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यह कहानी विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों और डॉक्टरों पर व्यंग्य करती है। लेखक को अजीर्ण हो जाता है और वह एलोपैथिक, आयुर्वेदिक, युनानी, होम्योपैथिक आदि विभिन्न डॉक्टरों से इलाज कराता है। हर डॉक्टर एक नया इलाज और दवा देता है लेकिन कोई पूरी तरह से फायदा नहीं करता। अंत में एक डॉक्टर बताता है कि उसे सिर्फ पायरिया है और खाना ठीक से खाने से वह ठीक हो जाएगा।
Bihar Board Class 8 Hindi Chapter 21 Solutions
Subject | Hindi |
Class | 8th |
Chapter | 21. चिकित्सा का चक्कर |
Author | |
Board | Bihar Board |
पाठ से
प्रश्न 1. लेखक को बीमार पड़ने की इच्छा क्यों हुई?
उत्तर:- लेखक को बीमार पड़ने की इच्छा इसलिए हुई क्योंकि वह सोचता था कि बीमार होने पर उसे विशेष ध्यान और देखभाल मिलेगी। बिस्किट खाने को मिलेंगे, पत्नी उसका ख्याल रखेगी और मित्र उसकी चिंता करेंगे। इस तरह बीमारी के समय वह केंद्र बिंदु बन जाएगा।
प्रश्न 2. लेखक ने बैद्य और हकीम पर क्या-क्या कहकर व्यंग्य किया है ? उनमें से सबसे तीखा क्या था ?
उत्तर:- लेखक ने बैद्य पर व्यंग्य करते हुए उनके शारीरिक रूप और वेशभूषा का वर्णन किया है। उनका कहना है कि बैद्य पालकी पर चढ़कर आते हैं, गंदी धोती और जनेऊ पहने होते हैं, मानो अभी कुश्ती लड़कर आए हों। वहीं हकीम की शानो-शौकत पर भी व्यंग्य किया गया है।
प्रश्न 3. अपने देश में चिकित्सा की कितनी पद्धतियाँ प्रचलित हैं। उनमें से किन-किन पद्धतियों से लेखक ने अपनी चिकित्सा कराई।
उत्तर:- हमारे देश में प्रमुख चिकित्सा पद्धतियां – एलोपैथिक, आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक, यूनानी, प्राकृतिक चिकित्सा, जल चिकित्सा और तंत्र-मंत्र चिकित्सा हैं। लेखक ने एलोपैथिक, आयुर्वेदिक और यूनानी पद्धतियों से अपना इलाज कराया।
प्रश्न 4. इस पाठ में हास्य-व्यंग्य की बातें छाँटकर लिखिए । जैसे-रसगुल्ले छायावादी कविताओं की भाँति सूक्ष्म नहीं थे स्थूल थे।
उत्तर:- इस पाठ में निम्न हास्य-व्यंग्य की बातें हैं:-
- डॉक्टर का सूट पहनने का ढंग (प्रिंस ऑफ वेल्स के वैलेट जैसा)
- डॉक्टर का इक्के पर आना (नेताओं की तरह)
- जीभ देखने पर संकेत
- दर्शकों द्वारा नुक्सों का बताना
- रात में डॉक्टर की फीस बढ़ना
- डॉक्टर बुलाने पर होने वाली बहस
- बैद्यों के मैले जनेऊ (कुश्ती लड़कर आए जैसे)
- हकीम के पैजामे का वर्णन
- हकीम के यश की प्रशंसा
प्रश्न 5. किसने कहा, किससे कहा?
(क) मुझे आज सिनेमा जाना है। तुम अभी खा लेते तो अच्छा था।
उत्तर:- लेखक की पत्नी ने लेखक से कहा।
(ख) घबराने की कोई बात नहीं है दवा पीजिए दो खुराक पीते-पीते आपका दर्द गायब हो जायेगा।
उत्तर:- सरकारी डॉक्टर ने लेखक से कहा।
(ग) वाय का प्रकोप है। यकृत में वाय घमकर पित्ताशय में प्रवेश कर आंत्र में जा पहुँचा है।
उत्तर:- आयुर्वेदिक डॉक्टर ने लेखक से कहा।
(घ) दो खुराक पीते-पीते आपका दर्द वैसे ही गायब हो जायेगा, जैसे-हिंदुस्तान से सोना गायब हो रहा है।” इस वाक्य का भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:- इस वाक्य का आशय है कि जिस प्रकार भारत से सोना धीरे-धीरे गायब हो रहा है, उसी तरह आपका दर्द भी इस दवा के सेवन से धीरे-धीरे दूर होता जाएगा। यहां हकीम साहब ने हिंदुस्तान से सोने के गायब होने की उपमा देकर आपके दर्द के धीरे-धीरे दूर होने की बात कही है।
पाठ से आगे
प्रश्न 2. एलोपैथिक, होमियोपैथिक और आयुर्वेद चिकित्सा से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:- एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति में रासायनिक दवाइयों और इंजेक्शन का प्रयोग किया जाता है। होम्योपैथिक पद्धति में क्षुद्र मात्रा में रसायन देकर इलाज किया जाता है। आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में जड़ी-बूटियों व प्राकृतिक पदार्थों से बनी औषधियां दी जाती हैं।
प्रश्न 3. किस आधार पर इस पाठ को हास्य और व्यंग्य की श्रेणी में रखेंगे? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:- इस पाठ को हास्य और व्यंग्य की श्रेणी में रखा जाएगा क्योंकि लेखक ने डॉक्टरों, हकीमों और चिकित्सा पद्धतियों पर खूब व्यंग्य किया है। उदाहरण के लिए, बैद्य की शारीरिक स्थिति का वर्णन, हकीम की वेशभूषा और शानो-शौकत पर टिप्पणी, दवाइयों की खुराक आदि पर व्यंग्यात्मक टिप्पणियां की गई हैं। साथ ही चिकित्सा प्रक्रिया को भी हास्यपूर्ण ढंग से चित्रित किया गया है।
व्याकरण
प्रश्न 1. इस पाठ में प्रयुक्त मुहावरों को चुनकर लिखिए।
उत्तर:-
- जूता खिलाना
- मेला लगना
- चपत लगना
- रफ़्फू चक्कर होना
- तिलमिला उठना
- कलेजा का कवाब होना
- पिण्ड छुटना
- जादू का काम करना ।
- ऊपरी खेल होना
- बुद्धि का घास चरना इत्यादि ।
प्रश्न 2. इन युग्म शब्दों का अर्थ लिखिए।
उत्तर:-
- प्रसाद = भगवान को अर्पित वस्तु – प्रासाद = महल
- भवन = मकान – भुवन = संसार
- कांति = शोभा – क्रांति = विरोध प्रर्दशन
- भन = भगवान शंकर – भव्य = अति सुन्दर