Bihar Board class 10 Hindi chapter 2 solutions are available here. This is our free expert guide that provides you with complete question answers of chapter 2 – “विष के दाँत”.
बिहार बोर्ड कक्षा 10 हिंदी पाठ्यपुस्तक का दूसरा अध्याय “विष के दाँत” श्री नलिन विलोचन शर्मा द्वारा रचित एक मार्मिक कहानी है। यह कहानी समाज में व्याप्त वर्ग भेद और अनुचित विशेषाधिकारों के दुष्परिणामों को दर्शाती है। लेखक ने एक धनी परिवार और उस पर निर्भर एक गरीब परिवार के बीच के संबंधों को चित्रित किया है, जिसमें अमीर परिवार के लाड़ले बेटे और गरीब परिवार के बच्चे के बीच हुई एक घटना के माध्यम से समाज की विषमताओं को उजागर किया गया है। यहाँ हमने आपको विष के दाँत Question Answer भी उपलब्ध करवाएं हैं।
Bihar Board Class 10 Hindi Chapter 2 Solutions
Contents
Subject | Hindi |
Class | 10th |
Chapter | 2. विष के दाँत |
Author | नलिन विलोचन शर्मा |
Board | Bihar Board |
Bihar Board Class 10 Hindi Chapter 2 Question Answer
प्रश्न 1. कहानी के शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: ‘विष के दाँत’ शीर्षक अमीर वर्ग के शोषण और अत्याचार का प्रतीक है। कहानी में खोखा के टूटे दाँत इस शोषण का मूर्त रूप हैं, जबकि मदन का विद्रोह इन ‘विष के दाँतों’ को तोड़ने का प्रयास है। यह शीर्षक समाज में व्याप्त असमानता और अन्याय को दर्शाता है, साथ ही गरीबों के प्रतिरोध की शक्ति को भी प्रकट करता है।
प्रश्न 2. सेन साहब के परिवार में बच्चों के पालन-पोषण में किए जा रहे लिंग आधारित भेद-भाव का अपने शब्दों में वर्णन कीजिए।
उत्तर: सेन परिवार में लिंग आधारित भेदभाव स्पष्ट दिखाई देता है। पाँच लड़कियों पर कड़ा अनुशासन लागू होता है, जबकि एकमात्र लड़के खोखा को विशेष छूट मिलती है। यह भेदभाव न केवल नियमों में, बल्कि प्यार और स्नेह के वितरण में भी दिखता है। खोखा को ‘बुढ़ापे की आँखों का तारा’ मानकर उसे अधिक स्वतंत्रता दी जाती है, जो लड़कियों के लिए उपलब्ध नहीं है।
प्रश्न 3. खोखा किन मामलों में अपवाद था?
उत्तर: खोखा घर के नियमों का अपवाद था। उसे नई कार के पास जाने की छूट थी, जबकि अन्य बच्चों को यह अनुमति नहीं थी। वह परिवार में सबसे छोटा और देर से पैदा हुआ बच्चा होने के कारण विशेष स्नेह का पात्र था। उसके लिए घर के सामान्य नियम लागू नहीं होते थे, और उसे अधिक स्वतंत्रता दी जाती थी।
प्रश्न 4. सेन दंपती खोखा में कैसी संभावनाएँ देखते थे और उन संभावनाओं के लिए उन्होंने उसकी कैसी शिक्षा तय की थी?
