Bihar Board class 10 Hindi chapter 3 solutions are available here. This is our free expert guide that provides you with complete question answers of chapter 3 – “भारत से हम क्या सीखें”.
बिहार बोर्ड कक्षा 10 हिंदी पाठ्यपुस्तक का तीसरा अध्याय “भारत से हम क्या सीखें” महान विद्वान और भारत प्रेमी फ्रेडरिक मैक्समूलर द्वारा लिखित एक प्रेरणादायक लेख है। इस पाठ में लेखक ने भारत की समृद्ध संस्कृति, ज्ञान-विज्ञान, और विविधता पर प्रकाश डाला है। मैक्समूलर ने भारतीय सिविल सेवा के लिए चयनित युवा अंग्रेज अधिकारियों को दिए गए अपने भाषण में भारत की विशिष्टताओं और यहाँ से सीखने योग्य बातों पर जोर दिया है। यहाँ हमने आपको भारत से हम क्या सीखें Question Answer भी उपलब्ध करवाएं हैं।
Bihar Board Class 10 Hindi Chapter 3 Solutions
Subject | Hindi |
Class | 10th |
Chapter | 3. भारत से हम क्या सीखें |
Author | फ्रेडरिक मैक्समूलर |
Board | Bihar Board |
Bihar Board Class 10 Hindi Chapter 3 Question Answer
प्रश्न 1. समस्त भूमंडल में सर्वविद सम्पदा और प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण देश भारत है। लेखक ने ऐसा क्यों कहा है ?
उत्तर- लेखक ने भारत को सर्वविद सम्पदा और प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण इसलिए कहा है क्योंकि यहाँ प्राचीन काल से ही ज्ञान, दर्शन, और संस्कृति का समृद्ध भंडार रहा है। भारत की भौगोलिक विविधता, जैव विविधता, और प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता इसे अद्वितीय बनाती है। यहाँ की आध्यात्मिक परंपराएँ और वैज्ञानिक उपलब्धियाँ विश्व को प्रेरणा देती रही हैं। इन सभी कारणों से भारत को एक अनूठा और समृद्ध देश माना जाता है।
प्रश्न 2. लेखक की दृष्टि में सच्चे भारत के दर्शन कहाँ हो सकते हैं और क्यों ?
उत्तर- लेखक के अनुसार, सच्चे भारत के दर्शन गाँवों में हो सकते हैं। गाँव भारतीय संस्कृति और परंपराओं के मूल स्रोत हैं, जहाँ प्राचीन जीवन पद्धति अभी भी जीवंत है। यहाँ ग्राम पंचायत व्यवस्था, कृषि परंपराएँ, और सामुदायिक जीवन का प्रत्यक्ष अनुभव मिलता है। गाँवों में ही भारत की आत्मा का वास है, जो शहरों में धीरे-धीरे लुप्त होती जा रही है।
प्रश्न 3. भारत को पहचान सकने वाली दृष्टि की आवश्यकता किनके लिए वांछनीय है और क्यों?
उत्तर- भारत को पहचानने वाली दृष्टि भारतीय सिविल सेवा के लिए चयनित युवा अंग्रेज अधिकारियों के लिए वांछनीय है। यह इसलिए आवश्यक है ताकि वे भारत की समृद्ध संस्कृति, ज्ञान परंपरा, और सामाजिक व्यवस्थाओं को समझ सकें। इस समझ से वे भारत और इंग्लैंड के बीच ज्ञान और संस्कृति के आदान-प्रदान में योगदान दे सकते हैं, जैसा कि सर विलियम जोन्स ने किया था।
प्रश्न 4. लेखक ने किन विशेष क्षेत्रों में अभिरूचि रखने वाले के लिए भारत का प्रत्यक्ष ज्ञान आवश्यक बताया है ?
