Bihar Board Class 9 Sanskrit Chapter 14 Solutions – राष्ट्रबोधः

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‘राष्ट्रबोधः’ पाठ में सच्ची देशभक्ति का अर्थ समझाया गया है, जो ईमानदारी और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने में है। यह पाठ आपको बताएगा कि कैसे दो छात्रों ने देशद्रोहियों को पकड़वाकर समाज की रक्षा की। आप सीखेंगे कि छोटे-छोटे कार्यों से भी राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी निभाई जा सकती है। इसे पढ़कर आप देशभक्ति और समाज के प्रति सजगता का महत्व समझ सकेंगे।

Bihar Board Class 9 Sanskrit Chapter 14

Bihar Board Class 9 Sanskrit Chapter 14 Solutions

SubjectSanskrit (संस्कृत पीयूषम् भाग 1)
Class9th
Chapter14. राष्ट्रबोधः
BoardBihar Board

अभ्यासः (मौखिकः)

1. एकपदेन संस्कृतभाषया उत्तरं वदत (एक शब्द में संस्कृत में उत्तर दें)

(क) धनञ्जयेन सह विद्यालयं कः गच्छन् आसीत्? (धनंजय के साथ विद्यालय कौन जा रहा था?)

उत्तरम्: मित्रम् (मित्र)

(ख) मार्गः केन मग्नः जातः आसीत्? (मार्ग किसके कारण डूब गया था?)

उत्तरम्: जलेन (जल)

(ग) यायावरः बालकः कूपीम् उत्थाप्य कुत्र निगूढवान्? (यायावर बालक ने बोतल उठाकर कहाँ छिपाई?)

उत्तरम्: भूमौ (जमीन में)

(घ) छात्राः शिक्षकाश्च कस्मिन् समारोहे सम्मानिताः? (छात्र और शिक्षक किस समारोह में सम्मानित हुए?)

उत्तरम्: वार्षिकोत्सवे (वार्षिक उत्सव में)

(ङ) यः देशस्य रक्षां करोति तस्य किं प्रशस्यते? (जो देश की रक्षा करता है, उसकी क्या प्रशंसा होती है?)

उत्तरम्: शौर्यम् (शौर्य/वीरता)

अभ्यासः (लिखितः)

1. एकपदेन संस्कृतभाषया उत्तरं लिखत (एक शब्द में संस्कृत में उत्तर लिखें)

(क) आतपे तिष्ठन्तौ तौ कया पीडितौ अभवताम्? (धूप में खड़े होने के कारण वे किससे पीड़ित हुए?)

उत्तरम्: पिपासया (प्यास से)

(ख) धनञ्जयः आपणात् किं क्रीतवान्? (धनंजय ने दुकान से क्या खरीदा?)

उत्तरम्: जलम् (पानी)

(ग) विवेकः धनञ्जयस्य किं कार्यं निन्दति? (विवेक धनंजय के किस कार्य की निंदा करता है?)

उत्तरम्: कूपीक्षेपणम् (बोतल फेंकना)

(घ) बालकः विवेकं कान् जनान् तर्जयितुं निवेदयति? (बालक विवेक को किन लोगों को धमकाने के लिए कहता है?)

उत्तरम्: देशद्रोहिणः (देशद्रोहियों को)

(ङ) प्राचार्यः किम् सूचितवान्? (प्राचार्य ने क्या सूचित किया?)

उत्तरम्: आरक्षिस्थानम् (पुलिस स्टेशन)

2. पूर्णवाक्येन उत्तरं प्रदत्त (पूर्ण वाक्य में उत्तर दें)

(क) तं बालकं तथा कुर्वन्तं वीक्ष्य विवेकः स्वनेत्रे रक्ते कुर्वन् किमुक्तवान्? (उस बालक को ऐसा करते देख विवेक ने आँखें लाल करके क्या कहा?)

उत्तरम्: विवेकः क्रुद्धः भूत्वा उक्तवान्, “अरे दुष्ट! त्वं कः? समाजविरोधि कार्यं कथं करोषि?”

(हिन्दी अनुवाद: विवेक ने गुस्से में कहा, “अरे दुष्ट! तू कौन है? समाज के खिलाफ यह काम क्यों कर रहा है?”)

(ख) यायावरः बालकः कयोः मतेन प्रभावितः भूत्वा किं किं कृत्वा प्रस्थितः? (यायावर बालक किनके विचारों से प्रभावित होकर क्या-क्या करके चला गया?)

