UP Board Class 7 Hindi Manjari Chapter 5 Solutions – निजभाषा उन्नति

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यह अध्याय “निजभाषा उन्नति” भारतेन्दु हरिश्चंद्र द्वारा रचित कविताओं पर आधारित है। इन कविताओं में कवि ने मातृभाषा के महत्व और विकास पर बल दिया है। उन्होंने बताया है कि किस प्रकार मातृभाषा ज्ञान का मूल स्रोत है और इसके विकास से ही हमारा मानसिक विकास संभव है। साथ ही कवि ने घर की फूट से होने वाले बुरे परिणामों की ओर भी संकेत किया है और राष्ट्रीय एकता के लिए आवश्यक बातें बताई हैं। इस अध्याय के माध्यम से आप मातृभाषा के महत्व को समझेंगे साथ ही घर और देश की एकता की महत्ता को भी जान पाएंगे।

UP Board Class 7 Hindi Manjari Chapter 5

UP Board Class 7 Hindi Manjari Chapter 5 Solutions

SubjectHindi (Manjari)
Class7th
Chapter5. निजभाषा उन्नति
Author
BoardUP Board

प्रश्न-अभ्यास

कुछ करने को

प्रश्न 1. निम्नांकित स्थितियों पर छोटे समूहों में चर्चा कीजिए और निष्कर्ष को पाँच-सात पंक्तियों में लिखिए

(क) ऐसा घर जिसमें सब मिलकर कार्य करते हैं।

उत्तर:- विद्यार्थी चर्चा स्वयं करें।

(ख) ऐसा घर जिसमें फूट है।

उत्तर:- विद्यार्थी चर्चा स्वयं करें।

प्रश्न 2. कवि ने फूट के कारण होने वाले विनाश के अनेक उदाहरण दिए हैं, यथा

(क) रावण और विभीषण की फूट के कारण लंका का नाश।

उत्तर:- रावण और विभीषण के बीच फूट का मुख्य कारण था उनके विचारों और आचरण में विरोधाभास। रावण अहंकारी और व्यभिचारी था, जबकि विभीषण धर्मनिष्ठ और नेक था। सीता हरण पर विभीषण ने आपत्ति की, लेकिन रावण ने उसकी बात नहीं मानी। अपमानित होकर विभीषण राम की शरण में चला गया और रावण की रणनीति बता दी। इस फूट के कारण ही रावण युद्ध में मारा गया और लंका का विनाश हुआ।

(ख) कौरव और पाण्डवों की फूट के फलस्वरूप महाभारत युद्ध।

उत्तर:- कौरवों ने ईर्ष्या से पाण्डवों का अपमान किया, उनका राज्य हड़प लिया और द्रौपदी का अनादर किया। इस अन्याय के विरुद्ध पाण्डवों ने युद्ध किया। इस भयानक युद्ध में दोनों पक्षों के अनेक योद्धा मारे गए। कौरव-वंश का सर्वनाश हुआ और पाण्डवों के पुत्रों की भी अकाल मृत्यु हुई। यह सब इन्हीं भाइयों की आपसी फूट का दुष्परिणाम था।

(ग) पृथ्वीराज और जयचन्द की आपसी फूट के कारण यवनों को भारत आगमन।

उत्तर:- जयचंद की ईर्ष्या और बदले की भावना ने उसे पृथ्वीराज के विरुद्ध मुहम्मद गौरी का साथ देने पर विवश किया। पहले दो युद्धों में गौरी पृथ्वीराज से पराजित हो चुका था। लेकिन जयचंद की सहायता से उसने तीसरे युद्ध में पृथ्वीराज को हराया। इसका दुष्परिणाम यह हुआ कि भारत के कई हिस्सों पर यवनों का शासन स्थापित हो गया। गौरी ने स्वयं जयचंद के राज्य पर भी कब्जा कर लिया।

प्रश्न 3. इस कविता के आधार पर आप भी दो सवाल बनाइए।

उत्तर:- छात्र इस प्रश्न को स्वयं करे।

प्रश्न 1. यदि आपको अपनी बात हिन्दी, संस्कृत अथवा अंग्रेजी में से किसी एक भाषा में कहने के लिए कहा जाय, तो आप किस भाषा को चुनेंगे ?

उत्तर:- मैं हिंदी भाषा को चुनूंगा, क्योंकि यह मेरी मातृभाषा है और मुझे इसका अच्छा ज्ञान है।

कविता से

प्रश्न 1. निज भाषा की उन्नति से क्या-क्या लाभ होगा ?

उत्तर:- अपनी भाषा की उन्नति से हमारे धर्म, संस्कृति, मान-सम्मान और व्यवहार में विकास होगा।

प्रश्न 2. हमें अपनी भाषा का प्रसार कहाँ-कहाँ करना चाहिए ?

उत्तर:- हमें अपनी भाषा का प्रचार-प्रसार सरकारी कामकाज, न्यायालयों और विदेशों में भी करना चाहिए।

प्रश्न 3. कवि ने अपनी भाषा के अतिरिक्त किसको-किसको बढ़ाने की बात की है ?

उत्तर:- कवि ने भाषा के साथ-साथ धर्म, मान-सम्मान और एकता को भी बढ़ावा देने की बात कही है।

प्रश्न 4. कवि ने महाभारत के युद्ध का क्या कारण बताया है ?

उत्तर:- कवि ने कौरवों और पाण्डवों के बीच आपसी फूट को महाभारत युद्ध का कारण बताया है।

प्रश्न 5. निम्नांकित पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए

(क) निज भाषा उन्नति अहै सब उन्नति को मूल।

उत्तर:- इसका आशय है कि निज भाषा की उन्नति से ही सभी क्षेत्रों की उन्नति संभव है।

(ख) जो जग में धान मान और बल अपुनी राखन होय।
तो अपुने घर में भूले हू फूट करौ जनि कोय।

उत्तर:- इसका तात्पर्य है कि यदि हम संसार में अपना मान-सम्मान बनाए रखना चाहते हैं, तो घर में भूलवश भी फूट नहीं डालनी चाहिए।

भाषा की बात

प्रश्न 1. शब्दों के तत्सम रूप लिखिए
करम, जदपि, सुबरन, हिय, जल, मीत, धरम।

उत्तर:-

करम – कर्म
जदपि – यद्यपि
सुबरन – सुवर्ण
आरज – आर्य
हिये – हृदय
जल – नीर
मीत – मित्र
धरम – धर्म

प्रश्न 2.

निज भाषा उन्नति अहै सब उन्नति को मूल।
बिन निज भाषा ज्ञान के मिटै नै हिय को शूल॥

उपर्युक्त पंक्तियों में आये हुए ‘मूल’ और ‘शूल’ शब्द तुकान्त शब्द हैं। कविता से ऐसे ही तुकान्त शब्द छाँटकर उन शब्दों के आधार पर कुछ पंक्तियाँ रचिए।

उत्तर:-

आ गए वे परदेश से अजब अनोखी बात।
मेरे लिए तो आ गई आज दीवाली रात।।

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