उत्तर- लेखक ने विभिन्न क्षेत्रों में रुचि रखने वालों के लिए भारत का प्रत्यक्ष ज्ञान आवश्यक बताया है। इनमें लोकप्रिय शिक्षा, उच्च शिक्षा, संसदीय प्रणाली, कानून निर्माण, प्रवास संबंधी नीतियाँ शामिल हैं। लेखक का मानना है कि भारत इन सभी क्षेत्रों में एक अद्वितीय प्रयोगशाला के रूप में कार्य करता है, जहाँ विविध अनुभव और ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है।
प्रश्न 5. लेखक ने वारेन हेस्टिंग्स से संबंधित किस दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना का हवाला दिया है और क्यों ?
उत्तर- लेखक ने वारेन हेस्टिंग्स से संबंधित एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना का उल्लेख किया है। हेस्टिंग्स को वाराणसी के पास प्राचीन सोने के सिक्कों से भरा एक घड़ा मिला था। उन्होंने इसे ईस्ट इंडिया कंपनी के निदेशक मंडल को भेज दिया, लेकिन निदेशकों ने इसके ऐतिहासिक महत्व को नहीं समझा और सिक्कों को गला दिया। यह घटना इतिहास और संस्कृति के प्रति अज्ञानता का उदाहरण है, जो भारतीय धरोहर के संरक्षण की आवश्यकता को दर्शाती है।
प्रश्न 6. लेखक ने नीतिकथाओं के क्षेत्र में किस तरह भारतीय अवदान को रेखांकित किया है?
उत्तर- लेखक ने भारतीय नीतिकथाओं के अवदान को विश्व स्तर पर रेखांकित किया है। उन्होंने बताया कि भारतीय नीतिकथाएँ पूर्व से पश्चिम तक फैली हुई हैं और इनका प्रभाव विश्व साहित्य पर स्पष्ट दिखाई देता है। बौद्ध धर्म को इन कथाओं का प्रमुख स्रोत माना जाता है, लेकिन कई कथाओं का मूल अभी भी शोध का विषय है। लेखक ने ‘शेर की खाल में गधा’ जैसी कहावतों का उदाहरण देकर दिखाया है कि कैसे भारतीय और पश्चिमी नीतिकथाओं में समानताएँ हैं। यह भारतीय नीतिकथाओं के व्यापक प्रभाव और महत्व को दर्शाता है।
प्रश्न 7. भारत के साथ यूरोप के व्यापारिक संबंध के प्राचीन प्रमाण लेखक ने क्या दिखाए हैं?
उत्तर- लेखक ने भारत और यूरोप के बीच प्राचीन व्यापारिक संबंधों के कई प्रमाण दिए हैं। उन्होंने बताया कि सोलोमन के समय से ही भारत, सीरिया और फिलीस्तीन के बीच व्यापारिक मार्ग स्थापित थे। बाइबिल में उल्लिखित कई वस्तुएँ जैसे हाथी दाँत, बंदर, मोर और चंदन भारत से ही निर्यात की जाती थीं। इसके अलावा, संस्कृत शब्दों का प्रयोग इन देशों के व्यापारिक अध्ययनों में मिलता है। लेखक ने यह भी बताया कि 10वीं-11वीं शताब्दी तक भी भारत और यूरोप के बीच व्यापारिक संबंध बने हुए थे। ये सभी प्रमाण भारत और यूरोप के बीच दीर्घकालीन और गहरे व्यापारिक संबंधों को दर्शाते हैं।
प्रश्न 8. भारत के ग्राम पंचायतों को किस अर्थ में और किनके लिए लेखक ने महत्त्वपूर्ण बतलाया है ? स्पष्ट करें।
उत्तर- लेखक ने भारत के ग्राम पंचायतों को भारतीय सिविल सेवा के लिए चयनित युवा अंग्रेज अधिकारियों के लिए महत्वपूर्ण बताया है। उनका मानना है कि ये पंचायतें प्राचीन राजनीतिक व्यवस्था और कानून के सरल रूपों का जीवंत उदाहरण हैं। ग्राम पंचायतों का अध्ययन इन अधिकारियों को भारत की ग्रामीण शासन प्रणाली और सामाजिक संरचना को समझने में मदद करेगा। यह ज्ञान उन्हें भारत में प्रशासन के दौरान बेहतर निर्णय लेने में सहायक होगा। साथ ही, यह उन्हें प्राचीन और आधुनिक शासन प्रणालियों के बीच संबंध समझने में भी मदद करेगा।
प्रश्न 9. धर्मों की दृष्टि से भारत का क्या महत्त्व है?