उत्तर: सेन दंपती खोखा में अपने पिता की तरह इंजीनियर बनने की संभावना देखते थे। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, उन्होंने एक अनोखी शिक्षा पद्धति अपनाई। वे कारखाने से बढ़ई मिस्त्री को घर बुलाकर खोखा को प्रैक्टिकल ज्ञान देने का प्रबंध करते थे। इससे खोखा को छोटी उम्र से ही औजारों से परिचित कराया जाता था, ताकि वह भविष्य में एक कुशल इंजीनियर बन सके।
प्रश्न 5. सप्रसंग व्याख्या कीजिए
(क) “लड़कियाँ क्या है, कठपुतलियाँ हैं और उनके माता-पिता को इस बात का गर्व है।”
उत्तर: यह पंक्ति नलिन विलोचन शर्मा की कहानी ‘विष के दाँत’ से ली गई है, जो सेन परिवार में लड़कियों की स्थिति का वर्णन करती है। यह वाक्य समाज में व्याप्त लैंगिक भेदभाव और रूढ़िवादी सोच को दर्शाता है। लेखक यहाँ व्यंग्यात्मक ढंग से बताते हैं कि लड़कियों को स्वतंत्र व्यक्तित्व के बजाय नियंत्रित ‘कठपुतलियों’ की तरह देखा जाता है। माता-पिता इस तरह की अनुशासित बेटियों पर गर्व करते हैं, जो समाज के नियमों का पालन करती हैं। यह दृष्टिकोण लड़कियों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता और विकास को सीमित करता है, जो एक स्वस्थ समाज के लिए हानिकारक है।
(ख) “खोखा के दुर्ललित स्वभाव के अनुसार ही सेनों ने सिद्धान्तों को भी बदल लिया था।”
उत्तर: यह वाक्य सेन परिवार में बेटे खोखा के प्रति व्यवहार को दर्शाता है। खोखा, जो परिवार का इकलौता और छोटा बेटा है, को विशेष दर्जा प्राप्त है। उसके लिए परिवार के नियम और सिद्धांत बदल दिए गए हैं। यह परिवार में लैंगिक भेदभाव का स्पष्ट उदाहरण है, जहाँ लड़के को अधिक स्वतंत्रता और छूट दी जाती है। सेन दंपति खोखा के शरारती व्यवहार को न केवल स्वीकार करते हैं, बल्कि उसे प्रोत्साहित भी करते हैं। यह रवैया न केवल खोखा के व्यक्तित्व विकास के लिए हानिकारक है, बल्कि परिवार में लड़कियों के साथ किए जाने वाले भेदभाव को भी उजागर करता है। यह स्थिति समाज में व्याप्त लैंगिक असमानता का प्रतिबिंब है।
(ग) “ऐसे ही लड़के आगे चलकर गुंडे, चोर और डाकू बनते हैं।”
उत्तर: यह वाक्य नलिन विलोचन शर्मा की कहानी ‘विष के दाँत’ से लिया गया है। यह सेन साहब द्वारा गिरधारी के बेटे मदन के बारे में कही गई टिप्पणी है। इस वाक्य में समाज में व्याप्त वर्ग भेद और पूर्वाग्रह का स्पष्ट चित्रण है। सेन साहब, जो एक उच्च वर्ग के व्यक्ति हैं, गरीब परिवार के बच्चे के व्यवहार को नकारात्मक दृष्टि से देखते हैं। वे मदन की शरारत को अपराधी प्रवृत्ति से जोड़ते हैं, जबकि अपने बेटे खोखा के समान व्यवहार को अनदेखा करते हैं। यह दोहरा मापदंड समाज में गरीब और अमीर वर्ग के बीच की खाई को दर्शाता है। लेखक इस वाक्य के माध्यम से समाज में व्याप्त असमानता और पूर्वाग्रहों पर करारा व्यंग्य करते हैं, जो गरीब बच्चों के भविष्य को लेकर नकारात्मक धारणाएं बनाते हैं।
(घ) “हंस कौओं की जमात में शामिल होने के लिए ललक गया।”
उत्तर: यह पंक्ति ‘विष के दाँत’ कहानी से ली गई है, जो सामाजिक असमानता का एक प्रभावशाली चित्रण प्रस्तुत करती है। यहाँ ‘हंस’ सेन परिवार के बेटे खोखा का प्रतीक है, जो उच्च वर्ग का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि ‘कौए’ गरीब बच्चों का प्रतीक हैं। यह रूपक समाज में मौजूद वर्ग भेद को दर्शाता है, जहाँ अमीर और गरीब बच्चों के बीच एक अदृश्य दीवार खड़ी है। खोखा का गरीब बच्चों के साथ खेलने की इच्छा रखना दो वर्गों के बीच की खाई को पाटने की एक मासूम कोशिश है। लेकिन समाज के ठोस वर्ग विभाजन के कारण यह मिलन संभव नहीं हो पाता। लेखक इस प्रतीकात्मक भाषा के माध्यम से समाज में व्याप्त असमानता और भेदभाव पर गहरा व्यंग्य करते हैं, साथ ही बच्चों की निर्दोष दुनिया में भी वयस्कों के पूर्वाग्रहों के प्रवेश पर चिंता व्यक्त करते हैं।
प्रश्न 6.सेन साहब के और उनके मित्रों के बीच क्या बातचीत हुई और पत्रकार मित्र ने उन्हें किस तरह उत्तर दिया?
उत्तर- सेन साहब और उनके मित्रों के बीच बच्चों के भविष्य पर चर्चा हुई। सेन साहब ने अपने बेटे खोखा को इंजीनियर बनाने की इच्छा व्यक्त की। जब पत्रकार मित्र से उनके बेटे के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि उनका बेटा एक सज्जन बने और अपना कैरियर चुनने के लिए स्वतंत्र हो। यह उत्तर सेन साहब के दृष्टिकोण पर एक सूक्ष्म व्यंग्य था, जिससे वे असहज हो गए।
प्रश्न 7. मदन और ड्राइवर के बीच के विवाद के द्वारा कहानीकार क्या बताना चाहता है ?
