UP Board Class 9 Science Chapter 8 Solutions – बल तथा गति के नियम

On this page, we are presenting you with UP Board class 9 Science chapter 8 solutions for free. Below you will get the written question and answer of chapter 8 – “बल तथा गति के नियम” in hindi medium.

यूपी बोर्ड कक्षा 9 विज्ञान की पुस्तक का आठवाँ अध्याय “बल तथा गति के नियम” हमारे आसपास की दुनिया में होने वाली गतियों और उनके कारणों को समझने में मदद करता है। यह अध्याय न्यूटन के गति के नियमों पर केंद्रित है, जो बताते हैं कि वस्तुएँ क्यों और कैसे गति करती हैं या रुकती हैं। इसमें हम सीखेंगे कि बल क्या होता है, यह कैसे वस्तुओं की गति को प्रभावित करता है, और संतुलित व असंतुलित बल क्या होते हैं।

UP Board class 9 Science chapter 8

UP Board Class 9 Science Chapter 8 Solutions

SubjectScience (विज्ञान)
Class9th
Chapter8. बल तथा गति के नियम
BoardUP Board

अध्ययन के बीच वाले प्रश्न :-

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 131)

प्रश्न 1. निम्न में किसका जड़त्व अधिक है?

(a) एक रबर की गेंद एवं उसी आकार को पत्थर
(b) एक साइकिल एवं एक रेलगाड़ी
(c) पाँच रुपये का एक सिक्का एवं एक रुपये का सिक्का।

उत्तर- (a) समान आकार का पत्थर,
(b) रेलगाड़ी,
(c) पाँच रुपये का सिक्का।

प्रश्न 2. नीचे दिए गए उदाहरण में, गेंद का वेग कितनी बार बदलता है, जानने का प्रयास करें

“फुटबाल का एक खिलाड़ी गेंद पर किक लगाकर गेंद को अपनी टीम के दूसरे खिलाड़ी के पास पहुँचाता है। दूसरा खिलाड़ी उस गेंद को किक लगाकर गोल की ओर पहुँचाने का प्रयास करता है। विपक्षी टीम का गोलकीपर गेंद को पकड़ता है और अपनी टीम के खिलाड़ी की ओर किक लगाता है।”
इसके साथ ही उस कारक की भी पहचान करें जो प्रत्येक अवस्था में बल प्रदान करता है।

उत्तर- इस उदाहरण में गेंद का वेग कम से कम चार बार बदलता है:-

  1. पहला खिलाड़ी गेंद पर किक लगाता है – वेग बढ़ता है (बल: खिलाड़ी का पैर)
  2. दूसरा खिलाड़ी गेंद को रोकता है – वेग घटता है (बल: खिलाड़ी का शरीर)
  3. दूसरा खिलाड़ी गेंद को गोल की ओर किक करता है – वेग बढ़ता है (बल: खिलाड़ी का पैर)
  4. गोलकीपर गेंद को पकड़ता है – वेग घटता है (बल: गोलकीपर के हाथ)
  5. गोलकीपर गेंद को किक करता है – वेग फिर से बढ़ता है (बल: गोलकीपर का पैर)

प्रश्न 3. किसी पेड़ की शाखा को तीव्रता से हिलाने पर कुछ पत्तियाँ झड़ जाती हैं। क्यों?

उत्तर- पेड़ की शाखा को तीव्रता से हिलाने पर कुछ पत्तियाँ जड़त्व के नियम के कारण झड़ जाती हैं। जड़त्व के कारण पत्तियाँ अपनी मूल स्थिति में रहने का प्रयास करती हैं, जबकि शाखा गति में आ जाती है। इससे पत्तियों और शाखा के बीच एक बल उत्पन्न होता है। यदि यह बल पत्तियों को शाखा से जोड़ने वाले बल से अधिक हो जाता है, तो पत्तियाँ टूटकर गिर जाती हैं।

प्रश्न 4. जब कोई गतिशील बस अचानक रुकती है तो आप आगे की ओर झुक जाते हैं और जब विरामावस्था से गतिशील होती है तो पीछे की ओर हो जाते हैं, क्यों?

