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‘डॉ. भीमराव अम्बेडकर’ एक महत्वपूर्ण जीवनी है जो भारत के महान समाज सुधारक, विचारक और संविधान निर्माता के व्यक्तित्व और कृतित्व को गहराई से उजागर करती है। इसमें अम्बेडकर जी के बचपन से लेकर उनकी शिक्षा, विदेश अध्ययन, समाज सुधार आंदोलन, राजनीतिक जीवन और संविधान सभा में उनकी अग्रणी भूमिका तक को विस्तार से दर्शाया गया है। उनके विचारों और आदर्शों को उनके लिखित साहित्य और भाषणों के माध्यम से प्रकाशित किया गया है। साथ ही, दलित समुदाय की मुक्ति और उनके शोषण से उबारने के लिए उनके अथक प्रयासों और संघर्ष को भी चित्रित किया गया है। यह जीवनी अम्बेडकर जी की विरासत और उनके द्वारा भारतीय समाज को दिए गए योगदान को पूरी इमानदारी से प्रस्तुत करती है।

Bihar Board Class 6 Hindi Chapter 14
Subject | Hindi |
Class | 6th |
Chapter | 14. ‘डॉ. भीमराव अम्बेदकर’ |
Author | संकलित |
Board | Bihar Board |
प्रश्न-अभ्यास
प्रश्न 1. डॉ. अम्बेडकर के योगदानों की चर्चा कीजिए।
उत्तर:-
प्रश्न 2. डा. अम्बेडकर ने बौद्ध धर्म क्यों स्वीकार कर लिया?
उत्तर:-
प्रश्न 3. डा. अम्बेडकर ने बड़ौदा महाराज की नौकरी क्यों छोड़ दी?
उत्तर:-
प्रश्न 4. डा. अम्बेडकर के विचारों से आप कहाँ तक सहमत हैं और क्यों?
उत्तर:-
प्रश्न 5. नीचे स्तम्भ ‘क’ में डा. भीमराव अम्बेडकर के जीवन से जुड़ी कुछ प्रमुख घटनाओं का विवरण है तथा स्तम्भ ‘ख’ में उन घटनाओं के वर्ष दिये गये हैं। इन्हें सही क्रम में मिलान कीजिये।
स्तम्भ ‘क’ | स्तम्भ ‘ख’ |
---|---|
डॉ आंबेडकर का जन्म | |
डॉ आंबेडकर ने हाई स्कूल की परीक्षा पास की | |
डॉ आंबेडकर ने बी,ए , की परीक्षा पास की | |
डॉ आंबेडकर की शादी | |
मुकनायक पत्रिका का प्रकाशन | |
डॉ आंबेडकर की मृत्यु |
उत्तर:-
(क) – 3 (1891)
(ख) – 4(1907)
(ग) – 1 (1913)
(घ) – 2 (1905)
(ङ) – 6 (1920)
(च) – 5 (1956)
व्याकरण
प्रश्न 1. इन शब्दों के शुद्ध रूप लिखिए।
महतवपूर्ण, परीस्थीती, निसचय, आत्मविसवास, रत्नागीरी, अधयापक ।
उत्तर:-
शब्द | सुद्ध रूप |
---|---|
निसचय | निः श्चय |
अत्मविसवास | आत्मविश्वास |
रत्नागिरी | रत्नागिरि |
अध्यापक | अध्यापक |
महतवपूर्ण | महत्वपूर्ण |
परीस्थिति | परिस्थिति |
प्रश्न 2.
“स्वामीजी, मैं ईश्वर का दर्शन करना चाहता हूँ। क्या आप ऐसा कर सकेंगे?”
साधु ने तपाक से कहा, “अरे ! क्यों नहीं ! कल सवेरे यहाँ आ जाना । हम लोग साथ-साथ सामने के पहाड़ की चोटी पर चलेंगे। वहाँ जाकर मैं तुम्हारी इच्छा पूरी कर दूंगा।”
उपर्युक्त अंश में उद्धरण चिह्न (” “), विस्मयादिसूचक चिह्न (!), प्रश्नसूचक चिह्न (?), योजक चिह्न (-), अल्प विराम चिह्न (,) तथा पूर्ण विराम चिह्न (।) हैं।
इस पाठ में भी इस तरह के विराम चिह्नों का प्रयोग किया गया है। उसका कुछ अंश लिखिए।
उत्तर:- अचानक वह उठ खड़ा हो जाता है। आँसू पोंछकर सोचता है, “मैं अछूत हूँ, यह पाप है। किसने बनाया है छुआछूत की व्यवस्था ? किसने बनाया है किसी को नीच? किसी को ऊँच? भगवान ने ? हर्गिज नहीं। वह ऐसा नहीं कर सकता। वह सबको समान रूप से जन्म देता है। यह बुराई मनुष्य ने पैदा की है। मैं इसे मिटाकर रहूँगा।”