Bihar Board Class 8 History Solutions Chapter 11 – कला क्षेत्र में परिवर्तन

Are you searching for Bihar Board class 8 History solutions chapter 11? Get our complete set of solutions for this chapter here. It helps you to solve all the questions of chapter 11 – “कला क्षेत्र में परिवर्तन” in hindi medium.

इस अध्याय में आप अंग्रेजी शासनकाल के दौरान भारतीय कला के क्षेत्र में आए बदलावों के बारे में जानेंगे। यह अध्याय आपको पारंपरिक भारतीय कला शैलियों जैसे मूर्तिकला, वास्तुकला, चित्रकला आदि से परिचित कराएगा और बताएगा कि किस प्रकार ये कलाएं उपनिवेशवाद के प्रभाव से प्रभावित हुईं। साथ ही, आप कंपनी शाही शैली की कलाकृतियों और उनकी विशेषताओं के बारे में भी पढ़ेंगे।

Bihar Board Class 8 History Solutions Chapter 11

Bihar Board Class 8 History Solutions Chapter 11

SubjectHistory (अतीत से वर्तमान भाग 3)
Class8th
Chapter11. कला क्षेत्र में परिवर्तन
BoardBihar Board

पाठगत प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. उत्कीर्ण चित्र’ व ‘अलबम’ क्या थे?

उत्तर- उत्कीर्ण चित्र लकड़ी या धातु के छापे से कागज पर बनाये गये चित्र को उत्कीर्ण चित्र कहा गया। अलबम-चित्र रखने की किताब को अलबम कहते हैं।

प्रश्न 2. रूपचित्र क्या था ?

उत्तर- किसी व्यक्ति का ऐसा चित्र जिसमें उसके चेहरे एवं हाव-भाव पर विशेष जोर दिया गया हो । इस शैली के बने चित्र रूपचित्र कहलाते थे।

प्रश्न 3. किरमिच क्या था ?

उत्तर- गाढ़ा या मोटा कपड़ा जिस पर चित्र उकेरा जाता था, उसे कलाकार किरमिच कहते थे।

प्रश्न 4. पाश्चात्य चित्रकारों ने अंग्रेजों की श्रेष्ठता को दर्शाने के लिए चित्रकला की कौन-सी विषय, शैली एवं परम्परा को अपनाया। कक्षा में इसकी चर्चा करें।

उत्तर- पाश्चात्य चित्रकारों ने अंग्रेजी की श्रेष्ठता को दर्शाने के लिए भारत के भूदृश्यों के चित्रण को अपनी चित्रकारी का विषय बनाया। वे भारत के प्राचीन भू-दृश्यों में वैसे विषय को प्रमुखता दिये जिससे भारत की गरीबी झलके । साथ ही अंग्रेजों द्वारा किये गये आधुनिकीकरण कार्यों को प्रमुखता से चित्रित कर अंग्रेजों के वैभव एवं श्रेष्ठता को सिद्ध किये।

इसके लिए यूरोपीय कलाकारों ने उत्कीर्ण चित्रों की अलबम बनायी जिसे. ब्रिटेनवासी उत्सुकता से भारत को जानने के लिए महंगे दामों में भी खरीदना चाहते थे। अंग्रेजी चित्रकारों ने अंग्रेजी वैभव को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने के लिए ‘रूपचित्रण’ को प्रचलित यूरोपीय शैली को अपनाया जिसमें चित्र आदमकद होते थे। ये उनकी परम्परागत शैली थी।

प्रश्न 5. औपनिवेशिक चित्रकला एवं राष्ट्रवादी चित्रकला में अंतर को स्पष्ट करें।

उत्तर- औपनिवेशिक चित्रकला की परम्परागत शैली जहाँ ‘रूपचित्रण’ थी, यानी आदमकद चित्र वहीं राष्ट्रवादी चित्रकला शैली ‘तेल चित्रकारी’ थी। जहाँ औपनिवेशिक चित्रकला के अंग्रेज कलाकार अपने देशवासियों की श्रेष्ठता व वैभव को सिद्ध करना चाहते थे, वहीं भारतीय, राष्ट्रवादी चित्रकला अपने चित्रों के माध्यम से राष्ट्रवादी संदेश देते थे। साथ ही वे रामायण, महाभारत’ और पौराणिक कहानियों के नाटकीय दृश्यों को ‘किरमिच’ पर चित्रांकित कर भारत के शानदार वे वैभवशाली अतीत को दर्शकर अंग्रेजों के वैभव को करारा जवाब दे रहे थे।

