Bihar Board Class 10 Hindi Chapter 6 Solutions – बहादुर

Bihar Board class 10 Hindi chapter 6 solutions are available here. This is our free expert guide that provides you with complete question answers of chapter 6 – “बहादुर”.

बिहार बोर्ड कक्षा 10 हिंदी की पाठ्यपुस्तक का छठा अध्याय ‘बहादुर’ एक मार्मिक कहानी है जो मानवीय संवेदनाओं और समाज में व्याप्त वर्गभेद को दर्शाती है। यह कहानी एक नेपाली मूल के किशोर नौकर दिलबहादुर के जीवन पर केंद्रित है, जो अपने माता-पिता से दूर, एक परिवार में काम करने आता है। कहानी में दिखाया गया है कि कैसे शुरुआत में उसे प्यार और सम्मान मिलता है, लेकिन धीरे-धीरे उसके साथ दुर्व्यवहार शुरू हो जाता है। यहाँ हमने आपको बहादुर Question Answer भी उपलब्ध करवाएं हैं।

Bihar Board class 10 Hindi chapter 6

Bihar Board Class 10 Hindi Chapter 6 Solutions

SubjectHindi
Class10th
Chapter6. बहादुर
Authorअमरकांत
BoardBihar Board

Bihar Board Class 10 Hindi Chapter 6 Question Answer

प्रश्न 1: लेखक को क्यों लगता है कि जैसे उस पर एक भारी दायित्व आ गया हो?

उत्तर: लेखक की पत्नी हमेशा ‘नौकर-चाकर’ की आवश्यकता की बात करती रहती थी और उनके साले ने एक नौकर का इंतजाम कर दिया था। अब लेखक पर यह जिम्मेदारी आ गई थी कि वह नौकर के साथ अच्छा व्यवहार करें, ताकि वह घर के माहौल में ढल सके और वहाँ काम करने के लिए टिक सके। इस जिम्मेदारी के कारण लेखक को यह दायित्व भारी लग रहा था।

प्रश्न 2: अपने शब्दों में पहली बार दिखे बहादुर का वर्णन कीजिए।

उत्तर: बहादुर पहली बार एक छोटे कद और चौड़े शरीर वाला युवक दिखाई दिया। उसका रंग गोरा था और मुँह चपटा था। वह सफेद हाफ पैंट और कमीज, भूरे रंग का जूता और गले में एक रूमाल पहने हुए था, जिससे उसकी सादगी और सरलता झलकती थी।

प्रश्न 3: लेखक को क्यों लगता है कि नौकर रखना बहुत जरूरी हो गया था?

उत्तर: लेखक के सभी भाई और रिश्तेदार ऊंचे पदों पर थे और उनके पास नौकर-चाकर थे। जब उनकी बहन के विवाह में सभी रिश्तेदार इकट्ठा हुए, तो लेखक की पत्नी ने सभी के नौकरों को देखकर ईर्ष्या की। इसके बाद से उसने घर में भी नौकर रखने के लिए लेखक पर दबाव डाला। पत्नी की इस जिद के कारण लेखक को लगा कि अब नौकर रखना बहुत जरूरी हो गया है।

प्रश्न 4: साले साहब से लेखक का कौन-सा किस्सा असाधारण विस्तार से सुनना पड़ा?

उत्तर: लेखक को साले साहब से एक दुखी नेपाली लड़के का किस्सा असाधारण विस्तार से सुनना पड़ा। वह लड़का नेपाल और बिहार की सीमा पर रहने वाला था, जिसका पिता बाघ युद्ध में मारा गया था और माँ परिवार का भरण-पोषण करती थी। उसकी माँ उसे बहुत मारती थी और चाहती थी कि वह घर के कामों में मदद करे। लेकिन लड़का जंगलों में घूमता और चिड़ियों के घोंसले से अंडे चुराता। एक बार उसने भैंस को मारा, जिससे उसकी माँ ने भी उसे खूब पीटा। इससे दुखी होकर वह घर से कुछ पैसे चुराकर भाग गया।

प्रश्न 5: बहादुर अपने घर से क्यों भाग गया था?

