On this page, we are presenting you with UP Board class 9 Science chapter 4 solutions for free. Below you will get the written question and answer of chapter 4 – “परमाणु की संरचना” in hindi medium.
यूपी बोर्ड कक्षा 9 विज्ञान पुस्तक का चौथा अध्याय “परमाणु की संरचना” हमें पदार्थ के सबसे छोटे कण की आंतरिक बनावट से परिचित कराता है। यह अध्याय बताता है कि परमाणु कैसे बना होता है और उसके अंदर क्या-क्या होता है। इसमें हम परमाणु के मुख्य भागों जैसे नाभिक, इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन के बारे में जानेंगे। यह ज्ञान हमें यह समझने में मदद करेगा कि अलग-अलग तत्व एक-दूसरे से कैसे भिन्न होते हैं और उनके गुण कैसे निर्धारित होते हैं। इस अध्याय से हमें पदार्थ की मूल संरचना को समझने में मदद मिलेगी, जो आगे की कक्षाओं में रसायन विज्ञान और भौतिकी के अध्ययन की नींव रखेगा।

UP Board Class 9 Science Chapter 4 Solutions
Subject | Science (विज्ञान) |
Class | 9th |
Chapter | 4. परमाणु की संरचना |
Board | UP Board |
अध्ययन के बीच वाले प्रश्न :-
पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 53)
प्रश्न 1. केनाल किरणें क्या हैं ?
उत्तर- केनाल किरणें गैस डिस्चार्ज ट्यूब में उत्पन्न धनावेशित कणों की धारा है। ये कैथोड में छिद्रों से होकर कैथोड के पीछे की ओर गति करती हैं। इन्हें ई. गोल्डस्टीन ने 1886 में खोजा था। केनाल किरणें मुख्यतः धनावेशित गैस आयनों से बनी होती हैं। हाइड्रोजन गैस के मामले में, ये किरणें प्रोटॉन होती हैं। केनाल किरणों की खोज ने परमाणु संरचना की समझ में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
प्रश्न 2. यदि किसी परमाणु में एक इलेक्ट्रॉन तथा एक प्रोटॉन है तो उसमें कोई आवेश होगा या नहीं ?
उत्तर- यदि किसी परमाणु में केवल एक इलेक्ट्रॉन और एक प्रोटॉन है, तो उस परमाणु पर कोई शुद्ध आवेश नहीं होगा। यह इसलिए होता है क्योंकि इलेक्ट्रॉन का ऋणात्मक आवेश (-1) और प्रोटॉन का धनात्मक आवेश (+1) एक-दूसरे को संतुलित कर देते हैं। इस प्रकार का परमाणु विद्युत उदासीन होता है। यह हाइड्रोजन परमाणु का उदाहरण है, जो प्रकृति में सबसे सरल परमाणु है।
पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 56)
प्रश्न 1. परमाणु उदासीन है, इस तथ्य को टामसन के मॉडल के आधार पर स्पष्ट कीजिए
उत्तर- टॉमसन के परमाणु मॉडल के अनुसार, परमाणु उदासीन होता है क्योंकि उसमें धनावेश और ऋणावेश की मात्रा बराबर होती है। इस मॉडल में, परमाणु को एक धनावेशित गोले के रूप में दर्शाया गया है, जिसमें ऋणावेशित इलेक्ट्रॉन समान रूप से वितरित होते हैं। धनावेश की कुल मात्रा इलेक्ट्रॉनों के कुल ऋणावेश के बराबर होती है। इस प्रकार, धनावेश और ऋणावेश एक-दूसरे को संतुलित कर देते हैं, जिससे परमाणु विद्युत उदासीन हो जाता है।
प्रश्न 2. रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल के अनुसार, परमाणु के नाभिक में कौन-सा अवपरमाणुक कण विद्यमान है?
उत्तर- रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल के अनुसार, परमाणु के नाभिक में मुख्य रूप से प्रोटॉन पाए जाते हैं। प्रोटॉन धनावेशित कण हैं जो नाभिक का मुख्य भाग बनाते हैं। हालांकि, रदरफोर्ड के मूल मॉडल में न्यूट्रॉन का उल्लेख नहीं था, क्योंकि उनकी खोज बाद में हुई थी। आधुनिक समझ के अनुसार, परमाणु के नाभिक में प्रोटॉन और न्यूट्रॉन दोनों पाए जाते हैं, जिन्हें सामूहिक रूप से न्यूक्लिऑन कहा जाता है।
प्रश्न 3. तीन कक्षाओं वाले बोर के परमाण मॉडल का चित्र बनाइये।।
उत्तर- तीन कक्षाओं वाले बोर के परमाणु का मॉडल चित्र निम्न प्रकार से है। तीन कक्षाएँ क्रमशः K, L तथा M द्वारा दिखाई गई हैं

प्रश्न 4. क्या अल्फा किरणों का प्रकीर्णन प्रयोग सोने के अतिरिक्त दूसरी धातु की पन्नी से संभव होगा?
