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बिहार बोर्ड की कक्षा 9 की हिंदी पाठ्यपुस्तक में शामिल “पूरा हिन्दुस्तान मिलेगा” एक प्रेरणादायक और देशप्रेम से ओतप्रोत कविता है, जो प्रसिद्ध प्रगतिवादी कवि केदारनाथ अग्रवाल द्वारा रचित है। यह कविता भारत की स्वतंत्रता के पूर्व लिखी गई थी, जिसमें कवि ने एक स्वतंत्र भारत के सुनहरे भविष्य की कल्पना की है। इसमें वे एक ऐसे भारत का चित्रण करते हैं जहाँ सभी नागरिकों को समान अधिकार, शिक्षा, और समृद्धि का अवसर मिलेगा।
Bihar Board Class 9 Hindi Padya Chapter 7 Solutions
Subject | Hindi |
Class | 9th |
Chapter | 7. पूरा हिन्दुस्तान मिलेगा |
Author | केदारनाथ अग्रवाल |
Board | Bihar Board |
Bihar Board Class 9 Hindi Padya Chapter 7 Question Answer
प्रश्न 1. कवि के आशावादी दृष्टिकोण पर प्रकाश डालें।
उत्तर- कवि केदारनाथ अग्रवाल की कविता में एक मजबूत आशावादी दृष्टिकोण झलकता है। वे एक समृद्ध, ज्ञान-संपन्न और खुशहाल भारत की कल्पना करते हैं। उनकी दृष्टि में, स्वतंत्र भारत दुःख-रहित, विज्ञान से युक्त और सम्मानित नागरिकों से भरा होगा। कवि हर भारतीय के जीवन में खुशी, शांति और समृद्धि की कामना करते हैं। वे चाहते हैं कि हर व्यक्ति को शिक्षा और ज्ञान से नया जीवन मिले। कवि की आशा है कि भारत इतना समृद्ध हो कि लोग आनंद से नृत्य करें। यह दृष्टिकोण भारत के उज्जवल भविष्य में कवि के अटूट विश्वास को दर्शाता है।
प्रश्न 2. कवि के मन में आजाद हिन्दुस्तान की कैसी कल्पना है?
उत्तर- कवि केदारनाथ अग्रवाल आजाद हिंदुस्तान को एक समृद्ध और सम्मानित राष्ट्र के रूप में देखते हैं। उनकी कल्पना में, भारत के नागरिक मान-सम्मान से जीते हैं और हर घर खुशी से भरा है। वे एक ऐसे भारत की आकांक्षा करते हैं जहाँ कष्ट और पीड़ा न हो, बल्कि सर्वत्र प्रसन्नता और समृद्धि हो। कवि चाहते हैं कि ज्ञान और विद्या हर घर को प्रकाशित करे। उनकी दृष्टि में, नए भारत में हर व्यक्ति के जीवन में नवीनता और उत्साह का संचार हो। वे एक ऐसे देश की कल्पना करते हैं जहाँ लोग इतने खुश और समृद्ध हों कि वे आनंद से नृत्य करें।
प्रश्न 3. कवि आजाद हिन्दुस्तान में गीतों और फूलों की खेती क्यों करना चाहता है?
उत्तर- कवि केदारनाथ अग्रवाल द्वारा गीतों और फूलों की खेती का उल्लेख एक सुंदर प्रतीक है। फूलों की खेती से तात्पर्य है एक सुंदर, खिला हुआ और जीवंत भारत। यह देश की समृद्धि और सौंदर्य का प्रतीक है। गीतों की खेती आनंद, खुशी और उत्सव का प्रतीक है। कवि चाहते हैं कि हर घर और गली में खुशी की लहर हो। यह प्रतीक भारतीय जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की कामना को दर्शाता है। कवि की यह कल्पना एक ऐसे भारत की है जहाँ हर नागरिक का जीवन आनंद और सौंदर्य से भरा हो, जहाँ दुःख और अभाव का कोई स्थान न हो।
प्रश्न 4. इस कविता में विद्या की खेती का क्या अभिप्राय है?
