Bihar Board Class 7 History Chapter 5 Solutions – शक्ति के प्रतीक के रूप में वास्तुकला, किले एवं धर्मिक स्थल

Bihar Board class 7 History chapter 5 solutions in hindi is given on this page. Below are the answers of all the exercise questions asked in chapter 5 – “शक्ति के प्रतीक के रूप में वास्तुकला, किले एवं धर्मिक स्थल”.

किसी भी शासक या राज्य की शक्ति और सम्पन्नता का परिचय उसके द्वारा बनवाए गए भव्य महलों, किलों, मंदिरों और धार्मिक स्थलों से मिलता है। राजाओं और बादशाहों द्वारा निर्मित ये वास्तु स्मारक उनकी आर्थिक समृद्धि के साथ-साथ विशिष्ट कला और वास्तुशैली का भी प्रमाण प्रस्तुत करते हैं। भारत के इतिहास में मध्यकालीन शासकों ने ऐसे अनेक स्मारकों का निर्माण कराया जो आज भी अपनी उत्कृष्ट कारीगरी से देश-विदेश में प्रसिद्ध हैं। इस अध्याय में हम इन्हीं धार्मिक और सांस्कृतिक स्मारकों के बारे में अध्ययन करेंगे।

Bihar Board Class 7 History Chapter 5

Bihar Board Class 7 History Chapter 5 Solutions

SubjectHistory (अतीत से वर्तमान भाग 2)
Class7th
Chapter5. शक्ति के प्रतीक के रूप में वास्तुकला, किले एवं धर्मिक स्थल
BoardBihar Board

अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. मध्यकाल में मंदिर निर्माण की कितनी शैलियाँ मौजूद थीं ?

(क) चार
(ख) पाँच
(ग) तीन
(घ) दो

उत्तर- (ग) तीन

प्रश्न 2. बिहार में नागर शैली में बने मंदिरों का सबसे अच्छा उदाहरण । कौन-सा है?

(क) महाबोधि मंदिर
(ख) देव का सूर्य मंदिर
(ग) पटना का महावीर मंदिर
(घ) गया का विष्णु मंदिर

उत्तर- (क) महाबोधि मंदिर

प्रश्न 3. मुसलमानों द्वारा बिहार में बनाई गई सबसे महत्त्वपूर्ण इमारत कौन है ?

(क) मलिकबया का मकबरा
(ख) बेगु हजाम की मस्जिद
(ग) तेलहाड़ा की मस्जिद
(घ) मनेर की दरगाह ।

उत्तर- (घ) मनेर की दरगाह ।

प्रश्न 4. मुगलकालीन स्थापत्य कला अपने चरम पर कब पहुँचा?

(क) अकबर के काल में
(ख) जहाँगीर के काल में
(ग) शाहजहाँ के काल में
(घ) औरंगजेब के काल में

उत्तर- (ग) शाहजहाँ के काल में

प्रश्न 5. शाहजहाँ ने लाल किला का निर्माण दिल्ली में किस वर्ष करवाया ?

(क) 1638
(ख) 1648
(ग) 1636
(घ) 1650

उत्तर- (क) 1638

आओ याद करें

प्रश्न 1. सही और गलत की पहचान करें :-

  1. उत्तर भारत में मंदिर निर्माण की द्राविड़ शैली प्रचलित थी । – गलत है।
  2. कोणार्क का सूर्य मंदिर बंगाल में स्थित है। – गलत है।
  3. मुगलकालीन वास्तुकला अकबर के शासन काल में अपने चरम । विकास पर पहुँचा । – गलत है।
  4. शेरशाह का मकबरा सल्तनत काल और मुगल काल की वास्तुकला के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाता है । – सही है।
  5. बिहार में मुस्लिम उपासना स्थल निर्माण का प्रथम उदाहरण बेगुहजाम मस्जिद है । – गलत है।

आइए विचार करें

प्रश्न 1. मंदिरों के निर्माण से राजा की महत्ता का ज्ञान कैसे होता है ?

उतर- मंदिरों के निर्माण से राजाओं की महिमा और शक्ति का पता चलता है। विशाल और भव्य मंदिरों से उनकी धार्मिक आस्था और आर्थिक समृद्धि का परिचय मिलता है। मंदिरों पर बने जटिल मूर्तिकलाएं और वास्तुकला राजाओं की सैन्य और प्रशासनिक शक्ति को दर्शाती हैं। यह उनकी प्रजा और वास्तुकारों को रोजगार देने की क्षमता भी बताती है। इस तरह, मंदिरों से राजाओं की महानता और महत्ता का ज्ञान प्राप्त होता है।

प्रश्न 2. वर्तमान इमारत और मध्यकालीन इमारतों में उपयोग की जाने वाली सामग्री के स्तर पर आप क्या अन्तर देखते हैं ?

उतर- वर्तमान और मध्यकालीन इमारतों में निर्माण सामग्री के स्तर पर काफी अंतर है। मध्यकालीन इमारतों में प्रमुख रूप से पत्थर, ईंट और लकड़ी का उपयोग किया गया है। उनमें हस्तनिर्मित मूर्तिकला और कारीगरी की विशेषता है। वर्तमान इमारतों में सीमेंट, कंक्रीट, लोहा और प्लास्टिक जैसी मशीनी सामग्रियों का प्रयोग किया जाता है। इनमें दृढ़ता, सुरक्षा और समय की बचत होती है। हालांकि, कुछ धनी लोग संगमरमर का भी उपयोग करते हैं।

प्रश्न 3. मंदिर निर्माण की नागर और द्रविड़ शैलियों में अंतर बताएँ।

उतर- नागर शैली (उत्तर भारत) – इसमें मंदिर की संरचना शीर्ष से आधार तक आयताकार और शंकुआकार होती है। शिखर ऊपर की ओर पतला होता जाता है। गर्भगृह में मुख्य देवता की मूर्ति स्थापित की जाती है। मंदिर अलंकृत स्तंभों पर टिका होता है और उसके चारों ओर प्रदक्षिणा पथ होता है।

द्रविड़ शैली (दक्षिण भारत) – इसमें गर्भगृह के ऊपर 5 से 7 मंजिलें बनी होती हैं। गर्भगृह के सामने अलंकृत स्तंभों पर टिका एक बड़ा कक्ष (मंडपम) होता है जहां धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं। प्रवेश द्वार भव्य और अलंकृत (गोपुरम) होता है।

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