On this page, we are presenting you with UP Board class 9 Science chapter 1 solutions for free. Below you will get the written question and answer of chapter 1 – “हमारे आसपास के पदार्थ” in hindi medium.
यूपी बोर्ड की कक्षा 9 विज्ञान की पाठ्यपुस्तक का पहला अध्याय “हमारे आसपास के पदार्थ” हमारे दैनिक जीवन में मौजूद विभिन्न पदार्थों के बारे में जानकारी देता है। यह अध्याय हमें यह समझने में मदद करता है कि हमारे चारों ओर की दुनिया किन चीजों से बनी है। इसमें हम सीखेंगे कि पदार्थ क्या होते हैं, उनके गुण क्या हैं, और वे किस तरह से एक-दूसरे से अलग होते हैं। यह अध्याय विद्यार्थियों को यह समझने में मदद करेगा कि हमारे आसपास की वस्तुएँ किस तरह से विभिन्न पदार्थों से मिलकर बनी हैं और इन पदार्थों का हमारे जीवन में क्या महत्व है।
UP Board Class 9 Science Chapter 1 Solutions
Subject | Science (विज्ञान) |
Class | 9th |
Chapter | 1. हमारे आसपास के पदार्थ |
Board | UP Board |
अध्ययन के बीच वाले प्रश्न :-
पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या-4)
प्रश्न 1. निम्न में से पदार्थ छाँटो-कुर्सी, वायु, स्नेह, गन्ध, घृणा, बादाम, विचार, शीत, शीतल पेय, इत्र की सुगन्ध।
उत्तर- पदार्थ हैं – कुर्सी, वायु, बादाम और शीतल पेय। ये सभी स्थान घेरते हैं और इनका द्रव्यमान होता है। स्नेह, गंध, घृणा, विचार, शीत और इत्र की सुगंध भौतिक पदार्थ नहीं हैं क्योंकि इनका द्रव्यमान नहीं होता और ये स्थान नहीं घेरते।
प्रश्न 2. निम्नलिखित प्रेक्षण के कारण बताइए : गरमा-गरम खाने की गंध कई मीटर दूर से ही आपके पास पहुँच जाती है, लेकिन ठंडे खाने की महक लेने के लिए आपको उसके पास जाना पड़ता है।
उत्तर- गर्म खाने से निकलने वाले गंध के कण अधिक ऊर्जा के कारण तेजी से फैलते हैं। इसलिए वे हवा में दूर तक जा सकते हैं। ठंडे खाने के कणों में कम ऊर्जा होती है, जिससे वे धीरे फैलते हैं और पास ही रहते हैं। इसलिए गर्म खाने की गंध दूर से महसूस होती है, जबकि ठंडे खाने की गंध के लिए पास जाना पड़ता है।
प्रश्न 3. स्वीमिंग पूल में गोताखोर पानी काट पाता है। इससे पदार्थ का कौन-सा गुण प्रेक्षण होता है?
उत्तर- स्विमिंग पूल में गोताखोर पानी काट पाता है, यह पदार्थ के द्रवत्व गुण को दर्शाता है। पानी के अणुओं के बीच कमजोर आकर्षण बल होता है, जो उन्हें एक साथ रखता है लेकिन आसानी से अलग होने देता है। इस गुण के कारण द्रव बहता है और आकार बदल सकता है, जिससे गोताखोर पानी में आसानी से चल सकता है।
प्रश्न 4. पदार्थ के कणों की क्या विशेषताएँ होती हैं?
