UP Board Class 9 Science Chapter 10 Solutions – कार्य तथा ऊर्जा

On this page, we are presenting you with UP Board class 9 Science chapter 10 solutions for free. Below you will get the written question and answer of chapter 10 – “कार्य तथा ऊर्जा” in hindi medium.

यूपी बोर्ड कक्षा 9 विज्ञान की पुस्तक का दसवाँ अध्याय “कार्य तथा ऊर्जा” हमारे दैनिक जीवन में महत्वपूर्ण दो अवधारणाओं पर केंद्रित है। यह अध्याय हमें समझाता है कि वैज्ञानिक दृष्टि से कार्य क्या होता है और ऊर्जा का क्या महत्व है। इसमें हम सीखेंगे कि कैसे कार्य और ऊर्जा एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं, ऊर्जा के विभिन्न रूप क्या हैं, और कैसे एक रूप से दूसरे रूप में ऊर्जा का रूपांतरण होता है। यह अध्याय विद्यार्थियों को यह समझने में मदद करेगा कि हमारे चारों ओर होने वाली गतिविधियों में ऊर्जा किस प्रकार महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और कैसे हम इसका उपयोग अपने जीवन को आसान बनाने के लिए करते हैं।

UP Board class 9 Science chapter 10

UP Board Class 9 Science Chapter 10 Solutions

SubjectScience (विज्ञान)
Class9th
Chapter10. कार्य तथा ऊर्जा
BoardUP Board

अध्ययन के बीच वाले प्रश्न :-

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 164)

प्रश्न 1. किसी वस्तु पर 7 N को बल लगता है। मान लीजिए बल की दिशा में विस्थापन 8 m है। (चित्र)। मान लीजिए वस्तु के विस्थापन के समय लगातार वस्तु पर बल लगता रहता है। इस स्थिति में किया गया कार्य कितना होगा?

हल- बल = 7N, विस्थापन = 8 m
किया गया गया = बल x विस्थापन = 7N x 8m = 56 Nm or J

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 165)

प्रश्न 1. हम कब कहते हैं कि कार्य किया गया है?

उत्तर- जब किसी वस्तु पर बल लगाया जाता है और वस्तु विस्थापित होती है, तो कहा जाता है कि कार्य किया गया है।

प्रश्न 2. जब किसी वस्तु पर लगने वाला बल इसके विस्थापन की दिशा में हो तो किए गए कार्य को व्यंजक लिखिए।

उत्तर- जब बल विस्थापन की दिशा में लगता है, तो कार्य = बल × विस्थापन।

प्रश्न 3. 1J कार्य को परिभाषित कीजिए।

उत्तर- 1 जूल कार्य तब किया जाता है, जब किसी वस्तु पर 1 न्यूटन का बल लगाकर उसे 1 मीटर की दूरी तक विस्थापित किया जाता है।

प्रश्न 4. बैलों की एक जोड़ी खेत जोतते समय किसी हल पर 140 N बल लगाती है। जोता गया खेत 15 m लंबा है। खेत की लंबाई को जोतने में कितना कार्य किया गया?

उत्तर- बैलों द्वारा लगाया गया बल = 140 N
जोता गया खेत = 15 m
किया गया कार्य = बल × विस्थापन = 140 N × 15 m = 2100 Nm या 2100 जूल

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 169)

प्रश्न 1. किसी वस्तु की गतिज ऊर्जा क्या होती है?

उत्तर- गतिज ऊर्जा, किसी वस्तु की गति के कारण संचित ऊर्जा होती है। जब वस्तु का वेग बढ़ता है, तो उसकी गतिज ऊर्जा भी बढ़ जाती है।

प्रश्न 2. किसी वस्तु की गतिज ऊर्जा के लिए व्यंजक लिखिए।

उत्तर- वस्तु की गतिज ऊर्जा = { 1 }{ 2 } mv²
जहाँ, m = वस्तु का द्रव्यमान, v = वस्तु की चाल

प्रश्न 3. 5 ms-1 के वेग से गतिशील किसी m द्रव्यमान की वस्तु की गतिज ऊर्जा 25 J है। यदि इसके वेग को दोगुना कर दिया जाए तो इसकी गतिज ऊर्जा कितनी हो जायेगी? यदि इसके वेग को तीन गुना कर दिया जाए तो इसकी गतिज ऊर्जा कितनी हो जायेगी?