उत्तर- यह घटना जड़त्व के नियम के कारण होती है। जब गतिशील बस अचानक रुकती है, तो यात्री का शरीर अपनी गति बनाए रखने का प्रयास करता है, जिससे वे आगे की ओर झुक जाते हैं। इसी प्रकार, जब विरामावस्था से बस गतिशील होती है, तो यात्री का शरीर विराम में रहने का प्रयास करता है, जिससे वे पीछे की ओर झुक जाते हैं। यह प्रभाव तब तक रहता है जब तक कि यात्री का शरीर बस की गति के अनुरूप नहीं हो जाता।

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 140)

प्रश्न 1. यदि क्रिया सदैव प्रतिक्रिया के बराबर है तो स्पष्ट कीजिए कि घोड़ा गाड़ी को कैसे खींच पाता है?

उत्तर- घोड़ा गाड़ी को न्यूटन के तीसरे नियम और घर्षण के कारण खींच पाता है। जब घोड़ा पृथ्वी पर पीछे की ओर बल लगाता है, तो पृथ्वी उस पर समान बल आगे की दिशा में लगाती है। यह प्रतिक्रिया बल घोड़े और गाड़ी को आगे धकेलता है। घर्षण इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, क्योंकि यह घोड़े के पैरों और सड़क के बीच पकड़ प्रदान करता है। बिना पर्याप्त घर्षण के, घोड़ा केवल फिसलेगा और गाड़ी नहीं खींच पाएगा।

प्रश्न 2. एक अग्निशमन कर्मचारी को तीव्र गति से बहुतायत मात्रा में पानी फेंकने वाली रबड़ की नली को पकड़ने में कठिनाई क्यों होती है? स्पष्ट करें।

उत्तर- अग्निशमन कर्मचारी को तीव्र गति से बहती पानी की नली को पकड़ने में कठिनाई न्यूटन के तीसरे गति नियम के कारण होती है। जब पानी नली से बाहर निकलता है, तो वह आगे की दिशा में एक बल लगाता है। इसके प्रतिक्रिया स्वरूप, नली पर समान परिमाण का बल विपरीत दिशा (पीछे की ओर) में लगता है। यह प्रतिक्रिया बल नली को पीछे की ओर धकेलता है, जिससे अग्निशमन कर्मचारी को उसे स्थिर रखने के लिए अधिक बल लगाना पड़ता है। पानी का उच्च वेग और अधिक मात्रा इस प्रभाव को और बढ़ा देती है।

प्रश्न 3. एक 50 g द्रव्यमान की गोली 4 kg द्रव्यमान की राइफल से 35 ms-1 के प्रारंभिक वेग से छोड़ी जाती है। राइफल के प्रारंभिक प्रतिक्षेपित वेग की गणना कीजिए।

हल- गोली का द्रव्यमान m1 = 50 g = 0.05 kg
गोली का प्रारंभिक वेग u1 = 35 m/s
गोली का संवेग = m1u1 = 0.05 x 35 = 1.75 kg ms-1
राइफल का द्रव्यमान m2 = 4 kg
राइफल का प्रतिक्षेप का वेग = u2
राइफल का संवेग = m2u2 = 4 x u2
परन्तु राइफल का संवेग = – गोली का संवेग
4 x u2 = -1.75
u2 = -0.4375 m/s
ऋणात्मक चिन्ह प्रदर्शित करता है राइफल 0.4375 = 0.44 ms-1 के वेग से गोली की दिशा के विपरीत दिशा में गति करेगी।
अतः राइफल का प्रतिक्षेप का वेग = 0.44 ms-1.

