Here we are presenting you with UP Board Class 7 Hindi Manjari Chapter 19 solutions. This is our free guide on chapter 19 – “मैं कवि कैसे बना” and provides you with the easy question answer of this chapter.
इस पाठ में, हम एक बच्चे की कहानी सुनते हैं जो कवि बनने की तलाश में है। गोपालदास, जो अपने परिवार में संगीत का प्रेमी है, विद्यालय में संगीत के कार्यक्रमों में भाग नहीं ले पा रहा है। उसे कविता सुनाने का मौका नहीं मिल रहा है। लेकिन उसका पड़ोसी, रामलाल, उसे उत्साहित करता है और कविता लिखने के लिए प्रेरित करता है। गोपालदास को आत्मविश्वास का अभाव होता है, लेकिन उसका शिक्षक उसे साहस देता है और उसे यह बताता है कि कविता लिखना आसान है। उसे बताया जाता है कि कविता में चार पंक्तियाँ होती हैं, और हर पंक्ति में 31 अक्षर होते हैं। गोपालदास इस निर्देश का पालन करते हुए अपनी पहली कविता लिखता है और उसे सम्मेलन में प्रस्तुत करता है।
UP Board Class 7 Hindi Manjari Chapter 19 Solutions
Subject | Hindi (Manjari) |
Class | 7th |
Chapter | 19. मैं कवि कैसे बना |
Author | |
Board | UP Board |
कुछ करने को-
प्रश्न 1: किसी समस्या के आधार पर भी कविता लिखी जा सकती है। यहाँ कविता की । एक पंक्ति दी गई है। इसे आगे बढ़ाएँ (आगे बढ़ाकर )l
उत्तर:
(क) प्लेटफॉर्म से गाड़ी छूटी,
किस्मत हमसे क्यों है रूठी.
चलने को थे हम बेकरार,
पर करना पड़ेगा अब इंतजार |
(ख) हम सब राही एक डगर के
आगे बढ़ते जाएँ मिलकर
एक हमारी मंजिल प्यारे
चलो, साथ-साथ पहुँचे मंजित पर
प्रश्न 2:
नोट- विद्यार्थी स्वयं करें।
प्रश्न 3:
नोट- विद्यार्थी स्वयं करें।
विचार और कल्पना से
नोट- विद्यार्थी स्वयं करें।
आत्मकथा से
प्रश्न 1: बालक गोपालप्रसाद को संगीत के घंटे का मॉनीटर क्यों बनाया जाता था?
उत्तर : बालक गोपालप्रसाद को संगीत का विशेष ज्ञान था क्योंकि वह एक संगीत प्रेमी परिवार से आता था। उसके परिवार में संगीत की गहरी परंपरा थी और वह छोटी उम्र से ही संगीत सीखने लगा था। इसलिए स्कूल में होने वाले संगीत समारोहों में उसे संगीत के घंटे का मॉनीटर बनाया जाता था। वह संगीत कार्यक्रमों का समय और अवधि निर्धारित करने में मदद करता था।
प्रश्न 2: लेखक के मन में कविताएँ सुनाने की इच्छा क्यों होने लगी?
उत्तर : विद्यालय में आयोजित संगीत समारोहों में लेखक को कभी भी कविता पाठ करने का अवसर नहीं मिलता था। इन कार्यक्रमों में अन्य छात्रों को कविताएं सुनाने के लिए बुलाया जाता था। जब ये छात्र कविताएं सुनाते थे तो श्रोताओं से तालियों की गड़गड़ाहट होती थी। लेकिन जब संगीत कार्यक्रम होते थे तो लेखक को देखकर लोग ज्यादा उत्साहित नहीं होते थे। इसलिए लेखक के मन में भी कविताएं सुनाने की इच्छा पैदा हुई ताकि वह भी लोगों का ध्यान आकर्षित कर सके और लोग उसके लिए भी उत्साहित हों।
प्रश्न 3: कक्षाध्यापक द्वारा नुमाइश में नाम भेजने पर बालक गोपालप्रसाद को क्यों धक्का लगा?
उत्तर : गोपालप्रसाद स्वयं कविताएं नहीं लिखते थे, बल्कि वह अपने एक पड़ोसी रामलाल जी से कविताएं लिखवाकर उन्हें अपना बताकर स्कूल में सुनाया करता था। जब कक्षाध्यापक ने उसका नाम कवि सम्मेलन में भेजा तो उसे धक्का लगा क्योंकि वह जानता था कि कवि सम्मेलन में एक विषय दिया जाता है और उस विषय पर तत्काल कविता रचनी होती है। चूंकि गोपालप्रसाद स्वयं कविता नहीं लिख सकता था, इसलिए उसे डर लगा कि वहां उसकी पोल खुल जाएगी।
प्रश्न 4: बालक गोपाल प्रसाद द्वारा ‘दूसरों की लिखी कविताओं को अपना बताकर सुनाने की चोरी’ स्वीकार करने से क्या लाभ हुआ?