उत्तर- हाँ, अल्फा किरणों का प्रकीर्णन प्रयोग सोने के अतिरिक्त अन्य धातुओं की पन्नी से भी संभव है। रदरफोर्ड ने सोने का चयन किया क्योंकि यह अत्यंत पतली (लगभग 100 nm) और एकसमान परत बनाता है। अन्य धातुएँ जैसे प्लैटिनम या चाँदी भी इस प्रयोग के लिए उपयुक्त हो सकती हैं, बशर्ते वे पर्याप्त पतली और एकसमान परत बना सकें। हालाँकि, धातु की परत जितनी पतली होगी, प्रकीर्णन के परिणाम उतने ही स्पष्ट होंगे। अतः, सोने की पन्नी से प्राप्त परिणाम अधिक सटीक और विश्वसनीय होते हैं।
पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 56)
प्रश्न 1. परमाणु के तीन अवपरमाणुक कणों के नाम लिखिए।
उत्तर- परमाणु के तीन प्रमुख कण हैं-इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन, और न्यूट्रॉन।
प्रश्न 2. होलियम परमाणु का परमाणु द्रव्यमान 4u है तथा उसके नाभिक में दो प्रोटॉन होते हैं। इसमें कितने न्यूट्रान होंगे?
उत्तर- न्यूट्रॉनों की संख्या = परमाणु द्रव्यमान – प्रोटॉन की संख्या = 4 – 2 = 2
पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 57)
प्रश्न 1. कार्बन और सोडियम के परमाणुओं के लिए इलेक्ट्रॉन-वितरण लिखिए।
उत्तर-

प्रश्न 2. अगर किसी परमाणु का K और L कोश भरा है, तो उस परमाणु में इलेक्ट्रॉनों की संख्या क्या होगी ?
उत्तर- K (पहला कक्ष)
इसमें इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 2
L (दूसरा कक्ष)
इसमें इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 8
अतः परमाणु में कुल इलेक्ट्रॉन = 2 + 8 = 10.
पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 58)
प्रश्न 1. क्लोरीन, सल्फर और मैग्नीशियम की परमाणु संख्या से आप इनकी संयोजकता कैसे प्राप्त करेंगे?
उत्तर-
(i) क्लोरीन परमाणु संख्या = 17
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास = 2, 8, 7
क्लोरीन के बाह्यतम कोश को पूर्ण करने के लिए केवल 1 इलेक्ट्रॉन की आवश्यकता होती है। इसलिए इसकी संयोजकता 1 है।
(ii) सल्फर परमाणु क्रमांक = 16
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास = 2, 8, 6
क्योंकि इसके बाह्यतम कोश में 6 इलेक्ट्रॉन उपस्थित होते हैं। अत: इसे पूर्ण रूप से भरने के लिए 2 इलेक्ट्रॉन की आवश्यकता होती है। अतः इसकी संयोजकता 2 है।
(iii) मैग्नीशियम परमाणु क्रमांक = 12
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास = 2, 8, 2
क्योंकि इसके बाह्यतम कोश में 2 इलेक्ट्रॉन हैं, अतः इसकी संयोजकता 2 होगी।
पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 59)
प्रश्न 1. यदि किसी परमाणु में इलेक्ट्रॉनों की संख्या 8 है और प्रोटॉनों की संख्या भी 8 है तब,
(a) परमाणु की परमाणुक संख्या क्या है ?
(b) परमाणु का क्या आवेश है ?
