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यह अध्याय बिस्मिल की माँ के जीवन और उनके बेटी के प्रति योगदान पर केंद्रित है। एक अशिक्षित गांव की लड़की होने के बावजूद बिस्मिल की माँ ने अपनी मेहनत से पढ़ना सीखा और अपनी बेटियों को भी शिक्षित किया। उन्होंने बिस्मिल के व्यक्तित्व विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। माँ की दृढ़ता और आध्यात्मिक मार्गदर्शन से प्रभावित होकर ही बिस्मिल देशभक्त और क्रांतिकारी बन सकीं। संकट के समय में माँ की वाणी ने उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। साथ ही अहिंसा और प्रेम का संदेश देकर माँ ने उन्हें सच्चे इंसान बनाया।
UP Board Class 6 Hindi Manjari Chapter 5
Subject | Hindi (Manjari) |
Class | 6th |
Chapter | 5. मेरी माँ |
Author | रामप्रसाद विस्मिल |
Board | UP Board |
पाठ से
प्रश्न 1. नीचे दिए गए प्रश्नों में उत्तर के रूप में तीन विकल्प दिए गए हैं। सही विकल्प पर सही का निशान लगाइए (निशान लगाकर) –
(अ) बिस्मिल की माँ का विवाह
(क) ग्यारह वर्ष की अवस्था में हुआ था।
(ख) अट्ठारह वर्ष की अवस्था में हुआ था।
(ग) बीस वर्ष की अवस्था में हुआ था।
उत्तर :-
(ब) बिस्मिल के क्रान्तिकारी जीवन में उनकी माँ ने उनकी वैसी ही सहायता की, जैसी –
(क) भगत सिंह की उनकी माँ ने की थी।
(ख) चन्द्रशेखर आजाद की उनकी माँ ने की थी।
(ग) मेजिनी की उनकी माँ ने की थी।
उत्तर :-
(स) बिस्मिल ने माता को धैर्य धारण करने के लिए कहा; क्योंकि उनका पुत्र
(क) कायर का जीवन नहीं जीना चाहता था।
(ख) छिपकर नहीं रहना चाहता था।
(ग) भारत माता की सेवा में प्राणों की बलि चढ़ाना चाहता था।
उत्तर :-
प्रश्न 2. बिस्मिल की माँ ने पढ़ना-लिखना कैसे सीखा?
उत्तर :- ‘बिस्मिल’ की माँ ने घर पर ही सहेलियों की मदद से पढ़ना-लिखना सीखा।
प्रश्न 3. रामप्रसाद बिस्मिल’ ने कहा था, “इस संसार में मेरी किसी भी भोग-विलास तथा ऐश्वर्य की इच्छा नहीं, केवल एक तृष्णा है…..” वह तृष्णा क्या थी ? लिखिए –
उत्तर :- अमर शहीद रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ की तृष्णा थी कि एक बार श्रद्धापूर्वक माँ के चरणों की सेवा कर अपने जीवन को सफल बना लेता।
प्रश्न 4. इस पाठ की किन-किन बातों ने आपको प्रभावित किया? क्यों?
उत्तर :- इस पाठ में राम प्रसाद बिस्मिल को अपनी माँ के प्रति और भारत के प्रति जो आदर और श्रद्धा-भक्ति व्यक्त की है वह अनुकरणीय है। बिस्मिल के इन्ही गुणों ने मुझे बहुत प्रभावित किया। क्योंकि ये गुण सबमें नहीं पाए जाते।
भाषा की बात
प्रश्न 1. ‘प्रबन्य’ में ‘प्र’, ‘परिश्रम” में “परि’, ‘अवलोकन में ‘अव’, ‘निर्वाह’ में ‘निर्’ उपसर्ग लगे हैं। इन्हीं उपसर्गों की सहायता से तीन-तीन नए शब्द बनाइए (शब्द बनाकर) –
प्रश्न 2. अवर्णनीय’ में ‘ईय’ और ‘धार्मिक’ में ‘इक’ प्रत्यय है। इन प्रत्ययों की सहायता से चार-चार नए शब्द बनाइए (शब्द बनाकर) –
प्रश्न 3. निम्नलिखित शब्दों का संधि-विच्छेद कीजिए (संधि-विच्छेद करके) –
प्रश्न 4. कोष्ठक में दिए गए कारक चिह्नों की सहायता से रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (पूर्ति करके) –
(के, ने, को, की, में, से, के लिए)
(क) शाहजहाँपुर आने के थोड़े दिनों के बाद दादी जी ने अपनी छोटी बहन को बुला लिया।
(ख) तुम्हारी दया की छाया में मैंने अपने जीवन भर में कोई कष्ट न अनुभव किया।
(ग) तुम्हारी दया से ही मैं देश-सेवा में संलग्न हो सका।
(घ) आपके आदेश की पूर्ति करने के लिए मुझे अपनी प्रतिज्ञा भंग करनी पड़ी।
प्रश्न 5. नीचे दिए गए वाक्यों को सही पदक्रम में लिखिए –
(क) बुला लिया अपनी छोटी बहन को दादी ने।
उत्तर :- दादी ने अपनी छोटी बहन को बुला लिया।
(ख) अवलोकन करने लगीं देवनागरी पुस्तकें वे।
उत्तर :- वे देवनागरी पुस्तकों का अवलोकन करने लगीं।
(ग) भंग करनी पड़ी थी मुझे अपनी प्रतिज्ञा।
उत्तर :– मुझे अपनी प्रतिज्ञा भंग करनी पड़ी थी।
(घ) ध्यान आ जाता तुम्हारी स्वर्गीय मूर्ति का मुझे।
उत्तर :- मुझे तुम्हारी स्वर्गीय मूर्ति का ध्यान आ जाता।
प्रश्न 6. आप नीचे लिखे वाक्यों को पढ़िए और उनके विशेषण भेद लिखिए (लिखकर) –
(क) सभी सदस्य खा रहे हैं। – अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
(ख) कुछ लोग टहल रहे हैं। – अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
(ग) मुझे दो दर्जन केले दे दो। – निश्चित संख्यावाचक विशेषण
(घ) मैंने चार रुपये का आम खरीदा। – निश्चित संख्यावाचक विशेषण