उत्तर- धार्मिक दृष्टि से भारत का महत्व अद्वितीय है। यह विभिन्न धर्मों का उद्गम स्थल और विकास केंद्र रहा है। भारत वैदिक धर्म की जन्मभूमि है और बौद्ध धर्म का प्रसव स्थल भी। यहाँ पारसियों के जरथुस्ट्र धर्म को शरण मिली और वह फला-फूला। भारत में धर्मों का प्राकृतिक विकास और परिवर्तन देखा जा सकता है। यहाँ नए धार्मिक विचारों और दर्शनों का लगातार उद्भव होता रहता है। इस प्रकार, भारत धार्मिक विविधता और सहिष्णुता का एक जीवंत उदाहरण है, जो विश्व को धार्मिक समझ और सद्भाव का संदेश देता है।
प्रश्न 10. भारत किस तरह अतीत और सुदूर भविष्य को जोड़ता है ? स्पष्ट करें।
उत्तर- भारत अतीत और सुदूर भविष्य को एक अनूठे तरीके से जोड़ता है। यहाँ प्राचीन परंपराएँ और आधुनिक विचार साथ-साथ मौजूद हैं। भारत में आप प्राचीन ज्ञान और आधुनिक तकनीक का समन्वय देख सकते हैं। यह देश विभिन्न क्षेत्रों जैसे शिक्षा, राजनीति, कानून और सामाजिक व्यवस्था में प्राचीन और आधुनिक दृष्टिकोणों का मिश्रण प्रस्तुत करता है। भारत एक ऐसी प्रयोगशाला के रूप में कार्य करता है जहाँ पुरातन ज्ञान और नवीन विचारों का संगम होता है। यह विशेषता भारत को एक ऐसा अद्वितीय स्थान बनाती है जहाँ अतीत के अनुभवों से सीखकर भविष्य की चुनौतियों का सामना किया जा सकता है।
प्रश्न 11: मैक्समूलर ने संस्कृत की कौन-सी विशेषताएँ और महत्त्व बतलाये हैं?
उत्तर: मैक्समूलर ने संस्कृत की प्राचीनता को इसकी सबसे महत्वपूर्ण विशेषता माना है, जो ग्रीक भाषा से भी पुरानी है। संस्कृत भाषा के अध्ययन से लोगों को भाषाओं के पारस्परिक संबंधों का ज्ञान हुआ और भाषा विज्ञान के क्षेत्र में नई दिशा मिली। संस्कृत ने अन्य भाषाओं को प्रभावित किया और इन भाषाओं की नींव रखी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि संस्कृत सभी भाषाओं की अग्रणी भाषा रही है।
प्रश्न 12: लेखक वास्तविक इतिहास किसे मानता है और क्यों?
उत्तर: लेखक के अनुसार, वास्तविक इतिहास वह है जो किसी देश की भाषा और संस्कृति के प्राचीनतम स्वरूप को समझने में सहायक हो। भाषा के माध्यम से हम प्राचीन सभ्यता और सांस्कृतिक अवस्थाओं को जान सकते हैं। संस्कृत, ग्रीक और लैटिन भाषाओं के अध्ययन से हमें पता चलता है कि यह भाषाएँ एक सामान्य स्रोत से उत्पन्न हुई हैं। इसलिए, लेखक भाषा और संस्कृति के इतिहास को ही वास्तविक इतिहास मानता है।
प्रश्न 13: संस्कृत और दूसरी भारतीय भाषाओं के अध्ययन से पश्चात्य जगत को प्रमुख लाभ क्या-क्या हुए?
उत्तर: संस्कृत और अन्य भारतीय भाषाओं के अध्ययन से पश्चात्य जगत के विचार व्यापक और उदार बने हैं। उन्होंने विभिन्न संस्कृतियों और समाजों को अपने परिवार का हिस्सा मानते हुए अपनाना सीखा है। इसके साथ ही, इन भाषाओं के अध्ययन से मानव जाति के इतिहास को एक नई दृष्टि से समझने का अवसर मिला है, जो पहले संभव नहीं था।
प्रश्न 14: लेखक ने भारत के लिए नवागंतुक अधिकारियों को किसकी तरह सपने देखने के लिए प्रेरित किया है और क्यों?
