Bihar Board Class 9 Hindi Padya Chapter 12 Solutions – कुछ सवाल

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बिहार बोर्ड कक्षा 9 हिंदी की पाठ्यपुस्तक का बारहवाँ अध्याय “कुछ सवाल” एक अत्यंत रोचक और विचारोत्तेजक कविता है। प्रसिद्ध चिली के कवि पाब्लो नेरूदा द्वारा रचित इस कविता में प्रकृति के नियमों और परिवर्तन के महत्व पर प्रकाश डाला गया है। कवि ने सरल भाषा में कुछ ऐसे प्रश्न उठाए हैं जो हमें प्रकृति की विविधता और उसकी अनोखी कार्यप्रणाली पर सोचने को मजबूर करते हैं। यह कविता छात्रों को प्रकृति के प्रति जिज्ञासा जगाने और उसके रहस्यों को समझने की प्रेरणा देती है।

Bihar Board Class 9 Hindi Padya Chapter 12

Bihar Board Class 9 Hindi Padya Chapter 12 Solutions

SubjectHindi
Class9th
Chapter12. कुछ सवाल
Authorपाब्लो नेरुदा
BoardBihar Board

Bihar Board class 9 Hindi Padya chapter 12 Question Answer

प्रश्न 1. समुद्र के खारेपन तथा नदियों के मीठेपन की इंगित कर कवि ने प्रकृति के किस सत्य से परिचित कराना चाहता है?

उत्तर- कवि ने समुद्र के खारेपन और नदियों के मीठेपन का उल्लेख करके प्रकृति के एक महत्वपूर्ण सत्य को उजागर किया है – विविधता में एकता। प्रकृति में विरोधाभासी तत्व एक साथ मौजूद रहते हैं और एक संतुलन बनाते हैं। नदियाँ और समुद्र दोनों जल के स्रोत हैं, लेकिन उनके स्वभाव में अंतर है। यह विरोधाभास प्रकृति की जटिलता और समग्रता को दर्शाता है।

इस उदाहरण के माध्यम से कवि यह भी बताना चाहते हैं कि प्रकृति में हर चीज का एक विशिष्ट गुण और उद्देश्य होता है। नदियों का मीठा पानी जीवन को पोषित करता है, जबकि समुद्र का खारा पानी पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखता है। यह विविधता प्रकृति की सुंदरता और संपूर्णता का प्रतीक है।
अंत में, यह प्रतीक मानव जीवन के लिए भी प्रासंगिक है, जहाँ सुख और दुख, मीठा और कड़वा अनुभव, सभी मिलकर जीवन की पूर्णता बनाते हैं।

प्रश्न 2. कवि अपने सवालों के माध्यम से प्रकृति में होने वाली दो असमान घटनाओं-विध्वंस और निर्माण को साथ दिखलाता है। पठित-कविता से कुछ उदाहरण देकर इसे अपने शब्दों में समझाइए।

उत्तर- कवि ने प्रकृति में होने वाली विध्वंस और निर्माण की प्रक्रियाओं को एक साथ दर्शाया है। यह प्रकृति के संतुलन और निरंतर परिवर्तन को प्रदर्शित करता है। कविता से कुछ प्रमुख उदाहरण इस प्रकार हैं:-

  1. ऋतुओं का बदलना: कवि पूछता है कि ऋतुओं को कैसे पता चलता है कि उनके बदलने का समय आ गया है। यह प्रकृति के स्वाभाविक चक्र को दर्शाता है, जहाँ एक ऋतु का अंत दूसरी के आरंभ का संकेत देता है।
  2. जाड़े की सुस्ती और घास की चंचलता: जाड़े में प्रकृति सुस्त प्रतीत होती है, जबकि कटाई के बाद घास तेजी से पुनः उगती है। यह विनाश और पुनर्जन्म का प्रतीक है।
  3. जड़ों का उजाले की ओर बढ़ना: यह प्रकृति की जीवन-शक्ति और विकास की प्रवृत्ति को दर्शाता है। जड़ें अंधेरे में होने के बावजूद प्रकाश की ओर बढ़ती हैं, जो जीवन के संघर्ष और विकास को प्रदर्शित करता है।
  4. बयार का स्वागत: फूलों और रंगों से बयार का स्वागत प्रकृति के नवीनीकरण और सौंदर्य को दर्शाता है। यह विनाश के बाद आने वाले नए जीवन का प्रतीक है।
  5. वसंत का बदलता स्वरूप: हर वसंत अलग होता है, जो प्रकृति की निरंतर परिवर्तनशीलता को दर्शाता है। यह बताता है कि प्रकृति में पुनरावृत्ति के साथ-साथ नवीनता भी होती है।