उत्तर: बहादुर कभी-कभी पशुओं को चराने ले जाता था। एक बार उसने अपनी माँ की प्यारी भैंस को बहुत मारा। भैंस को पिटा हुआ देख उसकी माँ ने उसे बुरी तरह से पीटा। इस अत्यधिक पिटाई के कारण बहादुर का मन माँ से हट गया और वह रातभर जंगल में छिपा रहा। सुबह होते ही उसने घर से कुछ पैसे चुपके से लिए और भाग गया।

प्रश्न 6: बहादुर के नाम से “दिल” शब्द क्यों उड़ा दिया गया? विचार करें।

उत्तर: पहली बार जब बहादुर ने अपना नाम बताया, तो उसने ‘दिलबहादुर’ कहा। यहाँ ‘दिल’ शब्द उसकी भावनाओं को दर्शाता था। लेकिन जब उसे उपदेश दिया गया कि उसे काम के दौरान भावुकता से दूर रहना है और सिर्फ दिमाग से काम करना है, तो उसकी मालकिन ने उसके नाम से ‘दिल’ शब्द हटा दिया। इससे यह संदेश दिया गया कि उसे अपने कार्य में भावनाओं को जगह नहीं देनी चाहिए और केवल काम पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

प्रश्न 7. व्याख्या करें

(क) उसकी हँसी बड़ी कोमल और मीठी थी, जैसे फूल की पंखुड़ियाँ बिखर गई हों।

व्याख्या:
प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक के ‘बहादुर’ शीर्षक कहानी से ली गई हैं। इन पंक्तियों का संदर्भ बहादुर की मासूमियत और उसकी सहजता से है। जब लेखक शाम को दफ्तर से घर लौटते थे, तो बहादुर उन्हें देखकर सहज भाव से मुस्कुराता था। उसकी हँसी में एक अद्भुत कोमलता और मिठास थी, जो लेखक के मन को बहुत भाती थी। लेखक को लगता था कि उसकी हँसी में एक अद्भुत मासूमियत और सादगी है, जैसे फूल की पंखुड़ियाँ बिखर गई हों। इन पंक्तियों में लेखक ने बहादुर की निश्छलता, निर्मलता और उसकी मासूमियत का सुंदर चित्रण किया है।

(ख) पर अब बहादुर से भूल-गलतियों अधिक होने लगी थीं।

व्याख्या:
प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक के ‘बहादुर’ कहानी से ली गई हैं। इन पंक्तियों का संदर्भ बहादुर की बदलती मानसिक स्थिति से है। बहादुर को लेखक के पुत्र किशोर और बाद में लेखक की पत्नी से भी मार और डांट मिलने लगी थी। इस कारण वह हमेशा डरा और सहमा हुआ रहता था। डर और तनाव के कारण उससे अधिक भूल-गलतियाँ होने लगी थीं। लेखक को महसूस हुआ कि घर के सदस्यों के दुर्व्यवहार और कठोरता के कारण बहादुर की मानसिक स्थिति बिगड़ रही है। लेखक यह भी महसूस करते थे कि नौकर-चाकर भी इंसान होते हैं और उनके साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए, परंतु वह इस विचार को अपने घर में लागू नहीं कर पाते थे।

(ग) अगर वह कुछ चुराकर ले गया होता तो संतोष होता।

व्याख्या:
प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक के ‘बहादुर’ कहानी से ली गई हैं। इन पंक्तियों का संदर्भ बहादुर के घर छोड़कर भाग जाने से है। बहादुर घर में चोरी और मारपीट से तंग आकर एक दिन अचानक गायब हो गया। उसे खोजने के बाद भी जब वह नहीं मिला, तो लेखक का बेटा किशोर बहुत दुखी हुआ। उसने अपनी माँ से कहा कि अगर बहादुर कुछ चुराकर ले गया होता, तो कम से कम यह संतोष होता कि उसने बदला लिया। परंतु बहादुर ने तो कोई चीज भी नहीं चुराई और घर छोड़कर चला गया। इन पंक्तियों में बहादुर की ईमानदारी और सेवा भाव को दर्शाया गया है। साथ ही यह संदेश दिया गया है कि इंसान को सदैव सद्व्यवहार करना चाहिए, अन्यथा दुर्व्यवहार का परिणाम दुखद होता है।