उत्तर- पदार्थ के कणों की मुख्य विशेषताएँ हैं:-
(1) कणों के बीच आकर्षण बल होता है।
(2) कणों के बीच रिक्त स्थान होता है।
(3) कण निरंतर गतिमान रहते हैं।
(4) कणों की व्यवस्था और गति पदार्थ की अवस्था (ठोस, द्रव, गैस) निर्धारित करती है। ये गुण पदार्थ के व्यवहार को समझने में मदद करते हैं।
पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 6)
प्रश्न 1. किसी तत्त्व के द्रव्यमान प्रति इकाई आयतन को घनत्व कहते हैं। (घनत्व = द्रव्यमान/ आयतन) घनत्व बढ़ने के साथ निम्नलिखित को आरोही क्रम में लिखो -वायु, चिमनी का , शहद, पानी, चॉक, रूई और लोहा।
उत्तर- घनत्व के बढ़ते क्रम में पदार्थों का सही क्रम इस प्रकार है:
वायु < चिमनी का धुआँ < रूई < पानी < शहद < चॉक < लोहा
यह क्रम पदार्थों के द्रव्यमान और आयतन के अनुपात पर आधारित है। गैसें सबसे कम घनत्व वाली होती हैं, जबकि धातुएँ जैसे लोहा सबसे अधिक घनत्व वाली होती हैं। द्रव पदार्थ जैसे पानी और शहद, ठोस पदार्थों से कम घनत्व वाले होते हैं।
प्रश्न 2. (a) पदार्थ की विभिन्न अवस्थाओं के गुणों में होने वाले अंतर को तालिकाबद्ध कीजिये।
उत्तर- पदार्थ की तीन अवस्थाओं (ठोस, द्रव, गैस) के गुणों में अंतर:-
- आकार: ठोस – निश्चित; द्रव – अनिश्चित, पात्र का आकार लेता है; गैस – अनिश्चित, पूरा उपलब्ध स्थान भरती है।
- आयतन: ठोस – निश्चित; द्रव – निश्चित; गैस – अनिश्चित, पात्र के आयतन के अनुसार बदलता है।
- संपीड्यता: ठोस – असंपीड्य; द्रव – लगभग असंपीड्य; गैस – आसानी से संपीड्य।
- कणों की गति: ठोस – कंपन; द्रव – सीमित स्थानांतरण; गैस – स्वतंत्र गति।
- कणों के बीच आकर्षण बल: ठोस – अत्यधिक; द्रव – मध्यम; गैस – नगण्य।
- कणों के बीच रिक्त स्थान: ठोस – न्यूनतम; द्रव – थोड़ा अधिक; गैस – अत्यधिक।
- प्रवाहिता: ठोस – अप्रवाही; द्रव – प्रवाही; गैस – अत्यधिक प्रवाही।
(b) निम्नलिखित पर टिप्पणी कीजिए-दृढ़ता, संपीड्यता, तरलता, बर्तन में गैस का भरना, आकार, गतिज ऊर्जा एवं घनत्व।
उत्तर-
- दृढ़ता: ठोस पदार्थों का गुण जिसके कारण वे बाहरी बल के प्रभाव में आकार नहीं बदलते। यह कणों के मजबूत अंतर-आणविक बल के कारण होता है।
- संपीड्यता: पदार्थ का गुण जिससे दबाव डालने पर उसका आयतन कम हो जाता है। गैसें अत्यधिक संपीड्य होती हैं, जबकि ठोस और द्रव लगभग असंपीड्य होते हैं।
- तरलता: द्रवों का गुण जिसके कारण वे बहते हैं। यह कणों के बीच कमजोर अंतर-आणविक बल के कारण होता है।
- बर्तन में गैस का भरना: गैसों को उच्च दाब पर संपीड़ित करके छोटे आयतन में भरा जा सकता है, जैसे LPG सिलेंडर में।
- आकार: ठोस का आकार निश्चित होता है, द्रव पात्र का आकार लेते हैं, और गैसें उपलब्ध पूरे स्थान को भर लेती हैं।
- गतिज ऊर्जा: पदार्थ के कणों की गति से संबंधित ऊर्जा। गैसों में सबसे अधिक, द्रवों में मध्यम, और ठोसों में सबसे कम होती है।
- घनत्व: इकाई आयतन का द्रव्यमान। आमतौर पर ठोसों का घनत्व सबसे अधिक और गैसों का सबसे कम होता है।
प्रश्न 3. कारण बताएँ
(a) गैस पूरी तरह उस बर्तन को भर देती है, जिसमें इसे रखते हैं।
(b) गैस बर्तन की दीवारों पर दबाव डालती है।
(c) लकड़ी की मेज ठोस कहलाती है।
(d) हवा में हमें आसानी से अपना हाथ चला सकते हैं, लेकिन एक ठोस लकड़ी के टुकड़े में हाथ चलाने के लिए हमें कराटे में दक्ष होना पड़ेगा।
उत्तर-
(a) गैस के अणु उच्च गतिज ऊर्जा और नगण्य अंतर-आणविक बल के कारण स्वतंत्र रूप से गति करते हैं। इस कारण वे बर्तन के हर कोने तक पहुंच जाते हैं और पूरा बर्तन भर देते हैं।
(b) गैस के अणु तेज गति से बर्तन की दीवारों से टकराते हैं। इन लगातार टक्करों के कारण गैस बर्तन की दीवारों पर दबाव डालती है।
(c) लकड़ी की मेज में कणों के बीच मजबूत अंतर-आणविक बल होता है। इस कारण इसका आकार और आयतन निश्चित रहता है, जो ठोस पदार्थ की विशेषता है।
(d) हवा के अणुओं के बीच बहुत कम बल होता है और वे आसानी से विस्थापित हो जाते हैं। इसलिए हवा में हाथ आसानी से चलता है। लकड़ी में कणों के बीच मजबूत बंधन होता है, जिसे तोड़ने के लिए बहुत अधिक बल की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 4. सामान्यतया ठोस पदार्थों की अपेक्षा द्रवों का घनत्व कम होता है। लेकिन आपने बर्फ के टुकड़े को पानी पर तैरते देखा होगा। पता लगाइए ऐसा क्यों होता है?