उत्तर- कहानीकार मदन और ड्राइवर के विवाद के माध्यम से समाज में व्याप्त वर्गभेद और असमानता को दर्शाता है। ड्राइवर का व्यवहार उच्च वर्ग की अहंकारपूर्ण मानसिकता को प्रतिबिंबित करता है, जबकि मदन गरीब वर्ग का प्रतीक है। यह घटना समाज में मौजूद अमीर-गरीब के बीच की खाई और अन्याय को उजागर करती है।
प्रश्न 8. काशू और मदन के बीच झगड़े का कारण क्या था ? इस प्रसंग के द्वारा लेखक क्या दिखाना चाहता है ?
उत्तर- काशू और मदन के बीच झगड़े का कारण लट्टू था, जिसे काशू मदन से माँग रहा था। यह प्रसंग दिखाता है कि बच्चों में वर्गभेद की समझ नहीं होती। लेखक यहाँ बताना चाहते हैं कि स्वाभाविक रूप से सभी बच्चे समान होते हैं, और सामाजिक भेदभाव सीखा जाता है, जन्मजात नहीं होता।
प्रश्न 9. ‘महल और झोपड़ी वालों की लड़ाई में अक्सर महल वाले ही जीतते हैं, पर उसी हालत में जब दूसरे झोपड़ी वाले उनकी मदद अपने ही खिलाफ करते हैं।’ लेखक के इस कथन को कहानी से एक उदाहरण देकर पुष्ट कीजिए।
उत्तर- लेखक के कथन को कहानी में मदन और खोखा की लड़ाई से समझा जा सकता है। जब मदन खोखा को मारता है, तो वह अपने वर्ग के खिलाफ खड़ा होता है। यह घटना दर्शाती है कि जब निम्न वर्ग के लोग एकजुट होकर अन्याय का विरोध करते हैं, तो वे शक्तिशाली वर्ग को चुनौती दे सकते हैं।
प्रश्न 10. रोज-रोज अपने बेटे मदन की पिटाई करने वाला गिरधर मदन द्वारा काशू की पिटाई करने पर उसे दंडित करने के बजाय अपनी छाती से क्यों लगा लेता है ?
उत्तर- गिरधर मदन को इसलिए छाती से लगा लेता है क्योंकि उसने अपने बेटे में वह साहस देखा जो वह खुद कभी नहीं दिखा पाया। मदन का काशू के प्रति व्यवहार उस अन्याय के खिलाफ प्रतिरोध था जिसे गिरधर हमेशा सहन करता रहा। यह क्षण गिरधर के लिए अपने बेटे पर गर्व और अपनी दमित इच्छाओं की पूर्ति का प्रतीक बन गया।
प्रश्न 11. सेन साहब, मदन, काश और गिरधर का चरित्र-चित्रण करें।
उत्तर-
- सेन साहब: वे एक उच्च वर्गीय व्यक्ति हैं जो अपने पद और संपत्ति पर गर्व करते हैं। वे दिखावे और सामाजिक प्रतिष्ठा को महत्व देते हैं। अपने बेटे के भविष्य को लेकर महत्वाकांक्षी हैं, लेकिन उनमें संवेदनशीलता की कमी है।
- मदन: गरीब परिवार का साहसी और स्वाभिमानी लड़का है। वह अन्याय के खिलाफ आवाज उठाता है और समानता में विश्वास करता है। उसमें बाल सुलभ शरारत के साथ-साथ नैतिक साहस भी है।
- काशू: सेन साहब का पुत्र है जो अत्यधिक लाड़-प्यार में पला है। वह अहंकारी और शरारती स्वभाव का है। उसमें गरीबों के प्रति संवेदनशीलता की कमी है।
- गिरधर: मदन का पिता और सेन साहब का कर्मचारी है। वह एक सरल और ईमानदार व्यक्ति है जो अपने मालिक के प्रति वफादार है। हालांकि, वह अपने बेटे के साहस से प्रेरित होता है।
प्रश्न 12. आपकी दृष्टि में कहानी का नायक कौन है ? तर्कपूर्ण उत्तर दें।
उत्तर- इस कहानी का नायक मदन है। वह कहानी का केंद्रीय पात्र है जो घटनाओं को आगे बढ़ाता है और पाठकों की सहानुभूति जीतता है। मदन का चरित्र सबसे अधिक विकसित और प्रभावशाली है। वह गरीबी और सामाजिक भेदभाव के खिलाफ खड़ा होता है, जो कहानी का मुख्य विषय है। उसका काशू से संघर्ष कहानी का मुख्य मोड़ है, जो वर्ग संघर्ष का प्रतीक बनता है। मदन के साहस और स्वाभिमान से कहानी का संदेश स्पष्ट होता है। इसलिए, मदन को इस कहानी का नायक माना जा सकता है।
