Bihar Board Class 7 History Chapter 2 Solutions – नये राज्य एवं राजाओं का उदय

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इस अध्याय में हम भारतीय इतिहास के उस समय का अध्ययन करेंगे जब अरबों के बाद अन्य विदेशी शासकों ने भी भारत में अपना राज्य स्थापित किया। अरब व्यापारियों ने जहां केवल गांव बसाकर व्यापार किया था, वहीं आगे चलकर उन्होंने भारत के कुछ हिस्सों पर अपना शासन भी कायम कर लिया। उत्तर और मध्य भारत में इसी समय राजपूतों का उदय हुआ। गुप्तवंशीय साम्राज्य के विघटन के बाद सातवीं से बारहवीं शताब्दी के बीच राजपूतों ने छोटे-छोटे राज्य स्थापित किए। इस दौरान उत्तर और दक्षिण भारत दोनों क्षेत्रों में अनेक छोटे राज्य उभरे। कई बार इन छोटे राज्यों को मिलाकर एक विशाल साम्राज्य बनाने के प्रयास भी हुए, लेकिन ये सफल नहीं हो सके।

Bihar Board Class 7 History Chapter 2

Bihar Board Class 7 History Chapter 2 Solutions

SubjectHistory (अतीत से वर्तमान भाग 2)
Class7th
Chapter2. नये राज्य एवं राजाओं का उदय
BoardBihar Board

पाठगत प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. पृथ्वीराज किस राज्य का राजा था ?

उत्तर- पृथ्वीराज ‘दिल्ली’ तथा ‘अजमेर’ राज्य का राजा था।

प्रश्न 2. उस समय इसके समकालीन और कौन राजा थे?

उत्तर- उस समय इसके समकालीन महत्त्वपूर्ण राजा ‘जयचन्द’ था । भारत के दो गद्दारों में पहला जयचन्द और दूसरा मीरजाफर था।

प्रश्न 3. उस समय हमारे देश की राजनीतिक स्थिति कैसी थी?

उत्तर- उस समय हमारे देश की राजनीतिक स्थिति द्वेष भावना से ग्रस्त थी । एक राजा दूसरे राजा को सदैव नीचा दिखाने की फिराक में रहा करते थे।

प्रश्न 4. उपाधि का क्या अर्थ होता है?

उत्तर- उपाधि शब्द का अर्थ होता है किसी को दी गई शानदार उपाधि या खिताब। प्राचीन काल से ही शासकों, सामंतों, साधु-संतों आदि को विभिन्न उपाधियां दी जाती रही हैं। ये उपाधियां उनकी उपलब्धियों, कार्यों, विद्वता या सामाजिक स्थिति के आधार पर प्रदान की जाती थीं।

प्रश्न 5. इन तीनों के पतन के क्या कारण हो सकते हैं? चर्चा करें।

उत्तर- विद्यार्थी इस प्रश्न को शिक्षक की सहायता से स्वयं करे।

प्रश्न 6. सोमनाथ मंदिर के बारे में विशेष रूप से वर्ग में चर्चा करें।

उत्तर- सोमनाथ मंदिर गुजरात के प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यह शिव की आराधना के लिए समर्पित है। इसका निर्माण प्रथम सौरष्ट्र शासक सोमनाथ द्वारा किया गया था, जिससे इसका नाम सोमनाथ मंदिर पड़ा।

इस मंदिर का इतिहास बहुत विचित्र और दुखद रहा है। विदेशी आक्रमणकारियों ने बार-बार इसे लूटा और नष्ट किया। मुस्लिम आक्रमणकारी महमूद गजनवी ने सन् 1025 में इसे पहली बार लूटा। बाद में इसे फिर से बनाया गया लेकिन अलाउद्दीन खिलजी के साथी ने 1299 में दोबारा नष्ट कर दिया। अंत में, मराठा शासक पेशवा बाजीराव ने सन् 1783 में इसे पुनर्निर्मित कराया।

आज का सोमनाथ मंदिर शिव की एक सुंदर खड़ी मूर्ति है, जिसके चारों ओर विशाल परिसर और शानदार स्थापत्य कला का नमूना है। इसकी दीवारों और खंभों पर बहुमूल्य नक्काशी की गई है। पूरा परिसर बहुत विशाल है और सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करता है।

इस तरह सोमनाथ मंदिर न केवल सौराष्ट्र के प्राचीन गौरव का प्रतीक है, बल्कि भारतीय इतिहास और संस्कृति की गाथा है। विदेशियों द्वारा बार-बार नष्ट होने के बावजूद यह अपने पुनर्जन्म के लिए जाना जाता है।

प्रश्न 7. आपके विचार से महमूद गजनवी के भारत पर आक्रमण के क्या उद्देश्य हो सकते हैं ?

