Bihar Board Class 6 Hindi Chapter 6 Solutions – तुम कल्पना करो

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‘तुम कल्पना करो’ गोपाल सिंह नेपाली द्वारा लिखी गई एक अत्यंत मनोरम और भावपूर्ण कविता है। इस कविता में कवि मानव मन की कल्पना शक्ति और उसके अनंत संभावनाओं को उजागर करता है। वह प्रकृति की विभिन्न अनूठी और रोचक छवियों का वर्णन करते हुए पाठक से उनकी कल्पना शक्ति का प्रयोग करने को कहता है। कवि का मानना है कि हमारी कल्पना ही हमें पतझड़ में बसंत और अंधकार में प्रकाश दिखा सकती है। कल्पना की यह अनंत शक्ति ही मनुष्य को नए आयाम प्रदान करती है और उसे जीवन के गूढ़ रहस्यों को समझने में सहायक होती है। इस प्रकार, यह कविता एक ओर जहां कल्पनाशीलता की महिमा का गुणगान करती है, वहीं दूसरी ओर मनुष्य को जीवन के प्रति नए नजरिए से देखने की प्रेरणा भी देती है।

Bihar Board Class 6 Hindi Chapter 6 Solutions

Bihar Board Class 6 Hindi Chapter 6

SubjectHindi
Class6th
Chapter6 . ‘तुम कल्पना करो’
Authorगोपाल सिंह ‘नेपाली’
BoardBihar Board

प्रश्न-अभ्यास

पाठ से

प्रश्न 1. पाठ के आधार पर आप किस प्रकार की कल्पना कीजिएगा?

उत्तर:- पाठ के आधार पर हम यह कल्पना कर सकते हैं कि नए विचारों और नवीन पद्धतियों को अपनाकर हम समाज और देश को नई दिशा दे सकते हैं। पुरानी मान्यताओं को छोड़कर हमें आगे बढ़ना चाहिए।

प्रश्न 2. ‘राष्ट्र के शरीर’ कहने से आपके मन में किसका चित्र आता?

उत्तर:- राष्ट्र के शरीर’ कहने से हमारे मन में भारत माता का ही चित्र उभरता है, जो हमारे देश का प्रतीक है।

प्रश्न 3. चित्तौड़ के ‘प्रताप’ की कहानी हमें क्या सिखलाती है?

उत्तर:- चित्तौड़ के ‘प्रताप’ की कहानी हमें यह सिखाती है कि हमें किसी भी स्थिति में गुलामी स्वीकार नहीं करनी चाहिए। हमें अपनी आजादी के लिए संघर्ष करना चाहिए।

प्रश्न 4. इस कविता के माध्यम से हमें क्या-क्या करने की बात कही गई है?

उत्तर:- इस कविता के माध्यम से हमें नवीन विचारों को अपनाने, राष्ट्र की शक्ति बढ़ाने, गरीबी दूर करने और स्वतंत्र रूप से योजनाएं बनाने की बात कही गई है।

प्रश्न 5. नीचे लिखी गई पंक्तियों को पूरा कीजिए –

प्रश्नोत्तरजंजीर टूटती कभी न अश्रु-धार से,
दुख-दर्द दूर भागते नहीं दुलार से।
हटती न दासता पुकार से, गुहार से,
इस गंग-तीर बैठ आज राष्ट्र-शक्ति की।
तुम कामना करो, किशोर कामना करो,
तुम कामना करो।

पाठ से आगे –

प्रश्न 1. आकाश को स्वतंत्र क्यों कहा गया है ?

उत्तर:- आकाश पर किसी का प्रभुत्व नहीं है। इसलिए उसे स्वतंत्र कहा गया है।

प्रश्न 2. कविता को पढ़ने के बाद अपने मन में कौन-सा भाव उत्पन्न होता है?

उत्तर:- कविता को पढ़ने के बाद हमें स्वतंत्र होने तथा स्वतंत्र नवीन कल्पना करने का भाव उत्पन्न होता है।

प्रश्न 4. इस कविता को पढ़ने से मेरा मन ………….. से भर गया। (प्रेम, श्रद्धा, उत्साह, देश-प्रेम)

उत्तर:- उत्साह।

व्याकरण

प्रश्न 1. रके भिन्न-भिन्न रूपों का प्रयोग करते हुए पाँच-पाँच शब्द लिखिए।

(क) उम्र …….. …….. …….. ……..
(ख) कर्म …….. …….. …….. ……..
(ग) ट्रक …….. …….. …….. ……..
उत्तर:
(क) उम्र, कब्र, कद्र, नम्र, भद्र ।
(ख) कर्म, दर्द, फर्क, मर्द, दर्द।
(ग) ट्रक, ट्रस्ट, राष्ट्र, ड्राम, ट्राम।

प्रश्न 2. निम्नलिखित उपसर्गों से दो-दो शब्द बनाइए।

प्र – प्रहार प्रबल परि …….. ……..
कु – ………. ………. पर …….. ……..
उप – ………. ………. स्व …….. ……..
अ – ………. ……….. प्रति …….. ……..

यहाँ प्र, क, उप, अ, परि, स्व, प्रति इत्यादि शब्दांश शब्द के शुरू में जुड़कर शब्द के अर्थ में विशेषता लाते हैं। इस प्रकार के वाक्यांश उपसर्ग कहलाते हैं।

उत्तर:
प्र- प्रहार, प्रबल।
परि – परिश्रम, परिवार ।
कु – कुकर्म, कुपुत्र । पर – परोपकार, पराधीन।
उप – उपयोग, उपमान । स्व-स्वकर्म, स्वतंत्र ।
अ – अविचल, अचल । प्रति – प्रतिदिन, प्रत्येक।

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