(घ) यदि मैं न मारता, तो शायद वह न जाता।

व्याख्या:
प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक के ‘बहादुर’ कहानी से ली गई हैं। इन पंक्तियों का संबंध बहादुर के भाग जाने से है। बहादुर के जाने के बाद लेखक को अपने किए गए दुर्व्यवहार पर पछतावा होता है। उसे महसूस होता है कि अगर वह बहादुर को नहीं मारता-पीटता, तो शायद वह घर छोड़कर नहीं भागता। जब उसकी पत्नी निर्मला बहादुर के लिए रोने लगती है, तो लेखक यह सोचकर दुखी होता है कि उसकी कठोरता और गलतफहमी के कारण बहादुर ने घर छोड़ दिया। इन पंक्तियों से यह शिक्षा मिलती है कि इंसान को हमेशा दूसरे के साथ सहानुभूति और सद्व्यवहार से पेश आना चाहिए। संदेह और दुर्व्यवहार के परिणाम हमेशा दुखद और कष्टदायक होते हैं।

प्रश्न 9. बहादुर के आने से लेखक के घर और परिवार के सदस्यों पर कैसा प्रभाव पड़ा?

उत्तर: बहादुर के आने से लेखक के घर का माहौल काफी बदल गया। घर की सफाई और व्यवस्था में सुधार हुआ और सभी कपड़े हमेशा साफ और चमकते रहते थे। बहादुर की वजह से निर्मला की तबीयत भी सुधर गई क्योंकि उसे घर के कामों से राहत मिल गई थी। घर के अन्य सदस्य भी आराम से रहते थे और सभी काम बहादुर के जरिए करवाने लगे। बहादुर की मेहनत और कर्मठता के कारण सभी सदस्य उसे पुकारते और वह बिना किसी शिकवा के हर काम पूरा करता था। रात में सभी सदस्य आराम से सोते थे और सुबह देर से उठते थे, क्योंकि उन्हें अब कोई चिंता नहीं होती थी। बहादुर ने पूरे परिवार को एक नई आरामदायक दिनचर्या दी थी।

प्रश्न 10. किन कारणों से बहादुर ने एक दिन लेखक का घर छोड़ दिया?

उत्तर: शुरुआत में बहादुर को लेखक के घर में अच्छी तरह रखा गया और सभी उससे संतुष्ट थे। लेकिन समय के साथ लेखक के पुत्र किशोर ने बहादुर पर अधिक दबाव डालना शुरू कर दिया और छोटी-छोटी बातों पर उसे मारने लगा। लेखक की पत्नी भी धीरे-धीरे बहादुर को डांटने और मारने लगी। एक दिन एक रिश्तेदार ने बहादुर पर चोरी का झूठा आरोप लगाया, जिससे लेखक ने बहादुर की पिटाई कर दी। बार-बार की पिटाई और मानसिक प्रताड़ना से तंग आकर बहादुर ने एक दिन घर छोड़ दिया। उसके भागने का मुख्य कारण उसके साथ हुआ अमानवीय व्यवहार और झूठे आरोप थे।

प्रश्न 11. बहादुर पर चोरी का आरोप क्यों लगाया जाता है और उस पर इस आरोप का क्या असर पड़ता है?

उत्तर: बहादुर पर चोरी का आरोप इसलिए लगाया गया क्योंकि लोग आमतौर पर नौकरों को हेय दृष्टि से देखते हैं और उन पर आरोप लगाना आसान समझते हैं। रिश्तेदार ने अपनी झूठी प्रतिष्ठा बनाए रखने के लिए बहादुर पर चोरी का आरोप मढ़ दिया। इस आरोप से बहादुर बहुत दुखी हुआ और उसकी अंतरात्मा पर गहरी चोट लगी। इस घटना के बाद से बहादुर उदास रहने लगा और उसका मन काम में नहीं लगता था। उसे बार-बार फटकारा जाने लगा और उसका आत्मविश्वास भी कम हो गया। इस आरोप ने बहादुर की मानसिक स्थिति को बहुत प्रभावित किया और अंततः वह घर छोड़कर चला गया।

प्रश्न 12. घर आये रिश्तेदारों ने कैसा प्रपंच रचा और उसका क्या परिणाम निकला?