उत्तर- महमूद गजनवी भारत पर अपने धार्मिक उग्रवाद और लालच के कारण आक्रमण करता था। उसका मुख्य उद्देश्य भारतीय मंदिरों की दौलत लूटना और हिंदू धर्म को कमजोर करना था। वह अपने सैनिकों को भारी मात्रा में लूट और धन एकत्रित करने के लिए प्रोत्साहित करता था।

प्रश्न 8. राजेन्द्र चोल अपनी सेना को गंगा नदी तक क्यों ले गया ?

उत्तर- राजेंद्र चोल गंगा नदी तक अपनी सेना ले गया क्योंकि उसका लक्ष्य उत्तर भारत पर विजय प्राप्त करना था। गंगा के तट तक पहुंचकर उसने गंगाजल लिया और अपनी राजधानी का नाम ‘गंगैकोंडचोलपुरम’ रखा, जिससे उसकी विजय का गौरव प्रदर्शित होता था।

प्रश्न 9. आज की नागरिक सेवा से चोलकालीन नागरिक सेवा की तुलना करें।

उत्तर- चोल काल की नागरिक सेवा भी आधुनिक काल जैसी ही थी। चोल राजा के भी निजी सचिव होते थे। प्रमुख सचिव होते थे जो आज के प्रधान सचिव की तरह काम करते थे। कर एकत्र करने के लिए प्रमुख और छोटे अधिकारी नियुक्त किए जाते थे।

प्रश्न 10. क्या आपके विद्यालय या गाँव में चोलकालीन ग्राम स्वशासन की तरह कोई समिति कार्य करती है । यदि हाँ तो कैसे ?

उत्तर- हां, मेरे गांव में ग्राम पंचायत है जो चोलकालीन ग्राम स्वशासन की तरह काम करती है। इसमें गांव के लोगों द्वारा चुने गए सरपंच और पंच होते हैं। वे गांव की समस्याओं पर विचार करते हैं और उनका समाधान करते हैं।

प्रश्न 11. भारत के वैसे मंदिरों का पता लगाय, जहा आज भा भक्ता द्वारा बहुमूल्य उपहार चढ़ाये जाते हैं । उपहार चढ़ाने के पीछे लोगों की क्या मंशा रहती है ?

उत्तर- तिरुपति बालाजी मंदिर और शिरडी साईं बाबा मंदिर में सबसे अधिक बहुमूल्य उपहार चढ़ाए जाते हैं। पटना के महावीर मंदिर में भी उपहार चढ़ाए जाते हैं। लोग मंदिरों में उपहार चढ़ाने की परंपरा इसलिए निभाते हैं क्योंकि वे विश्वास रखते हैं कि इससे उनकी मनोकामनाएं पूरी होंगी।

अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश 1. जोड़े बनाइए:-

उत्तर-

सोमनाथगुजरात
सेनवंशबिहार
गोपाललोगों द्वारा चयनित शासक
कन्नौजत्रिपक्षीय संघर्ष
मध्य भारतगुर्जर प्रतिहार

प्रश्न 2. दक्षिण के प्रमुख राज्य कौन-कौन थे?

उत्तर- दक्षिण के प्रमुख राज्य निम्नलिखित थे :-

  1. चोल
  2. चेर
  3. पाण्ड्य
  4. राष्ट्रकूट त!
  5. चालुक्य।

प्रश्न 3. उस समय के राजा कौन-कौन-सी उपाधियाँ धारण करते थे ?

उत्तर- उस समय के राजा अनेक और बड़ी-बड़ी उपाधियाँ धारण करते थे, जो उनके द्वारा विजित राजा उनकी अधीनता स्वीकार करते हुए देते थे ।

जैसे : महाराजाधिराज, परमभट्टारक, परमेश्वर त्रिभुवन-चक्रवर्तिन आदि।

प्रश्न 4. बिहार और बंगाल में किन वंशों का शासन था?

उत्तर- बिहार और बंगाल में क्रमश सेन तथा पाल वंशों का शासन था।

प्रश्न 5. तमिल क्षेत्र में किस तरह की सिंचाई व्यवस्था का विकास हुआ?

उत्तर- तमिल क्षेत्र में जलसिंचाई व्यवस्था का विकास बहुत योजनाबद्ध तरीके से हुआ। नदियों पर बांध बनाकर जलाशय निर्मित किए गए। वर्षा जल को एकत्रित करने के लिए बड़े तालाब बनवाए गए। कावेरी नदी के डेल्टा इलाके में बाढ़ नियंत्रण के लिए बांध बनाए गए। नहरों का विस्तृत नेटवर्क खेतों तक सिंचाई पानी पहुंचाने के लिए बनाया गया। इस कार्य में राजकर्मचारियों के साथ स्थानीय किसानों का भी सहयोग लिया गया।

प्रश्न 6. कन्नौज शहर तीन शक्तियों के संघर्ष का केन्द्र बिन्दु क्यों बना ?