इन उदाहरणों से स्पष्ट है कि प्रकृति में विनाश और निर्माण साथ-साथ चलते हैं। यह प्रक्रिया प्रकृति के संतुलन, नवीनीकरण और निरंतर परिवर्तन को दर्शाती है, जो जीवन के चक्र का अभिन्न अंग है।

प्रश्न 3. इस कविता को पढ़कर आपको क्या संदेश मिला?

उत्तर- ‘कुछ सवाल’ कविता से हमें प्रकृति की जटिलता और विविधता का गहरा संदेश मिलता है। कवि ने प्रकृति के विभिन्न रूपों और उसकी अद्भुत कार्यप्रणाली को दर्शाया है, जो हमें प्रकृति के प्रति संवेदनशील और जागरूक बनने की प्रेरणा देता है। कविता में ऋतुओं के बदलाव और प्रकृति के निरंतर परिवर्तन का चित्रण करके कवि ने यह संदेश दिया है कि परिवर्तन जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है। जड़ों का उजाले की ओर बढ़ना और घास का पुनः उगना जीवन की अदम्य शक्ति को दर्शाता है, जो हमें कठिनाइयों के बावजूद आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।

कविता में विध्वंस और निर्माण के संतुलन को दिखाकर कवि ने जीवन के चक्रीय स्वभाव को प्रदर्शित किया है। यह हमें प्रकृति और मानव के बीच गहरे संबंध को समझने और प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाए रखने का संदेश देती है। कवि द्वारा उठाए गए प्रश्न हमें प्रकृति और जीवन के बारे में गहराई से सोचने के लिए प्रेरित करते हैं, जो जिज्ञासा के महत्व को रेखांकित करता है। साथ ही, कविता प्रकृति के बाह्य और आंतरिक सौंदर्य की सराहना करने का संदेश देती है।
अंत में, यह कविता हमें प्रकृति के प्रति संवेदनशील होने, जीवन की जटिलताओं को समझने और परिवर्तन को स्वीकार करने का समग्र संदेश देती है। यह हमें याद दिलाती है कि हम भी प्रकृति का एक हिस्सा हैं और हमारा जीवन भी प्रकृति के इन्हीं नियमों से संचालित होता है।

प्रश्न 4. कवि ने प्रकृति को शक्ति कहा है-“ऋतुओं को कैसे मालूम पड़ता है कि अब पोल के बदलने का वक्त आ गया है।” इस पंक्ति में प्रकृति के किस प्रकार के बदलाव को कवि ने प्रकट करना चाहा है?

उत्तर- कवि ने “ऋतुओं को कैसे मालूम पड़ता है कि अब पोल के बदलने का वक्त आ गया है” इस पंक्ति में प्रकृति के स्वाभाविक और नियमित परिवर्तन को दर्शाया है। यह परिवर्तन निम्नलिखित रूपों में प्रकट होता है:

प्रथमतः, यह ऋतु चक्र के नियमित बदलाव को इंगित करता है। प्रकृति में ऋतुओं का आना-जाना एक निरंतर प्रक्रिया है, जो बिना किसी बाहरी हस्तक्षेप के स्वतः होती रहती है। यह बदलाव प्रकृति की अंतर्निहित शक्ति और नियम-व्यवस्था को दर्शाता है।
दूसरा, यह पंक्ति प्रकृति के सूक्ष्म संकेतों की ओर ध्यान आकर्षित करती है। ऋतुओं का बदलना केवल मौसम का परिवर्तन नहीं, बल्कि पूरे पारिस्थितिक तंत्र में होने वाले व्यापक बदलाव का सूचक है। यह पेड़-पौधों, जीव-जंतुओं और पर्यावरण के अन्य घटकों में होने वाले परिवर्तनों को समेटे हुए है।
तीसरा, कवि प्रकृति के चक्रीय स्वभाव को रेखांकित करता है। “पोल का बदलना” एक ऋतु के समाप्त होने और दूसरी के आरंभ होने का प्रतीक है। यह जीवन और मृत्यु, पुराने और नए के बीच के निरंतर संतुलन को दर्शाता है।
अंत में, यह पंक्ति प्रकृति की स्वयं-नियंत्रित व्यवस्था की ओर इशारा करती है। यह बताती है कि प्रकृति में होने वाले परिवर्तन किसी बाहरी शक्ति द्वारा नहीं, बल्कि उसकी अपनी आंतरिक प्रणाली द्वारा नियंत्रित होते हैं।
इस प्रकार, कवि ने इस एक पंक्ति के माध्यम से प्रकृति के व्यापक, नियमित, चक्रीय और स्व-नियंत्रित परिवर्तन को सरल और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया है।

प्रश्न 5. ‘कुछ सवाल’ शीर्षक कहाँ तक सार्थक है? तर्कपूर्ण उत्तर दें:-

उत्तर- ‘कुछ सवाल’ शीर्षक पाब्लो नेरुदा की इस कविता के लिए अत्यंत सार्थक और उपयुक्त है। यह शीर्षक कई कारणों से कविता की मूल भावना और उद्देश्य को प्रतिबिंबित करता है:

  1. प्रथमतः, कविता में कवि ने प्रकृति के विभिन्न पहलुओं पर कई प्रश्न उठाए हैं। ये प्रश्न प्रकृति के रहस्यों, उसके कार्य-व्यवहार और उसकी विविधता पर केंद्रित हैं। उदाहरण के लिए, कवि पूछता है कि ऋतुएँ कैसे जानती हैं कि उन्हें बदलना है, या जड़ें कैसे जानती हैं कि उन्हें उजाले की ओर बढ़ना है। ये प्रश्न कविता के मूल में हैं और शीर्षक इसी तथ्य को प्रतिबिंबित करता है।
  2. दूसरा, ये प्रश्न केवल सामान्य जिज्ञासा नहीं हैं, बल्कि गहन दार्शनिक चिंतन को प्रेरित करते हैं। वे पाठक को प्रकृति के बारे में गहराई से सोचने और उसके रहस्यों पर विचार करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। इस प्रकार, ‘कुछ सवाल’ शीर्षक कविता के चिंतनशील स्वभाव को भी दर्शाता है।
  3. तीसरा, ये प्रश्न उत्तर की अपेक्षा नहीं रखते, बल्कि स्वयं में ही प्रकृति के विभिन्न पहलुओं को उजागर करते हैं। जैसे, समुद्र का पानी खारा और नदियों का मीठा होना प्रकृति की विविधता को दर्शाता है। इस प्रकार, ‘कुछ सवाल’ शीर्षक कविता की इस विशेषता को भी प्रदर्शित करता है।
  4. अंत में, यह शीर्षक कविता की खुली प्रकृति को भी दर्शाता है। यह पाठक को अपने स्वयं के प्रश्न पूछने और प्रकृति पर चिंतन करने के लिए आमंत्रित करता है, जो कविता का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है।
  5. इस प्रकार, ‘कुछ सवाल’ शीर्षक कविता की मूल भावना, उसके दार्शनिक स्वभाव, प्रकृति के प्रति उसके दृष्टिकोण और उसके खुले अंत को सटीक रूप से प्रतिबिंबित करता है, जो इसे पूर्णतः सार्थक बनाता है।

प्रश्न 6. क्या वसंत हर व्यक्ति या परिवेश या परिस्थिति के लिए एक जैसा होता है? तर्क सहित उत्तर दें:-

उत्तर- वसंत हर व्यक्ति, परिवेश या परिस्थिति के लिए एक जैसा नहीं होता। यह एक जटिल और बहुआयामी अनुभव है जो विभिन्न कारकों से प्रभावित होता है:-