प्रश्न 4. 100 g और 200 g द्रव्यमान की दो वस्तुएँ एक ही रेखा के अनुदिश एक ही दिशा में क्रमशः 2 ms-1 और 1 ms-1 के वेग से गति कर रही हैं। दोनों वस्तुएँ टकरा जाती हैं। टक्कर के पश्चात् प्रथम वस्तु का वेग 1.87 ms-1 हो जाता है, तो दूसरी वस्तु का वेग ज्ञात करें।

उत्तर-

अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1. कोई वस्तु शून्य बाह्य असंतुलित बल अनुभव करती है। क्या किसी भी वस्तु के लिए अशून्य वेग से गति करना संभव है? यदि हाँ, तो वस्तु के वेग के परिमाण एवं दिशा पर लगने वाली शर्तों का उल्लेख करें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।

उत्तर- हाँ, कोई वस्तु शून्य बाह्य असंतुलित बल के साथ अशून्य वेग से गति कर सकती है। यह न्यूटन के पहले नियम के अनुसार होता है, जिसे जड़त्व का नियम भी कहा जाता है। इस स्थिति में, वस्तु का वेग निम्न शर्तों को पूरा करेगा:-

  1. वेग का परिमाण स्थिर रहेगा।
  2. वेग की दिशा अपरिवर्तित रहेगी।
  3. वस्तु एक सरल रेखा में गति करेगी।
  4. यह स्थिति तब तक बनी रहेगी जब तक कोई बाहरी असंतुलित बल वस्तु पर कार्य नहीं करता।

प्रश्न 2. जब किसी छड़ी से एक दरी (कार्पेट) को पीटा जाता है, तो धूल के कण बाहर आ जाते हैं। स्पष्ट करें।

उत्तर- जब दरी को छड़ी से पीटा जाता है, तो धूल के कण जड़त्व के नियम के कारण बाहर आ जाते हैं। छड़ी का प्रहार दरी को गति प्रदान करता है, लेकिन धूल के कण अपनी मूल स्थिति में रहने का प्रयास करते हैं। इस कारण, दरी और धूल के कणों के बीच एक सापेक्ष गति उत्पन्न होती है। यदि यह गति धूल के कणों को दरी से जोड़ने वाले बल से अधिक होती है, तो वे दरी से अलग होकर हवा में उड़ जाते हैं।

प्रश्न 3. बस की छत पर रखे सामान को रस्सी से क्यों बाँधा जाता है?

उत्तर- बस की छत पर रखे सामान को रस्सी से बाँधना जड़त्व के प्रभाव को रोकने के लिए आवश्यक है। जब बस अचानक चलती, रुकती या मोड़ लेती है, तो छत पर रखा सामान अपनी मूल गति या स्थिति को बनाए रखने का प्रयास करता है। यह जड़त्व का प्रभाव है। रस्सी से बाँधने से सामान पर एक बाहरी बल लगता है जो उसे बस के साथ गति करने के लिए मजबूर करता है। यह सामान के गिरने या खिसकने को रोकता है, जिससे यात्रियों और अन्य वाहनों की सुरक्षा सुनिश्चित होती है।

प्रश्न 4. किसी बल्लेबाज द्वारा क्रिकेट की गेंद को मारने पर गेंद जमीन पर लुढ़कती है। कुछ दूरी चलने के पश्चात् गेंद रुक जाती है। गेंद रुकने के लिए धीमी होती है, क्योंकि-

(a) बल्लेबाज ने गेंद को पर्याप्त प्रयास से हिट नहीं किया है।
(b) वेग गेंद पर लगाए गए बल के समानुपाती है।
(c) गेंद पर गति की दिशा के विपरीत एक बल कार्य कर रहा है।
(d) गेंद पर कोई असंतुलित बल कार्यरत नहीं है, अतः गेंद विरामावस्था में आने के लिए प्रयासरत है।
(सही विकल्प का चयन करें)