उत्तर-

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 174)

प्रश्न 1. शक्ति क्या है?

उत्तर- शक्ति, किसी कार्य को किस दर से किया जाता है, उसे प्रदर्शित करती है। यह प्रति इकाल समय में किये गए कार्य की मात्रा है।

प्रश्न 2. एक वाट शक्ति को परिभाषित कीजिए।

उत्तर- एक वाट शक्ति का मतलब है, 1 जूल ऊर्जा का 1 सेकंड में उपयोग करना। अर्थात्, 1 वाट शक्ति का अर्थ है, 1 जूल कार्य को 1 सेकंड में करना।

प्रश्न 3. एक लैम्प 1000 J विद्युत ऊर्जा 10 सेकण्ड में व्यय करता है। इसकी शक्ति कितनी है?

उत्तर-

प्रश्न 4. औसत शक्ति को परिभाषित कीजिए।

उत्तर- औसत शक्ति, किसी कार्य को करने में लगे समय के आधार पर निर्धारित होती है। यह किये गये कार्य की मात्रा को उस कार्य को करने में लगे समय से विभाजित करके प्राप्त की जाती है।

या,
औसत शक्ति = W / t
जहाँ, W = किया गया कार्य और t = लगा समय।

अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1. निम्न सूचीबद्ध क्रिया-कलापों को ध्यान से देखिए। अपनी कार्य शब्द की व्याख्या के आधार पर तर्क दीजिए कि इनमें कार्य हो रहा है अथवा नहीं।

  1. सूमा एक तालाब में तैर रही है।
  2. एक गधे ने अपनी पीठ पर बोझ को उठा रखा है।
  3. एक पवन-चक्की (पिण्ड मिल) कुएँ से पानी उठा रही है।
  4. एक हरे पौधे में प्रकाश संश्लेषण की क्रिया हो रही है।
  5. एक इंजन रेल को खींच रहा है।
  6. अनाज के दाने सूर्य की धूप में सूख रहे हैं।
  7. एक पाल-नाव पवन ऊर्जा के कारण गतिशील है।

उत्तर-

  1. सूमा एक तालाब में तैर रही है – यहाँ कार्य हो रहा है क्योंकि सूमा अपने हाथों को पीछे की ओर झटकती है, जिससे उसे आगे की ओर बल लगता है और वह तैरती हुई आगे बढ़ती है।
  2. एक गधे ने अपनी पीठ पर बोझ उठा रखा है – यहाँ कार्य नहीं हो रहा है क्योंकि गुरुत्वाकर्षण बल नीचे की ओर लग रहा है और कोई विस्थापन नहीं हो रहा है।
  3. एक पवन-चक्की (पिण्ड मिल) कुएँ से पानी उठा रही है – यहाँ कार्य हो रहा है क्योंकि पवन-चक्की पानी को ऊपर उठा रही है, जिससे बल लगाने पर विस्थापन हो रहा है।
  4. एक हरे पौधे में प्रकाश संश्लेषण की क्रिया हो रही है – यहाँ कार्य नहीं हो रहा है क्योंकि यह एक रासायनिक प्रक्रिया है और किसी भौतिक बल के कारण विस्थापन नहीं हो रहा है।
  5. एक इंजन रेल को खींच रहा है – यहाँ कार्य हो रहा है क्योंकि इंजन रेल को खींचकर ले जा रहा है, जिससे बल लगाने पर विस्थापन हो रहा है।
  6. अनाज के दाने सूर्य की धूप में सूख रहे हैं – यहाँ कार्य नहीं हो रहा है क्योंकि अनाज अपने स्थान पर स्थिर हैं और कोई विस्थापन नहीं हो रहा है।
  7. एक पाल-नाव पवन ऊर्जा के कारण गतिशील है – यहाँ कार्य हो रहा है क्योंकि पवन गतिज ऊर्जा के कारण पाल-नाव पर बल लगता है, जिससे पाल-नाव का विस्थापन होता है।

