Are you searching for Bihar Board Class 6 Hindi chapter 2 question answer? If yes, then you are at the right place. Here you will get the complete solutions for the chapter 2 – असली चित्र
‘असली चित्र’ एक लोकप्रिय लघु कथा है जिसमें एक कंजूस सेठ और एक चित्रकार के बीच की रोचक घटना को बखूबी चित्रित किया गया है। यह कहानी सेठ की लालच और कंजूसी की प्रवृत्ति पर व्यंग्य करती है। जब चित्रकार सेठ का चित्र बनाकर उसके पारिश्रमिक की मांग करता है, तो सेठ अपने चेहरे को बदलकर उससे बचने की कोशिश करता है। परंतु अंत में तेनालीराम नामक एक बुद्धिमान व्यक्ति की सहायता से चित्रकार सेठ की चाल को पकड़ लेता है और उसे अपनी कीमत अदा करनी पड़ती है। इस प्रकार, यह कहानी एक रोचक कथानक के साथ-साथ मनोरंजन और नैतिक शिक्षा का भी अद्भुत संगम प्रस्तुत करती है।

Bihar Board Class 6 Hindi Chapter 2
| Subject | Hindi |
| Class | 6th |
| Chapter | 2. असली चित्र |
| Author | संकलित |
| Board | Bihar Board |
प्रश्न अभ्यास
पाठ से –
प्रश्न 1. यह कहानी आपको कैसी लगी? इस संबंध में आप अपने तर्क (विचार) दें।
उत्तर:- यह कहानी बहुत ही रोचक और मनोरंजक है। इसमें तेनालीराम की बुद्धिमत्ता और चतुराई को बखूबी दर्शाया गया है जिसके कारण सेठजी की चालाकी बेकार साबित हुई।
प्रश्न 2. इसका कौन-सा पात्र अच्छा लगा और क्यों ?
उत्तर:- इस कहानी में तेनालीराम का चरित्र सबसे अच्छा लगा क्योंकि उसने अपनी बुद्धि और चतुराई से सेठजी को चकमा दे दिया। वह कहानी का मुख्य पात्र है जिसके कारण ही कहानी रोचक बनी रही।
प्रश्न 3. तेनालीराम ने इस घटना की खबर राजा को दी तो क्या हुआ?
उत्तर:- जब तेनालीराम ने इस घटना की खबर राजा कृष्णदेव राय को दी तो राजा बहुत खुश हुए और उन्होंने जोर-जोर से हंसी। राजा को तेनालीराम की चतुराई पर बहुत आश्चर्य हुआ।
प्रश्न 4. “एक कौड़ी-खर्च करने में उसकी जान निकलती थी।” इस वाक्य का आशय स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:- इस वाक्य का आशय है कि सेठजी इतने कंजूस थे कि एक कौड़ी भी खर्च करने में उन्हें बहुत कठिनाई होती थी। पैसे की उनकी लालच इतनी अधिक थी कि वे अपने धन को हाथ से निकलना नहीं चाहते थे।
प्रश्न 5. रिक्त स्थानों को भरिए।
(क) कंजूस सेठ ने चित्रकार से उसके चित्र के लिये सौ स्वर्ण मुद्राएँ देने का वादा किया।
(ख) यह कहानी राजा कृष्णदेव राय के राज्य की है।
(ग) चित्रकार ने तेनालीराम से सलाह ली।
(घ) एक दिन चित्रकार तेनालीराम के कहे अनुसार आईना लेकर सेठ के पास पहुंचा।
(ङ) तेनालीराम राजा कृष्णदेव राय के दरबार में विदूषक थे।
पाठ से आगे:-
प्रश्न 1 चित्रकार के जगह आप हाते तो क्या करते ?