उत्तरम्: यायावरः बालकः विवेकस्य धनञ्जयस्य च मतेन प्रभावितः भूत्वा पठनस्य प्रतिज्ञां कृत्वा स्वसङ्केतं दत्त्वा प्रस्थितः।

(हिन्दी अनुवाद: यायावर बालक विवेक और धनंजय के विचारों से प्रभावित होकर पढ़ाई की प्रतिज्ञा करके और अपना पता देकर चला गया।)

(ग) आरक्षिनिरीक्षकः कान् सूचयित्वा केषां च निर्देशं प्राप्य कान् कारागारं प्रेषितवान्? (पुलिस निरीक्षक ने किन्हें सूचित करके और किनके निर्देश पाकर किन्हें जेल भेजा?)

उत्तरम्: आरक्षिनिरीक्षकः उच्चाधिकारिणः सूचयित्वा तेषां निर्देशं प्राप्य देशद्रोहिणः कारागारे प्रेषितवान्।

(हिन्दी अनुवाद: पुलिस निरीक्षक ने उच्च अधिकारियों को सूचित करके और उनके निर्देश पाकर देशद्रोहियों को जेल भेजा।)

(घ) मुख्यमंत्री केन कारणेन आनन्दम् अनुभवति? (मुख्यमंत्री किस कारण से आनंद का अनुभव करता है?)

उत्तरम्: मुख्यमंत्रीः छात्राणां राष्ट्रबोधेन संनादति।

(हिन्दी अनुवाद: मुख्यमंत्री छात्रों की राष्ट्रभक्ति से आनंदित होता है।)

(ङ) सर्वासां समस्यानां निवारणं कथं सम्भाव्यते? (सभी समस्याओं का समाधान कैसे संभव है?)

उत्तरम्: सर्वं राष्ट्रबोधेन संनादति।

(हिन्दी अनुवाद: सभी समस्याओं का समाधान राष्ट्रभक्ति से संभव है।)

3. उदाहरणानुसारं कोष्ठके लिखितं शुद्धमेकं पदं स्वीकृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत (उदाहरण के अनुसार कोष्ठक में दिए गए शुद्ध एक शब्द को लेकर प्रश्न बनाएँ)

(क) उत्तरम्: धनञ्जयः तां कूपीम् उत्थाप्य पार्श्वे क्षिप्तवान्। (धनंजय ने बोतल उठाकर पास में फेंकी।)

प्रश्न: धनञ्जयः कूपीं कुत्र क्षिप्तवान्? (धनंजय ने बोतल कहाँ फेंकी?)

(ख) उत्तरम्: यायावरः वस्तुसंग्राहकः मलिनवस्त्रः बालकः तत्र आगतः। (वहाँ एक गंदे कपड़ों वाला यायावर कूड़ा बीनने वाला बालक आया।)

प्रश्न: यायावरः कः आगतः? (वहाँ कौन यायावर आया?)

(ग) उत्तरम्: तिष्ठ! त्वामहम् आरक्षिणे समर्पयामि। (रुक! मैं तुझे पुलिस को सौंपता हूँ।)

प्रश्न: विवेकः कस्मै समर्पयामि इति उक्तवान्? (विवेक ने किसे सौंपने की बात कही?)

(घ) उत्तरम्: आरक्षिप्रशासनम् अभियानस्य प्रेरकौ पुरस्कृतौ अकरोत्। (पुलिस प्रशासन ने अभियान के प्रेरकों को सम्मानित किया।)

प्रश्न: आरक्षिप्रशासनम् के पुरस्कृतौ अकरोत्? (पुलिस प्रशासन ने किन्हें सम्मानित किया?)

(ङ) उत्तरम्: अहं कूपीं चित्वा अल्पधनं प्राप्य यथा तथा उदरज्वालां शमयामि। (मैं बोतल बीनकर थोड़ा पैसा पाकर जैसे-तैसे पेट की भूख मिटाता हूँ।)

प्रश्न: बालकः कूपीं चित्वा किम् प्राप्य उदरज्वालां शमयामि इति उक्तवान्? (बालक ने बोतल बीनकर क्या पाकर पेट की भूख मिटाने की बात कही?)

4. रेखाङ्कितपदानां स्थाने उदाहरणानुसारं विलोमपदानि योजयित्वा वाक्यानि रचयत (रेखांकित शब्दों के स्थान पर उदाहरण के अनुसार विलोम शब्द लगाकर वाक्य बनाएँ)

उदाहरणम्- देशद्रोहिणः देशस्य अहितं कुर्वन्ति।
उत्तरम् – देशप्रेमिणः देशस्य हितं कुर्वन्ति।

(अ) प्रश्न: अधमाः जनाः समाजविरोधि कार्यं कुर्वन्ति। (नीच लोग समाज-विरोधी कार्य करते हैं।)