उत्तर- (a) परमाणु संख्या = प्रोटॉनों की संख्या = 8
(b) प्रोटॉनों की संख्या = 8
धनात्मक आवेश = 8
इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 8
ऋणात्मक आवेश = 8
कुल आवेश = + 8 (- 8) = 0
प्रश्न 2. पाठ्य-पुस्तक की सारणी 4.1 की सहायता से ऑक्सीजन और सल्फर परमाणुओं की द्रव्यमान संख्या ज्ञात कीजिए।
उत्तर- (i) ऑक्सीजन की द्रव्यमान संख्या = प्रोटॉनों की संख्या + न्यूट्रॉनों की संख्या = 8 + 8 = 16 u
(ii) सल्फर की परमाणु द्रव्यमान संख्या = प्रोटॉनों की संख्या + न्यूट्रॉनों की संख्या = 16 + 16 = 32 u
पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 60)
प्रश्न 1. चिन्ह H, D और T के लिए प्रत्येक में पाए जाने वाले तीन अवपरमाणुक कणों को सारणीबद्ध कीजिए।
उत्तर-

प्रश्न 2. समस्थानिक और समभारिक के किसी एक युग्म का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखिए।
उत्तर-

अभ्यास के प्रश्न
प्रश्न 1. इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन के गुणों की तुलना कीजिए।
उत्तर-

प्रश्न 2. जे. जे. टामसन के परमाणु मॉडल की क्या सीमाएँ हैं ?
उत्तर- जे.जे. टॉमसन के परमाणु मॉडल की मुख्य सीमाएँ निम्नलिखित हैं:-
- यह मॉडल परमाणु के नाभिक की उपस्थिति को नहीं दर्शाता है।
- यह इलेक्ट्रॉनों की निश्चित कक्षाओं की व्याख्या नहीं करता।
- यह मॉडल रदरफोर्ड के अल्फा-कण प्रकीर्णन प्रयोग के परिणामों को समझा नहीं सकता।
- यह तत्वों के स्पेक्ट्रम की व्याख्या नहीं कर सकता।
- यह परमाणु की आंतरिक संरचना का सटीक विवरण नहीं देता।
प्रश्न 3. रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल की क्या सीमाएँ हैं ?
उत्तर- रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल की प्रमुख सीमाएँ निम्नलिखित हैं:-
- यह मॉडल परमाणु की स्थिरता की व्याख्या नहीं कर सकता। क्लासिकल भौतिकी के अनुसार, घूमते हुए इलेक्ट्रॉन को ऊर्जा का विकिरण करना चाहिए और अंततः नाभिक में गिर जाना चाहिए।
- यह तत्वों के स्पेक्ट्रम की रेखीय प्रकृति को समझा नहीं सकता।
- यह इलेक्ट्रॉनों की निश्चित ऊर्जा स्तरों या कक्षाओं की व्याख्या नहीं करता।
- यह मॉडल परमाणु में न्यूट्रॉन की उपस्थिति को नहीं दर्शाता, जिनकी खोज बाद में हुई।
- यह हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम की व्याख्या नहीं कर सकता।
प्रश्न 4. बोर के परमाणु मॉडल की व्याख्या कीजिए।
उत्तर- बोर के परमाणु मॉडल की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:-
- परमाणु का केंद्र में एक छोटा, धनावेशित नाभिक होता है।
- इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर निश्चित वृत्ताकार कक्षाओं में घूमते हैं। इन कक्षाओं को ऊर्जा स्तर या कक्ष कहा जाता है।
- प्रत्येक कक्षा की एक निश्चित ऊर्जा होती है। ये कक्षाएँ K, L, M, N आदि या 1, 2, 3, 4 आदि से दर्शाई जाती हैं।
- इलेक्ट्रॉन एक कक्षा में घूमते समय ऊर्जा का विकिरण नहीं करते, जिससे परमाणु स्थिर रहता है।
- इलेक्ट्रॉन केवल तभी ऊर्जा का अवशोषण या उत्सर्जन करते हैं जब वे एक कक्षा से दूसरी में जाते हैं।
- प्रत्येक कक्षा में इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या 2n² होती है, जहाँ n कक्षा की संख्या है।
प्रश्न 5. इस अध्याय में दिए सभी परमाणु मॉडलों की तुलना कीजिए।
उत्तर-
क्र. सं. | थॉमसन मॉडल | रदरफोर्ड मॉडल | बोर मॉडल |
---|---|---|---|