उत्तर- (c) गेंद पर गति की दिशा के विपरीत एक बल कार्य कर रहा है।

प्रश्न 5. एक टुक विरामावस्था से किसी पहाड़ी से नीचे की ओर नियत त्वरण से लुढ़कना शुरू करता है। यह 20 s में 400 m की दूरी तय करता है। इसका त्वरण ज्ञात करें। अगर इसका द्रव्यमान 7 टन हो तो इस पर लगने वाले बल की गणना करें। (1 टन = 1000 kg)

हल-

प्रश्न 6. 1 kg द्रव्यमान के एक पत्थर को 20 ms-1 के वेग से झील की जमी हुई सतह पर फेंका जाता है। पत्थर 50 m की दूरी तय करने के बाद रुक जाता है। पत्थर और बर्फ के बीच लगने वाले घर्षण बल की गणना करें।

हल- द्रव्यमान, m = 1 किग्रा
प्रारम्भिक वेग, u = 20 m/s
अन्तिम वेग, v = 0
दूरी = 50 m
गति के तीसरे समीकरण से,
v2 = u2 + 2as
0 = 202 + 2 x a x 50
a = – 4 ms-2
बर्फ व पत्थर के बीच लगा घर्षण बल,
F = ma
F = 1 x (-4)
F = – 4 N
ऋणात्मक चिन्ह दर्शाता है कि बल गति के विपरीत दिशा में कार्य कर रहा है।

प्रश्न 7. एक 8000 kg द्रव्यमान का रेल इंजन प्रति 2000 kg द्रव्यमान वाले पाँच डिब्बों को सीधी पटरी पर खींचता है। यदि इंजन 40000N का बल आरोपित करता है तथा यदि पटरी 5000 N का घर्षण बल लगाती है, तो ज्ञात करें

(a) नेट त्वरण बल
(b) रेल का त्वरण तथा
(c) डिब्बे 1 द्वारा डिब्बे 2 पर लगाया गया बल।

हल- इंजन द्वारा लगाया गया बल = 40,000 N
डिब्बों द्वारा लगाया गया घर्षण बल = 5000 N
(a) इंजन द्वारा लगाया गया त्वरक बल = 40,000 – 5000 = 35,000 N
(b) इंजन द्वारा लगाया गया त्वरक बल = 35000 N
रेलगाड़ी के डिब्बों का कुल द्रव्यमान = 5 x 2000 = 10000 kg
हम जानते हैं कि F = m x a
a = { F }/{ m } = { 35000 }/{ 10000 } = 3.5 m/s2
अतः रेलगाड़ी 3.5 m/s2 के त्वरण से गति करती है।
(c) चार डिब्बों को कुल द्रव्यमान = 4 x 2000 = 8000 kg
त्वरण = 3.5 m/s2
पहले डिब्बे द्वारा लगाया गया बल = 8000 x 3.5 = 28000 N.

प्रश्न 8. एक गाड़ी का द्रव्यमान 1500 kg है। यदि गाड़ी को 1.7 ms-2 के ऋणात्मक त्वरण (अवमंदन) के साथ विरामावस्था में लाना है, तो गाड़ी तथा सड़क के बीच लगने वाला बल कितना होगा?

हल- गाड़ी का द्रव्यमान (m) = 1500 kg
त्वरण (a) = – 1.7 m/s2
गाड़ी तथा सड़क के बीच लगने वाला बल = m x a = 1500 x (-1.7) = – 2550 N.

प्रश्न 9. किसी m द्रव्यमान की वस्तु जिसका वेग v है का संवेग क्या होगा?

(a) (mv)2
(b) mv²
(c) \frac { 1 }{ 2 } mv²
(d) mv

(उपरोक्त में सही विकल्प चुनें)।

उत्तर- (d) mv

प्रश्न 10. हम एक लकड़ी के बक्से को 200 N बल लगाकर उसे नियत वेग से फर्श पर धकेलते हैं। बक्से पर लगने वाला घर्षण बल क्या होगा?

