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यह अध्याय रामावतार यागी द्वारा रचित एक कविता पर आधारित है जिसमें देश और मातृभूमि के प्रति समर्पण की भावना व्यक्त की गई है। इस कविता में कवि मन, तन और प्राण से देश और धरती को समर्पित करने की बात करता है। कवि मातृभूमि को उसकी कृपा और आशीर्वाद की याचना करता है। वह चाहता है कि उसके आँगन में शीश झुकाकर अपने तन, मन और जीवन को समर्पित कर दे।
UP Board Class 6 Hindi Manjari Chapter 11
Subject | Hindi (Manjari) |
Class | 6th |
Chapter | 11. समर्पण |
Author | रामावतार त्यागी |
Board | UP Board |
कविता से
प्रश्न 1. सब कुछ समर्पण के बाद भी कवि क्यों सन्तुष्ट नहीं है?
उत्तर :- कवि इसलिए संतुष्ट नहीं है क्योंकि वह अपनी मातृभूमि के प्रति अपना ऋण पूरी तरह चुकाने में असमर्थ महसूस करता है। यद्यपि उसने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया है, फिर भी उसे लगता है कि वह और अधिक कुछ कर सकता है।
प्रश्न 2. ‘थाल में भाल सजाने से कवि का क्या तात्पर्य है?
उत्तर :- ‘थाल में भाल सजाने’ का अर्थ है अत्यंत श्रद्धा और समर्पण के साथ मातृभूमि के चरणों में अपने आप को समर्पित कर देना। यह मातृभूमि के प्रति अपनी पूरी निष्ठा और समर्पण को दर्शाता है।
प्रश्न 3. निम्नलिखित भाव कविता की किन पंक्तियों में व्यक्त हुए हैं
(क) जननी जन्मभूमि की देन के समक्ष कवि अपने को बहुत दीन-हीन समझ रहा है।
उत्तर :- माँ तुम्हारा ऋण बहुत है मैं अकिंचन।
(ख) कवि अपना हर्ष-उल्लास और प्राण न्योछावर कर देना चाहता है।
उत्तर :- गान अर्पित, प्राण अर्पित।
(ग) कवि अपने जीवन की कल्पनाओं, जिज्ञासाओं और आयु को हर क्षण समर्पित करना चाहता है।
उत्तर :-
स्वप्न अर्पित, प्रश्न अर्पित,
आयु का क्षण-क्षण समर्पित।
(घ) कवि अपने हाथों में तलवार लेकर रणक्षेत्र में कूदना चाहता है।
उत्तर :-
माँज दो तलवार को लाओ न देरी,
बाँध दो अब पीठ पर वह ढाल मेरी,
भाल पर मल दो चरण. की धूल थोड़ी,
शीश पर आशीष की छाया घनेरी।
प्रश्न 4. निम्नलिखित पंक्तियों के भाव स्पष्ट कीजिए
(क) भाल पर ……………. छाया घनेरी।
उत्तर :- कवि अपनी मातृभूमि से प्रार्थना करता है कि – हे जननी, अपनी चरण की धूल से मेरा तिलक कर दो और मुझे इतना आशीर्वाद दो कि मैं अपने देश की रक्षा के लिए हर पल तैयार रहूँ।
(ख) गान अर्पित ………………………. कण-कण समर्पित।
उत्तर :- कवि मातृभूमि की कृपा से इतना उपकृत है कि वह न केवल सर्वस्व समर्पित करने की इच्छा करता है; अपितु अपनी भावनाएँ हर्ष-उल्लास, प्राण एवं रक्त की एक-एक बूंद न्योछावर करना चाहता है अर्थातृ समस्त भौतिकता के साथ-साथ अपना मानस-चितंन-मनन, इच्छा-अपेक्षा भी समर्पित करने की कामना करता है।
भाषा की बात
प्रश्न 1. नीचे……………समर्पित। इस प्रकार के शब्दों के चार जोड़े दिए जा रहे हैं; उनका अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए (प्रयोग करके) –
उत्तर :-
(क) घर-घर – नासमझी के कारण घर-घर में झगड़ा होता है।
(ख) मीठे-मीठे – मीठे-मीठे बोल किसे अच्छे नहीं लगते!
(ग) डाली-डाली – बसन्त में डाली-डाली महक उठती है।
(घ) चलते-चलते – इस दुनिया से चलते-चलते भी मानव बहुत कुछ समेट लेना चाहता है।