1. | इस मॉडल के अनुसार, धनात्मक आवेश पूरे गोले में फैला हुआ होता है। | रदरफोर्ड मॉडल के अनुसार, धनात्मक आवेश एक छोटे केन्द्रीय भाग में केंद्रित होता है जिसे नाभिक कहा जाता है। | बोर मॉडल में भी धनात्मक आवेश नाभिक में केंद्रित होता है, जो परमाणु के केंद्र में स्थित होता है। |
2. | ऋणात्मक आवेशित इलेक्ट्रॉन इस गोले के अंदर बिखरे हुए रहते हैं। | इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर घूर्णन करते हैं। | इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर निश्चित कक्षाओं में चक्कर लगाते हैं। |
3. | इस मॉडल से इलेक्ट्रॉनों की ऊर्जा के बारे में जानकारी नहीं मिलती। | इस मॉडल में भी इलेक्ट्रॉनों की ऊर्जा का कोई स्पष्ट विवरण नहीं मिलता। | इस मॉडल के अनुसार, इलेक्ट्रॉनों की ऊर्जा उनके कक्षों की दूरी पर निर्भर करती है। |
4. | इस मॉडल में इलेक्ट्रॉनों के वितरण के बारे में कोई जानकारी नहीं मिलती। | इसमें भी इलेक्ट्रॉनों के वितरण के बारे में जानकारी नहीं मिलती। | बोर मॉडल में प्रत्येक कक्षा में इलेक्ट्रॉनों की निश्चित संख्या होती है, और हर कक्षा की ऊर्जा भी निश्चित होती है। |
प्रश्न 6. पहले अठारह तत्त्वों के विभिन्न कक्षों में इलेक्ट्रॉन वितरण के नियमों को लिखिए।
उत्तर- प्रथम 18 तत्त्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखने के लिए प्रयोग किए गए नियम निम्न प्रकार से हैं
- किसी भी कक्ष में उपस्थित इलेक्ट्रॉन की संख्या एक सूत्र 2n² द्वारा ज्ञात की जाती है, जहाँ n = कक्ष की संख्या या ऊर्जा स्तर की संख्या। अतः अधिकतम इलेक्ट्रॉनों की संख्या
- पहले कक्ष (K) में होगी = 2 x 1² = 2
- दूसरे कक्ष (L) में होगी = 2 x 2² = 8
- तीसरे कक्ष (M) में होगी = 2 x 3² = 18
- चौथे कक्ष (N) में होगी = 2 x 4² = 32
- बाह्यतम कोष में अधिकतम आठ इलेक्ट्रॉन रखे जा सकते हैं।
- पहले कक्ष में इलेक्ट्रॉनों की संख्या पूर्ण होने पर शेष इलेक्ट्रॉन दूसरे कक्ष में जा सकते हैं अर्थात् कक्ष क्रमानुसार ही भरे जाते हैं।
प्रश्न 7. सिलिकॉन व ऑक्सीजन का उदाहरण लेते हुए संयोजकता की परिभाषा दीजिए।
उत्तर- संयोजकता किसी तत्व के परमाणु की रासायनिक बंध बनाने की क्षमता है। यह परमाणु के बाह्यतम कोश में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या पर निर्भर करती है। संयोजकता की गणना दो नियमों से की जाती है:-
- यदि बाह्यतम कोश में 4 या कम इलेक्ट्रॉन हैं, तो संयोजकता उन इलेक्ट्रॉनों की संख्या के बराबर होती है।
- उदाहरण: सिलिकॉन (Si) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8, 4 है। अतः इसकी संयोजकता 4 है।
- यदि बाह्यतम कोश में 4 से अधिक इलेक्ट्रॉन हैं, तो संयोजकता = 8 – (बाह्यतम कोश के इलेक्ट्रॉनों की संख्या)।
- उदाहरण: ऑक्सीजन (O) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 6 है। अतः इसकी संयोजकता 8 – 6 = 2 है।
संयोजकता की यह अवधारणा तत्वों के रासायनिक व्यवहार को समझने में मदद करती है।
प्रश्न 8. उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए-परमाणु संख्या, द्रव्यमान संख्या, समस्थानिक और समभारिक। समस्थानिकों के कोई दो उपयोग लिखिए।
उत्तर-
परमाणु संख्या: यह किसी तत्व के परमाणु के नाभिक में मौजूद प्रोटॉनों की संख्या है। उदाहरण के लिए, कार्बन की परमाणु संख्या 6 है क्योंकि इसके नाभिक में 6 प्रोटॉन होते हैं।