उत्तर- क्षैतिज दिशा में बक्से पर लगाया गया बल = 200 N.
घर्षण बल बक्से पर क्षैतिज दिशा में लगाए गए बल के बराबर तथा विपरीत दिशा में होगा।
अतः घर्षण बल = -200 N
ऋणात्मक चिन्ह दर्शाता है कि घर्षण बल लगाए गए बल के विपरीत दिशा में लग रहा है।

प्रश्न 11. दो वस्तुएँ, प्रत्येक का द्रव्यमान 1.5 किग्रा है, एक ही सीधी रेखा में एक-दूसरे के विपरीत दिशा में गति कर रही हैं। टकराने के पहले प्रत्येक का वेग 2.5 ms-1 है। टकराने के बाद यदि दोनों एक-दूसरे से जुड़ जाती हैं, तब उनका सम्मिलित वेग क्या होगा?

उत्तर- दिया है : वस्तुओं के द्रव्यमान
m1 = m2 = 1.5 किग्रा
टकराने से पहले इनके वेग
u1 = 2.5 मीटर/सेकण्ड
u2 = -2.5 मीटर/सेकण्ड
(ऋण चिह्न विपरीत दिशा के कारण लिया है)
माना टकराने के बाद दोनों का सम्मिलित वेग v हो जाता है
दोनों के जुड़ जाने से बनी नई वस्तु का द्रव्यमान (m1 + m2) होगा
तब टक्कर के पहले दोनों का कुल संवेग = m1u1 + m2u2
= 1.5 x 2.5 + 1.5 x (-2.5) = 3.75 – 3.75 = 0.
तथा टक्कर के बाद दोनों का कुल संवेग = (m1 + m2) v = (1.5 + 1.5) v = 3v
संवेग संरक्षण के नियम से,
टक्कर के बाद कुल संवेग = टक्कर के पहले कुल संवेग
अर्थात् 3v = 0 ⇒ v = 0
अतः टक्कर के बाद दोनों वस्तुओं का सम्मिलित वेग शून्य होगा अर्थात् वे विरामावस्था में आ जाएँगी।

प्रश्न 12. गति के तृतीय नियम के अनुसार जब हम किसी वस्तु को धक्का देते हैं, तो वस्तु उतने ही बल के साथ हमें भी विपरीत दिशा में धक्का देती है। यदि वह वस्तु एक टुक है जो सड़क के किनारे खड़ा है; संभवतः हमारे द्वारा बल आरोपित करने पर भी गतिशील नहीं हो पाएगा। एक विद्यार्थी इसे सही साबित करते हुए कहता है कि दोनों बल विपरीत एवं बराबर हैं जो एक-दूसरे को निरस्त कर देते हैं। इस तर्क पर अपने विचार दें और बताएँ कि दुक गतिशील क्यों नहीं हो पाता?

उत्तर- विद्यार्थी का तर्क गलत है। यद्यपि क्रिया और प्रतिक्रिया बल बराबर और विपरीत होते हैं, वे दो अलग-अलग वस्तुओं पर कार्य करते हैं। इस मामले में, हमारा बल ट्रक पर लगता है, जबकि ट्रक का प्रतिक्रिया बल हम पर लगता है। ट्रक के गतिशील न होने का कारण घर्षण बल है। जब हम ट्रक को धक्का देते हैं, तो सड़क और ट्रक के टायरों के बीच स्थैतिक घर्षण बल उत्पन्न होता है। यदि हमारा आरोपित बल इस घर्षण बल से कम है, तो ट्रक गतिशील नहीं होगा। ट्रक को गति में लाने के लिए, हमें घर्षण बल से अधिक बल लगाना होगा।

प्रश्न 13. 200 g द्रव्यमान की एक हॉकी की गेंद 10 ms-1 की वेग से सीधी रेखा में चलती हुई 5 kg द्रव्यमान के लकड़ी के गुटके से संघट्ट करती है तथा उससे जुड़ जाती है। उसके बाद दोनों एक साथ उसी रेखा में गति करते हैं। संघट्ट से पहले तथा संघट्ट के बाद कुल संवेगों की गणना करें। दोनों वस्तुओं की जुड़ी हुई अवस्था में वेग की गणना करें।