प्रश्न 2. एक पिण्ड को धरती से किसी कोण पर फेंका गया है। यह एक वक्र पथ पर चलता है और वापस पृथ्वी पर आ गिरता है। पिण्ड के पथ के प्रारंभिक तथा अन्तिम बिन्दु एक ही क्षैतिज रेखा पर स्थित हैं। पिण्ड पर गुरुत्व बल द्वारा कितना कार्य किया गया?

उत्तर- यहां गुरुत्व बल द्वारा कोई कार्य नहीं किया गया। जब पिण्ड को क्षैतिज दिशा में फेंका जाता है, तो गुरुत्व बल पिण्ड को नीचे की ओर खींचता है, लेकिन पिण्ड का विस्थापन क्षैतिज दिशा में होता है, जो गुरुत्व बल की दिशा से 90 डिग्री का कोण बनाता है। इस स्थिति में, गुरुत्व बल द्वारा किया गया कार्य शून्य होता है, क्योंकि बल और विस्थापन की दिशाएं लंबवत होती हैं।

प्रश्न 3. एक बैट्री बल्ब जलाती है। इस प्रक्रम में होने वाले ऊर्जा परिवर्तनों का वर्णन कीजिए।

उत्तर- बैट्री में उपयोग किए जाने वाले रासायनिक पदार्थों की रासायनिक ऊर्जा सबसे पहले विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित होती है। बैट्री से प्राप्त विद्युत ऊर्जा बल्ब में प्रवाहित होती है, जहां यह ऊर्जा प्रकाश ऊर्जा में परिवर्तित होती है। इस प्रकार, बैट्री की रासायनिक ऊर्जा का विद्युत ऊर्जा और फिर प्रकाश ऊर्जा में परिवर्तन होता है।

प्रश्न 4. 20 kg द्रव्यमान पर लगने वाला कोई बल इसके वेग को 5 ms-1 से 2 ms-1 में परिवर्तित कर देता है। बल द्वारा किए गए कार्य का परिकलन कीजिए।

उत्तर-

प्रश्न 5. 10 kg द्रव्यमान का एक पिण्ड मेज पर A बिन्दु पर रखा है। इसे B बिन्दु तक लाया जाता है। यदि A तथा B को मिलाने वाली रेखा क्षैतिज है तो पिण्ड पर गुरुत्व बल द्वारा किया गया कार्य कितना होगा? अपने उत्तर की व्याख्या कीजिए।

उत्तर- पिण्ड को A बिंदु से B बिंदु तक ले जाया जाता है, जिसमें पिण्ड का विस्थापन क्षैतिज दिशा में होता है। हालांकि, गुरुत्व बल पिण्ड पर ऊर्ध्वाधर नीचे की ओर कार्य कर रहा है। क्योंकि बल और विस्थापन की दिशाएं लंबवत हैं, इसलिए गुरुत्व बल द्वारा किया गया कार्य शून्य होता है। अर्थात्, पिण्ड को A से B तक ले जाने में कोई कार्य नहीं किया जाता है।

प्रश्न 6. मुक्त रूप से गिरते एक पिण्ड की स्थितिज ऊर्जा लगातार कम होती जाती है। क्या यह ऊर्जा संरक्षण नियम का उल्लंघन करती है? कारण बताइए।

