Bihar Board Class 8 History Solutions Chapter 8 – जातीय व्यवस्था की चुनौतियाँ

Get our free Bihar Board class 8 History solutions chapter 8 here. This page covers all the questions from chapter 8 – “जातीय व्यवस्था की चुनौतियाँ” and gives their answers in hindi medium.

इस अध्याय में आप भारतीय समाज में व्याप्त जातीय व्यवस्था की समस्या और इसके खिलाफ उठने वाले विरोध के बारे में जानेंगे। यह अध्याय आपको जाति व्यवस्था के मूल और इसके दोषों से परिचित कराएगा। आप उन सामाजिक सुधारकों जैसे जोतीराव फुले, ई.वी. रामास्वामी नायकर, श्री नारायण गुरु आदि के बारे में पढ़ेंगे जिन्होंने जाति पर आधारित भेदभाव और शोषण के खिलाफ आवाज उठाई।

Bihar Board Class 8 History Solutions Chapter 8

Bihar Board Class 8 History Solutions Chapter 8

SubjectHistory (अतीत से वर्तमान भाग 3)
Class8th
Chapter8. जातीय व्यवस्था की चुनौतियाँ
BoardBihar Board

प्रश्न 1. सही विकल्प को चुनें।

प्रश्न (i) फूले के द्वारा किस संगठन की स्थापना हुई ?

(क) ब्राह्मण समाज
(ख) आर्य समाज
(ग) सत्यशोधक समाज
(घ) प्रार्थना समाज

उत्तर- (ग) सत्यशोधक समाज

प्रश्न (ii) गैर बराबरी विरोधी आंदोलन को केरल में किसके द्वारा प्रारंभ किया गया?

(क) वीरशेलिंगम
(ख) सारायण गुरु
(ग) पेरियार
(घ) ज्योतिराव फूले

उत्तर- (ख) सारायण गुरु

प्रश्न (iii) पेरियार के द्वारा कौन-सा आंदोलन प्रारंभ किया गया ?

(क) आत्म सम्मान आंदोलन ।
(ख) जाति सुधार आंदोलन
(ग) छुआछूत विरोधी आंदोलन
(घ) धार्मिक समानता आंदोलन

उत्तर- (क) आत्म सम्मान आंदोलन ।

प्रश्न (iv) हरिजन सेवा संघ महात्मा गांधी के द्वारा किस वर्ष गठित किया गया?

(क) 1932
(ख) 1933
(ग) 1934
(घ) 1935

उत्तर- (क) 1932

प्रश्न (v) बाबा भीमराव अम्बेदकर के द्वारा किस वर्ष बहिष्कृत हितकारिणी सभा की स्थापना हुई ?

(क) 1921
(ख) 1924
(ग) 1934
(घ) 1945

उत्तर- (ख) 1924

आइए विचार करें

प्रश्न 1. ज्योतिराव फूले के मुख्य विचार क्या थे?

उत्तर: ज्योतिराव फूले जाति व्यवस्था के कट्टर विरोधी थे। उन्होंने जाति प्रथा को असमानता और शोषण का प्रतीक माना। फूले का मानना था कि जाति व्यवस्था आर्यों द्वारा भारत के मूल निवासियों को दबाने और उनका शोषण करने का एक तरीका है। उन्होंने समाज में व्याप्त जाति आधारित भेदभाव और अछूतों के प्रति अमानवीय व्यवहार का कड़ा विरोध किया। फूले का मुख्य लक्ष्य लोगों को जाति प्रथा के खिलाफ जागरूक करना और समानता के आदर्शों को बढ़ावा देना था। उन्होंने शिक्षा और स्वावलंबन के माध्यम से दलितों और निम्न जातियों के उत्थान पर जोर दिया।

प्रश्न 2. वीरशेलिंगम के योगदान की चर्चा करें।

उत्तर: कुंडुकरी वीरशेलिंगम एक प्रमुख सामाजिक सुधारक थे जिन्होंने दक्षिण भारत में जाति प्रथा और उससे जुड़ी कुरीतियों के विरुद्ध आवाज उठाई। वे तेलुगु गद्य साहित्य के जनक माने जाते हैं। वीरशेलिंगम ने विधवा पुनर्विवाह, नारी शिक्षा और महिला मुक्ति जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर लिखा। उन्होंने जाति आधारित भेदभाव और महिलाओं के प्रति अन्याय का विरोध किया। वीरशेलिंगम के प्रयासों ने दक्षिण भारत में समाज सुधार आंदोलनों को प्रेरणा दी और बीसवीं सदी के महत्वपूर्ण आंदोलनों के लिए मार्ग प्रशस्त किया।

प्रश्न 3. श्री नारायण गुरु का समाज सुधार के क्षेत्र में क्या योगदान रहा?