उत्तर- बर्फ पानी पर तैरती है क्योंकि इसका घनत्व पानी से कम होता है। जब पानी जमता है, तो इसका आयतन बढ़ जाता है और घनत्व कम हो जाता है। बर्फ का घनत्व लगभग 0.92 g/cm³ होता है, जबकि पानी का घनत्व 1 g/cm³ होता है। आर्किमिडीज के सिद्धांत के अनुसार, कोई वस्तु तब तैरती है जब वह अपने वजन के बराबर द्रव को विस्थापित करती है। बर्फ का एक टुकड़ा अपने वजन से अधिक पानी को विस्थापित करता है, इसलिए वह तैरता है। यही कारण है कि समुद्र में बर्फ के विशाल टुकड़े (आइसबर्ग) तैरते हैं।
पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या 9)
प्रश्न 1. निम्नलिखित तापमान को सेल्सियस में बदलें-
(a) 300 K
(b) 573 K
उत्तर- (a) K = °C + 273
°C = K – 273 = 300 – 273 = 27°C
(b) K = °C + 273
°C = K – 273 = 573 – 273 = 200°C
प्रश्न 2. निम्नलिखित ताप पर जल की भौतिक अवस्था क्या होगी ?
(a) 250°C
(b) 100°C
उत्तर- (a) 250°C ताप पर जल गैसीय अवस्था में बदल जायेगा।
(b) 100°C ताप पर जल द्रव तथा गैसीय अवस्था में बदल जायेगा।
प्रश्न 3. किसी भी पदार्थ की अवस्था परिवर्तन के दौरान तापमान स्थिर क्यों रहता है?
उत्तर- किसी पदार्थ की अवस्था परिवर्तन के दौरान तापमान स्थिर रहना एक महत्वपूर्ण भौतिक घटना है। इस प्रक्रिया में, पदार्थ को दी जाने वाली ऊष्मा गुप्त ऊष्मा के रूप में काम करती है। यह ऊष्मा पदार्थ के कणों की स्थिति ऊर्जा को बढ़ाने में उपयोग होती है, न कि उनकी गतिज ऊर्जा में। इस दौरान, पदार्थ की आंतरिक ऊर्जा बदलती है क्योंकि यह ऊष्मा पदार्थ के आंतरिक बंधनों को तोड़ने या बनाने में काम आती है। यह एक संतुलन की अवस्था होती है जहां पदार्थ की दोनों अवस्थाएं एक साथ मौजूद रहती हैं। ऊर्जा संरक्षण के सिद्धांत के अनुसार, दी गई सारी ऊष्मा अवस्था परिवर्तन में उपयोग हो जाती है, इसलिए तापमान में वृद्धि नहीं होती। यह प्रक्रिया तब तक जारी रहती है जब तक पूरा पदार्थ नई अवस्था में न बदल जाए।
प्रश्न 4. वायुमंडलीय गैसों को द्रव में परिवर्तन करने के लिए कोई विधि सुझाइए।
उत्तर- वायुमंडलीय गैसों को द्रव में परिवर्तित करने के लिए मुख्यतः दो भौतिक गुणों का उपयोग किया जाता है: तापमान और दाब। गैस को उसके क्वथनांक से नीचे तक ठंडा करके या उस पर अत्यधिक दाब लगाकर द्रवीकृत किया जा सकता है। अधिकतर प्रयोगशालाओं और उद्योगों में इन दोनों विधियों का संयुक्त प्रयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए, क्रायोजेनिक तकनीक में गैसों को अत्यंत निम्न तापमान पर संघनित किया जाता है। कुछ प्रक्रियाओं में गैस को बार-बार संपीड़ित और विस्तारित करके ठंडा किया जाता है। प्रकृति में भी यह प्रक्रिया देखी जा सकती है, जैसे वायुमंडल में ऊंचाई पर तापमान कम होने से जलवाष्प का संघनन होकर बादल बनना। इन विधियों का चयन गैस की प्रकृति, आवश्यक मात्रा और उपलब्ध संसाधनों पर निर्भर करता है।
पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या 11)
प्रश्न 1. गर्म, शुष्क दिन में कूलर अधिक ठंडा क्यों करता है ?