प्रश्न 6. कक्षा 7 के इकाई 8 में चित्रित लघुचित्रों को देखकर चित्र 12 की तुलना कीजिए? क्या आपको कोई समानता-असमानता दिखती है?

उत्तर: कक्षा 7 की इकाई 8 में दिखाए गए लघुचित्रों और कक्षा 8 के चित्र 12 में कुछ महत्वपूर्ण अंतर दिखाई देते हैं। कक्षा 7 के लघुचित्र पूरे कैनवास पर फैले हुए हैं और मुख्य विषय वस्तु पूरी तस्वीर में केंद्रित है। इसके विपरीत, चित्र 12 में मुख्य विषय वस्तु केवल ऊपरी छोटे से हिस्से में दर्शाई गई है। शेष क्षेत्र में हल्की रंगों की धुंधली पृष्ठभूमि दिखाई गई है।

यह चित्र अवनीन्द्रनाथ ठाकुर द्वारा बनाया गया है और इसका शीर्षक ‘मेरी माँ’ है। इस चित्र में जापानी कला का प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। जापानी कला में प्राकृतिक वातावरण और असामान्य कोणों से चित्रांकन करना प्रचलित था। इसी का प्रभाव चित्र 12 में भी दिखाई देता है।

इस प्रकार, कक्षा 7 के लघुचित्रों की परंपरागत शैली से चित्र 12 अलग है। चित्र 12 में आधुनिक जापानी शैली का प्रभाव देखा जा सकता है, जबकि कक्षा 7 के लघुचित्र भारतीय परंपरागत शैली में बने हैं।

प्रश्न 7. आप अपने गाँव, कस्बा एवं शहर में स्थित भवन एवं इमारतों की सूची बनाएँ एवं यह बताएं कि उनका निर्माण किस स्थापत्य शैली में हुआ है?

उत्तर: यह एक परियोजना कार्य है जिसे विद्यार्थियों को अपने शिक्षक के मार्गदर्शन में पूरा करना होगा। इस कार्य के लिए विद्यार्थियों को अपने आस-पास के क्षेत्र का निरीक्षण करना होगा और वहां मौजूद भवनों, इमारतों और स्मारकों की सूची बनानी होगी। साथ ही, उन्हें इन भवनों की स्थापत्य शैलियों का अवलोकन करके उसका वर्णन करना होगा। यह एक महत्वपूर्ण गतिविधि है जिससे छात्रों को अपने स्थानीय इतिहास और वास्तुकला से परिचित होने का अवसर मिलेगा।

प्रश्न 8. आर्थिक राष्ट्रवाद क्या है?

उत्तर: आर्थिक राष्ट्रवाद का तात्पर्य अंग्रेजी शासन के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था के शोषण की आलोचना करने और इससे देश को मुक्त कराने की राष्ट्रवादी प्रवृत्ति से है। इसमें भारतीय राष्ट्रवादी विचारकों ने अंग्रेजी नीतियों द्वारा भारत के आर्थिक विकास को रोकने और उसे अपनी औपनिवेशिक उपज बना लेने की आलोचना की। साथ ही, स्वदेशी आंदोलन और भारतीय उद्योगों को बढ़ावा देकर देश की आर्थिक आजादी लाने की मांग उठाई गई। इस प्रकार आर्थिक राष्ट्रवाद भारतीय राष्ट्रवाद की आर्थिक बुनियाद तैयार करने का प्रयास था।

प्रश्न 9. साहित्यिक देशभक्ति क्या थी?