उत्तर : जब गोपालप्रसाद ने अपने अध्यापक के सामने स्वीकार किया कि वह दूसरों द्वारा लिखी कविताओं को अपना बताकर सुनाता था, तो उसके अध्यापक ने उसे कविता लिखना सिखाया। अध्यापक ने उसे कविता रचना के गुर बताए और उसकी मदद से गोपालप्रसाद पहली बार स्वयं कविता लिख सका। इस तरह उसकी गलती स्वीकार करने से उसे कविता रचना का कौशल हासिल हुआ और वह एक कवि बन गया।
प्रश्न 5: कक्षाध्यापक ने अपने छात्र को कविता बनाने के क्या गुर सिखाये?
उत्तर : कक्षाध्यापक ने गोपालप्रसाद को कविता रचना के निम्नलिखित गुर सिखाए:
- एक कविता में चार पंक्तियां होती हैं।
- प्रत्येक पंक्ति में 10-11 अक्षर होते हैं।
- कविता के विषय के अनुसार एक वाक्य दिया जाता है।
- उस वाक्य के अंतिम अक्षर से चार तुकांत शब्द बनाए जाते हैं जैसे अ से आया, गया, लाया, खाया।
- फिर इन चारों शब्दों को क्रमशः चारों पंक्तियों के अंत में जोड़ा जाता है।
- इस प्रकार विषय के अनुरूप चार पंक्तियों की एक कविता तैयार हो जाती है।
इस विधि से अध्यापक ने गोपालप्रसाद को सरल तरीके से कविता रचना करना सिखाया।
प्रश्न 6: बालक गोपालप्रसाद की ‘समस्या-पूर्ति’ को सुनकर श्रोताओं में क्या प्रतिक्रिया हुई?
उत्तर: बालक गोपालप्रसाद की ‘समस्या-पूर्ति’ को सुनकर सभी श्रोता बहुत प्रभावित और आश्चर्यचकित हुए। उनकी कविताई प्रतिभा और शब्दों पर अद्भुत अधिकार देखकर लोग दंग रह गए। एक बालक की इतनी बड़ी कविता रचना सुनकर सभी उसकी प्रशंसा करने लगे। लोगों के चेहरे पर खुशी और गर्व की लहर दौड़ गई। हेडमास्टर मुकुल बिहारी लाल जी बहुत प्रसन्न थे और उन्होंने बालक गोपालप्रसाद को गले लगा लिया। लोगों ने खुल कर तालियां बजाईं और उसे भविष्य का महान कवि घोषित किया।
इस प्रकार बालक गोपालप्रसाद की असाधारण प्रतिभा से सभी श्रोता मुग्ध हो गए और उन्हें आशा जगी कि यह बालक भविष्य में कविता के क्षेत्र में महान सिद्धियां प्राप्त करेगा।
भाषा की बात
प्रश्न 1: ‘समाज-सुधार’ शब्द ‘समाज’ व ‘सुधार’ दो शब्दों से मिलकर बना है। समाज-सुधार शब्द में सामासिक चिह्न (-) के स्थान पर ‘का’ छिपा हुआ है। ऐसे शब्द तत्पुरुष समास कहलाते हैं। तत्पुरुष समास के ऐसे ही पाँच उदाहरण पाठ में से छाँटकर लिखिए।
उत्तर:
तत्पुरुष समास- रासलीला, क्लासटीचर, वसन्तोत्सव, प्रधानाध्यापक, शिष्यमण्डली, शिक्षण-संस्थाएँ।
प्रश्न 2: नीचे दिये गये मुहावरों के अर्थ लिखिए और इनका प्रयोग अपने वाक्यों में कीजिए (प्रयोग करके)l
उत्तर:
- मँड़ मुड़ाते ही ओले पड़ना (प्रारम्भ में ही बाधा आना):
राम का मकान अभी बना भी नहीं कि भूकम्प आ गया, बेचारे के मूड मुड़ाते ही ओले पड़ गए। - काठ मार जाना (हतप्रभ हो जाना):
दंगे से पीड़ित लोग कुछ भी नहीं बोल पा रहे हैं, जैसे उन्हें काठ मारे गया हो। - चोर से साहूकार होना (एकाएक तरक्की करना):
गोपाल प्रसाद की पहली कविता ने ही उसे कवि बना दिया अर्थात् वह चोर से साहूकार बन गया।
प्रश्न 3: निम्नलिखित पंक्तियों में पर शब्द के तीन प्रकार के प्रयोग हुए हैंl
(क) मैं मंच पर कविता पढ़ने पहुँचा।
(ख) पर वहाँ बहुत बड़े-बड़े कवि विद्यमान थे।
(ग) मैं कविता के पर लगाकर आसमान में उड़ने लगा।
तीनों पर का प्रयोग क्रमशः ‘ऊपर’ ‘लेकिन’ तथा ‘पंख’ के अर्थ में हुआ है। इसी प्रकार आप भी पर शब्द का प्रयोग अपने वाक्यों में करते हुए तीन वाक्य बनाइए (वाक्य बनाकर)
उत्तर:
(क) चिड़ियाँ छत पर बैठी हैं।
(ख) पर बच्चों के वहाँ पहुँचने से पहले उड़ गईं।
(ग) मैं भी चिड़ियों की तरह पर लगाकर आसमान में उड़ना चाहती हूँ।