उत्तर- नहीं, यह ऊर्जा संरक्षण नियम का उल्लंघन नहीं करता। जब कोई पिण्ड मुक्त रूप से गिरता है, तो उसकी स्थितिज ऊर्जा घटती जाती है और उसकी गतिज ऊर्जा बढ़ती जाती है। इन दोनों ऊर्जा रूपों का योग हमेशा समान रहता है। अर्थात्, स्थितिज ऊर्जा का गतिज ऊर्जा में रूपांतरण होता है, जो ऊर्जा संरक्षण के नियम के अनुसार है।

प्रश्न 7. जब आप साइकिल चलाते हैं तो कौन-कौन से ऊर्जा रूपांतरण होते हैं?

उत्तर- साइकिल चलाते समय, शरीर की पेशीय ऊर्जा का रूपांतरण साइकिल की गतिज ऊर्जा में होता है। साइकिल की गतिज ऊर्जा का एक भाग घर्षण बल के खिलाफ कार्य करने में उपयोग होता है।

प्रश्न 8. जब आप अपनी सारी शक्ति लगाकर एक बड़ी चट्टान को धकेलना चाहते हैं और इसे हिलाने में असफल हो जाते हैं तो क्या इस अवस्था में ऊर्जा का स्थानांतरण होता है? आपके द्वारा व्यय की गई ऊर्जा कहाँ चली जाती है?

उत्तर- जब हम बड़ी चट्टान को धकेलने का प्रयास करते हैं और असफल होते हैं, तो ऊर्जा का कोई स्थानांतरण नहीं होता है। हमारी पेशियां तन जाती हैं और रक्त प्रवाह तेज हो जाता है, लेकिन चट्टान नहीं हिलती। इस स्थिति में, हमारे द्वारा लगाई गई ऊर्जा पेशीय तनाव और रक्त प्रवाह में खर्च हो जाती है, जिससे हम थक जाते हैं।

प्रश्न 9. किसी घर में एक महीने में ऊर्जा की 250 यूनिटें’ व्यय हुईं। यह ऊर्जा जूल में कितनी होगी?

उत्तर- पूरे महीने के दौरान कुल ऊर्जा खपत = 250 न्यूनिट
1 यूनिट = 1 kWh
250 न्यूनिट = 250 kWh
पुनः 1 kWh = 36,00,000 J
250 kWh = 250 x 36,00,000 J = 90,00,00,000 J = 9 x 108 J

प्रश्न 10. 40 kg द्रव्यमान का एक पिण्ड धरती से 5 m की ऊँचाई तक उठाया जाता है। इसकी स्थितिज ऊर्जा कितनी है? यदि पिण्ड को मुक्त रूप से गिरने दिया जाए तो जब पिण्ड ठीक आधे रास्ते पर है उस समय इसकी गतिज ऊर्जा का परिकलन कीजिए। (g = 10 ms-2)

उत्तर-

प्रश्न 11. पृथ्वी के चारों ओर घूमते हुए एक उपग्रह पर गुरुत्व बल द्वारा कितना कार्य किया जाएगा? अपने उत्तर को तर्कसंगत बनाइए।

उत्तर- पृथ्वी के चारों ओर घूमते हुए उपग्रह पर गुरुत्व बल द्वारा कोई कार्य नहीं किया जाता। गुरुत्व बल का कार्य उपग्रह की गति की दिशा के लंबवत् होता है, इसलिए गुरुत्व बल द्वारा किया गया कार्य शून्य होता है।

प्रश्न 12. क्या किसी पिण्ड पर लगने वाले किसी भी बल की अनुपस्थिति में, इसका विस्थापन हो सकता है? सोचिए। इस प्रश्न के बारे में अपने मित्रों तथा अध्यापकों से विचार-विमर्श कीजिए।

उत्तर- हाँ, बल की अनुपस्थिति में भी पिण्ड का विस्थापन हो सकता है। जब किसी पिण्ड को मुक्त अवस्था में छोड़ दिया जाता है, तो वह गुरुत्व बल के कारण नीचे गिरता है, और इस दौरान उसका विस्थापन होता है।