उत्तर: लेखक के घर आए रिश्तेदारों ने अपनी झूठी प्रतिष्ठा को बनाए रखने के लिए रुपये चोरी का प्रपंच रचा। उनका कहना था कि उन्होंने बच्चों के लिए मिठाई मंगाने के लिए रुपये निकाले थे, जो बाद में गायब हो गए। उन्होंने बहादुर पर इस चोरी का आरोप मढ़ दिया। इस आरोप के बाद बहादुर को मार पड़ी और उसे बार-बार फटकारा जाने लगा। इस प्रपंच के कारण बहादुर का मनोबल टूट गया और वह उदास और अन्यमनस्क रहने लगा। अंततः, इस झूठे आरोप और दुर्व्यवहार के चलते बहादुर घर छोड़कर भाग गया, जिससे घर की व्यवस्था बिगड़ गई और सभी को उसके चले जाने का पछतावा हुआ।

प्रश्न 13. बहादुर के चले जाने पर सबको पछतावा क्यों होता है?

उत्तर: बहादुर घर के सभी कामों को कुशलतापूर्वक करता था और सभी सदस्य उस पर निर्भर थे। उसकी वजह से सभी को आराम मिलता था और किसी को भी कोई काम खुद नहीं करना पड़ता था। बहादुर का काम में दक्षता और उसकी सेवाभावना के कारण वह सभी के दिलों में बस गया था। जब बहादुर घर छोड़कर चला गया, तो सभी को उसकी कमी महसूस हुई। उसकी ईमानदारी, मेहनत और सेवाभावना को याद करके सभी को पछतावा हुआ कि उन्होंने उसके साथ गलत व्यवहार किया। बहादुर के चले जाने से घर में उथल-पुथल मच गई और सभी को उसके जाने का दुख हुआ।

प्रश्न 14. बहादुर, किशोर, निर्मला और कथावाचक का चरित्र-चित्रण करें।

उत्तर:

  • बहादुर: बहादुर एक नेपाली बालक था जो लेखक के घर में नौकर के रूप में काम करता था। उसके पिता युद्ध में मारे गए थे और उसकी माँ ने उसे पाला था। बहादुर ईमानदार, मेहनती और कर्मठ था, लेकिन घर में उसके साथ दुर्व्यवहार किया जाता था। उसे मार-पीट और झूठे आरोपों का सामना करना पड़ा, जिसके कारण अंततः वह घर छोड़कर भाग गया।
  • किशोर: किशोर लेखक का बेटा था जो अपना सारा काम बहादुर से करवाता था। वह धीरे-धीरे बहादुर पर हाथ भी छोड़ने लगा और उसे मारने लगा। किशोर का व्यवहार बहादुर के घर छोड़ने के मुख्य कारणों में से एक था।
  • निर्मला: निर्मला लेखक की पत्नी थी जिसे नौकर रखने का बहुत शौक था। शुरू में उसने बहादुर को बहुत प्यार दिया, लेकिन बाद में उसका व्यवहार बदल गया और उसने भी बहादुर को मारना-डांटना शुरू कर दिया। बहादुर के जाने के बाद उसे अपने किए पर पछतावा हुआ।
  • कथावाचक: कथावाचक लेखक का साला था जो बहादुर के बारे में पूरी कहानी सुनाता है। वह ही बहादुर को लेकर आया था और अपनी बहन की नौकर रखने की इच्छा को पूरा किया था।

प्रश्न 15. निर्मला को बहादुर के चले जाने पर किस बात का अफसोस हुआ?

