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इस अध्याय में हम भारतीय इतिहास के उस समय का अध्ययन करेंगे जब अरबों के बाद अन्य विदेशी शासकों ने भी भारत में अपना राज्य स्थापित किया। अरब व्यापारियों ने जहां केवल गांव बसाकर व्यापार किया था, वहीं आगे चलकर उन्होंने भारत के कुछ हिस्सों पर अपना शासन भी कायम कर लिया। उत्तर और मध्य भारत में इसी समय राजपूतों का उदय हुआ। गुप्तवंशीय साम्राज्य के विघटन के बाद सातवीं से बारहवीं शताब्दी के बीच राजपूतों ने छोटे-छोटे राज्य स्थापित किए। इस दौरान उत्तर और दक्षिण भारत दोनों क्षेत्रों में अनेक छोटे राज्य उभरे। कई बार इन छोटे राज्यों को मिलाकर एक विशाल साम्राज्य बनाने के प्रयास भी हुए, लेकिन ये सफल नहीं हो सके।

Bihar Board Class 7 History Chapter 2 Solutions
Subject | History (अतीत से वर्तमान भाग 2) |
Class | 7th |
Chapter | 2. नये राज्य एवं राजाओं का उदय |
Board | Bihar Board |
अभ्यास के प्रश्नोत्तर
प्रश 1. जोड़े बनाइए:-
उत्तर-
सोमनाथ | गुजरात |
सेनवंश | बिहार |
गोपाल | लोगों द्वारा चयनित शासक |
कन्नौज | त्रिपक्षीय संघर्ष |
मध्य भारत | गुर्जर प्रतिहार |
प्रश्न 2. दक्षिण के प्रमुख राज्य कौन-कौन थे?
उत्तर- दक्षिण के प्रमुख राज्य निम्नलिखित थे :-
- चोल
- चेर
- पाण्ड्य
- राष्ट्रकूट त!
- चालुक्य।
प्रश्न 3. उस समय के राजा कौन-कौन-सी उपाधियाँ धारण करते थे ?
उत्तर- उस समय के राजा अनेक और बड़ी-बड़ी उपाधियाँ धारण करते थे, जो उनके द्वारा विजित राजा उनकी अधीनता स्वीकार करते हुए देते थे ।
जैसे : महाराजाधिराज, परमभट्टारक, परमेश्वर त्रिभुवन-चक्रवर्तिन आदि।
प्रश्न 4. बिहार और बंगाल में किन वंशों का शासन था?
उत्तर- बिहार और बंगाल में क्रमश सेन तथा पाल वंशों का शासन था।
प्रश्न 5. तमिल क्षेत्र में किस तरह की सिंचाई व्यवस्था का विकास हुआ?
उत्तर- तमिल क्षेत्र में जलसिंचाई व्यवस्था का विकास बहुत योजनाबद्ध तरीके से हुआ। नदियों पर बांध बनाकर जलाशय निर्मित किए गए। वर्षा जल को एकत्रित करने के लिए बड़े तालाब बनवाए गए। कावेरी नदी के डेल्टा इलाके में बाढ़ नियंत्रण के लिए बांध बनाए गए। नहरों का विस्तृत नेटवर्क खेतों तक सिंचाई पानी पहुंचाने के लिए बनाया गया। इस कार्य में राजकर्मचारियों के साथ स्थानीय किसानों का भी सहयोग लिया गया।
प्रश्न 6. कन्नौज शहर तीन शक्तियों के संघर्ष का केन्द्र बिन्दु क्यों बना ?
उत्तर- कन्नौज शहर तीन शक्तिशाली साम्राज्यों – गुर्जर-प्रतिहार, पाल और राष्ट्रकूट का संघर्ष का केंद्र बिंदु बना क्योंकि यह तत्कालीन गंगा-यमुना दोआब क्षेत्र पर नियंत्रण रखने वाला महत्वपूर्ण नगर था। इस क्षेत्र पर विजय पाकर अच्छा राजस्व प्राप्त किया जा सकता था। साथ ही कन्नौज गंगा नदी किनारे स्थित होने के कारण व्यापारिक मार्ग पर भी था। इसलिए इन तीनों शक्तियों ने कन्नौज पर कब्जा करने की कोशिश की।
प्रश्न 7. महमूद गजनवी अपनी विजय अभियानों में क्यों सफल रहा?