उत्तरम्: उत्तमाः जनाः समाजहितं कार्यं कुर्वन्ति। (अच्छे लोग समाज के हित का कार्य करते हैं।)

(आ) प्रश्न: असभ्याः अशिष्टाश्च अवैधं कर्म सम्पादयन्ति। (असभ्य और अशिष्ट लोग अवैध कार्य करते हैं।)

उत्तरम्: सभ्याः शिष्टाश्च वैधं कर्म सम्पादयन्ति। (सभ्य और शिष्ट लोग वैध कार्य करते हैं।)

(इ) प्रश्न: निर्धनः अल्पधनमपि प्राप्य जीवनयापनं करोति। (गरीब व्यक्ति थोड़ा धन पाकर भी जीवनयापन करता है।)

उत्तरम्: धनवान् बहुधनं प्राप्य जीवनयापनं करोति। (धनी व्यक्ति बहुत धन पाकर जीवनयापन करता है।)

(ई) प्रश्न: प्रामाणिकवस्तूनां सेवनेन स्वास्थ्यं सुरक्षितं भवति। (प्रामाणिक वस्तुओं के सेवन से स्वास्थ्य सुरक्षित रहता है।)

उत्तरम्: अप्रामाणिकवस्तूनां सेवनेन स्वास्थ्यं असुरक्षितं भवति। (नकली वस्तुओं के सेवन से स्वास्थ्य असुरक्षित हो जाता है।)

(उ) प्रश्न: राष्ट्रस्य रक्षकः सम्मानेन पुरस्कृतः भवति। (राष्ट्र का रक्षक सम्मान से पुरस्कृत होता है।)

उत्तरम्: राष्ट्रस्य द्रोही निन्दया दण्डितः भवति। (राष्ट्र का गद्दार निंदा से दंडित होता है।)

5. लिखितपदेषु अन्यविभक्तिं योजयित्वा समुचितं वाक्यं रचयत (दिए गए शब्दों में दूसरी विभक्ति जोड़कर उचित वाक्य बनाएँ)

उदाहरणम् – राष्ट्रबोधः, राष्ट्रम् / बालकः
उत्तरम् – बालकानां राष्ट्रबोधेन राष्ट्रस्य सुरक्षा भवति।

(क) जलाप्लावनम् / मार्गे / भग्नेन

उत्तरम्: जलाप्लावनेन मार्गः भग्नः अभवत्। (जल की बाढ़ से मार्ग टूट गया।)

(ख) सज्जनः / चौरम् / आरक्षी

उत्तरम्: सज्जनः चौरं आरक्षिणे समर्पति। (सज्जन चोर को पुलिस को सौंपता है।)

(ग) शिक्षकः / समारोहः / पुरस्कृतः

उत्तरम्: शिक्षकः समारोहे पुरस्कृतः भवति। (शिक्षक समारोह में सम्मानित होता है।)

(घ) प्राचार्येण / आरक्षिस्थानके / गम्भीरता

उत्तरम्: प्राचार्येण आरक्षिस्थाने गम्भीरता प्रदर्शिता अभवत्। (प्राचार्य ने पुलिस स्टेशन में गंभीरता दिखाई।)

(ङ) विवेकः / धनञ्जयः / विद्यालयः

उत्तरम्: विवेकः धनञ्जयः च विद्यालयं गच्छतः। (विवेक और धनंजय विद्यालय जाते हैं।)

6. निम्नवाक्येषु अधोरेखाङ्कितपदानां सन्धिविच्छेदं कुरुत (नीचे दिए वाक्यों में रेखांकित शब्दों का संधि-विच्छेद करें)

(क) शिक्षकः प्रश्नोत्तरं श्रुत्वा प्रसन्नः भवति। (शिक्षक प्रश्न-उत्तर सुनकर प्रसन्न होता है।)

सन्धिविच्छेद: प्रश्न + उत्तरम्

(ख) यस्यैव छात्रस्य परिश्रमः तस्यैव सफलता। (जिस छात्र का परिश्रम, उसी की सफलता।)

सन्धिविच्छेद: यस्य + एव, तस्य + एव

(ग) यस्योपरि दायित्वं भवति तस्य चिन्तापि। (जिसके ऊपर दायित्व होता है, उसकी चिंता भी होती है।)

सन्धिविच्छेद: यस्य + उपरि, चिन्ता + अपि

(घ) कस्ते पिता? यस्य पुत्रस्तु त्वं भोः। (तेरा पिता कौन है? जिसका पुत्र तू है।)

सन्धिविच्छेद: कः + ते

(ङ) जगदिदं रचितं जगदीशेन। (यह संसार जगदीश ने रचित किया।)

सन्धिविच्छेद: जगत् + इदम्, जगत् + ईशेन

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