उत्तर: साहित्यिक देशभक्ति से तात्पर्य उस देशभक्तिपरक साहित्य से है जिसमें लेखकों और कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से राष्ट्रवादी विचारों और भावनाओं को व्यक्त किया। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान विभिन्न भाषाओं के लेखकों और कवियों ने अपनी साहित्यिक कृतियों में देशभक्ति, स्वतंत्रता संघर्ष और आजादी के लिए बलिदान की भावनाओं को अभिव्यक्त किया। इस प्रकार साहित्य ने जन-जन में देशभक्ति की भावना को जगाने और उन्हें स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के लिए प्रेरित किया।

प्रश्न 10. साहित्य मे किन राष्ट्रवादी तत्वों को उजागर किया गया है, कक्षा में चर्चा करें।

उत्तर-

निम्नलिखित राष्ट्रवादी तत्वों पर विचार-विमर्श किया जा सकता है जिन्हें उस समय के साहित्य में उजागर किया गया था:

  1. गुलामी और पराधीनता की स्थिति के प्रति घृणा व विरोध की भावना: स्वतंत्रता आंदोलन के दौर के साहित्यकारों ने अपनी रचनाओं में अंग्रेजी शासन की गुलामी और देश की पराधीन स्थिति के प्रति घृणा व्यक्त की। उन्होंने गुलामी को एक अपमानजनक अवस्था बताया और उससे मुक्ति पाने की आवश्यकता पर बल दिया।
  2. स्वतंत्रता संघर्ष में बलिदान की भावना: भारतीय लेखक और कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से लोगों में स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए किसी भी प्रकार का बलिदान करने की भावना उत्पन्न की। उन्होंने क्रांतिकारियों, स्वतंत्रता सेनानियों के शौर्य और त्याग को सम्मानित किया।
  3. स्वदेशी आंदोलन का समर्थन: उस समय के साहित्य में स्वदेशी आंदोलन और देसी उत्पादों का समर्थन करने की अपील की गई। विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने और स्वदेशी उद्योगों को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया गया।
  4. भारतीय संस्कृति और विरासत के प्रति गर्व: राष्ट्रवादी साहित्यकारों ने अपनी कृतियों में भारतीय संस्कृति, इतिहास और गौरवशाली विरासत को उजागर किया। उन्होंने भारत की महान विभूतियों और गौरवशाली अतीत पर प्रकाश डाला।
  5. राष्ट्रीय एकता और अखंडता का मूल्य: भारतीय विविधता और बहुलता के बावजूद राष्ट्रीय एकता और अखंडता की जरूरत पर बल दिया गया। साहित्य में भिन्न धर्म, जाति और क्षेत्रों के लोगों को एकजुट होने का आह्वान किया गया।

इस प्रकार स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान साहित्य ने राष्ट्रवादी भावनाओं और विचारों को व्यापक रूप से व्यक्त किया और उन्हें आम जनता तक पहुंचाया।

अभ्यास-प्रश्न

प्रश्न 1. सही या गलत बताएँ

  1. साहित्य में पराधीनता के बोध एवं स्वतंत्रता की जरूरतों को स्पष्ट अभिव्यक्ति मिलने लगी थी। – सही
  2. प्रेमचंद ने ‘आनंदमठ’ की रचना की थी। – गलत
  3. रमेशचन्द्र दत्त के उपन्यास में हिन्दू समर्थक प्रवृत्ति देखने क मिलती है। – सही
  4. भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ने भारतीय धन के लूट को नाटक के माध्यम से पर्दाफाश किया है। – सही
  5. वंदे मातरम्’ गीत, की रचना बंकिमचन्द्र चटर्जी ने की थी। – सही

प्रश्न 2. रिक्त स्थानों को भरें

  1. लकड़ी या धातु के छापे से कागज पर बनाई गई तस्वीर को उत्कीर्ण चित्र कहा जाता है।
  2. औपनिवेशिक काल में बनाये गये छविचित्र रूपचित्रण होते थे ।
  3. अंग्रेजों की विजय को दर्शाने के लिए युद्ध के दृश्यों की चित्रकारी की जाती थी।
  4. एशियाई कला आंदोलन को प्रोत्साहित करने वाले जापानी कलाकार थे।

प्रश्न 3. निम्नलिखित के जोड़े बनाएँ

उत्तर-

  1. सेन्ट्रल पोस्ट ऑफिस, कलकत्ता – (iii) इंडो ग्रीक शैली
  2. विक्टोयिा टर्मिनस रेलवे स्टेशन, बम्बई – (i) गोथिक शैली
  3. मद्रास लॉ कोर्ट – (ii) इंडो सारासेनिक शैली

आइए विचार करें

प्रश्न (i) मधुबनी पेंटिंग किस प्रकार की कला शैली थी ? इसके अंतर्गत किन विषयों को ध्यान में रखकर चित्र बनाये जाते थे?