उत्तर:- अगर मैं चित्रकार की जगह होता, तो मैं भी तेनालीराम की सलाह मानता। मैं अपनी मेहनत को यूँ ही नहीं जाने देता और कंजूस सेठ को उसकी चालाकी का जवाब समझदारी से देता। मैं ऐसा चित्र बनाता जिसमें सेठ की हर शक्ल शामिल हो, ताकि वह मुकर न सके। इस तरह मैं अपनी मेहनत का उचित इनाम पा लेता। मैं भी तेनालीराम की तरह सूझबूझ से काम लेता।
प्रश्न 2. गप्प लगाने से नुकसान ज्यादा होता है या फायदा ? पाँच वाक्यों में लिखिए।
उत्तर:- गप्प लगाना यानी बिना मतलब की बातें करना। इससे समय की बर्बादी होती है और जरूरी काम अधूरे रह जाते हैं। कई बार गप्पों में गलत जानकारी भी फैलती है। इससे पढ़ाई या काम में मन नहीं लगता। इसलिए गप्प लगाने से नुकसान ज़्यादा होता है, फायदा बहुत कम।
प्रश्न 3. बार-बार कंजूस सेठ द्वारा अपना चेहरा बदल लेने के बाद चित्रकार को सलाह किसने दी ? दी गई सलाह को कैसी लगी ? इस संदर्भ में अपनी राय दीजिए।
उत्तर:- कंजूस सेठ के बार-बार चेहरा बदलने से परेशान होकर चित्रकार को तेनालीराम ने सलाह दी। तेनालीराम ने सुझाया कि सेठ की सभी शक्लों को एक ही चित्र में बना दिया जाए। यह सलाह बहुत समझदारी भरी थी। इससे सेठ की चालाकी बेकार हो गई और चित्रकार को उसका मेहनताना मिल गया। मेरी राय में यह सलाह बहुत बुद्धिमानी से दी गई थी और सही समय पर दी गई थी। इससे चित्रकार की समस्या हल हो सकी।
व्याकरण –
प्रश्न 1. बॉक्स में दिए गए शब्दों को संज्ञा के विभिन्न भेदों में छाँटकर लिखिए।
कृष्णदेव राय, चित्रकार, तेनालीराम, पानी, आईना, लोग, कंजूसी, दूध, ईमानदारी, गाय, पढ़ना, वर्ग, चीनी, गाय, हिमालय, मेला।
(क) जातिवाचक संज्ञा : चित्रकार, गाय, आईना
(ख) व्यक्तिवाचक संज्ञा : कृष्णदेव राय, तेनालीराम, हिमालय।
(ग) भाववाचक संज्ञा : कंजूसी, ईमानदारी
(घ) द्रव्यवाचक संज्ञा : पानी, दूध, चीनी।
(ङ) समूहवाचक संज्ञा : लोग, वर्ग, मेला पढ़ना क्रिया है, संज्ञा नहीं।
प्रश्न 2.इन मुहावरों का वाक्य में प्रयोग करें –
पानी-पानी होना, काम चाँदी होना, हँसते-हँसते लोट पोट होना, हिम्मत करना, भौंचक रह जाना ।
उत्तर:-
पानी-पानी होना : – सच्चाई प्रकट होने पर रणधीर पानी-पानी हो गया।
काम चाँदी होना : – पैसा मिलते ही उसका काम चाँदी हो गया।
हँसते-हँसते लोट-पोट होना :- बच्चे की बात सुनते ही घर के सभी लोग हँसते-हँसते लोट-पोट हो गये।
हिम्मत हारना ; – बाधा आने पर भी मनुष्य को हिम्मत नहीं हारना चाहिये।
भौचक रह जाना :- परीक्षा में असफल हो जाने की सूचना पाकर वह भौंचक रह गया।
प्रश्न 3. इनके विपरीतार्थक शब्द लिखिए
अपार, नया, निराशा, समझ, देर, सही।
उत्तर:-
अपार – सीमित
निराशा – आशा
देर – शीघ्र
नया – पुराना
समझ – नासमझ
सही – गलत
प्रश्न 4. निम्न शब्दों से वाक्य बनाइए चित्रकार, पत्रकार, कलाकार, सलाहकार, नाटककार ।
उत्तर:-
चित्रकार : भारत में अनेक अच्छे चित्रकार हैं।
पत्रकार : पत्रकार बनकर आप यश कमा सकते हैं।
कलाकार : अच्छे कलाकार का सभी सम्मान करते हैं।
सलाहकार : सलाहकार बनना गौरव की बात है।
सरकार सरकार का गठन शासन चलाने के लिये होता है।