उत्तर- गर्म, शुष्क दिनों में कूलर अधिक प्रभावी होता है क्योंकि वाष्पीकरण की प्रक्रिया तेज़ होती है। कूलर में, पानी से भीगी घास की चटाई से गुजरने वाली गर्म हवा का तापमान कम हो जाता है। यह इसलिए होता है क्योंकि पानी के वाष्पीकरण के लिए आवश्यक ऊष्मा हवा से ली जाती है। शुष्क वातावरण में वाष्पीकरण तेज़ होता है, जिससे हवा और अधिक ठंडी हो जाती है।
प्रश्न 2. गर्मियों में घड़े का जल ठंडा क्यों होता है?
उत्तर- मिट्टी के घड़े में सूक्ष्म छिद्र होते हैं जिनसे पानी बाहर रिसता है। यह पानी घड़े की बाहरी सतह पर वाष्पीकृत होता है, जिसके लिए आवश्यक ऊष्मा घड़े के अंदर के पानी से ली जाती है। इस प्रक्रिया से घड़े के अंदर का पानी ठंडा हो जाता है। गर्मियों में वाष्पीकरण तेज़ होता है, जिससे पानी और अधिक ठंडा रहता है।
प्रश्न 3. ऐसीटोन/पेट्रोल या इत्र डालने पर हमारी हथेली ठंडी क्यों हो जाती है ?
उत्तर- ऐसीटोन, पेट्रोल और इत्र वाष्पशील द्रव हैं जो कम तापमान पर तेज़ी से वाष्पीकृत होते हैं। जब इन्हें हथेली पर डाला जाता है, तो वाष्पीकरण के लिए आवश्यक ऊष्मा हमारी त्वचा से ली जाती है। इस प्रक्रिया में त्वचा की ऊष्मा कम हो जाती है, जिससे हथेली ठंडी महसूस होती है। यह प्रभाव ऐसीटोन में सबसे अधिक होता है क्योंकि यह सबसे तेज़ी से वाष्पीकृत होता है।
प्रश्न 4. कप की अपेक्षा प्लेट से हम गर्म दूध या चाय जल्दी क्यों पी लेते हैं ?
उत्तर- प्लेट में गर्म दूध या चाय जल्दी ठंडी होती है क्योंकि इसमें वाष्पीकरण की दर अधिक होती है। प्लेट का सतह क्षेत्रफल कप से अधिक होता है, जिससे हवा के संपर्क में आने वाला द्रव का क्षेत्रफल बढ़ जाता है। इससे ऊष्मा का स्थानांतरण तेज़ी से होता है और तरल पदार्थ जल्दी ठंडा हो जाता है। इसलिए हम प्लेट से गर्म पेय जल्दी पी सकते हैं।
प्रश्न 5. गर्मियों में हमें किस प्रकार के कपड़े पहनने चाहिए ?
उत्तर- गर्मियों में सूती कपड़े पहनना सबसे उपयुक्त होता है। सूती कपड़े पसीने को अच्छी तरह से अवशोषित करते हैं और हवा को आसानी से गुजरने देते हैं। इससे पसीने का वाष्पीकरण तेज़ी से होता है, जो शरीर से ऊष्मा लेकर हमें ठंडक प्रदान करता है। साथ ही, सूती कपड़े हल्के और आरामदायक होते हैं, जो गर्मी में त्वचा को सांस लेने देते हैं।
अभ्यास प्रश्न
प्रश्न 1. निम्नलिखित तापमानों को सेल्सियस इकाई में परिवर्तित करें :-
(a) 293 K
(b) 470 K
उत्तर- (a) °C = K – 273 = 293 – 273 = 20°C
(b) °C = K – 273 = 470 – 273 = 197°C
प्रश्न 2. निम्नलिखित तापमानों को केल्विन इकाई में परिवर्तित करें :–
(a) 25°C
(b) 373°C
उत्तर- (a) K = °C + 273 = 25 + 273 = 298 K
(b) K= °C + 273 = 373 + 273 = 646 K
प्रश्न 3. निम्नलिखित अवलोकनों हेतु कारण लिखें-
(a) नैफ्थलीन को रखा रहने देने पर यह समय के साथ कुछ भी ठोस पदार्थ छोड़े बिना अदृश्य हो जाती है।