प्रश्न 13. कोई मनुष्य भूसे के एक गट्ठर को अपने सिर पर 30 मिनट तक रखे रहता है और थक जाता है। क्या उसने कोई कार्य किया या नहीं? अपने उत्तर को तर्कसंगत बनाइए।

उत्तर- नहीं, उस व्यक्ति ने कोई कार्य नहीं किया, क्योंकि भूसे के गट्ठे में कोई विस्थापन नहीं हुआ। व्यक्ति थक गया है क्योंकि उसकी पेशियों पर लगातार बल लग रहा था, लेकिन यह बल गट्ठे के स्थान को बदलने में सफल नहीं हुआ।

प्रश्न 14. एक विद्युत हीटर (ऊष्मक) की घोषित शक्ति 1500 w है। 10 घंटे में यह कितनी ऊर्जा उपयोग करेगा?

उत्तर- विद्युत हीटर की शक्ति (P) = 1500 w
लिया गया समय है = 10 घंटे = 10 x 3600 सेकण्ड
हीटर द्वारा खर्च की गई ऊर्जा = P x t = 1500 x 36000 = 54000000 J
ऊर्जा (kWh में) = { 54000000 }/{ 3600000 } = 1.5 kWh.

प्रश्न 15. जब हम किसी सरल लोलक के गोलक को एक ओर ले जाकर छोड़ते हैं तो यह दोलन करने लगता है। इसमें होने वाले ऊर्जा परिवर्तनों की चर्चा करते हुए ऊर्जा संरक्षण के नियम की व्याख्या कीजिए। गोलक कुछ समय पश्चात् विराम अवस्था में क्यों आ जाता है? अंततः इसकी ऊर्जा को क्या होता है? क्या यह ऊर्जा संरक्षण नियम का उल्लंघन है ?

उत्तर- जब हम किसी सरल लोलक के गोलक को एक ओर से दूर कर देते हैं, तो गोलक की स्थितिज ऊर्जा बढ़ जाती है। जब हम गोलक को छोड़ देते हैं, तो यह दोलन करने लगता है। इस दौरान, गोलक की स्थितिज ऊर्जा गतिज ऊर्जा में बदल जाती है, और गोलक दोलन करने लगता है।
ऊर्जा संरक्षण के नियम के अनुसार, गोलक की कुल ऊर्जा, यानी स्थितिज ऊर्जा और गतिज ऊर्जा का योग, हमेशा एक सतत् मान बना रहता है। जब गोलक मध्य स्थिति में आता है, तो उसकी गतिज ऊर्जा अधिकतम होती है।
गोलक कुछ समय बाद विराम अवस्था में आ जाता है क्योंकि लोलक के आधार बिंदु पर घर्षण और वायु प्रतिरोध के कारण उसकी ऊर्जा धीरे-धीरे क्षीण होती जाती है। यह ऊर्जा ऊष्मा के रूप में विकीर्ण हो जाती है। हालांकि, इस प्रक्रिया में कुल ऊर्जा संरक्षित रहती है, अर्थात् ऊर्जा संरक्षण नियम का उल्लंघन नहीं होता।

प्रश्न 16. m द्रव्यमान का एक पिण्ड एक नियत वेग v से गतिशील है। पिण्ड पर कितना कार्य करना चाहिए कि यह विराम अवस्था में आ जाये?

