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यह कहानी ईद के त्यौहार के मौके पर एक बच्चे हामिद और उसकी बुढ़िया दादी अमीना की कथा है। हामिद के माता-पिता नहीं हैं और वह अपनी दादी के साथ रहता है। ईद पर सभी बच्चे खुशी से मेले में जाते हैं और वहां से खिलौने और मिठाइयां खरीदते हैं। हामिद के पास भी कुछ पैसे हैं लेकिन वह अपने लिए कुछ नहीं लेता बल्कि उसकी दादी के लिए एक चिमटा खरीदता है।
Bihar Board Class 8 Hindi Chapter 2 Solutions
Subject | Hindi |
Class | 8th |
Chapter | 2. ईदगाह |
Author | प्रेमचन्द |
Board | Bihar Board |
पाठ से
प्रश्न 1. ईद के दिन अमीना क्यों उदास थी?
उत्तर: ईद के दिन अमीना इसलिए उदास थी क्योंकि वे बहुत गरीब थे और उनके घर में खाने को कुछ भी नहीं था। साथ ही, हामीद को अकेले ही तीन कोश दूर ईदगाह जाना था, जिससे अमीना चिंतित थी।
प्रश्न 2. हामीद मिठाई या खिलौने के बदले चिमटा पसन्द करता है। क्यों ?
उत्तर: बचपन में गरीबी के कारण हामीद को वयस्क की तरह सोचना पड़ता था। उसे लगा कि मिठाइयाँ तो क्षणिक आनंद देंगी और खिलौने भी मिट्टी के बने होने के कारण टूट-फूट जाएंगे। लेकिन चिमटा दीर्घकालिक लाभ देगा क्योंकि इससे दादी को रोटी सेकने में सहायता मिलेगी और उनकी उंगलियाँ नहीं जलेंगी। इसलिए हामीद ने चिमटा पसंद किया।
प्रश्न 3. मेला जाने से पहले हामीद दादी से क्या कहता है ?
उत्तर: मेला जाने से पहले हामीद ने दादी से कहा, “डरना मत अम्मा, मैं जल्द ही वापस आ जाऊंगा। बिलकुल चिंता मत करो।”
प्रश्न 4. मेले में चिमटा खरीदने से पहले हामीद के मन में कौन-कौन से विचार आए? वर्णन कीजिए।
उत्तर: मेले में चिमटा खरीदने से पहले हामीद के मन में कई विचार आए। वह सोच रहा था कि सभी खिलौने अच्छे लग रहे हैं, लेकिन उनकी कीमत केवल दो पैसे है। मिट्टी के बने ये खिलौने हाथ से छूट जाएंगे तो टूट जाएंगे और पानी पड़ने पर रंग धुल जाएगा। इसलिए वह लोहे की दुकान पर चिमटा देखकर सोचने लगा कि यदि वह यह चिमटा ले आएगा तो दादी बहुत खुश होंगी क्योंकि अब उनकी उंगलियां रोटी सेकते समय नहीं जलेंगी।
प्रश्न 5. हामीद ने चिमटे को किन-किन रूपों में उपयोग करने की बात कही है?
उत्तर: हामीद ने चिमटे को बंदूक, फकीरों के चिमटे, मंजीरे एवं खिलौनों को जान निकालने वाला हथियार के रूप में उपयोग करने की बात कही।
प्रश्न 6. ईदगाह कहानी आपको कैसी लगती है ? इसकी मुख्य विशेषता बताइए।
उत्तर: ‘ईदगाह’ कहानी बेहद रोचक लगती है। इसकी मुख्य विशेषताएं हैं:
- यह बाल-मनोविज्ञान पर आधारित है।
- इससे पता चलता है कि गरीबी में बच्चे वयस्क की तरह सोचने लगते हैं।
- कहानी से पता चलता है कि चुनौतियाँ बच्चों को परिपक्व बनाती हैं।
- कहानी में मुहावरों का प्रयोग किया गया है जिससे यह और रोचक हो गई है।
- कहानी में जटिल शब्दों का प्रयोग नहीं किया गया है जिससे छात्र आसानी से समझ सकते हैं।
- यह कहानी सुखांत है।
प्रश्न 7. चिमटा देखकर अमीना के मन में कैसा भाव जगा?
उत्तर: चिमटा देखकर अमीना के मन में दो प्रकार के विचार आए। पहले उसे लगा कि हामीद बेवकूफ है जो न खाने को कुछ लाया, न पीने को और न ही कोई खिलौना। लेकिन जब हामीद ने बताया कि उसने चिमटा इसलिए लिया ताकि अब दादी की उंगलियां रोटी सेकते समय न जलें, तो अमीना समझ गई और उसके मन में हामीद के प्रति सम्मान भाव आया।
प्रश्न 8. ईदगाह कहानी की प्रमुख विशेषताएँ बताइए।
उत्तर: ईदगाह कहानी की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
- यह एक बाल-कथा है जो बच्चों के मनोविज्ञान पर आधारित है।
- इसमें गरीबी के बावजूद बच्चे की परिपक्व सोच को दर्शाया गया है।
- कहानी बताती है कि चुनौतियाँ बच्चों को जीवन के प्रति सजग करती हैं।
- कहानी में सरल और सहज भाषा का प्रयोग किया गया है जिससे छात्र आसानी से समझ सकते हैं।
- कहानी रोचक और मनोरंजक है साथ ही सुखद अंत के साथ समाप्त होती है।
- लेखक ने मुहावरों और विशेषणों का प्रयोग कर कहानी को और अधिक रसप्रद बनाया है।
प्रश्न 9. निम्नलिखित अनुच्छेद को पढ़िए और उसके आधार पर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
(क) नमाज खत्म होने के बाद लोग क्या कर रहे थे ?
