Solutions for UP Board Class 6 Hindi Manjari Chapter 3 – “आप भले तो जग भला” are given here. It provides you with the simplified answers to all questions and easy explanation of the chapter.
यह अध्याय हमें जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने की सीख देता है। इसमें दो कुत्तों की कहानी के माध्यम से यह बताया गया है कि दुनिया हमारे स्वभाव की ही परछाई है। अगर हम दुनिया को नकारात्मक नजरिए से देखेंगे तो वह भी हमें नकारात्मकता ही दिखाएगी, लेकिन अगर हम खुशमिजाज रहेंगे तो दुनिया भी हमारे साथ खुशियां बांटेगी।

UP Board Class 6 Hindi Manjari Chapter 3
| Subject | Hindi (Manjari) |
| Class | 6th |
| Chapter | 3. आप भले तो जग भला |
| Author | श्रीमन्नारायण |
| Board | UP Board |
निबन्ध से
प्रश्न 1. “आपकी सफलता का सबसे बड़ा रहस्य क्या है?’ इस प्रश्न का अब्राहम लिंकन ने क्या जवाब दिया?
उत्तर :- अब्राहम लिंकन ने जवाब दिया कि मैं दूसरों की अनावश्यक नुक्ताचीनी कर उनका दिल नहीं दुखाता।
प्रश्न 2. गाँधी जी ने अपने आश्रम को प्रयोगशाला क्यों कहा है?
उत्तर :- गांधी जी ने अपने आश्रम को प्रयोगशाला इसलिए कहा क्योंकि वहां केवल सैद्धांतिक बातें नहीं की जातीं थीं, बल्कि उनके विचारों और सिद्धांतों को व्यावहारिक रूप से भी लागू किया जाता था। वे अपने आदर्शों और मूल्यों को वास्तविक जीवन में उतारना चाहते थे।
प्रश्न 3. पाठ के शीर्षक ‘आप भले तो जग भला’ का क्या आशय है?
उत्तर :- पाठ के शीर्षक ‘आप भले तो जग भला’ का आशय है – जो जिसके साथ जैसा व्यवहार करता है, वह बदले में वैसा ही पाता है।
प्रश्न 4. नीचे दी गई पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए –
(क) दुनिया काँच के महल जैसी है, अपने स्वभाव की छाया ही उस पर पड़ती है।
उत्तर :- इस कथन का भाव है कि दुनिया एक प्रतिबिंब की तरह है, जिसमें हमारे स्वभाव और आचरण का प्रतिबिंब दिखाई देता है। जैसा हमारा व्यवहार होगा, दुनिया भी वैसा ही बर्ताव करेगी। हमारी छवि और प्रतिष्ठा हमारे ही कर्मों पर निर्भर करती है।
(ख) अगर आप हँसेंगे, तो दुनिया भी आपका साथ देगी।
उत्तर :- यह दुनिया सुख में हमेशा साथ देती है।
(ग) शहद की एक बूंद ज्यादा मक्खियों को आकर्षित करती है, बजाय एक सेर जहर के।
उत्तर :- कई दुर्गुणों की अपेक्षा एक गुण अधिक प्रभावकारी होता है।
(घ) लोग दूसरों की आँखों का तिनका तो देखते हैं; पर अपनी आँख के शहतीर को नहीं देखते।
उत्तर :- दूसरों के साधारण अवगुण शीघ्र दिखाई दे जाते हैं; जबकि अपने असाधारण दुर्गुण भी दिखाई नहीं देते हैं।
प्रश्न 5. प्रश्नों में उत्तर के रूप में चार विकल्प दिये गये हैं, सही विकल्प पर सही (✓) का चिह्न लगाइए (चिह्न लगाकर) –
(क) लोग आपसे प्रेम और नम्रता का बर्ताव करेंगे, जब आप –
- हमेशा लोगों के ऐबों की ओर देखेंगे।
- लोगों को अपना शत्रु संमझेंगे।
