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बिहार बोर्ड कक्षा 10 हिंदी पाठ्यपुस्तक का नौवां अध्याय ‘हमारी नींद’ प्रसिद्ध कवि वीरेन डंगवाल की एक महत्वपूर्ण कविता है, जो उनके काव्य संकलन ‘दुष्चक्र में स्रष्टा’ से ली गई है। इस कविता में कवि ने समाज में व्याप्त असमानता, अन्याय और लोगों की बेपरवाही को चित्रित किया है। कवि ने सुविधाभोगी लोगों की आरामदायक नींद और उसके विपरीत गरीबों के संघर्षमय जीवन के बीच के अंतर को दर्शाया है। साथ ही, प्रकृति के निरंतर विकास और मानवीय संवेदनहीनता के बीच के विरोधाभास को भी उजागर किया है।
Bihar Board Class 10 Hindi Padya Chapter 9 Solutions
Contents
Subject | Hindi |
Class | 10th |
Chapter | 9. हमारी नींद |
Author | वीरेन डंगवाल |
Board | Bihar Board |
Bihar Board Class 10 Hindi Padya Chapter 9 Question Answer
प्रश्न 1. कविता के प्रथम अनुच्छेद में कवि एक बिप्य की रचना करता है। उसे स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- कविता के प्रथम अनुच्छेद में कवि वीरेन डंगवाल ने मानव जीवन और प्रकृति का एक सशक्त बिम्ब प्रस्तुत किया है। यहाँ नींद को अकर्मण्यता की चादर के रूप में दिखाया गया है, जो सुविधाभोगी जीवन का प्रतीक है। इसके विपरीत, एक छोटा बीज अपनी कोमल सींगों (अंकुर) से धरती की कठोर सतह को तोड़कर ऊपर निकलता है, जो जीवन की निरंतरता और संघर्षशीलता को दर्शाता है। यह बिम्ब मानव और प्रकृति के बीच के अंतर को स्पष्ट करता है, जहाँ प्रकृति निरंतर क्रियाशील है, जबकि मनुष्य आराम की नींद में है।
प्रश्न 2. मक्खी के जीवन-क्रम का कवि द्वारा उल्लेख किये जाने का क्या आशय है ?
उत्तर- कवि द्वारा मक्खी के जीवन-क्रम का उल्लेख एक विशेष आशय रखता है। यह निम्न स्तरीय जीवन की संकीर्णता और परजीवी प्रवृत्ति को दर्शाता है। मक्खी का जीवन-क्रम केवल सुविधा भोगने और दूसरों पर निर्भर रहने का प्रतीक है। कवि इसके माध्यम से उन लोगों की ओर इशारा करता है जो समाज में बिना किसी सार्थक योगदान के केवल अपने स्वार्थ के लिए जीते हैं। यह विपरीत उदाहरण देकर कवि पाठकों को अधिक सक्रिय और उत्पादक जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है।
प्रश्न 3. कवि गरीब बस्तियों का क्यों उल्लेख करता है ?
उत्तर- कवि गरीब बस्तियों का उल्लेख समाज में व्याप्त असमानता और विडंबना को उजागर करने के लिए करता है। वह दिखाना चाहता है कि जहाँ लोग दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष कर रहे हैं, वहाँ धार्मिक उत्सवों और पूजा-पाठ का क्या औचित्य है। यह स्वार्थी लोगों द्वारा गरीबों का शोषण करने की ओर भी इशारा करता है, जो अपने हित के लिए धर्म का इस्तेमाल करते हैं। कवि चाहता है कि लोग इन विरोधाभासों को समझें और वास्तविक सामाजिक मुद्दों पर ध्यान दें।
प्रश्न 4. कवि किन अत्याचारियों का और क्यों जिक्र करता है?