  1. व्यक्तिगत अनुभव: हर व्यक्ति की जीवन परिस्थितियाँ, मानसिक स्थिति और भावनात्मक अनुभव अलग होते हैं। इसलिए, वसंत का अनुभव भी व्यक्ति-विशिष्ट होता है।
  2. भौगोलिक भिन्नता: विभिन्न क्षेत्रों में वसंत का प्राकृतिक स्वरूप अलग-अलग होता है। उदाहरण के लिए, पहाड़ी क्षेत्रों में वसंत का अनुभव मैदानी इलाकों से भिन्न होता है।
  3. सामाजिक-सांस्कृतिक संदर्भ: विभिन्न समाजों और संस्कृतियों में वसंत से जुड़े त्योहार, रीति-रिवाज और मान्यताएँ अलग-अलग होती हैं, जो इस ऋतु के अनुभव को प्रभावित करती हैं।
  4. आर्थिक परिस्थितियाँ: आर्थिक स्थिति भी वसंत के अनुभव को प्रभावित करती है। कुछ लोगों के लिए यह आनंद और उत्सव का समय हो सकता है, जबकि अन्य के लिए संघर्ष का।
  5. समय का प्रभाव: जैसा कि कवि कहते हैं, भूतकाल, वर्तमान और भविष्य के वसंत एक जैसे नहीं होते। समय के साथ परिस्थितियाँ और अनुभव बदलते रहते हैं।
  6. व्यक्तिगत दृष्टिकोण: कुछ लोग वसंत को नवीनता और आशा का प्रतीक मानते हैं, जबकि अन्य इसे केवल एक मौसम के रूप में देखते हैं।
  7. प्राकृतिक परिवर्तन: जलवायु परिवर्तन जैसे कारक वसंत के प्राकृतिक स्वरूप को बदल रहे हैं, जो इसके अनुभव को प्रभावित करता है।

इस प्रकार, वसंत एक सार्वभौमिक अनुभव होते हुए भी व्यक्तिगत, सामाजिक और प्राकृतिक कारकों से प्रभावित होकर विभिन्न रूप धारण करता है। यह विविधता ही वसंत की एक विशेषता है जो इसे हर किसी के लिए अद्वितीय बनाती है।

प्रश्न 7. भाव स्पष्ट करें:-

(क) कैसे जानती हैं जड़ें कि उन्हें उजाले की ओर चढ़ना ही

उत्तर- कवि पाब्लो नेरुदा इस पंक्ति में प्रकृति की अंतर्निहित शक्ति और जीवन की ओर बढ़ने की प्रवृत्ति को दर्शाते हैं। जड़ें, जो भूमि के अंधेरे में होती हैं, स्वाभाविक रूप से प्रकाश की ओर बढ़ती हैं। यह प्रक्रिया जीवन की मूल प्रेरणा को दर्शाती है – विकास और उन्नति की ओर बढ़ना। कवि इस प्राकृतिक घटना को एक रहस्य के रूप में प्रस्तुत करते हैं, जो प्रकृति की अंतर्ज्ञान और स्वयं-निर्देशित प्रक्रियाओं को दर्शाता है। यह पंक्ति जीवन की निरंतरता और प्रकृति के चक्र को भी प्रतिबिंबित करती है, जहाँ हर चीज अपने विकास के लिए प्रयासरत रहती है।

(ख) क्या हमेशा वही वसंत होता है, वही किरदार फिर दुहराता हुआ?

उत्तर- इस पंक्ति में कवि वसंत ऋतु की प्रकृति और मानव जीवन में उसके प्रभाव पर प्रश्न उठाते हैं। वे सुझाव देते हैं कि हर वसंत अद्वितीय होता है, न कि पिछले वसंतों का दोहराव। यह विचार जीवन की गतिशीलता और परिवर्तनशीलता को दर्शाता है। हर वसंत नए अनुभव, नई चुनौतियाँ और नए अवसर लाता है। कवि यह भी संकेत करते हैं कि हमारी धारणाएँ और अनुभव हर वसंत को अलग बनाते हैं। यह पंक्ति हमें याद दिलाती है कि जीवन में कुछ भी स्थिर नहीं है, और हमें हर नए अनुभव को एक नए दृष्टिकोण से देखना चाहिए।

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