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बिहार बोर्ड की कक्षा 10 की हिंदी पाठ्यपुस्तक का दसवाँ अध्याय “अक्षर-ज्ञान” एक मनोहारी कविता है, जो प्रसिद्ध कवयित्री अनामिका द्वारा रचित है। यह कविता एक छोटे बच्चे के अक्षर सीखने के सफर को बड़ी ही सूक्ष्मता और संवेदनशीलता से चित्रित करती है। इसमें बताया गया है कि कैसे एक माँ अपने बच्चे को ‘क’ लिखना सिखाती है, और बच्चा कैसे धीरे-धीरे अक्षरों को समझने और लिखने का प्रयास करता है। कविता में बच्चे के संघर्ष, उसकी असफलताओं और फिर भी निरंतर प्रयास करने की भावना को सुंदरता से दर्शाया गया है।
Bihar Board Class 10 Hindi Padya Chapter 10 Solutions
Subject | Hindi |
Class | 10th |
Chapter | 10. अक्षर-ज्ञान |
Author | अनामिका |
Board | Bihar Board |
Bihar Board Class 10 Hindi Padya Chapter 10 Question Answer
प्रश्न 1. कविता में तीन उपस्थितियां हैं। स्पष्ट करें कि वे कौन-कौन सी हैं ?
उत्तर- कविता में तीन महत्वपूर्ण उपस्थितियाँ हैं – प्रवेश, बोध और विकास। प्रवेश अक्षर ज्ञान की शुरुआत को दर्शाता है, जहाँ बच्चा ‘क’, ‘ख’ जैसे अक्षरों से परिचित होता है। बोध में बच्चे की समझ विकसित होती है और वह अक्षरों के अर्थ को समझने लगता है। विकास चरण में बच्चा अक्षरों का प्रयोग करना सीखता है और भाषा में दक्षता हासिल करता है। ये तीनों चरण बच्चे के भाषा सीखने की यात्रा को दर्शाते हैं।
प्रश्न 2. कविता में ‘क’ का विवरण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- कविता में ‘क’ अक्षर ज्ञान का प्रारंभिक बिंदु है। कवयित्री ‘क’ को कबूतर के रूप में चित्रित करती हैं, जो बच्चे के लिए सरल और आकर्षक प्रतीक है। ‘क’ लिखने में अभ्यास पुस्तिका का चौखटा छोटा पड़ना दर्शाता है कि सीखने की प्रक्रिया में कभी-कभी सीमाएँ आती हैं। कबूतर का फुदकना बच्चे की चंचलता और सीखने की उत्सुकता को प्रदर्शित करता है। ‘क’ से शुरू होने वाला यह अक्षर ज्ञान बच्चे के लिए एक नए संसार का द्वार खोलता है।
प्रश्न 3. खालिस बेचैनी किसकी है ? बेचैनी का क्या अभिप्राय है?
उत्तर- कविता में ‘खालिस बेचैनी’ खरगोश की है, जो ‘ख’ अक्षर का प्रतीक है। यह बेचैनी बच्चे की सीखने की लालसा और जिज्ञासा को दर्शाती है। जैसे खरगोश चंचल और तेज होता है, वैसे ही बच्चा भी नए अक्षर सीखने के लिए उत्सुक और बेचैन रहता है। बेचैनी का अभिप्राय है आगे बढ़ने की तीव्र इच्छा, नया ज्ञान प्राप्त करने की उत्कंठा और सीखने के प्रति उत्साह। यह बेचैनी बच्चे के विकास और प्रगति का संकेत है।
प्रश्न 4. बेटे के लिए ” क्या है और क्यों ?
उत्तर- कविता में ‘ङ’ बेटे के लिए माँ का प्रतीक है। यह अक्षर माँ की गोद में बैठे बच्चे की छवि प्रस्तुत करता है। ‘ङ’ का आकार माँ की गोद में बैठे बच्चे जैसा दिखता है, जो सुरक्षा और आराम का प्रतीक है। यह अक्षर सीखने के क्रम में एक विश्राम बिंदु है, जहाँ बच्चा थकान और कठिनाई के बाद सांत्वना पाता है। माँ की भूमिका यहाँ प्रोत्साहन और स्नेह देने वाली है, जो बच्चे को आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है।
प्रश्न 5. बेटे को आँस कब आते हैं और क्यों ?