उत्तर- मधुबनी पेंटिंग एक प्राचीन भारतीय कला परंपरा है जो बिहार से उदभूत हुई। इस कला शैली में कलाकारों ने मानव जीवन के विभिन्न पहलुओं को चित्रित किया है। प्रकृति के साथ-साथ धार्मिक आस्थाएँ, सामाजिक रीति-रिवाज, पारिवारिक समारोह एवं अनुष्ठान इसके प्रमुख विषय रहे हैं। मधुबनी कला में जीवन के विविध रंगों को बड़ी ही सहज एवं सरल शैली में उभारा गया है।

प्रश्न (ii) ब्रिटिश चित्रकारों ने अंग्रेजों की श्रेष्ठता एवं भारतीयों की कमतर हैसियत को दिखाने के लिए किस तरह के चित्रों को दर्शाया है ?

उत्तर- ब्रिटिश चित्रकारों ने अपने चित्रों के माध्यम से भारतीय संस्कृति को निम्न दर्जे की दिखाने का प्रयास किया। एक ओर उन्होंने पुरातन भारतीय भवनों और स्मारकों के खंडहर के दृश्य चित्रित किए ताकि भारत को पिछड़ी और पतनशील सभ्यता वाला देश दिखाया जा सके। दूसरी ओर, ब्रिटिश शासकों के द्वारा निर्मित आधुनिक सड़कों, भव्य इमारतों और विशाल महलों को दिखाकर अंग्रेजी शासन की श्रेष्ठता और आधुनिकता को उजागर किया गया। इन चित्रों से भारतीयों की निम्न हैसियत और अंग्रेजों की उन्नत स्थिति की झलक मिलती है।

प्रश्न (iii) “उन्नीसवीं सदी की इमारतें अंग्रेजों की श्रेष्ठता, अधिकार, सत्ता की प्रतीक एवं उनकी राष्ट्रवादी विचारों का प्रतिनिधित्व करती हैं।” इस कथन के आधार पर स्थापत्य कला शैली की विशेषताओं का वर्णन करें।

उत्तर- उन्नीसवीं शताब्दी में अंग्रेजों ने भारत में अपना शासन स्थापित करने के बाद कई भव्य इमारतें और भवन बनवाए। ये इमारतें केवल उनके शासन, अधिकार और सत्ता के प्रतीक ही नहीं थीं बल्कि उनके राष्ट्रवादी विचारों और संस्कृति का भी प्रतिनिधित्व करती थीं। इन भवनों के निर्माण में मुख्यतः तीन स्थापत्य शैलियों का उपयोग किया गया:

  1. ग्रीको-रोमन शैली: इसमें रोम की पुरानी स्थापत्य परंपरा को पुनर्जीवित किया गया। इसकी विशेषताएं हैं – विशाल आकार के स्तम्भ, गणितीय जटिल आकृतियां और गुम्बदनुमा छत।
  2. गॉथिक शैली: यह शैली मुख्य रूप से चर्चों और धार्मिक स्थलों के निर्माण में प्रयुक्त होती थी। इसके अंतर्गत बहुत ऊंची मीनारें, बाहरी दीवारों पर नक्काशी और मूर्तियां बनाई जाती थीं।
  3. इंडो-सारासेनिक शैली: इसमें मुगल कालीन भारतीय स्थापत्य शैली का आधुनिक यूरोपीय तरीकों से समन्वय किया गया। आर्क, गुम्बद, जालीदार खिड़कियों आदि का प्रयोग इसमें किया जाता था।

प्रश्न (iv) साहित्यिक देशभक्ति से आप क्या समझते हैं ? विचार करें?