उत्तर- कवि केदारनाथ अग्रवाल द्वारा प्रयुक्त ‘विद्या की खेती’ एक सशक्त प्रतीक है। इसका अभिप्राय है कि ज्ञान और शिक्षा का प्रसार समाज के हर कोने तक हो। कवि चाहते हैं कि हर घर में विद्या का प्रकाश फैले और हर नागरिक शिक्षित हो। यह अज्ञान के अंधकार को दूर करने और एक प्रबुद्ध समाज के निर्माण की कामना है। विद्या की खेती से तात्पर्य है कि ज्ञान न केवल विद्यालयों तक सीमित रहे, बल्कि समाज के हर वर्ग तक पहुंचे। यह राष्ट्र के सर्वांगीण विकास और नागरिकों के सशक्तिकरण का प्रतीक है।
प्रश्न 5. इस कविता के केन्द्रीय भाव पर प्रकाश डालें।
उत्तर- ‘पूरा हिन्दुस्तान मिलेगा’ कविता का केंद्रीय भाव एक स्वतंत्र, समृद्ध और ज्ञानवान भारत की परिकल्पना है। कवि एक ऐसे भारत की कल्पना करते हैं जहाँ हर नागरिक को मान-सम्मान, स्वतंत्रता और खुशियाँ प्राप्त हों। वे चाहते हैं कि देश ज्ञान-विज्ञान से परिपूर्ण हो और हर घर में विद्या का प्रकाश फैले। कविता में जनवादी सपनों और राष्ट्रीय उन्नति की आकांक्षा व्यक्त की गई है। कवि लोगों में नई ऊर्जा और उत्साह जगाना चाहते हैं, ताकि वे एक बेहतर राष्ट्र के निर्माण में योगदान दे सकें।
प्रश्न 6. कवि की राष्ट्रीय-भावना पर प्रकाश डालें।
उत्तर- केदारनाथ अग्रवाल की कविता में गहन राष्ट्रीय भावना झलकती है। वे एक स्वतंत्र, समृद्ध और खुशहाल भारत की कल्पना करते हैं। कवि चाहते हैं कि देश के हर नागरिक का जीवन आनंद और सम्मान से भरा हो। वे ज्ञान और विद्या के प्रसार पर बल देते हैं, जो राष्ट्र के विकास का आधार है। कवि की दृष्टि में, एकता, प्रेम और सहयोग राष्ट्र निर्माण के महत्वपूर्ण तत्व हैं। वे अभाव और उदासी से मुक्त एक नए भारत की कल्पना करते हैं, जहाँ हर नागरिक में नवचेतना का संचार हो। यह कविता राष्ट्रीय एकता और समग्र विकास की भावना को प्रेरित करती है।
प्रश्न 7. “मैं कहता हूँ। फिर कहता हूँ’ में कवि के किस भाव का अभिव्यक्ति हुई है?
उत्तर- कवि केदारनाथ अग्रवाल की इस पंक्ति में दृढ़ आत्मविश्वास और संकल्प की अभिव्यक्ति हुई है। वे बार-बार कहकर अपने विचारों पर जोर दे रहे हैं और उनकी दृढ़ता को प्रकट कर रहे हैं। यह पंक्ति दर्शाती है कि कवि आजाद भारत के सपने को लेकर कितने आशावादी और निश्चित हैं। वे एक समृद्ध, खुशहाल और ज्ञानवान भारत की अपनी कल्पना को बार-बार दोहराकर इस विचार को जन-जन तक पहुंचाना चाहते हैं। यह पुनरावृत्ति कवि के संदेश की महत्ता और उनकी भावनाओं की तीव्रता को भी दर्शाती है। इस तरह, यह पंक्ति कवि के राष्ट्रप्रेम और भविष्य के प्रति उनके उत्साह को प्रकट करती है।
प्रश्न 8. ‘मोरों-सा नर्तन’ के पीछे कवि का तात्पर्य क्या है?