उत्तर: नमाज खत्म होने के बाद लोग आपस में गले मिल रहे थे।
(ख) दुकानों में किस-किस तरह के खिलौने थे?
उत्तर: दुकानों में मिट्टी के बने विभिन्न खिलौने थे जैसे- सिपाही, वकील, राजा, साधु, भिश्ती आदि।
(ग) वे खिलौने किस चीज के बने थे?
उत्तर: वे खिलौने मिट्टी के बने थे।
(घ) महमूद, मोहसिन और नूर ने कौन-कौन से खिलौने खरीदे ?
उत्तर: महमूद ने सिपाही खरीदा, मोहसिन ने भिश्ती खरीदा और नूर ने वकील को खरीदा।
(ङ) परिच्छेद में सिपाही, भिश्ती और वकील के हुलिए का वर्णन किया गया है। इसी प्रकार आप राजा और साधु के हुलिये का वर्णन कीजिए।
उत्तर: राजा – विभिन्न रंगों के पोशाक पहने, सिर पर मुकुट, कमर में तलवार लटकाए हुए।
साधु – लंबी दाढ़ी-मूँछें, जनेऊ धारण किए हुए, हाथ में कमंडल, माथे पर चंदन की टिकी।
(च) अनुच्छेद में आए विशेषण शब्दों को छाँटकर लिखिए।
उत्तर: विशेषण शब्द: ज्यादा, अनगिनत, गरीब, दुबला-पतला, बूढ़ी, अभागिन, नया, हजारों, अच्छा, बहादुर, खूबसूरत, अपराधी, खूब, बुढ़िया, बड़ी-बड़ी इत्यादि।
(छ) वर्दी और पोथा के समानार्थी लिखिए।
उत्तर:
वर्दी के समानार्थी – लिबास, पोशाक, पहनावा
पोथा के समानार्थी – किताब, ग्रंथ, पुस्तक
पाठ से आगे
प्रश्न 1. महमूद, मोहसिन, नूर और हामिद में किसका चरित्र अच्छा लगा? कारण बताइए।
उत्तर: हामीद का चरित्र सबसे अधिक प्रभावशाली लगा क्योंकि बचपन की उम्र में ही उसकी सोच बहुत परिपक्व थी। गरीबी के बावजूद उसने अपने पैसों का उपयोग चिमटा खरीदने में किया जो उसकी दादी के लिए काफी उपयोगी था। इससे पता चलता है कि वह केवल अपने लिए नहीं बल्कि अपने परिवार के लिए भी सोचता था।
प्रश्न 2. क्या हामिद बच्चों की सामान्य छवि से अलग हटकर एक नयी छवि प्रस्तुत करता है ? कैसे?
उत्तर: हाँ, हामीद बच्चों की सामान्य छवि से कुछ हद तक भिन्न था। आमतौर पर बच्चे खिलौनों और मिठाइयों से आकर्षित होते हैं, लेकिन हामीद ने चिमटा खरीदकर एक नई और परिपक्व सोच का परिचय दिया। उसने न केवल वर्तमान बल्कि भविष्य की आवश्यकताओं को भी समझा।
प्रश्न 3. “चुनौती बच्चे को परिपक्व बना देती है” इस उक्ति की व्याख्या कीजिए।
उत्तर: “चुनौती बच्चे को परिपक्व बना देती है” यह उक्ति सही है। हामीद के सामने अपने सीमित संसाधनों के साथ उपयोगी वस्तु खरीदने की चुनौती थी। इस चुनौती ने उसे अपनी उम्र से कहीं ज्यादा बुद्धिमान बना दिया। उसने खिलौनों की अपेक्षा चिमटे को प्राथमिकता दी क्योंकि वह समझ गया था कि यह दादी के लिए बहुत उपयोगी होगा। इस प्रकार चुनौतियों ने हामीद को परिपक्व बनाया।
प्रश्न 4. “त्योहार हमारे जीवन के अभिन्न अंग हैं।” इस कथन की व्याख्या कीजिए।
उत्तर: त्योहार हमारे जीवन का अभिन्न अंग हैं क्योंकि ये हमारे जीवन में खुशी, उत्साह और उमंग लाते हैं। त्योहारों के बिना जीवन बहुत नीरस और उबाऊ हो जाएगा। ये उत्सव हमें काम-काज से थोड़ा विराम देते हैं और परिवार एवं मित्रों के साथ समय बिताने का अवसर प्रदान करते हैं। इसलिए त्योहारों का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है।
व्याकरण
वाक्य में प्रयोग कीजिए
- रंग जमाना – हामीद ने चिमटा खरीदकर सबों पर रंग जमा लिया।
- गद्गद् होना – चिमटा खरीदने का कारण सुनकर अमीना का हृदय गद्गद् हो गया।
- भेंट चढ़ना – हामीद के पिता हैजे की भेंट चढ़ गये।”
- बाल-बाँका न होना – सभी खिलौने मिलकर भी हामीद के चिमटे का बाल-बाँका नहीं कर सकते।
- पैरों में पर लगना – त्योहार के दिन बच्चे के पैरों में पंख लग जाते हैं।
- कुबेर का धन मिल जाना – बच्चे थोड़े पैसे पाकर उसे बार-बार गिनते हैं मानो वह कुबेर का धन पा लिया हो।