प्रश्न 13. आरंभ से ही कहानीकार का स्वर व्यंग्यपूर्ण है। ऐसे कुछ प्रमाण उपस्थित करें।
उत्तर- कहानीकार का व्यंग्यपूर्ण स्वर कई स्थानों पर दिखाई देता है:
- “पाँचों लड़कियाँ तो तहजीब और तमीज की तो जीती-जागती मूरत ही हैं।” – यह वाक्य लड़कियों के प्रति समाज के दोहरे मानदंडों पर व्यंग्य करता है।
- “जैसे कोयल घोंसले में से कब उड़ जाय।” – यह उपमा बेटियों को बोझ समझने की मानसिकता पर कटाक्ष है।
- “चमक ऐसी कि अपना मुँह देख लो।” – यह वाक्य दिखावटी चमक-दमक पर व्यंग्य करता है।
- सेन साहब द्वारा अपने बेटे के बारे में बार-बार बढ़ा-चढ़ाकर बातें करना भी व्यंग्य का एक उदाहरण है।
- गरीब बच्चे को मोटर छूने पर धकेलना – यह घटना समाज में व्याप्त असमानता पर तीखा व्यंग्य है।
इन उदाहरणों से स्पष्ट है कि लेखक ने समाज की विसंगतियों को व्यंग्यात्मक शैली में प्रस्तुत किया है।
प्रश्न 14. ‘विष के दाँत’ कहानी का सारांश लिखें।
उत्तर- ‘विष के दाँत’ कहानी समाज में व्याप्त वर्गभेद और असमानता को दर्शाती है। कहानी में सेन साहब एक धनी व्यक्ति हैं, जिनके बेटे काशू और गरीब कर्मचारी के बेटे मदन के बीच संघर्ष केंद्रीय घटना है। सेन साहब की नई गाड़ी को छूने पर मदन को दंडित किया जाता है, जो वर्गभेद को दर्शाता है। बाद में, मदन और काशू के बीच लड़ाई होती है, जिसमें मदन काशू को हराता है। यह घटना गरीब वर्ग के प्रतिरोध का प्रतीक बनती है। कहानी में मदन के पिता गिरधर का चरित्र भी महत्वपूर्ण है, जो अंत में अपने बेटे के साहस पर गर्व महसूस करता है। कहानी समाज में व्याप्त असमानता, अन्याय और वर्गभेद पर गहरा प्रहार करती है, साथ ही यह दिखाती है कि कैसे साहस और स्वाभिमान इन बाधाओं को तोड़ सकते हैं।
Bihar Board Class 10 Hindi Chapter 2 भाषा की बात
प्रश्न 1. कहानी से मुहावरे चुनकर उनके स्वतंत्र वाक्य प्रयोग करें।
उत्तर-
- आखों का तारा-मोहन अपने माता-पिता के आखों का तारा है।
- जीती-जागती मूरत- सेन साहब पुत्री तहजीब और तमीज में जीती जागती मूरत है।
- किलकारी. मारना– मोहन अपने मित्र के बातों पर किलकारी मारता है।
प्रश्न 2. कहानी से विदेशज शब्द चुनें और उनका स्रोत निर्देश करें।
उत्तर- स्वयं करें।
प्रश्न 3. कहानी से पाँच मिश्र वाक्य चुनें?
उत्तर-
(i) उन्हें सिखाया गया है कि ये बातें उनकी सेहत के लिए जरूरी है।
(ii) सेनों का कहना था कि खोखा आखिर अपने बाप का बेटा ठहरा।
(iii) औरत के पास एक बच्चा खड़ा था, जिसे वह रोकने की कोशिश कर रही थी।
(iv) मैंने मना किया तो लगा कहने जा-जा।
(v) कुर्सियाँ लॉन में लगवा दो, जब तक हम यहाँ बैठते हैं।
प्रश्न 4. वाक्य-भेद स्पष्ट कीजिए-..
(क) इसके पहले कि पत्रकार महोदय कुछ जवाब देते, सेन साहब ने शुरू किया मैं तो खोखा को इंजीनियर बनाने जा रहा हूँ।
(ख) पत्रकार महोदय चुप मुस्कुराते रहे।
(ग) ठीक इसी वक्त मोटर के पीछे खट-खट की आवाज सुनकर सेन साहब लपके, शोफर भी दौड़ा। .
(घ) ड्राइवर, जरा दूसरे चक्कों को भी देख लो और पंप ले आकर हवा भर दो।
उत्तर-
(क) मिश्र वाक्य
(ख) साधारण वाक्य
(ग) साधारण वाक्य
(घ) संयुक्त वाक्य।