उत्तर: श्री नारायण गुरु एक प्रमुख धर्म सुधारक थे जिन्होंने केरल में निम्न जातियों के उत्थान के लिए काम किया। उन्होंने ‘श्री नारायण धर्म परिपालन योगम’ नामक एक संगठन की स्थापना की। इस संगठन के मुख्य उद्देश्य थे – छुआछूत और जाति आधारित भेदभाव का विरोध करना, और धार्मिक रीति-रिवाजों को सरल बनाना। श्री नारायण गुरु ने अपने अनुयायियों में एकता और आत्मसम्मान की भावना पैदा करने का प्रयास किया। उन्होंने अपने अनुयायियों को उच्च जातियों के तौर-तरीकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया ताकि उनमें आत्मविश्वास और गरिमा आए। उनके प्रयासों ने निम्न जातियों के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

प्रश्न 4. महात्मा गांधी द्वारा छुआछूत निवारण के क्या उपाय किए गए?

उत्तर: महात्मा गांधी ने अछूतोद्धार और छुआछूत निवारण को अपना प्रमुख अभियान बनाया। उन्होंने अछूतों को ‘हरिजन’ शब्द से संबोधित करना शुरू किया। गांधीजी ने हरिजनों के उत्थान के लिए कई रचनात्मक कार्यक्रम चलाए। इनमें शामिल थे – हरिजन सेवक संघ की स्थापना, ‘हरिजन’ नामक साप्ताहिक पत्रिका का प्रकाशन, मंदिर प्रवेश आंदोलन, शिक्षण संस्थाओं और जलाशयों में प्रवेश की मांग। गांधीजी ने जाति प्रथा की समस्याओं को दूर करने, महिलाओं की स्थिति में सुधार लाने और हिंदू-मुस्लिम एकता बढ़ाने के लिए भी प्रयास किए।

प्रश्न 5. बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर ने जातीय भेदभाव को दूर करने के लिए किस तरह के प्रयास किए?

उत्तर: भीमराव अम्बेडकर दलितों के मुख्य नेता और जाति प्रथा के कट्टर विरोधी थे। उन्होंने 1920 के दशक में दलित आंदोलन को संगठित करने के लिए ‘बहिष्कृत हितकारिणी सभा’ की स्थापना की। 1927 में अम्बेडकर ने ‘महाड सत्याग्रह’ का नेतृत्व किया जिसका उद्देश्य दलितों के लिए जलाशयों में प्रवेश की मांग करना था। इस आंदोलन के माध्यम से उन्होंने जाति आधारित भेदभाव और छुआछूत प्रथा के खिलाफ मजबूत लड़ाई छेड़ी। अम्बेडकर ने संविधान में जाति आधारित भेदभाव को गैरकानूनी करार देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

आइए करके देखें

प्रश्न 1. आप अपने आस-पास समाज में किस तरह के असमानता को देखते हैं, इस पर वर्ग में शिक्षक की उपस्थिति में सहपाठियों से चर्चा करें ?

उत्तर- छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 2. समाज में जातीय भेद-भाव को मिटाने या कम करने के लिए आप क्या प्रयास कर सकते हैं, इस पर अपने विचार वर्ग में सहपाठियों ।। एवं शिक्षक को बताएँ।

उत्तर- छात्र स्वयं करें।

Other Chapter Solutions
Chapter 1 Solutions – कहाँ, कब और कैसे?
Chapter 2 Solutions – भारत में अंग्रेजी राज्य की स्थापना
Chapter 3 Solutions – ग्रामीण ज़ीवन और समाज
Chapter 4 Solutions – उपनिवेशवाद एवं जनजातीय समाज
Chapter 5 Solutions – शिल्प एवं उद्योग
Chapter 6 Solutions – अंग्रेजी शासन के खिलाफ संघर्ष (1857 का विद्रोह)
Chapter 7 Solutions – ब्रिटिश शासन एवं शिक्षा
Chapter 8 Solutions – जातीय व्यवस्था की चुनौतियाँ
Chapter 9 Solutions – महिलाओं की स्थिति एवं सुधार
Chapter 10 Solutions – अंग्रेजी शासन एवं शहरी बदलाव
Chapter 11 Solutions – कला क्षेत्र में परिवर्तन
Chapter 12 Solutions – राष्ट्रीय आन्दोलन (1885-1947)
Chapter 13 Solutions – स्वतंत्रता के बाद विभाजित भारत का जन्म

Leave a Comment

WhatsApp Icon
X Icon