उत्तर: निर्मला एक भावुक महिला थी और बहादुर के रहने से उसे बहुत आराम मिला था। लेकिन लेखक के रिश्तेदार के झूठे रुपये चोरी के प्रपंच के कारण बहादुर पर गुस्सा आया और उसने बहादुर को पीट दिया। बाद में कई बार उसने बहादुर को फटकारा। जब उसे एहसास हुआ कि बहादुर निर्दोष था और उसने रुपये की चोरी नहीं की थी, तो उसे बहुत पछतावा हुआ। निर्मला को अफसोस था कि उसने बिना कारण बहादुर को मार दिया और उसका दुर्व्यवहार बहादुर के भागने का कारण बना। उसकी ईमानदारी और मेहनत को याद करके निर्मला को अपने व्यवहार पर पछतावा हुआ।

प्रश्न 16. कहानी ‘छोटा मुंह बड़ी बात’ कहती है। इस दृष्टि से ‘बहादुर’ कहानी पर विचार करें।

उत्तर: कहानी ‘बहादुर’ में एक छोटी घटना, बहादुर का घर छोड़कर भाग जाना, बहुत बड़ी बात कह जाती है। बहादुर के जाने के बाद सभी को अपने गलत व्यवहार पर पछतावा होता है। घर के सदस्य, जिन्होंने बहादुर को मारा-पीटा और झूठे आरोप लगाए, अपने आप को नीचा महसूस करने लगे। किशोर, जिसने बहादुर पर हाथ उठाया, अब उसे माफी मांगने के लिए तैयार था। इस कहानी से यह सीख मिलती है कि हमें अपने आस-पास के लोगों के साथ सदैव अच्छा व्यवहार करना चाहिए। छोटी-छोटी बातें भी जीवन में बड़ा असर डाल सकती हैं और दूसरों के जीवन पर गहरा प्रभाव छोड़ सकती हैं।

प्रश्न 17. कहानी के शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए। लेखक ने इसका शीर्षक ‘नौकर’ क्यों नहीं रखा?

उत्तर: कहानी का शीर्षक ‘बहादुर’ इसलिए सार्थक है क्योंकि इसमें बहादुर नामक बालक का चित्रण किया गया है, जो लेखक के घर में नौकर का काम करता है। इस कहानी में बहादुर की स्वाभाविक मासूमियत, उसकी मेहनत और उसकी सहनशीलता का वर्णन किया गया है। बहादुर केवल एक नौकर नहीं था, बल्कि एक ईमानदार और कर्मठ बालक था, जो अपनी मर्यादा और स्वाभिमान को बनाए रखते हुए काम करता था। कहानी में बहादुर के बाल-सुलभ मनोभाव, उसकी ईमानदारी और उसकी सेवा भावना को दर्शाया गया है। इसलिए लेखक ने इसका शीर्षक ‘नौकर’ नहीं रखा, क्योंकि यह केवल उसकी नौकरी की भूमिका को नहीं, बल्कि उसके व्यक्तित्व और उसके अन्य गुणों को भी दर्शाता है।

प्रश्न 18. कहानी का सारांश प्रस्तुत करें।

उत्तर:कहानी ‘बहादुर’ में एक नेपाली बालक की कहानी है, जो लेखक के घर में नौकर के रूप में काम करता है। उसके पिता युद्ध में मारे गए थे और उसकी माँ ने उसे पाला था। बहादुर ईमानदार, मेहनती और कर्मठ था, लेकिन घर में उसके साथ दुर्व्यवहार किया जाता था। लेखक के पुत्र किशोर और पत्नी निर्मला ने बहादुर को बार-बार मारा-पीटा और फटकारा।

