UP Board Class 6 Hindi Manjari Chapter 1 Solutions are available on this page. This guide covers the complete question answer of chapter 1 – “चिर महान” in hindi.
यह अध्याय ‘चिर महान’ सुमित्रानंदन पंत द्वारा लिखित एक कविता पर आधारित है। इस कविता में कवि ईश्वर से मनुष्य के कल्याण के लिए प्रार्थना करता है। कवि चाहता है कि ईश्वर उसे वह शक्ति प्रदान करे जिससे वह मानवता की सेवा कर सके और लोगों को भय, संशय और अज्ञानता से मुक्त करा सके। कविता में प्रकृति और ईश्वर के प्रति आस्था और श्रद्धा के भाव व्यक्त किए गए हैं। यह छात्रों को नैतिक मूल्यों और मानवीय गुणों को समझने में मदद करेगी।

UP Board Class 6 Hindi Manjari Chapter 1
| Subject | Hindi (Manjari) |
| Class | 6th |
| Chapter | 1. चिर महान |
| Author | सुमानदन पत |
| Board | UP Board |
कुछ करने को
प्रश्न 1. ईश्वर भक्ति से संबंधित अन्य कविताओं का संकलन कीजिए।
उत्तर :-
“मोको कहाँ ढूंढें रे बाँधे, मैं तो तेरे पास में।
पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय।
ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय।।
प्रेम गली अति साँची, तेल तरवर चाँदनी।
ता मैं खोजा अपन बंदै, मैं तो अपन खोज खोय।।
बारी बारी सो संत कहै, मुख मांहि तो तोय।
समझे तो संत अगाधे, नाहिं तो बिछारे छोय।।
जब अचरज हुआ बड़ा, जाकें कपट काज।
कैसें बदलिया जग में, जैसें गंगा नीर राज।।
कबीर मोरें बाग सब बगीचा, उठे हरि की नाही।
जो तन मन बांधिओ, उस बाग कैसे जाहीं।।”
विचार और कल्पना
प्रश्न 1. संसार में मानव कल्याण के लिए कौन-कौन से उपाय किए जा सकते हैं? अपना विचार व्यक्त कीजिए। अगर आपको ईश्वर से संसार के कल्याण का वरदान मिल जाए, तो आप क्या-क्या करेंगे?
उत्तर :- मानवता के कल्याण के लिए हम कई काम कर सकते हैं:
सभी के लिए शिक्षा: हमें सुनिश्चित करना चाहिए कि हर कोई स्कूल जाने और सीखने का मौका प्राप्त करे। शिक्षा लोगों को बेहतर समझने और अच्छे निर्णय लेने में मदद करती है।
दूसरों की मदद: हमें उनकी मदद करनी चाहिए जो जरूरतमंद हैं। यह भूखे को खाना देना, गरीबों को कपड़े देना, या फिर आस-पास सभी के प्रति दयालु होना हो सकता है।
पर्यावरण की सफाई: हमें कचरा नहीं फेंकना चाहिए और अधिक पेड़ लगाने चाहिए। यह हवा को शुद्ध बनाए रखेगा और पृथ्वी को स्वस्थ रखने में मदद करेगा।
सबके साथ न्यायपूर्ण व्यवहार: सभी के साथ समान व्यवहार करना और किसी के धर्म, जाति, या लिंग के आधार पर भेदभाव न करना खुशहाल और शांतिपूर्ण दुनिया के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
अगर मुझे भगवान से दुनिया के कल्याण का वरदान मिलता, तो मैं ये काम करूंगा:-
- ज्यादा से ज्यादा स्कूल बनाऊंगा ताकि हर बच्चा पढ़ाई कर सके।
- हर किसी को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करूंगा ताकि कोई रोग से पीड़ित न हो।
- पेड़ लगाऊंगा और दूसरों को भी पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित करूंगा ताकि हमारी पृथ्वी स्वच्छ और हरित रहे।
- हर जगह प्यार और दया फैलाऊंगा ताकि दुनिया सभी के लिए बेहतर हो।
कविता से
प्रश्न 1. इस कविता में आया ‘सत्यप्राण’ शब्द अच्छे गुण का सूचक है और ‘भय’ शब्द दुर्गुण अर्थात अच्छे गुण का सूचक नहीं है। इसी प्रकार, कविता को पढ़कर इसमें आए अच्छे गुण वाले शब्दों और दुर्गुण वाले शब्दों की सूची बनाइए।
उत्तर :- अच्छे गुण वाले शब्द – सत्यप्राण, महान, सौंदर्यपूर्ण, प्रेमी, हित, शक्ति, प्रकाश, अमर, दान, परित्राण, नवजीवन।
दुर्गुण वाले शब्द – भय, संशय, अन्धभक्ति।
प्रश्न 2. कवि विश्व में नवजीवन को विहान क्यों लाना चाहता है?
उत्तर :- मानवता की सम्पूर्ण सुरक्षा, सुख-समृद्धि और विकास के लिए कवि विश्व में नवजीवन का विहान लाना चाहता है।
प्रश्न 3. इस कविता का शीर्षक ‘चिर महान’ है। आपको इस कविता का कोई और शीर्षक देना हो, तो क्या शीर्षक देना चाहेंगे? उपयुक्त शीर्षक लिखिए।
उत्तर :- इस कविता का अन्य शीर्षक हो सकता है – ‘नवजीवन का विहान’ ।
प्रश्न 4. (क) निम्नलिखित पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए
1 .
जगजीवन मजो चर महान
सौदयपूणऔ सय-ाण।
उत्तर :- जो संसार में लंबे समय तक रहने वाला, सुंदर और सच्चा हो।
2 .
जससेजीवन ममलेश
छूटेभय, संशय, अभ।
उत्तर :- हे प्रभु! मुझे ऐसी शक्ति दो जिससे मेरे भय, संदेह और हठधर्मिता दूर हो जाएं।
(ख) नीचे ‘क’ वर्ग में दी गई पंक्तियों से सम्बन्धित कुछ पंक्तियाँ ‘ख’ वर्ग में दी गई हैं। किन्तु वे क्रम में नहीं हैं, उन्हें ‘क’ वर्ग की सम्बन्धित पंक्तियों के नीचे लिखिए-
उत्तर :-
| ‘क’ | ख’ |
|---|---|
| 1. मैं उसका प्रेमी बनू नाथ | जो हो मानव के हित समान। |
| 2. मैं वह प्रकाश बन सकें नाथ | मिल जाएँ जिसमें अखिल व्यक्ति। |
| 3. ला सकें विश्व में एक बार | फिर से नवजीवन का विहान। |
भाषा की बात
1). ‘चिर’ शब्द का अर्थ है ‘सदैव’, यह महान के पूर्व विशेषण के रूप में जुड़ा है। इसी प्रकार, ‘चिर’ विशेषण लगाकर तीन नए शब्द बनाइए; जैसे- चिर नवीन।
उत्तर :- चिर युवा, चिर यौवन, चिर आयु (चिरायु)।