- लोगों की ओर गुस्से से दौड़ेंगे।
- लोगों के दोष न देखकर उनके गुणों की ओर ध्यान देंगे।
उत्तर :- 4. लोगों के दोष न देखकर उनके गुणों की ओर ध्यान देंगे।
(ख) बापू के किस गुण के कारण लोग उनकी ओर आकृष्ट होते थे –
- आलोचना
- अनुशासन
- कठोरता
- प्रेम और सहानुभूति
उत्तर :- 4. प्रेम और सहानुभूति
भाषा की बात
प्रश्न 1. नीचे दिये गये मुम्नवरों का अर्थ स्पष्ट करते हुए अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए (प्रयोग करके) –
टूट पड़ना – हमला करना
वाक्य प्रयोग – एक कुत्ते को भौंकता देखकर बाकी सब कुत्ते उस पर टूट पड़े, जिससे वह घायल हो गया।
दुम हिलाना – खुशामद करना
वाक्य प्रयोग – मालिक को देखकर कुत्ते ने दुम हिलाना शुरू कर दिया।
दिल दुखाना – कष्ट पहुँचाना
वाक्य प्रयोग – किसी का भी दिल नहीं दुखाना चाहिए।
नुक्ताचीनी करना – दोष ढूँढ़ना
वाक्य प्रयोग – लोगों की नुक्ताचीनी करने पर मनुष्य स्वयं घृणा का पात्र बन जाता है।
आग-बबूला होना – नाराज होना
वाक्य प्रयोग – नौकर के घर चले जाने पर मालिक आग-बबूला हो गया।
चुटकी लेना – विनोद/मजाक करना
वाक्य प्रयोग – गाँधी जी मीठी चुटकी लेकर लोगों को हँसा देते थे।
दिमाग चढ़ना – घमण्ड होना
वाक्य प्रयोग – आस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम वर्ल्ड कप क्या जीत गई, खिलाड़ियों के दिमाग चढ़ गए।
प्रश्न 2.
(क) आप तो बड़े समझदार हैं। -साधारण वाक्य
(ख) शायद कुछ लोगों का ख्याल है कि ईश्वर ने उन्हें लोगों को सुधारने के लिए भेजा है। -मिश्र वाक्य
(ग) वह प्रसन्नता से उछला कूदा, अपनी ही छाया से खेला, खुश हुआ और फिर पूँछ हिलाता हुआ बाहर चला गया – संयुक्त वाक्य।
ऊपर तीन तरह के वाक्य दिए गए हैं – साधारण, मिश्र और संयुक्त। पाठ में आये हुए इन तीनों प्रकार के कम-से-कम दो-दो वाक्यों को छाँटकर लिखिए।
उत्तर :- (क) साधारण वाक्य –
- दुनिया काँच के महल जैसी है।
- उनकी आँखों में आँसू छलछला आए।
(ख) मिश्र वाक्य –
- वह समझा कि ये सब उस पर टूट पड़ेंगे।
- वे मानते हैं कि उनका जीवन, आचार और विचार आदर्श हैं।
(ग) संयुक्त वाक्य –
- मन में क्रोध जाग्रत हुआ और वे उठकर चल दिए।
- वह खूब खुश हुआ और कुत्तों की ओर अपनी पूँछ हिलाते हुए बढ़ा।
प्रश्न 3. “यह तो बड़ी अशिष्टता होगी। इस वाक्य में ‘अशिष्टता’ शब्द भाववाचक संज्ञा है। भाववाचक संज्ञा शब्दों के अन्त में ता, पन, पा, हट, वट, त्व आस प्रत्यय जुड़े रहते हैं। पाठ में आये हुए अन्य भाववाचक संज्ञा शब्दों को छाँटकर लिखिए।
उत्तर :- शान, आवाज, प्रतिध्वनि, प्यार, प्रसन्नता, छाया, स्मरण, स्वभाव, दोष, गुण, नम्रता, प्रेम, ऐब, तारीफ, मजा, ज़िन्दगी, विचार, जीवन, आचार, सम्मान, साहस, सहानुभूति, याद, शौक, ताकत, तमाशा,खबर, डॉट, झलक, व्यवहार, अहिंसा, मतलब, सन्तोष, अपमान, उपकार, अवगुण, ध्यान, सफलता, नुक्ताचीनी, गलती, त्रुटियाँ, सीख, आदर्श, टीका-टिप्पणी, बुराई, आलोचना आदि।