उत्तर- गेंद का द्रव्यमान, m = 200, g = 0.2 kg
गेंद का वेग, v = 10 ms-1
गेंद का संघट्ट से पहले संवेग = m.v = 0.2 x 10 = 2.0 kg ms-1
5 kg द्रव्यमान के लकड़ी के टुकड़े का संघट्ट से पहले वेग, v = 0
लकड़ी के टुकड़े का संघट्ट से पहले संवेग = 5 x 0 = 0
(i) संघट्ट से पहले कुल संवेग = 2 + 0 = 2 kg ms-1
(ii) संघट्ट से पहले संवेग = संघट्ट के बाद संवेग = 2.0 kg ms-1
अतः दोनों वस्तुओं का संघट्ट के बाद संवेग = 2.0 kg ms-1
(iii) मान लिया दोनों वस्तुओं का जुड़ी हुई अवस्था में वेग = 0
दोनों वस्तुओं का जुड़ी हुई अवस्था में द्रव्यमान, m = 0.2 + 5 = 5.2 kg
दोनों वस्तुओं का संघट्ट के पश्चात जुड़ी हुई अवस्था में संवेग = m.v = 5.2 x v
परन्तु संघट्ट के बाद दोनों वस्तुओं का संवेग v = 2.0 kg ms-1
अतः
5.2 v = 2.0
v = 0.39 ms-1
अतः जुड़ी हुई अवस्था में दोनों वस्तुओं का वेग = 0.39 ms-1

प्रश्न 14. 10 द्रव्यमान की एक गोली सीधी रेखा में 150 ms-1 के वेग से चलकर एक लकड़ी के गुटके से टकराती है और 0.03 s के बाद रुक जाती है। गोली लकड़ी को कितनी दूरी तक भेदेगी? लकड़ी के गुटके द्वारा गोली पर लगाए गए बल के परिमाण की गणना कीजिए।

उत्तर-

प्रश्न 15. एक वस्तु जिसका द्रव्यमान 1 kg है, 10 ms-1 के वेग से एक सीधी रेखा में चलते हुए एक विरामावस्था में रखे 5 kg द्रव्यमान के एक लकड़ी के गुटके से टकराती है। उसके बाद दोनों साथ-साथ उसी सीधी रेखा में गति करते हैं। संघट के पहले तथा बाद के कुल संवेगों की गणना करें। आपस में जुड़े हुए संयोजन के वेग की भी गणना करें।

उत्तर- पिंड की संहति (m1) = 1 kg
गुटके की संहति (m2) = 5 kg
पिंड का आरंभिक वेग (v1) = 10 m/s
गुटके का आरंभिक वेग (v2) = 0
गोली व गुटके का टकराने के तुरन्त पहले संवेग = m1v1 + m2 x 0 = 1 x 10 + 5 x 0 = 10 kg m/s
टकराने के तुरन्त पश्चात् संवेग = टकराने के तुरन्त
पहले संवेग = 10 kg m/s
पिंडों की संयुक्त (कुल) संहति = m1 + m2 = 1 + 5 = 6 kg
मान लिया आपस में जुड़े संयोजन का वेग = v
आपस में जुड़े संयोजन का संवेग = mv = 6 x v = 6v
लेकिन संवेग = 10 kg m/s
अतः
6v = 10
v = \frac { 10 }/{ 6 } = \frac { 5 }/{ 3 } m/s.

