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यह एक धार्मिक प्रार्थना है जिसमें कवि अपनी जिंदगी को दीप के प्रकाश की तरह चमकदार और उज्ज्वल बनाने की कामना करता है। वह चाहता है कि उसकी जिंदगी अंधकार को दूर करे और हर जगह प्रकाश फैलाए। कवि यह भी चाहता है कि उसकी जिंदगी देश और समाज के लिए उपयोगी हो, जिस प्रकार फूल से बगीचा सजा होता है। वह विनम्रतापूर्वक ज्ञान और आध्यात्मिकता की प्राप्ति की कामना करता है ताकि वह गरीबों और असहायों की सहायता कर सके।

Bihar Board Class 8 Hindi Chapter 8 Solutions
Contents
Subject | Hindi |
Class | 8th |
Chapter | 8. बच्चे की दुआ |
Author | मो० ईकबाल |
Board | Bihar Board |
पाठ से
प्रश्न 1. आपको यदि अल्लाह/ईश्वर से कुछ माँगने की जरूरत हो तो आप क्या-क्या माँगेगे?
उत्तर: यदि मुझे अल्लाह/ईश्वर से कुछ मांगने का अवसर मिले, तो मैं उनसे सच्ची शिक्षा, स्वस्थ शरीर और मन, प्रेम और करुणा का हृदय तथा सभी के कल्याण की भावना की प्रार्थना करूंगा।
प्रश्न 2. कविता में संसार को बेहतर बनाने की कामना मुखर हुई है। इन कामनाओं को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर: इस कविता में कवि चाहता है कि हम अपने कर्मों से दुनिया को बेहतर बनाएं। हमें अज्ञानता दूर करनी चाहिए और अपने परिश्रम से प्रत्येक क्षेत्र में खुशियां लानी चाहिए, जिससे समाज और देश की शोभा बढ़े।
पाठ से आगे
प्रश्न 1. अल्लाह बुराई से बचाना मुझको तथा नेक राह में चलने की शक्ति प्रदान करना-नज्म की किन पंक्तियों में ऐसा भाव स्पष्ट किया गया है ? नज्म की उन पंक्तियों को लिखिए।
उत्तर: अल्लाह बुराई से बचाने और नेक राह पर चलने की शक्ति प्रदान करने के भाव को नज्म की इन पंक्तियों में स्पष्ट किया गया है:
“मेरे अल्लाह बुराई से बचाना मुझको,
नेक जो राह हो, उस राह पे चलाना मुझको।”
प्रश्न 2. आपके घर में या पड़ोस में बुजुर्ग होंगे, आप उनकी देखभाल कैसे . करना चाहेंगे? उल्लेख कीजिए।
उत्तर: बुजुर्गों की सेवा और देखभाल करना हमारा कर्तव्य है। मैं उनकी हर संभव सहायता करूंगा और उनके साथ प्यार और आदर से व्यवहार करूंगा। उनकी आवश्यकताओं का ध्यान रखूंगा और उनके अनुभवों से सीखने का प्रयास करूंगा।
प्रश्न 3. अल्लाह और ईश्वर में कोई फर्क नहीं है इस बात से आप कहाँ तक सहमत हैं ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: हां, मैं पूर्ण रूप से सहमत हूं कि अल्लाह और ईश्वर दोनों शब्द एक ही परम सत्ता के लिए प्रयुक्त होते हैं। यह केवल भाषा और धर्म के अनुसार नामकरण का अंतर है। सभी धर्म एक ही सर्वशक्तिमान परमात्मा की उपासना करते हैं, चाहे उसे किसी भी नाम से पुकारा जाए।
प्रश्न 4. व्याख्या कीजिए
(क) जिन्दगी हो मेरी परवाने की सूरत या रब । इल्म की शम्अ से ही मुझको मुहब्बत या – रब
उत्तर: इस पंक्ति में बच्चा भगवान से प्रार्थना कर रहा है कि उसका जीवन परोपकार के लिए समर्पित रहे, जैसे पतंगा अपने आप को प्रकाश के लिए समर्पित करता है। साथ ही, बच्चा विद्या प्राप्ति के माध्यम से सच्चा प्रेम और करुणा प्राप्त करना चाहता है।
(ख) हो मेरे दम से यूं ही मेरे वतन की जीनत । जिस तरह फूल से होती है चमन की जीनत ।
उत्तर: इस पंक्ति में बच्चा चाहता है कि उसके कर्मों से उसके देश की शोभा बढ़े, जिस प्रकार फूल फूलवारी की शोभा बढ़ाता है। वह अपने व्यक्तिगत प्रयासों से समाज और देश के विकास में योगदान देना चाहता है।
(ग) मेरे अल्लाह बुराई से बचाना मुझको । नेक जो राह हो, उस राह पे चलाना मुझको।
उत्तर: इन पंक्तियों में बच्चा भगवान से बुराई से बचने और सद्मार्ग पर चलने की शक्ति मांग रहा है। वह चाहता है कि भगवान उसे बुराई से दूर रखें और उसे नेक कार्य करने की प्रेरणा दें।