उत्तर- कवि उन अत्याचारियों का जिक्र करता है जो समाज की निष्क्रियता और उदासीनता का फायदा उठाते हैं। ये अत्याचारी उन लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं जो दूसरों की कमजोरियों और लापरवाही का लाभ उठाकर अपना स्वार्थ सिद्ध करते हैं। कवि इस उल्लेख के माध्यम से समाज को जागृत करना चाहता है, ताकि लोग अपनी निष्क्रियता छोड़कर सामाजिक बुराइयों के खिलाफ खड़े हों। यह एक तरह की चेतावनी है कि अगर हम सतर्क नहीं रहेंगे, तो ऐसे तत्व समाज पर हावी हो जाएंगे।
प्रश्न 5. इनकार करना न भूलने वाले कौन हैं ? कवि का भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- कवि यहाँ उन लोगों की ओर इशारा कर रहा है जो अपनी गलतियों को स्वीकार करने से इनकार करते हैं। ये लोग अक्सर समाज के प्रभावशाली वर्ग से होते हैं, जो अपने पद या स्थिति का दुरुपयोग करते हैं। वे कानूनी या नैतिक स्तर पर गलतियाँ करते हैं, लेकिन उन्हें स्वीकार करने से कतराते हैं। कवि का भाव है कि ऐसे लोगों की जवाबदेही तय होनी चाहिए और समाज को इस तरह के व्यवहार के प्रति सचेत रहना चाहिए। यह कविता सामाजिक जवाबदेही और नैतिकता की आवश्यकता पर बल देती है।
प्रश्न 6. कविता के शीर्षक की सार्थकता पर विचार कीजिए।
उत्तर- कविता का शीर्षक “हमारी नींद” बहुत सार्थक और प्रभावशाली है। यह शीर्षक कविता के मूल विषय को संक्षेप में प्रस्तुत करता है। “नींद” यहाँ समाज की निष्क्रियता और उदासीनता का प्रतीक है। “हमारी” शब्द का प्रयोग इस समस्या को व्यक्तिगत न मानकर सामूहिक रूप से देखने की ओर इशारा करता है। यह शीर्षक पाठक को तुरंत आकर्षित करता है और उसे सोचने पर मजबूर करता है कि क्या वास्तव में हम सामाजिक मुद्दों के प्रति सोए हुए हैं। इस प्रकार, यह शीर्षक कविता के संदेश को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करता है और इसकी विषय-वस्तु का सटीक प्रतिनिधित्व करता है।
प्रश्न 7. व्याख्या करें
गरीब बस्तियों में भी
धमाके से हुआ देवी जागरण
लाउडस्पीकर पर।
व्याख्या- कवि वीरेन डंगवाल की ‘हमारी नींद’ कविता का यह अंश समाज में व्याप्त विरोधाभास को दर्शाता है। गरीब बस्तियों में जोर-शोर से देवी जागरण का आयोजन दिखाकर कवि समाज की विडंबना पर प्रकाश डालते हैं। यह आयोजन गरीबों की असली समस्याओं से ध्यान भटकाने का माध्यम बन जाता है। लाउडस्पीकर का उल्लेख आधुनिकता और परंपरा के टकराव को दर्शाता है। कवि यह संकेत देते हैं कि धार्मिक आयोजन गरीबी दूर करने का वास्तविक समाधान नहीं है।
प्रश्न 8. ‘याने साधन तो सभी जुटा लिए हैं अत्याचारियों ने की व्याख्या कीजिए।
उत्तर- इस पंक्ति में कवि वीरेन डंगवाल समाज के शोषक वर्ग की कार्यप्रणाली पर तीखा व्यंग्य करते हैं। ‘अत्याचारी’ शब्द उन लोगों की ओर इशारा करता है जो अपने स्वार्थ के लिए दूसरों का शोषण करते हैं। ‘सभी साधन जुटाना’ यह दर्शाता है कि ये लोग अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। कवि यहाँ पाठकों को सचेत करना चाहते हैं कि समाज में ऐसे लोग मौजूद हैं जो गरीबों और कमजोरों का शोषण करने के लिए हर संभव तरीका अपनाते हैं।