उत्तर- कन्नौज शहर तीन शक्तिशाली साम्राज्यों – गुर्जर-प्रतिहार, पाल और राष्ट्रकूट का संघर्ष का केंद्र बिंदु बना क्योंकि यह तत्कालीन गंगा-यमुना दोआब क्षेत्र पर नियंत्रण रखने वाला महत्वपूर्ण नगर था। इस क्षेत्र पर विजय पाकर अच्छा राजस्व प्राप्त किया जा सकता था। साथ ही कन्नौज गंगा नदी किनारे स्थित होने के कारण व्यापारिक मार्ग पर भी था। इसलिए इन तीनों शक्तियों ने कन्नौज पर कब्जा करने की कोशिश की।

प्रश्न 7. महमूद गजनवी अपनी विजय अभियानों में क्यों सफल रहा?

उत्तर- महमूद गजनवी अपने विजय अभियानों में इसलिए सफल रहा क्योंकि वह अच्छी तरह सुसंगठित और अनुशासित सेना लेकर आया था। उसने तुर्किस्तान और अफगानिस्तान के कुशल घुड़सवारों की सेना तैयार की थी। उसके पास उस समय के सबसे अच्छे हथियार और घोड़े थे। दूसरी ओर भारतीय शासकों में एकता का अभाव था। वे आपस में लड़ते रहते थे और गजनवी की चाल समझ नहीं पाए।

प्रश्न 8. सामंतवाद का उदय किस प्रकार हुआ ?

उत्तर- सामंतवाद का उदय इस प्रकार हुआ – जब कोई राजा किसी दूसरे राजा को युद्ध में हरा देता था तो पराजित राजा को अपना राज्य उसी की सामंत बनकर शासन करना होता था। पराजित राजा को विजेता राजा की अधीनता स्वीकार करनी पड़ती थी और उसे कर देना होता था। इस प्रकार पराजित राजा विजेता राजा का सामंत बन जाता था। धीरे-धीरे इसी तरह सभी राजाओं को किसी न किसी शक्तिशाली राजा की अधीनता स्वीकार करनी पड़ी और सामंतवादी व्यवस्था का विकास हुआ।

प्रश्न 9. तत्कालीन राज्यों की प्रशासनिक व्यवस्था आज की प्रशासनिक व्यवस्था से कैसे भिन्न थी ?

उत्तर- तत्कालीन राज्यों की प्रशासनिक व्यवस्था आज से काफी भिन्न थी। आज लोकतंत्र है जबकि उस समय एकाधिकारी शासन था। आज निर्वाचित सरकारें होती हैं लेकिन उस समय शासक विरासत में राज्य करते थे। प्रशासनिक अधिकारी आज परीक्षाओं के माध्यम से नियुक्त होते हैं जबकि उस समय शासक द्वारा नियुक्त किए जाते थे। आज कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका अलग-अलग होती हैं जबकि उस समय वे एकीकृत थीं। इस प्रकार आज की प्रशासनिक व्यवस्था लोकतांत्रिक सिद्धांतों पर आधारित है जबकि मध्ययुगीन व्यवस्था राजतंत्र पर आधारित थी।

प्रश्न 10. क्या आज भी हमारे समाज में सामंतवादी व्यवस्था के लक्षण दिखाई देते हैं?

उत्तर- आज भी हमारे समाज में सामंतवादी प्रवृत्तियां दिखाई देती हैं। कुछ राजनेता और बाहुबली अपने दबंग प्रभाव से लोगों का शोषण करते हैं। वे अपने समर्थकों द्वारा आम लोगों को डराते और प्रताड़ित करते रहते हैं। ऐसे लोग समाज पर अपना वर्चस्व कायम रखना चाहते हैं, जैसे मध्ययुगीन सामंत करते थे। हालांकि अब यह व्यवस्था औपचारिक नहीं है लेकिन लोगों पर दबाव बनाकर शासन करने की प्रवृत्ति बनी हुई है।

प्रश्न 11. मध्यकाल के मंदिर अपने धन-दौलत के लिए काफी प्रसिद्ध थे । भव्यता के दृष्टिकोण से आप अपने पास के मंदिर से तुलना करें।

उत्तर- आज भी कुछ मंदिरों की भव्यता और धन-सम्पदा मध्ययुगीन मंदिरों जैसी है। तिरुपति बालाजी मंदिर, शिरडी साईं बाबा मंदिर, पटना महावीर मंदिर आदि दान-दक्षिणा से धनाढ्य हैं। इन मंदिरों में भव्य स्थापत्य कला और सुंदर मूर्तियां देखने को मिलती हैं। यहां पर भक्तों द्वारा बहुमूल्य उपहार चढ़ाए जाते हैं, जैसे प्राचीन काल में होता था। हालांकि अब मंदिर अपनी आय से समाज सेवा भी करते हैं।

प्रश्न 12. भारत के मानचित्र पर प्रतिहार, पाल और राष्ट्रकूट वंश द्वारा शासित क्षेत्रों को दिखाएँ । वर्तमान समय में भारत के किस भाग में अवस्थित है ?

उत्तर-

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