Bihar Board Class 10 Hindi Chapter 6 भाषा की बात

प्रश्न 1. निम्नलिखित मुहावरों का वाक्य में प्रयोग करते हुए अर्थ स्पष्ट करें l

उत्तर-

  • मारते-मारते मुँह रंग देना- (बहुत मार मारना) निर्मला नौकर को मारते-मारते मुँह रंग दिया।
  • हुलिया टाइट करना- (बुरा हाल करना) किशोर नौकर को इतना मारता कि हुलिया टाइट हो जाता।
  • हाथ खुलना- (मारने की आदत होना) आजकल निर्मला का हाथ भी नौकर पर खुलने लगा है।
  • मजे में होना- (खशी में होना) दिन मजे में बीतने लगे।
  • बातों की जलेबी छनना– (लंबी-चौडी बातें होना) मोहन अपने दोस्तों के बीच बातों की जलेबी छानता है।
  • कहीं का न रहना- (बरे फंसना) बहादुर के भाग जाने पर निर्मला कहीं का न रही।
  • नौ दो ग्यारह होना- (भाग जाना) मौका मिलते ही नौकर नौ दो ग्यारह हो गया।
  • खाली हाथ जाना- (साथ में कुछ नहीं ले जाना) सोहन घर जाते वक्त खाली हाथ चला गया।
  • बुरे फंसना-(संकट में फंसना) यात्रा के बीच में बस खराब होने जाने से मैं बुरा फंस गया।
  • पेट में लबी दाढ़ी-(धूर्तता करना) मोहन के बातों पर मत जाओ उसके पेट में लंबी दाढ़ी है।
  • चहल-पहल मचना- (खशी होना) मामा जी के आते ही घर में चहल-पहल मच गया।

प्रश्न 2. निम्नलिखित शब्दों का वाक्य में प्रयोग करते हुए लिंग-निर्देश करें l

उत्तर-

  • रूमाल – रूमाल छोटा है।
  • ओहदा – ओहदा बड़ा है।
  • भरण – पोषण वह अपने बेटा का भरण-पोषण ठीक से नहीं करता है।
  • इज्जत – मेरे घर में नौकर को भी इज्जत से रखा जाता है।
  • झनझनाहट – उसके स्वर में एक मीठी झनझनाहट थी।
  • फरमाइश – बहादुर सबका फरमाइश पूरा करता था।
  • छेडखानी – छेड़खानी करना अच्छा नहीं है।
  • पुलई – वह पेड़ की पुलई पर नजर आता है।
  • फिक्र – फिक्र मत करो। चादर चादर परानी है।

प्रश्न 3. निम्नलिखित वाक्यों की बनावटें बदलें-

(क) सहसा मैं काफी गंभीर हो गया था, जैसा की उस व्यक्ति को हो जाना चाहिए, : जिस पर एक भारी दायित्व आ गया हो।

उत्तर- सहसा भारी दायित्व आने के कारण मैं उस व्यक्ति की तरह गंभीर हो गया था।

(ख) माँ उसकी बड़ी गुस्सैल थी और उसको बहुत मारती थी।

उत्तर- माँ उसकी बड़ी गुस्सैल थी इसलिए उसको बहुत मारती थी।

(ग) मार खाकर भैंसं मागी-मागी उसकी मां के पास चली गई, जो कुछ दूरी पर एक खेत में काम कर रही थी।

उत्तर- मार खाकर मैंस भागी-भागी उसकी माँ के पास चली गई। वह कुछ दूरी पर एक खेत में काम कर रही थी।

(घ) मैं उससे बातचीत करना चाहता था, पर ऐसी इच्छा रहते हुए भी मैं जानबूझकर गंभीर हो जाता था और दूसरी ओर देखने लगता था।

उत्तर- मैं उससे बातचीत करना चाहता लेकिन ऐसी इच्छा रहते हुए भी जानबूझकर गंभीर होकर दूसरी ओर देखने लगता था।

(ङ) मिला कमी-कभी उससे पूछती की बहादुर, तुमको अपनी मं की याद आती है।

उत्तर- निर्मला कभी-कभी उससे पूछती थी कि बहादुर तुमको अपनी माँ की याद आती है।

प्रश्न 4. अर्थ की दृष्टि से निम्नलिखित वाक्यों के प्रकार बताएँ l

(क) वह मारता क्यों था।
(ख) वह कुछ देर तक उससे खेलता था।
(ग) दिन मजे में बीतने लगे।
(घ) इसी तरह की फरमाइशें।
(ङ) देख-बे मेरा काम सबसे पहले होना चाहिए।
(च) रास्ते में कोई ढंग की दुकान नहीं मिली थी, नहीं तो उधर से ही लाती।

उत्तर-
(क) प्रश्नवाचक वाक्य।
(ख) विधानवाचक वाक्य।
(ग) विधानवाचक वाक्य।
(घ) विधानवाचक वाक्य।
(ङ) आज्ञार्थक वाक्य।
(च) संकेतवाचक वाक्य।

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