प्रश्न 9. “हमारी नींद के बावजूद’ की व्याख्या कीजिए।
उत्तर- ‘हमारी नींद के बावजूद’ पंक्ति समाज की उदासीनता और जागरूकता के बीच के अंतर को दर्शाती है। ‘नींद’ यहाँ अज्ञानता, लापरवाही या समस्याओं से आँखें मूँद लेने का प्रतीक है। कवि कहना चाहते हैं कि भले ही समाज का एक बड़ा हिस्सा समस्याओं के प्रति उदासीन हो, लेकिन प्रगति और परिवर्तन की प्रक्रिया निरंतर चलती रहती है। यह पंक्ति पाठकों को जागरूक होने और सामाजिक परिवर्तन में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करती है।
प्रश्न 10. ‘हमारी नींद’ कविता का सारांश अपने शब्दों में लिखें।
उत्तर- ‘हमारी नींद’ कविता समाज में व्याप्त विरोधाभासों और चुनौतियों का चित्रण करती है। कवि प्रकृति के नियमों और मानव समाज के बीच तुलना करते हुए, मानवीय संघर्ष और प्रगति की कहानी बयान करते हैं। वे गरीबी, शोषण और अंधविश्वास जैसी समस्याओं को उजागर करते हैं। साथ ही, कवि यह भी दर्शाते हैं कि इन समस्याओं के बावजूद, कुछ लोग निरंतर संघर्ष और प्रगति की राह पर अग्रसर रहते हैं। कविता समाज की नींद (उदासीनता) और जागृति (परिवर्तन की चाह) के बीच के द्वंद्व को प्रस्तुत करती है।
प्रश्न 11. कविता में एक शब्द भी ऐसा नहीं है जिसका अर्थ जानने की कोशिश करनी पड़े। यह कविता की भाषा की शक्ति है या सीमा ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- यह कविता की भाषा की शक्ति है, न कि सीमा। सरल भाषा का प्रयोग कवि की कुशलता को दर्शाता है। वे जटिल विचारों को आम बोलचाल की भाषा में व्यक्त करके अधिक से अधिक पाठकों तक पहुँचने में सफल होते हैं। यह शैली कविता को सुगम और प्रभावशाली बनाती है, जिससे पाठक आसानी से कवि के संदेश को समझ और आत्मसात कर सकते हैं। सरल भाषा का प्रयोग कविता की गहराई को कम नहीं करता, बल्कि इसे और अधिक सशक्त और संप्रेषणीय बनाता है।
भाषा की बात
प्रश्न 1. निम्नांकित के दो-दो समानार्थी शब्द लिखें-
पेड़, शिशु, दंगा, गरीब, अत्याचारी, हठीला, साफ, इनकारा
उत्तर-
पेड़ – तरू, वृक्ष
शिशु- बालक, बाल
दंगा – सांप्रदायिकता, सांप्रदायिक युद्ध
गरीब – दीन, निर्धन
अत्याचारी – दुराचारी
हठीला – स्थैर्य, अडिग रहने वाला
साफ – एकदम, बेहिचक
इनकार – मनाही, मना करना।
प्रश्न 2. निम्नांकित वाक्यों में कर्ता कारक बताएँ
(क) मेरी नींद के दौरान / कुछ इंच बढ़ गए / कुछ सूत पौधे।
(ख) अंकुर ने अपने नाममात्र कोमल सींगों से धकेलना शुरू की। बीज की फूली हुई। छत भीतर से।
(ग) गरीब बस्तियों में भी / धमाके से हा देवी जागरण लाउडस्पीकर पर।
(घ) मगर जीवन हठीला फिर भी : बढ़ता ही जाता आगे / हमारी नींद के बावजूद।
उत्तर- (क) पौधे
(ख) अंकुर
(ग) देवी जागरण
(घ) जीवन
प्रश्न 3. निम्नलिखित वाक्यों में कर्मकारक की पहचान कीजिए
(क)अंकर ने अपने नाममात्र कोमल सींगों से / धकेलना शुरू की / बीज की फूली हुई / छत भीतर से।
(ख) कई लोग हैं / अभी भी / जो भूले नहीं करना , साफ और मजबूत / इनकार।
उत्तर-
(क) छत
(ख) इनकार