रकार रखते हैं।
उत्तर- बच्चे और पेड़ संसार में खुशियां लाते हैं। बच्चों की मासूमियत और हंसी से घर में खुशियां आती हैं। इसी प्रकार पेड़ों की हरियाली और शुद्ध हवा से संसार में जान आती है। दोनों ही धरती को हरा-भरा और जीवंत बनाए रखते हैं।
भाषा की बात-
प्रश्न 1. क्रिया के जिस रूप से ज्ञात होता है कि कर्ता स्वयं कार्य न करके किसी दूसरे को कार्य करने के लिए प्रेरित कर रही है, उसे ‘प्रेरणार्थक क्रिया कहते हैं, जैसे-पढ़ना-पढ़वाना।
निम्नलिखित क्रियो शब्दों से प्रेरणार्थक क्रिया बनाइए
खेलना, रखना, घूमना, काटना, बनाना, लिखना, देखना, पिलाना।
उत्तर-
खेलना – खिलवाना रखना – रखवाना
घूमना – घुमवाना काटना – कटवाना
बनाना – बनवाना लिखना – लिखवाना
देखना – दिखवाना पिलाना – पिलवाना
प्रश्न 2. जहाँ पर वर्गों की आवृत्ति से काव्य की शोभा बढ़ती हो वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है। उदाहरण के लिए-संग-संग, एक-एक, बाग-बगीचा, फूल-फल आदि। आप अपनी पुस्तक से खोजकर अनुप्रास अलंकार के दो अन्य उदाहरण लिखिए
उत्तर-
(i) वरदे वीणावादिनी वरदे – ‘व’ अक्षर की आवृत्ति।
(ii) पोथी पढ़ि-पढि जग मुवा, पंडित भया न कोय। (‘प’ वर्ण की आवृत्ति)