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इस अध्याय में भक्तिकालीन दो प्रमुख कवियों मीराबाई और रसखान के भक्ति पदों को शामिल किया गया है। मीराबाई के पद कृष्ण भक्ति से ओतप्रोत हैं और उनके प्रेम एवं वरह भाव को दर्शाते हैं। दूसरी ओर, रसखान के पद भी कृष्ण भक्ति पर आधारित हैं, किंतु इनमें प्रकृति सौंदर्य एवं वातावरण का मनोरम चित्रण भी मिलता है। इस प्रकार, यह अध्याय भक्तिकालीन कविता की विविध विषयवस्तु और शैलियों से छात्रों को अवगत कराता है।

UP Board Class 8 Hindi Chapter 10 Solutions
| Subject | Hindi (Manjari) |
| Class | 8th |
| Chapter | 10. भक्ति के पद |
| Author | |
| Board | UP Board |
कविता से-
प्रश्न 1. मीरा प्रभु से क्या प्रार्थना कर रही है?
उत्तर- मीरा प्रभु से यह प्रार्थना कर रही है कि वह उसे अपनी दासी बना ले ताकि वह प्रभु की निरंतर सेवा कर सके और उनके निकट रह सके। मीरा को केवल यही अभीष्ट है।
प्रश्न 2. द्रौपदी की सहायता ईश्वर द्वारा किस प्रकार की गई?
उत्तर- जब द्रौपदी के वस्त्र नष्ट हो रहे थे, तब ईश्वर ने अपने अनंत प्रभाव से उसकी साड़ी का वस्त्र बढ़ाकर उसकी रक्षा की और उसका अपमान होने से बचाया।
प्रश्न 3. कवि रसखान ने वाणी की क्या विशेषता बताई है?
उत्तर- कवि रसखान ने बताया है कि हमारी वाणी ही ईश्वर के गुणगान का साधन है। हमारी वाणी से ही हम ईश्वर की महिमा का गायन कर सकते हैं।
प्रश्न 4. कवि रसखान ने तीनों लोकों के राज्य को कृष्ण की किन वस्तुओं से तुच्छ कहा है ?
उत्तर- कवि रसखान ने कहा है कि श्रीकृष्ण की लाठी और उनका कंबल ही तीनों लोकों के राज्य से भी बढ़कर है। यानी तीनों लोकों का राज्य उनकी इन साधारण वस्तुओं के समक्ष तुच्छ है।
प्रश्न 5. त्यौ रसखानि वही रसखानि जु हैं रसखानि सो है रसखानि पक्ति का आशय है‘‘भगवान श्री कृष्ण ऐसे हैं जो अपने भक्तों को कभी भी नाराज नहीं करते हैं और उनसे बहुत प्रेम करते हैं। वह तो आनन्द की खान हैं, उनसे नाता जोड़ने मे सुख ही सुख है। इसी प्रकार आप निम्नांकित पक्तियों के आशय स्पष्ट कीजिए
(क) कोटिक हौ कलधौत के धााम करील के कुंजन ऊपर वारों।
उत्तर- इस पंक्ति का आशय है कि कवि रसखान बृज की काँटेदार झाड़ियों के लिए भी सोने के सौ महलों और स्वर्ग को भी त्यागने को तैयार हैं।
(ख) जान वही उन प्रान के संग औ मान वही जु करै मनमानी।
उत्तर- इस पंक्ति का आशय है कि मनुष्य का जीवन तभी सार्थक है जब वह प्रभु के गुणगान में लीन रहे और मन की सार्थकता तभी है जब वह प्रभु का ही चिंतन करता रहे।
प्रश्न’6. नीचे दिए गए भावों से मिलती जुलती पंक्ति लिखिए
(अ) कान वही अच्छे हैं, जो हर पल भगवान श्री कृष्ण की वाणी सुनते हैं।
उत्तर- इस पंक्ति का भाव है कि वे कान ही अच्छे हैं जो हर पल भगवान श्रीकृष्ण की वाणी सुनते रहते हैं।
(ब) भक्त की रक्षा करने के लिए आप (ईश्वर) ने नरसिंह का रूप धारण किया।
उत्तर- इस पंक्ति का भाव है कि भक्तों की रक्षा के लिए आपने (ईश्वर ने) नरसिंह का रूप धारण किया।
भाषा की बात-
प्रश्न 1. वर्गों के ऊपर लगे बिंदु भक्तिके पद (मंजरी) 1 को अनुस्वार तथा चन्द्र बिंदु भक्तिके पद (मंजरी) 2 को अनुनासिक कहते हैं। अनुस्वार का प्रयोग क वर्ग, च वर्ग, ट वर्ग, त वर्ग, तथा प वर्ग, के पाँचवे वर्ण के स्थान पर किया जाता है।
बिन्दु भक्तिके पद (मंजरी) 3 या चन्द्र बिंदु भक्तिके पद (मंजरी) 4 लगाकर शब्दों को दोबारा लिखिए
उत्तर-
आख – आँख गाव – गाँव
मुह – मुँह पाच – पाँच
गगा – गंगा गदा – गंदा
कपन – कंपन चचल – चंचल
प्रश्न 2. पढ़िए समझिए और कुछ अन्य शब्द लिखिए-
उत्तर-
(गर्मी) – धर्म
द्र (द्रुम) – क्रूर
टू (ट्रक) – ड्रम
प्रश्न 3. दिए गए शब्दों के मानक रूप लिखिए- सरीर, लाज, प्रान, आपनो, गुन
उत्तर- सरीर – शरीर, लाज – लज्जा, प्रान – प्राण, आपनो – अपना, गुन – गुण
प्रश्न 4. ब्रजभाषा के शब्द – बैन, सानी, गात, उही, करै, अरू, को खड़ी बोली हिन्दी के रूप में लिखिए।
उत्तर- बैन-वाणी, सानी-सुनना, गात-शरीर, उही-उनकी, करै-करना, अरू-और