Bihar Board class 10 Hindi chapter 5 solutions are available here. This is our free expert guide that provides you with complete question answers of chapter 5 – “नागरी लिपि”.
बिहार बोर्ड कक्षा 10 हिंदी पाठ्यपुस्तक का पाँचवाँ अध्याय “नागरी लिपि” एक महत्वपूर्ण और ज्ञानवर्धक पाठ है। यह अध्याय नागरी या देवनागरी लिपि के इतिहास, विकास और महत्व पर प्रकाश डालता है। लेखक ने इस लिपि की व्यापकता, इसके विभिन्न रूपों और भारत के विभिन्न हिस्सों में इसके प्रयोग का विस्तृत वर्णन किया है। पाठ में नागरी लिपि के उद्भव, इसके नामकरण के पीछे की कहानी, और इसके विभिन्न ऐतिहासिक प्रमाणों का उल्लेख किया गया है। यहाँ हमने आपको नागरी लिपि Question Answer भी उपलब्ध करवाएं हैं।

Bihar Board Class 10 Hindi Chapter 5 Solutions
Subject | Hindi |
Class | 10th |
Chapter | 5. नागरी लिपि |
Author | गुणाकर मूले |
Board | Bihar Board |
Bihar Board Class 10 Hindi Chapter 5 Question Answer
प्रश्न 1: देवनागरी लिपि के अक्षरों में स्थिरता कैसे आयी है?
उत्तर: करीब दो सदी पहले देवनागरी लिपि के टाइप बने और इसमें पुस्तकें छपने लगीं। इस कारण इसके अक्षरों में एकरूपता और स्थिरता आ गई है।
प्रश्न 2: देवनागरी लिपि में कौन-कौन सी भाषाएँ लिखी जाती हैं?
उत्तर: देवनागरी लिपि में नेपाली, नेवारी, मराठी, संस्कृत, और हिन्दी लिखी जाती हैं।
प्रश्न 3: लेखक ने किन भारतीय लिपियों से देवनागरी का संबंध बताया है?
उत्तर: लेखक ने देवनागरी का संबंध गुजराती और बंगला लिपि से बताया है।
प्रश्न 4: नंदी नागरी किसे कहते हैं? किस प्रसंग में लेखक ने उसका उल्लेख किया है?
उत्तर: वाकाटकों और राष्ट्रकूटों के समय की महाराष्ट्र की नंदी नगर की लिपि को नंदी नागरी कहते हैं। लेखक ने इसका उल्लेख दक्षिण भारत में पोथियाँ लिखने के संदर्भ में किया है।
प्रश्न 5: नागरी लिपि में आरंभिक लेख कहाँ प्राप्त हुए हैं? उनके विवरण दें।
उत्तर: नागरी लिपि के आरंभिक लेख दक्षिण भारत से मिले हैं। राजराजा और राजेन्द्र चोल के सिक्कों पर नागरी अक्षर देखे गए हैं। दक्षिण भारत में नागरी लेख आठवीं सदी से और उत्तर भारत में नौवीं सदी से मिलने लगते हैं।
प्रश्न 6: ब्राह्मी और सिद्धम लिपि की तुलना में नागरी लिपि की मुख्य पहचान क्या है?
उत्तर: ब्राह्मी और सिद्धम लिपि के अक्षरों के सिरों पर छोटी आड़ी लकीरें या तिकोने होते हैं। नागरी लिपि की पहचान यह है कि इसके अक्षरों के सिरों पर पूरी लकीरें होती हैं, जो अक्षरों की चौड़ाई के बराबर होती हैं।
प्रश्न 7: उत्तर भारत के किन शासकों के प्राचीन नागरी लेख प्राप्त होते हैं?
उत्तर: उत्तर भारत में महमूद गजनवी, मुहम्मद गोरी, अलाउद्दीन खिलजी, शेरशाह, और अकबर के सिक्कों पर नागरी लिपि के शब्द मिलते हैं।
प्रश्न 8: नागरी को देवनागरी क्यों कहते हैं? लेखक इस संबंध में क्या बताता है?
उत्तर: पाटलिपुत्र (पटना) को पुराने समय में ‘नगर’ कहा जाता था और उत्तर भारत की स्थापत्य शैली को ‘नागर शैली’ कहते थे। चंद्रगुप्त द्वितीय ‘विक्रमादित्य’ का व्यक्तिगत नाम ‘देव’ था, इसलिए पटना को ‘देवनगर’ कहा जाता था। इस कारण, इस नगर की लिपि को ‘देवनागरी’ कहा गया। देवनागरी का नाम इस प्रकार पड़ा क्योंकि यह उत्तर भारत के प्रमुख नगर से संबंधित थी और उसे देवता का नगर माना जाता था।
प्रश्न 9: नागरी की उत्पत्ति के संबंध में लेखक का क्या कहना है? पटना से नागरी का क्या संबंध लेखक ने बताया है?