उत्तर- ‘मोरों-सा नर्तन’ एक सशक्त प्रतीक है जो आनंद, उत्सव और समृद्धि का प्रतिनिधित्व करता है। कवि इस प्रतीक के माध्यम से स्वतंत्र भारत में लोगों की खुशहाली और उल्लास की कल्पना करते हैं। मोर अपनी खुशी में नाचता है, इसी तरह कवि चाहते हैं कि आजाद भारत के लोग भी खुशी और समृद्धि से इतने भरे हों कि वे नृत्य करने लगें। यह प्रतीक देश की आर्थिक समृद्धि, सामाजिक सद्भाव और सांस्कृतिक उत्कर्ष का संकेत देता है। कवि का मानना है कि जब देश अभाव, पीड़ा और गुलामी से मुक्त होगा, तब हर नागरिक का जीवन उत्सव की तरह होगा। ‘मोरों-सा नर्तन’ एक ऐसे भारत की कल्पना है जहाँ हर व्यक्ति आनंदित, स्वतंत्र और गौरवान्वित महसूस करे।
प्रश्न 9. इस कविता के उद्देश्य पर प्रकाश डालें।
उत्तर- केदारनाथ अग्रवाल की कविता ‘पूरा हिन्दुस्तान मिलेगा’ का मुख्य उद्देश्य स्वतंत्र भारत के लिए एक आदर्श दृष्टि प्रस्तुत करना है। कवि एक ऐसे भारत की कल्पना करते हैं जो शांति, समृद्धि और ज्ञान से परिपूर्ण हो। वे चाहते हैं कि देश के हर नागरिक को मान-सम्मान मिले और उनका जीवन खुशहाल हो। कविता का उद्देश्य लोगों में आशा और उत्साह जगाना है, ताकि वे एक बेहतर राष्ट्र के निर्माण में योगदान दें। कवि गरीबी, अज्ञान और दुःख से मुक्त एक नए भारत की परिकल्पना करते हैं। वे शिक्षा और ज्ञान के महत्व पर जोर देते हैं, जो राष्ट्र के विकास का आधार है। कविता का लक्ष्य राष्ट्रीय एकता, सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक उत्थान को बढ़ावा देना है। अंततः, यह कविता लोगों में देशप्रेम और राष्ट्रीय गौरव की भावना जगाने का प्रयास करती है।
भाव स्पष्ट करें
प्रश्न 10. निम्नांकित पंक्तियों का भाव स्पष्ट करें:-
(क) क्लेश जहाँ है,
फूल खिलेगा;
हमको तुमको त्रान मिलेगा…..।
उत्तर- इन पंक्तियों में कवि केदारनाथ अग्रवाल ने आशावाद और परिवर्तन की भावना को व्यक्त किया है। ‘क्लेश’ यहाँ गुलामी, अज्ञान और दुःख का प्रतीक है। कवि कहते हैं कि जहाँ अभी कष्ट है, वहाँ भविष्य में खुशियाँ (फूल) खिलेंगी। ‘फूल’ यहाँ आज़ादी, प्रगति और समृद्धि का प्रतीक है। ‘त्रान’ का अर्थ है मुक्ति या रक्षा। कवि का विश्वास है कि स्वतंत्रता के बाद सभी नागरिकों (‘हमको तुमको’) को दुःखों से मुक्ति मिलेगी। ये पंक्तियाँ एक बेहतर भविष्य की ओर संकेत करती हैं, जहाँ वर्तमान की कठिनाइयाँ खुशहाली में बदल जाएंगी। कवि राष्ट्र की एकता और सामूहिक उत्थान पर बल देते हैं, जो स्वतंत्रता के बाद सबको लाभान्वित करेगा।
(ख) निम्नांकित पंक्तियों की व्याख्या करें:-
दीप बुझे हैं ‘जिन आँखों के
इन आँखों को ज्ञान मिलेगा…।
उत्तर- ये पंक्तियाँ कवि केदारनाथ अग्रवाल की आशावादी दृष्टि और शिक्षा के महत्व को दर्शाती हैं। ‘दीप बुझे हैं जिन आँखों के’ में ‘दीप’ ज्ञान, आशा और जीवन की रोशनी का प्रतीक है। बुझे दीप अज्ञान, निराशा और दुःख की स्थिति को दर्शाते हैं। कवि का मानना है कि जो लोग अभी अज्ञान और निराशा में हैं, उन्हें भविष्य में ज्ञान प्राप्त होगा। ‘ज्ञान’ यहाँ केवल शैक्षिक ज्ञान नहीं, बल्कि जीवन की समझ, आत्मविश्वास और स्वतंत्रता का बोध भी है। कवि आशा करते हैं कि स्वतंत्र भारत में शिक्षा और ज्ञान का प्रसार होगा, जो लोगों को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाएगा। ये पंक्तियाँ शिक्षा के माध्यम से समाज और राष्ट्र के उत्थान की संभावना को व्यक्त करती हैं।