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‘बसंती हवा’ केदारनाथ अग्रवाल द्वारा रचित एक मनोरम और रमणीय कविता है। इस कविता में कवि बसंत ऋतु की मनमोहक प्रकृति-छवियों का अद्भुत संयोग प्रस्तुत करते हैं। बसंती हवा का झोंका, फूलों की महक, पक्षियों का कलरव और नन्हे कलियों का विकसित होना आदि सभी प्राकृतिक दृश्य इस कविता में सजीव बन उठते हैं। कवि इन प्राकृतिक तत्वों को इतनी मनोहर भाषा में चित्रित करते हैं कि पाठक कविता को पढ़ते हुए बसंत के आगमन का अनुभव करने लगता है। साथ ही, बसंत की आनंददायी स्पर्शगंध और मादकता भी इस कविता में झलकती है। कवि के शब्दों में बसंत एक जादुई अनुभव बन जाता है जिसे आत्मसात करना मानव जीवन के लिए महत्वपूर्ण हो जाता है।
Bihar Board Class 6 Hindi Chapter 19
Subject | Hindi |
Class | 6th |
Chapter | 19. ‘बसंती हवा’ |
Author | केदारनाथ अग्रवाल |
Board | Bihar Board |
प्रश्न-अभ्यास
प्रश्न 1. बसंती हवा ने अपने आपको दूसरे मुसाफिरों से अलग क्यों बताया ?
उत्तर:- बसंती हवा ने अपने आपको दूसरे मुसाफिरों से इसलिए अलग बताया क्योंकि उसके पास कोई निश्चित गंतव्य या निर्धारित मार्ग नहीं था। आम तौर पर किसी मुसाफिर के लिए एक विशिष्ट स्थान होता है जहां उसे पहुंचना होता है और उस स्थान तक पहुंचने का एक तय मार्ग भी होता है। लेकिन बसंती हवा के लिए ऐसा कुछ भी नहीं था। वह पूरी तरह स्वतंत्र थी और जहां चाहती वहां घूम सकती थी। इसलिए उसने खुद को अन्य मुसाफिरों से अलग बताया।
प्रश्न 2. इस पाठ में कवि ने खेत-खलिहानों के हँसने की बात कही है। ऐसा उन्होंने क्यों कहा?
उत्तर:- कवि ने इस पाठ में बसंत ऋतु के आगमन पर खेत-खलिहानों के हंसने की बात कही है। बसंत के आते ही खेतों में हरियाली आ जाती है और विभिन्न फूल खिलने लगते हैं। सरसों के पीले फूल, अलसी के नीले फूल और हरी घास एक सुंदर दृश्य पेश करते हैं। बसंती हवा के झोंकों से ये रंग लहराते हुए दिखाई देते हैं, जिससे लगता है मानो खेत-खलिहान खुशी से हंस रहे हों। इस प्रकार बसंत की आमद पर खेतों की यह हरित और रंगीन छटा ही कवि को हंसती हुई लगती है।
प्रश्न 3. बसंती हवा का कौन-सा अंश आपको सबसे ज्यादा प्रभावित करता है?
उत्तर:- छात्र अपने अपने वसंत हवा के अनुभव के आधार पर इसका उत्तर लिखे।
प्रश्न. सरस्वती पूजा को वसंत पंचमी के नाम से भी जानते हैं। सरस्वती पूजा पर एक निबंध लिखिए।
वसंत पंचमी या सरस्वती पूजा भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह त्योहार विद्या और शिक्षा की देवी मां सरस्वती के सम्मान में मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को वसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है। यह दिन आमतौर पर जनवरी-फरवरी के महीनों में आता है, जब बसंत ऋतु का आगमन होता है।
इस दिन देश भर में विद्यालय, महाविद्यालय और अन्य शिक्षण संस्थानों में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। छात्र और शिक्षक मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करते हैं और उनकी भक्तिपूर्वक पूजा करते हैं। इस अवसर पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है, जिसमें छात्र अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हैं। वे संगीत, नृत्य और वाद्य वादन का मनमोहक प्रदर्शन करते हैं।
वसंत पंचमी पर्व का एक अन्य पहलू होली का आगाज भी है। छात्र एक-दूसरे के माथे पर रंग-अबीर लगाते हैं और होली की खुशियों का आनंद लेते हैं। इस प्रकार, यह त्योहार न केवल विद्या और शिक्षा की महिमा का प्रतीक है, बल्कि बसंत ऋतु के आगमन और रंगों की खुशियों का भी प्रतीक है। वसंत पंचमी पर्व भारतीय संस्कृति और परंपराओं की गरिमा को दर्शाता है।
व्याकरण
प्रश्न 1. नीचे दिये गये पद्यांश में विशेषण शब्दों को रेखांकित कीजिये –
अनोखी हवा हूँ। बड़ी बावली हूँ। बड़ी मस्तमौला। नहीं कुछ फिकर है बड़ी ही निडर हूँ।
पद्यांश में आये शब्द अनोखी, बावली, मस्तमौला, निडर वसंती हवा की विशेषता बताते हैं।
उत्तर:- इसमें विशेषण शब्द हैं:
अनोखी
बड़ी (दो बार आया है)
मस्तमौला
निडर
प्रश्न 2. योजक चिह्न ( – ) इस बात को दर्शाता है कि इसके दोनों ओर के शब्द परस्पर मिले हुये हैं। जैसे दिन-रात। इस प्रकार के और शब्द लिखिये।
उत्तर:- दिन-रात, सुबह-शाम, दाल-भात, मौज-मस्ती, घर-द्वार, उल्टा-पुल्टा, सोच-समझ, घर-बार, खिलाया-पिलाया, बनाया-मनाया, आकाश-पाताल, राई-पर्वत, भोजन-पानी, दिया-बत्ती, माता-पिता, सुख-दुःख आदि।