उत्तर: लेखक का मानना है कि नागरी शब्द किसी बड़े नगर से संबंधित है। ‘पादताडितकम्’ नाटक से पता चलता है कि पाटलिपुत्र (पटना) को नगर कहा जाता था। उत्तर भारत की स्थापत्य शैली को ‘नागर शैली’ कहते थे, इसलिए नागर या नागरी शब्द पटना से जुड़ा है। चंद्रगुप्त द्वितीय का नाम ‘देव’ था, इसलिए पटना को ‘देवनगर’ कहा गया और इसी से नागरी लिपि का नाम देवनागरी पड़ा।
प्रश्न 10: नागरी लिपि कब तक सार्वदेशिक लिपि थी?
उत्तर: ईसा की 8वीं से 11वीं सदियों के दौरान नागरी लिपि पूरे भारत में फैली हुई थी। उस समय यह एक सार्वदेशिक लिपि थी और विभिन्न क्षेत्रों में इसका व्यापक प्रयोग होता था।
प्रश्न 11: नागरी लिपि के साथ-साथ किसका जन्म होता है? इस संबंध में लेखक क्या जानकारी देता है?
उत्तर: नागरी लिपि के साथ-साथ अनेक प्रादेशिक भाषाओं का भी जन्म हुआ। आठवीं-नौवीं सदी से आरंभिक हिंदी साहित्य मिलने लगता है। इसी समय भारतीय आर्यभाषा परिवार की आधुनिक भाषाएँ जैसे मराठी और बंगला का भी विकास हो रहा था।
प्रश्न 12: गुर्जर प्रतीहार कौन थे?
उत्तर: गुर्जर-प्रतीहार संभवतः बाहर से भारत आए थे। ईसा की आठवीं सदी के पूर्वार्द्ध में इन्होंने अवंती प्रदेश में शासन स्थापित किया और बाद में कन्नौज पर अधिकार कर लिया। मिहिर भोज और महेन्द्रपाल जैसे प्रसिद्ध प्रतीहार शासक हुए। मिहिर भोज (840-881 ई.) की ग्वालियर प्रशस्ति नागरी लिपि में है।
प्रश्न 13: निबंध के आधार पर काल-क्रम से नागरी लेखों से संबंधित प्रमाण प्रस्तुत करें।
उत्तर: निबंध के आधार पर कालक्रम से नागरी लेखों के प्रमाण इस प्रकार हैं:
- ग्यारहवीं सदी में राजेन्द्र चोल के सिक्कों पर नागर अक्षर मिले हैं।
- बारहवीं सदी में केरल के शासकों के सिक्कों पर ‘वीर केरलस्य’ नागरी लिपि में अंकित है।
- दक्षिण भारत से प्राप्त वरगुण का पलयम ताम्रपत्र नौवीं सदी का है।
- मालवा नगर में एक हजार ई. के आसपास नागरी लिपि का प्रयोग होता था।
- विक्रमादित्य के समय पटना में देवनागरी का प्रयोग होता था।
- आठवीं से ग्यारहवीं सदियों में नागरी लिपि पूरे भारत में फैली हुई थी।
- तिब्बत से मिली दोहाकोश की हस्तलिपि भी नागरी लिपि में है।
- पाँच सौ चौअन ई० में राष्ट्रकूट राजा दंतिदुर्ग का दानपत्र नागरी लिपि में मिला है।
- 850 ई. में जैन गणितज्ञ महावीराचार्य के गणित सार संग्रह की रचना नागरी लिपि में है।
भाषा की बात
प्रश्न 1. निम्नलिखित शब्दों से संज्ञा बनाएँ l
उत्तर-
- स्थिर = स्थिति
- अतिरिक्त = अतिरिक्तता
- स्मरणीय = स्मरण
- दक्षिणी = दक्षिण
- आसान = आसानी
- पराक्रमी = पराक्रम
- युगीन = युग
प्रश्न 2. निम्नलिखित पदों के समास विग्रह करें –
उत्तर-
- तमिल-मलयालम = तमिल और मलयालम द्वन्द्व
- रामसीय = राम और सीता द्वन्द्व
- विद्यानुराग = विद्या को अनुराग (तत्पुरूष)
- शिरोरेखा = शिर पर रेखा (तत्पुरूष)
- हस्तलिपि = हस्त की लिपि (तत्पुरूष)
- दोहाकोश = दोहा का कोश (तत्पुरूष)
- पहले-पहल = पहला पहला (अव्ययीभाव)
प्रश्न 3. निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची लिखें –
उत्तर-
- मंत = कथन, वचन।
- सार्वदेशिक = पूरे देश की, संपूर्ण राष्ट्र।
- अनुकरण = अनुगमन, नकल।
- व्यवहार = आचार, संबंध।
- शासक = राजा, बादशाह।
प्रश्न 4. निम्नलिखित भिन्नार्थक शब्दों के अर्थ स्पष्ट करें।
उत्तर-
(क) प्रत्न – पुराना
प्रयत्न प्रयास
(ख) लिपि – लिखावट
लिप्ति – ढका हुआ
(ग) नागरी – एक लिपि
नागरिक – जनता
(घ) पट – वस्त्र
पट्ट – तख्ती (पट्टिका)