उत्तर- वस्तु का द्रव्यमान = m
वस्तु का प्रारंभिक वेग = v,
वस्तु का अन्तिम वेग = 0
वस्तु पर किया गया कार्य = वस्तु की गतिज ऊर्जा में परिवर्तन = अन्तिम गतिज ऊर्जा – प्रारंभिक गतिज ऊर्जा
= { 1 }/{ 2 } m x (0)² – { 1 }/{ 2 } mv²
= 0 – { 1 }/{ 2 } mv² = { -1 }/{ 2 } mv²
ऋणात्मक चिन्ह यह प्रदर्शित करता है कि किया गया कार्य वस्तु की गति की दिशा के विपरीत है।

प्रश्न 17. 1500 kg द्रव्यमान की कार को जो 60 km/h के वेग से चल रही है, रोकने के लिए किए गए कार्य का परिकलन कीजिए।

उत्तर- द्रव्यमान m = 1500 kg
वेग v = 60 km/h = { 60 x 1000 m }/{ 3600 s } = 16.67 m/s
गतिज ऊर्जा = { 1 }{ 2 } mv²
= { 1 }/{ 2 } x 1500 kg x (16.67 m/s)² = 208416.67 J

प्रश्न 18. निम्न में से प्रत्येक स्थिति में m द्रव्यमान के एक पिण्ड पर एक बल F लग रहा है। विस्थापन की दिशा पश्चिम से पूर्व की ओर है जो एक लंबे तीर से प्रदर्शित की गई है। चित्रों को ध्यानपूर्वक देखिए और बताइए कि किया गया कार्य ऋणात्मक है, धनात्मक है। या शून्य है।

उत्तर- चित्र के (a) स्थिति में किए गए कार्य की मात्रा शून्य है, क्योंकि बल विस्थापन के लंबवत् कार्य करता है।
θ कोण पर किया गया कार्य = F x s x cos θ
W = F x s x cos 90°
W = F x s x 0 = 0 J
चित्र के (b) स्थिति में किया गया कार्य धनात्मक है, क्योंकि वस्तु का विस्थापन आरोपित बल की दिशा में होता है।
चित्र के (c) स्थिति में किया गया कार्य ऋणात्मक है, क्योंकि आरोपित बल की विपरीत दिशा में वस्तु का विस्थापन होता है।

प्रश्न 19. सोनी कहती है कि किसी वस्तु पर त्वरण शून्य हो सकता है, चाहे उस पर कई बल कार्य कर रहे हों। क्या आप सहमत हैं? बताइए क्यों?

उत्तर- हाँ, हम सोनी से सहमत हैं। यदि किसी वस्तु पर कई बल लग रहे हैं, लेकिन ये बल परस्पर संतुलित हैं, तो वस्तु का परिणामी बल शून्य होगा। इस स्थिति में, वस्तु का त्वरण भी शून्य होगा, क्योंकि त्वरण का संबंध बल और द्रव्यमान के अनुपात से है।

प्रश्न 20. चार युक्तियाँ जिनमें प्रत्येक की शक्ति 500 w है 10 घंटे तक उपयोग में लाई जाती हैं। इनके द्वारा व्यय की गई ऊर्जा kWh में परिकलित कीजिए।

उत्तर- प्रत्येक युक्ति की शक्ति P = 500 वाट = { 500 }{ 1000 } किलोवाट = 0.5 किलोवाट,
t = 10 घंटे
P = { W }/{ t }
प्रत्येक युक्ति द्वारा व्यय ऊर्जा
(W) = P x t = 0.5 किलोवाट घंटे x 10 घंटे = 0.5 x 10 किलोवाट-घंटे
चार युक्तियों द्वारा उपयोग की गई कुल ऊर्जा = 4 x 5 = 20 किलोवाट-घंटा।

प्रश्न 21. मुक्त रूप से गिरता एक पिण्ड अंततः धरती तक पहुँचने पर रुक जाता है। इसकी गतिज ऊर्जा का क्या होता है?

उत्तर- जब कोई वस्तु स्वतंत्र रूप से नीचे गिरती है, तो उसकी स्थितिज ऊर्जा गतिज ऊर्जा में बदलती जाती है। जब वह धरती से टकराती है, तो उसकी संचित गतिज ऊर्जा का रूपांतरण ऊष्मा या ध्वनि में हो जाता है।

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