उत्तर- बेटे को आँसू ‘ङ’ सीखते समय आते हैं। यह अक्षर सीखने की प्रक्रिया में एक कठिन मोड़ है। ‘क’ से ‘घ’ तक सीखने के बाद ‘ङ’ का उच्चारण और लेखन बच्चे के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। यह पहली बार की विफलता का अनुभव हो सकता है, जो बच्चे को निराश करता है। आँसू यहाँ सीखने की प्रक्रिया में आने वाली कठिनाइयों और थकान का प्रतीक हैं। साथ ही, ये आँसू बच्चे की संवेदनशीलता और प्रयास की गहनता को भी दर्शाते हैं।
प्रश्न 6. कविता के अंत में कवयित्री ‘शायद’ अव्यय का क्यों प्रयोग करती है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- कवयित्री ‘शायद’ का प्रयोग कर अक्षर ज्ञान और सृष्टि के विकास के बीच एक संभावित संबंध स्थापित करती हैं। ‘शायद’ का उपयोग दर्शाता है कि कवयित्री एक अनुमान लगा रही हैं। वे सुझाव देती हैं कि जैसे बच्चे अक्षर सीखने में संघर्ष करते हैं, वैसे ही सृष्टि का विकास भी संघर्षपूर्ण रहा होगा। यह शब्द पाठकों को सोचने के लिए प्रेरित करता है और कविता को एक गहन अर्थ प्रदान करता है। ‘शायद’ का प्रयोग कविता को एक खुले अंत के साथ समाप्त करता है, जो पाठकों को अपने स्वयं के निष्कर्ष निकालने की स्वतंत्रता देता है।
प्रश्न 7. कविता किस तरह एक सांत्वना और आशा जगाती है ? विचार करें।
उत्तर- ‘अक्षर ज्ञान’ कविता सीखने की प्रक्रिया में आने वाली चुनौतियों और उनसे पार पाने की क्षमता को दर्शाती है। यह सांत्वना देती है कि सीखने में कठिनाइयाँ स्वाभाविक हैं। माँ का चरित्र, जो बच्चे को सहारा और प्रोत्साहन देता है, आशा का प्रतीक है। कविता यह संदेश देती है कि असफलता अंतिम नहीं है, बल्कि सीखने का एक हिस्सा है। बच्चे के निरंतर प्रयास और अंततः सफलता की ओर बढ़ना, पाठकों में आत्मविश्वास जगाता है। यह दर्शाती है कि दृढ़ संकल्प और लगातार प्रयास से हर चुनौती को पार किया जा सकता है।
प्रश्न 8. व्याख्या करें “गमले-सा टूटता हुआ उसका ‘ग’ घड़े-सा लुढ़कता हुआ उसका ‘घ’
उत्तर- ये पंक्तियाँ बच्चे के अक्षर सीखने के संघर्ष को दर्शाती हैं। ‘ग’ को गमले से और ‘घ’ को घड़े से जोड़कर, कवयित्री अक्षरों को मूर्त रूप देती हैं। ‘गमले-सा टूटता हुआ’ ‘ग’ दर्शाता है कि बच्चे को इस अक्षर को लिखने में कठिनाई होती है, जैसे कोई नाजुक चीज़ टूट जाती है। ‘घड़े-सा लुढ़कता हुआ’ ‘घ’ बताता है कि बच्चा इस अक्षर को नियंत्रित करने में असमर्थ है, जैसे कोई घड़ा लुढ़क जाता है। ये उपमाएँ अक्षर सीखने की प्रक्रिया को जीवंत और चित्रात्मक बनाती हैं, साथ ही बच्चे के संघर्ष और प्रयास को भी दर्शाती हैं।