उत्तर: लेखक ने नवागंतुक अधिकारियों को सर विलियम जेम्स की तरह सपने देखने के लिए प्रेरित किया है। सर विलियम जेम्स ने भारत की यात्रा के दौरान यहां की विविधता, विज्ञान, कला, संस्कृति और परंपराओं की महत्ता को समझा था। उन्होंने भारत को मानव प्रतिभा और धार्मिक विकास का केंद्र माना था। लेखक चाहता है कि अधिकारी भी इसी तरह भारत की संभावनाओं को पहचानें और इसकी समृद्ध विरासत से प्रेरणा लें।
प्रश्न 15: लेखक ने नया सिकंदर किसे कहा है? ऐसा कहना क्या उचित है? लेखक का अभिप्राय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: लेखक ने भारत को जानने और समझने के लिए आने वाले नवागंतुक, अन्वेषकों, पर्यटकों और अधिकारियों को नया सिकंदर कहा है। सिकंदर ने जिस तरह भारत विजय का सपना देखा था, उसी तरह आज भी भारतीयता को समझने और अध्ययन करने का सपना देखने वाले को नया सिकंदर कहा जा सकता है। लेखक का मानना है कि भारतीय संस्कृति, ज्ञान और इतिहास के अध्ययन से विश्व के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा सकता है। भारत में असीम संभावनाओं को पहचानना और उनका लाभ उठाना ही नए सिकंदर का उद्देश्य होना चाहिए।
भाषा की बात
प्रश्न 1. निम्नांकित वाक्यों से विशेष्य और विशेषण पद चुनें –
(क) उत्कृष्टतम उपलब्धियों का सर्वप्रथम साक्षात्कार।
उत्तर-
उपलब्धियों, साक्षात्कार
विशेषण: – उत्कृष्टतम सर्वप्रथमा
(ख) प्लेटो और काण्ट जैसे दार्शनिकों का अध्ययन करनेवाले हम यूरोपियन लोग।
उत्तर-
विशेष्य – लोग
विशेषण – यूरोपियन, हम।
(ग) अगला जन्म तथा शाश्वत जीवन
उत्तर-
विशेष्य – जन्म, जीवन
विशेषण – अगला, शाश्वत।
(घ) दो-तीन हजार वर्ष पुराना ही क्यों, आज का भारत भी।
उत्तर-
विशेष्य- भारत
विशेषण- पुराना, आज, दो-तीन हजार वर्ष।
(ङ)भूले-बिसरे बचपन की मधुर स्मृतियाँ।
उत्तर-
विशेष्य- स्मृतियाँ, बचपन
विशेषण- मधुर, भूले-बिसरे।
(च) लाखों-करोड़ों अजनबियों तथा बर्बर समझे जानेवाले लोगों को भी।
उत्तर-
विशेष्य – लोगों
विशेषण – वर्बर, लाखों-करोड़ो।
प्रश्न 2. ‘अग्रजा’ की तरह ‘जा’ प्रत्यय जोड़कर तीन-तीन शब्द बनाएँ l
उत्तर-
अनुजा, भानुजा, भ्रातृजा।
प्रश्न 3. निम्नलिखित उपसर्गों से तीन-तीन शब्द बनाएँ l
उत्तर-
- प्र = प्रणाम, प्रसंग, प्रवाह निः .
- नि = नि:धन, निःश्वास, नि:शेष
- अनु = अनुभव, अनुगमन, अनुमान]
- अभि = अभिज्ञान, अभिमान, अभिनंदन
- विज = विज्ञान, विश्वास, विनाश
प्रश्न 4. वास्तविक में ‘इक’ प्रत्यय है। ‘इक’ प्रत्यय से पाँच शब्द बनाएँ।
उत्तर-
नैतिक, मौलिक, पुरातात्विक, ऐतिहासिक, साहसिक।