उत्तर- नैफ्थलीन एक ऊर्ध्वपातन पदार्थ है, जो सीधे ठोस अवस्था से गैसीय अवस्था में परिवर्तित हो जाता है। यह प्रक्रिया कमरे के तापमान पर धीरे-धीरे होती रहती है। नैफ्थलीन के अणु वायु में फैलते जाते हैं, जिससे यह दिखाई देना बंद हो जाती है। चूंकि यह सीधे गैस में बदलती है, इसलिए कोई द्रव या ठोस अवशेष नहीं बचता।
(b) हमें इत्र की गन्ध बहुत दूर बैठे हुए भी पहुँच जाती है।
उत्तर- इत्र में वाष्पशील यौगिक होते हैं जो आसानी से वाष्पीकृत होकर वायु में फैल जाते हैं। ये वाष्प विसरण द्वारा वायु में तेजी से फैलती हैं। इत्र के अणु हवा के अणुओं के बीच के रिक्त स्थान में प्रवेश कर जाते हैं और चारों ओर फैल जाते हैं। जब ये अणु हमारी नाक तक पहुंचते हैं, तो हमें गंध का अहसास होता है, भले ही हम इत्र के स्रोत से काफी दूर हों।
प्रश्न 4. निम्नलिखित पदार्थों को उनके कणों के बीच बढ़ते हुए आकर्षण के अनुसार व्यवस्थित करें –
(a) जल
(b) चीनी
(c) ऑक्सीजन
उत्तर- ऑक्सीजन < जल < चीनी।
प्रश्न 5. निम्नलिखित तापमानों पर जल की भौतिक अवस्थाएँ क्या हैं ?
(a) 25°C
(b) 0°C
(c) 100°C
उत्तर- (a) 25°C पर पानी द्रव अवस्था में होगा।
(b) 0°C पर पानी ठोस अवस्था में होगा क्योंकि पानी 0°C पर जम जाता है।
(c) 100°C पर पानी गैसीय अवस्था में होगा क्योंकि 100°C पर पानी वाष्प अवस्था में बदल जाता है।
प्रश्न 6. पुष्टि हेतु कारण दें
(a) जल कमरे के ताप पर द्रव है
(b) लोहे की अलमारी कमरे के ताप पर ठोस होती है।
उत्तर-
(a) जल कमरे के ताप पर द्रव है क्योंकि इसका गलनांक 0°C (273.15 K) है, जो कमरे के सामान्य तापमान से कम है। इसलिए, कमरे के तापमान पर जल अपनी द्रव अवस्था में रहता है। जल का कोई निश्चित आकार नहीं होता, लेकिन इसका एक निश्चित आयतन होता है।
(b) लोहे की अलमारी कमरे के ताप पर ठोस होती है क्योंकि लोहे का गलनांक बहुत अधिक (लगभग 1538°C या 1811 K) है। कमरे का तापमान इससे बहुत कम होता है, इसलिए लोहा अपनी ठोस अवस्था में रहता है, जिसका एक निश्चित आकार और आयतन होता है।
प्रश्न 7. 273 K पर बर्फ को ठंडा करने पर तथा जल को इसी तापमान पर ठंडा करने पर शीतलता का प्रभाव अधिक क्यों होता है ?
उत्तर- 273 K पर बर्फ जल से अधिक ठंडी महसूस होती है क्योंकि बर्फ के पिघलने के लिए अतिरिक्त ऊष्मा की आवश्यकता होती है। यह ऊष्मा हमारे शरीर से ली जाती है, जिससे हमें अधिक ठंडक महसूस होती है। जल पहले से ही द्रव अवस्था में होता है, इसलिए इसे पिघलने के लिए अतिरिक्त ऊष्मा की आवश्यकता नहीं होती।
प्रश्न 8. उबलते हुए जल अथवा भाप में से जलने की तीव्रता किसमें अधिक महसूस होती है ?
उत्तर- भाप में जलने की तीव्रता अधिक महसूस होती है क्योंकि भाप में वाष्पीकरण की गुप्त ऊष्मा होती है। जब भाप त्वचा से टकराती है, तो यह द्रव में बदल जाती है और अपनी गुप्त ऊष्मा मुक्त करती है। यह अतिरिक्त ऊष्मा त्वचा को हस्तांतरित हो जाती है, जिससे अधिक जलन महसूस होती है। उबलता जल केवल अपनी संवेदन ऊष्मा ही हस्तांतरित करता है।
प्रश्न 9. निम्नलिखित चित्र के लिए A, B, C, D, E तथा F की अवस्था परिवर्तन को नामांकित करें-
उत्तर-