उत्तर- जब साहित्यकार अपने लेखन के माध्यम से देश प्रेम और राष्ट्रीय भावनाओं को व्यक्त करते हैं तो इसे साहित्यिक देशभक्ति कहा जाता है। ऐसे साहित्य में लेखक जनता को गुलामी की पीड़ा से अवगत कराते हैं और उन्हें स्वाधीनता की आवश्यकता महसूस कराते हैं। वे देशभक्ति और स्वतंत्रता संग्राम के लिए प्रेरणा देते हैं। इस प्रकार साहित्य, राष्ट्रीय आंदोलन को बल प्रदान करता है।

प्रश्न (v) मॉडर्न स्कूल ऑफ आर्टिस्ट्स’ से जुड़े भारतीय कलाकारों ने राष्ट्रीय कला को प्रोत्साहित करने के लिए किन विषयों को चयन किया। चित्र 12,13,14 के आधार पर वर्णन करें।

उत्तर- ‘मॉडर्न स्कूल ऑफ आर्ट’ से जुड़े भारतीय चित्रकारों ने अपनी राष्ट्रीय कला को विकसित करने के लिए कई विषयों का चयन किया। उन्होंने यथार्थवादी विषयों जैसे अवनीन्द्रनाथ टैगोर के ‘मेरी माँ’ (चित्र 12) तथा भारतीय इतिहास और पुराणों से प्रेरित दृश्यों को चित्रित किया। उदाहरण के लिए चित्र 13 में अवनींद्रनाथ टैगोर ने कालिदास की कविता ‘निर्वासित यक्ष’ का चित्रण जापानी जलरंग शैली में किया है। वहीं नंदलाल बोस द्वारा चित्रित ‘जातुगृह दाह’ (चित्र 14) में पांडवों के वनवास काल में लाक्षागृह के दहन की घटना को अजंता मुरा शैली में दर्शाया गया है। इन कलाकारों ने भारतीय सांस्कृतिक विरासत से प्रेरणा लेकर राष्ट्रीय कला के विकास में योगदान दिया।

आइए करके देखें

प्रश्न (i) आप अपने गाँव या शहर के आस-पास मौजूद भवन निर्माण शैली पर ध्यान दें, जो पाठ में दिये गये भवन एवं इमारत से मिलती-जुलती हो। आप उस भवन का एक स्केच तैयार कर उसकी निर्माण शैली की विशेषताओं का वर्णन करें।

संकेत- यह परियोजना कार्य है । स्वयं करें।

प्रश्न (ii) विभिन्न भारतीय भाषाओं में प्रकाशित राष्ट्रीय विचारों को प्रोत्साहित करने वाले कविता, कहानी, गीत का संकलन कर उसे कक्षा में प्रदर्शित करें।

संकेत- यह परियोजना कार्य है, स्वयं करें।

Other Chapter Solutions
Chapter 1 Solutions – कहाँ, कब और कैसे?
Chapter 2 Solutions – भारत में अंग्रेजी राज्य की स्थापना
Chapter 3 Solutions – ग्रामीण ज़ीवन और समाज
Chapter 4 Solutions – उपनिवेशवाद एवं जनजातीय समाज
Chapter 5 Solutions – शिल्प एवं उद्योग
Chapter 6 Solutions – अंग्रेजी शासन के खिलाफ संघर्ष (1857 का विद्रोह)
Chapter 7 Solutions – ब्रिटिश शासन एवं शिक्षा
Chapter 8 Solutions – जातीय व्यवस्था की चुनौतियाँ
Chapter 9 Solutions – महिलाओं की स्थिति एवं सुधार
Chapter 10 Solutions – अंग्रेजी शासन एवं शहरी बदलाव
Chapter 11 Solutions – कला क्षेत्र में परिवर्तन
Chapter 12 Solutions – राष्ट्रीय आन्दोलन (1885-1947)
Chapter 13 Solutions – स्वतंत्रता के बाद विभाजित भारत का जन्म

Leave a Comment

WhatsApp Icon
X Icon