उत्तर- महमूद गजनवी अपने विजय अभियानों में इसलिए सफल रहा क्योंकि वह अच्छी तरह सुसंगठित और अनुशासित सेना लेकर आया था। उसने तुर्किस्तान और अफगानिस्तान के कुशल घुड़सवारों की सेना तैयार की थी। उसके पास उस समय के सबसे अच्छे हथियार और घोड़े थे। दूसरी ओर भारतीय शासकों में एकता का अभाव था। वे आपस में लड़ते रहते थे और गजनवी की चाल समझ नहीं पाए।
प्रश्न 8. सामंतवाद का उदय किस प्रकार हुआ ?
उत्तर- सामंतवाद का उदय इस प्रकार हुआ – जब कोई राजा किसी दूसरे राजा को युद्ध में हरा देता था तो पराजित राजा को अपना राज्य उसी की सामंत बनकर शासन करना होता था। पराजित राजा को विजेता राजा की अधीनता स्वीकार करनी पड़ती थी और उसे कर देना होता था। इस प्रकार पराजित राजा विजेता राजा का सामंत बन जाता था। धीरे-धीरे इसी तरह सभी राजाओं को किसी न किसी शक्तिशाली राजा की अधीनता स्वीकार करनी पड़ी और सामंतवादी व्यवस्था का विकास हुआ।
प्रश्न 9. तत्कालीन राज्यों की प्रशासनिक व्यवस्था आज की प्रशासनिक व्यवस्था से कैसे भिन्न थी ?
उत्तर- तत्कालीन राज्यों की प्रशासनिक व्यवस्था आज से काफी भिन्न थी। आज लोकतंत्र है जबकि उस समय एकाधिकारी शासन था। आज निर्वाचित सरकारें होती हैं लेकिन उस समय शासक विरासत में राज्य करते थे। प्रशासनिक अधिकारी आज परीक्षाओं के माध्यम से नियुक्त होते हैं जबकि उस समय शासक द्वारा नियुक्त किए जाते थे। आज कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका अलग-अलग होती हैं जबकि उस समय वे एकीकृत थीं। इस प्रकार आज की प्रशासनिक व्यवस्था लोकतांत्रिक सिद्धांतों पर आधारित है जबकि मध्ययुगीन व्यवस्था राजतंत्र पर आधारित थी।
प्रश्न 10. क्या आज भी हमारे समाज में सामंतवादी व्यवस्था के लक्षण दिखाई देते हैं?
उत्तर- आज भी हमारे समाज में सामंतवादी प्रवृत्तियां दिखाई देती हैं। कुछ राजनेता और बाहुबली अपने दबंग प्रभाव से लोगों का शोषण करते हैं। वे अपने समर्थकों द्वारा आम लोगों को डराते और प्रताड़ित करते रहते हैं। ऐसे लोग समाज पर अपना वर्चस्व कायम रखना चाहते हैं, जैसे मध्ययुगीन सामंत करते थे। हालांकि अब यह व्यवस्था औपचारिक नहीं है लेकिन लोगों पर दबाव बनाकर शासन करने की प्रवृत्ति बनी हुई है।
प्रश्न 11. मध्यकाल के मंदिर अपने धन-दौलत के लिए काफी प्रसिद्ध थे । भव्यता के दृष्टिकोण से आप अपने पास के मंदिर से तुलना करें।
उत्तर- आज भी कुछ मंदिरों की भव्यता और धन-सम्पदा मध्ययुगीन मंदिरों जैसी है। तिरुपति बालाजी मंदिर, शिरडी साईं बाबा मंदिर, पटना महावीर मंदिर आदि दान-दक्षिणा से धनाढ्य हैं। इन मंदिरों में भव्य स्थापत्य कला और सुंदर मूर्तियां देखने को मिलती हैं। यहां पर भक्तों द्वारा बहुमूल्य उपहार चढ़ाए जाते हैं, जैसे प्राचीन काल में होता था। हालांकि अब मंदिर अपनी आय से समाज सेवा भी करते हैं।
प्रश्न 12. भारत के मानचित्र पर प्रतिहार, पाल और राष्ट्रकूट वंश द्वारा शासित क्षेत्रों को दिखाएँ । वर्तमान समय में भारत के किस भाग में अवस्थित है ?
उत्तर-