द्रव्यमान संख्या: यह परमाणु के नाभिक में प्रोटॉनों और न्यूट्रॉनों की कुल संख्या है। उदाहरण के लिए, ऑक्सीजन-16 की द्रव्यमान संख्या 16 है (8 प्रोटॉन + 8 न्यूट्रॉन)।
समस्थानिक: ये एक ही तत्व के ऐसे परमाणु हैं जिनकी परमाणु संख्या समान होती है लेकिन द्रव्यमान संख्या भिन्न होती है। जैसे, कार्बन-12, कार्बन-13, और कार्बन-14 कार्बन के समस्थानिक हैं।
समभारिक: ये अलग-अलग तत्वों के ऐसे परमाणु हैं जिनकी द्रव्यमान संख्या समान होती है लेकिन परमाणु संख्या भिन्न होती है। उदाहरण के लिए, कैल्शियम-40 और आर्गन-40।
समस्थानिकों के उपयोग:-
- चिकित्सा: रेडियोआयोडीन-131 का उपयोग थायरॉयड कैंसर के उपचार में किया जाता है।
- कृषि: फॉस्फोरस-32 का उपयोग पौधों में पोषक तत्वों के अवशोषण का अध्ययन करने में किया जाता है।
प्रश्न 9. Na+ के पूरी तरह से भरे हुए K वे L कोश होते हैं- व्याख्या कीजिए।
उत्तर- Na की परमाणु संख्या = 11
Na+ में उपस्थित इलेक्ट्रॉन की संख्या = 11 – 1 = 10
Na+ का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास = K, L = 2, 8
अत: Na+ में K तथा L कोश पूरी तरह भरे होते हैं।


प्रश्न 12. यदि तत्त्व का Z = 3 हो तो उस तत्त्व की संयोजकता क्या होगी? उस तत्त्व का नाम भी लिखिए।
उत्तर- दिया है- Z = 3
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास = 2, 1
तत्त्व की संयोजकता = 1
तत्त्व का नाम = लीथियम (Li)
प्रश्न 13. दो परमाणु स्पीशीज के केन्द्रकों का संघटन नीचे दिया गया है
प्रोटॉन = 6(X) 6(Y)
न्यूट्रॉन = 6(X) 8(Y)
X और Y की द्रव्यमान संख्या ज्ञात कीजिए। इन दोनों स्पीशीज में क्या सम्बन्ध है?
उत्तर- हल-
X की द्रव्यमान संख्या = प्रोटॉन + न्यूट्रॉन = 6 + 6 = 12u
Y की द्रव्यमान संख्या = प्रोटॉन + न्यूट्रॉन = 6 + 8 = 14u
X और Y दोनों में प्रोटॉनों की संख्या समांन है अर्थात् दोनों की परमाणु संख्या समान है। परन्तु उनकी द्रव्यमान संख्या भिन्न है।
अतः दोनों एक ही तत्त्व के समस्थानिक हैं।
प्रश्न 14. निम्नलिखित कथनों में से सही पर “T” और गलत पर “F” लिखिए
उत्तर-
(a) जे. जे. टॉमसन ने यह प्रस्तावित किया था कि परमाणु के केन्द्रक में केवल न्यूक्लीयॉन्स होते हैं। – F
(b) एक इलेक्ट्रॉन और प्रोटॉन मिलकर न्यूट्रॉन का निर्माण करते हैं इसलिए यह अनावेशित होता है। – F
(c) इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान प्रोटॉन से लगभग [latex]\frac { 1 }{ 2000 }[/latex] गुना होता है। – T
(d) आयोडीन के समस्थानिक का इस्तेमाल टिंक्चर आयोडीन बनाने में होता है। इसका उपयोग दवा के रूप में होता है। – T
प्रश्न संख्या 15, 16, 17 और 18 में सही के सामने (✓) का चिह्न और गलत के सामने (✗) का चिह्न लगाइए।
प्रश्न 15. रदरफोर्ड का अल्फा कण प्रकीर्णन प्रयोग किसकी खोज के लिए उत्तरदायी था
(a) परमाणु केन्द्रक
(b) इलेक्ट्रॉन
(c) प्रोटॉन
(d) न्यूट्रॉन
उत्तर- (a) ✓
(b) ✗
(c) ✗
(d) ✗
प्रश्न 16. एक तत्त्वे के समस्थानिक में होते हैं
(a) समान भौतिक गुण
(b) भिन्न रासायनिक गुण
(c) न्यूट्रॉनों की अलग-अलग संख्या
(d) भिन्न परमाणु संख्या
उत्तर- (a) ✗
(b) ✗
(c) ✓
(d) ✗
प्रश्न 17. Cl– आयन में संयोजकत्ना-इलेक्ट्रॉनों की संख्या है
(a) 16
(b) 8
(c) 17
(d) 18
उत्तर- (a) ✗
(b) ✓
(c) ✗
(d) ✗
प्रश्न 18. सोडियम का सही इलेक्ट्रॉनिक विन्यास निम्न में कौन-सा है ?
(a) 2, 8
(b) 8, 2, 1
(c) 2, 1, 8
(d) 2, 8, 1
उत्तर- (a) ✗
(b) ✗
(c) ✗
(d) ✓
प्रश्न 19. निम्नलिखित सारणी को पूरा कीजिए-
उत्तर-