प्रश्न 9. ‘अक्षर-ज्ञान कविता का सारांश अपने शब्दों में लिखें।
उत्तर- ‘अक्षर-ज्ञान’ कविता एक बच्चे की अक्षर सीखने की यात्रा को चित्रित करती है। कवयित्री अनामिका ने इस प्रक्रिया को सृष्टि के विकास से जोड़ा है। कविता में माँ बच्चे को विभिन्न अक्षरों को जानवरों और वस्तुओं से जोड़कर सिखाती है। बच्चा हर अक्षर के साथ संघर्ष करता है – ‘क’ चौखट में नहीं समाता, ‘ख’ फुदक जाता है, ‘ग’ टूटता है, और ‘घ’ लुढ़क जाता है। ‘ङ’ सीखते समय बच्चा रोता है, लेकिन यह हार नहीं, बल्कि आगे बढ़ने का संकल्प है। कविता सीखने की प्रक्रिया में आने वाली चुनौतियों, धैर्य, और दृढ़ता की महत्ता को दर्शाती है। अंत में, कवयित्री सुझाव देती हैं कि यह प्रक्रिया सृष्टि के विकास जैसी है, जो निरंतर संघर्ष और प्रगति का प्रतीक है।
भाषा की बात
प्रश्न 1. निम्नांकित भिन्नार्थक शब्दों के वाक्य-प्रयोग करते हुए अर्थ स्पष्ट करें-
चौखट-चोखट, बेटा-बाट, खालिस-खलासी, खलिश, थमना-थमकनो, थामना, सपना, साधना, साध, गोदी-गद्दी-गाद, कोशिश-कशिश, विफलता-विकलता।
उत्तर-
चौखट – वह चौखट पर खड़ा है।
चोखट – चोखट दूर गया।
बेटा – वह राम का बेटा है।
बाट – तुम किसकी बाट खोज रहे हो।
खालिस – वह खालिस बेचैनी में है।
खलासी – बस का खलासी भाग गया है।
खलिश – उसके खलिश का क्या कहना?
थमना – उसका पैर थम गया।
थमकना – पैर-थमकना अच्छी बात नहीं है।
थामना – उसने ईश्वर का दामन थाम लिया।
सघना – उसका काम सध गया।
साधना – उसने अपनी साधना पूरी कर ली।
साध – उसने अपना काम साध लिया।
गोदी – शिशु माँ की गोद में बैठा है।
गादी – वह गद्दी पर बैठा है।
गाद – कड़ाही में गाद बैठा हुआ है।
कोशिश – उसने भरपूर कोशिश नहीं की।
कशिश – उसकी कशिश देखने में बनती है।
विफलता – मुझे इस काम में विफलता मिली है।
विकलता – उसकी विकलता बढ़ गई।
प्रश्न 2. कविता में प्रयुक्त क्रियापदों का चयन करते हुए उनसे स्वतंत्र वाक्य बनाएँ।
उत्तर-
अँटता – यह बक्सा चौखट में नहीं अँटता है।
फुदक – चिड़ियाँ फुदकती है।
उतरना – बंदर पंड़ से उतरता है।
लुढकता – गेंद लुढ़कता है।
सघता – उससे यह नहीं सधता है।
मानता – वह अपने गुरू को भगवान मानता है।
छलक. – आँसू छलक पड़े।
प्रश्न 3. निम्नांकित के विपरीतार्थक शब्द दें :-
बेटा, कबूतर, माँ, उतरना, टूटना, बेचैनी, अनवरत, आँसू, विफलता, प्रथमाक्षर, विकास-कथा, सृष्टि।।
उत्तर- बेटा – बेटी
कबुतर – कबूतरी
मा – बाप
उतरना -चढ़ना
टूटना – बचना
बंदैनी – शान्ति
अनवरत – यदा-कदा
आँसू – हँसी
विफलता – सफलता
प्रथमाक्षर – अन्त्याक्षर
विकास – कथा अंतकथा
सृष्टि – प्रलय।