प्रश्न 16. 100 kg द्रव्यमान की एक वस्तु का वेग समान त्वरण से चलते हुए 6s में 5 ms-1 से 8 ms-1 हो जाता है। वस्तु के पहले और बाद के संवेगों की गणना करें। उस बल के परिमाण की भी गणना करें जो उस वस्तु पर आरोपित है।

प्रश्न 17. अख्तर, किरण और राहुल किसी राजमार्ग पर बहुत तीव्र गति से चलती हुई कार में सवार हैं, अचानक उड़ता हुआ कोई कीड़ा गाड़ी के सामने के शीशे से आ टकराया और वह शीशे से चिपक गया। अख्तर और किरण इस स्थिति पर विवाद करते हैं। किरण का मानना है कि कीड़े के संवेग परिवर्तन का परिमाण कार के संवेग परिवर्तन के परिमाण की अपेक्षा बहुत अधिक है। (क्योंकि कीड़े के वेग में परिवर्तन का मान कार के वेग में परिवर्तन के मान से बहुत अधिक है।) अख्तर ने कहा कि चूंकि कार का वेग बहुत अधिक था अतः कार ने कीड़े पर बहुत अधिक बल लगाया जिसके कारण कीड़े की मौत हो गई। राहुल ने एक नया तर्क देते हुए कहा कि कार तथा कीड़ा दोनों पर समान बल लगा और दोनों के संवेग में बराबर परिर्वतन हुआ। इन विचारों पर अपनी प्रतिक्रिया दें।

उत्तर- इस स्थिति में राहुल का तर्क सबसे सटीक है, लेकिन कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं को स्पष्ट करना आवश्यक है। न्यूटन के तीसरे नियम के अनुसार, कार और कीड़े के बीच लगने वाले बल समान और विपरीत होंगे। संवेग संरक्षण के सिद्धांत के अनुसार, दोनों के संवेग परिवर्तन का परिमाण समान होगा। हालांकि, कीड़े का द्रव्यमान बहुत कम होने के कारण, उसके वेग में अधिक परिवर्तन होगा, जो किरण के कथन को आंशिक रूप से सही बनाता है। अख्तर का तर्क गलत है क्योंकि बल दोनों पर समान लगता है, चाहे वेग कितना भी हो। इस प्रकार, राहुल का तर्क सबसे उपयुक्त है, लेकिन वेग परिवर्तन में अंतर को भी ध्यान में रखना चाहिए। यह उदाहरण दर्शाता है कि संवेग संरक्षण और न्यूटन के गति नियम कैसे वास्तविक जीवन की स्थितियों में लागू होते हैं।

प्रश्न 18. एक 10 किग्रा द्रव्यमान की घंटी 80 सेमी की ऊँचाई से फर्श पर गिरी। इस अवस्था में घंटी द्वारा फर्श पर स्थानांतरित संवेग के मान की गणना करें। परिकलन में सरलता हेतु नीचे की ओर दिष्ट त्वरण का मान 10 ms-1 लें।

हल- दिया है। घंटी का द्रव्यमान, m = 10 किग्रा
प्रारंभिक ऊँचाई s = 80 सेमी = 0.8 मीटर,
घंटी का त्वरण a = 10 मीटर/सेकण्ड,
गिरते समय प्रारंभिक वेग u = 0
माना फर्श पर पहुँचकर घंटी v वेग से फर्श से टकराती है। तब समीकरण
v2 = u2 + 2as से, .
v2 = 02 + 2 x 10 x 0.8 = 16 मीटर/सेकण्ड
घंटी का वेग v = √16 = 4 मीटर/सेकण्ड।
माना कि फर्श से टकराने के बाद घंटी विरामावस्था में आ जाती है।
फर्श से टकराते समय घंटी का वेग v1 = 4 मीटर/सेकण्ड
तथा फर्श से टकराने के बाद घंटी का वेग v2 = 0
घंटी के संवेग में परिवर्तन = m (v2 – v1) = 10 (0 – 4) = – 40 किग्रा-मीटर/सेकण्ड।
क्रिया-प्रतिक्रिया के नियम से फर्श को स्थानान्तरित संवेग = – घंटी का संवेग-परिवर्तन = – (-40) = 40 किग्रा-मीटर/सेकण्ड

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