On this page, we are presenting you with our free solutions on Bihar Board class 7 Geography chapter 8. Using this guide, you can solve all the problems given in Bhugol chapter 8 – “मानव पर्यावरण अंतःक्रिया : लहाख प्रदेश में जन-जीवन”. It also helps you to gain a solid understanding of this topic.
बिहार बोर्ड की कक्षा 7 की भूगोल की पाठ्यपुस्तक का आठवां अध्याय “मानव पर्यावरण अंतःक्रिया: लहाख प्रदेश में जन-जीवन” हमें मानव और प्रकृति के बीच के गहरे संबंध को समझने में मदद करता है। इस अध्याय में हम लहाख प्रदेश की विशिष्ट पारिस्थितिकी और वहां के लोगों के जीवन शैली के बारे में जानेंगे। हम देखेंगे कि कठोर भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद वहां के लोग कैसे अपने जीवन को आगे बढ़ाते हैं। साथ ही हम यह भी सीखेंगे कि उन्होंने प्रकृति के साथ कैसा सामंजस्य बिठाया है और इसका उनके जीवन पर क्या प्रभाव पड़ा है।

Bihar Board Class 7 Geography Chapter 8 Solutions
Subject | Geography (हमारी दुनिया भाग 2) |
Class | 7th |
Chapter | 8. मानव पर्यावरण अंतःक्रिया : लहाख प्रदेश में जन-जीवन |
Board | Bihar Board |
अभ्यास
i. सही विकल्प पर सही (✓) का चिह्न लगाएँ :–
प्रश्न (i) लद्दाख की जलवायु शुष्क है, इसका कारण है लद्दाख का :
(क) ऊँचाई पर होना
(ख) वनस्पतियों का न होना
(ग) हिमालय की वृष्टि-छाया में होना
उत्तर- (क) ऊँचाई पर होना
प्रश्न (ii) लद्दाख में पाया जाने वाला महत्त्वपूर्ण जानवर है:
(क) पांडा
(ख) जंगली भैंसा
(ग) याक
उत्तर- (ग) याक
प्रश्न (iii) कश्मीर से लद्दाख होते हुए तिब्बत को जोड़ता है:
(क) रोहतांग दर्रा
(ख) काराकोरम दर्रा
(ग) जोजीला दर्रा
उत्तर- (ख) काराकोरम दर्रा
प्रश्न (iv) लद्दाख में बहने वाली नदियाँ हैं :
(क) सिंधु-नर्मदा
(ख) सिंधु-वाका
(ग) सिंधु-गंगा
उत्तर- (ख) सिंधु-वाका
ii. खाली जगहों को भरिए-
- खा-पा-चान का अर्थ है हिम भूमि।
- लद्दाख क्षेत्र की सामान्य ऊँचाई है 3600 मीटर।
- अच्छे किस्म का जीरा द्रास घाटी में होता है।
- काराकोरम दर्रा कश्मीर को तिब्बत से जोड़ता है।
- बड़े मठों को गोप्पा कहते हैं।
iii. निम्न प्रश्नों के उत्तर दें :
प्रश्न (1) हम प्रकृति के साथ अनुकूलित हैं । कैसे?
उत्तर: प्रकृति के साथ अनुकूलन का अर्थ है कि हम अपने आसपास के पर्यावरण के अनुसार अपनी जीवन-शैली, रहन-सहन और आवश्यकताएँ ढालते हैं। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसमें हम और हमारी आस-पास की जीव-जंतु, वनस्पतियाँ एवं अन्य प्राकृतिक तत्व समायोजित होते रहते हैं।
कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं:
- ठंडे क्षेत्रों में रहने वाले लोग अपने घरों को गर्म रखने के उपाय करते हैं, जबकि गर्म प्रदेशों के लोग अपने आवासों को ठंडा रखने पर ध्यान देते हैं।
- मरुस्थलीय क्षेत्रों के लोग पेयजल संरक्षण पर विशेष ध्यान देते हैं, जबकि उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के लोग अधिक वर्षा के प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
- पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले लोग अपने घर मजबूत इमारतों में बनाते हैं, जबकि समतल क्षेत्रों के लोग अपने घर हल्के और लचीले ढंग से बनाते हैं।
- इस प्रकार हम अपने आस-पास के पर्यावरण के अनुरूप अपनी जीवन-शैली को ढालते हैं और प्रकृति के साथ अनुकूलित रहते हैं।
प्रश्न (2) लद्दाख क्षेत्र की जलवायु कैसी है?
उत्तर: लद्दाख क्षेत्र की जलवायु बहुत ठंडी और शुष्क है। यह हिमालय पर्वतमाला के पश्चिमी किनारे पर स्थित है और तिब्बत के पठार का एक हिस्सा है, जिसकी सामान्य ऊंचाई 6,700 मीटर है। इस उच्च भूमि पर पड़ने वाली वर्षा छाया के कारण वर्षा बहुत कम होती है और जलवायु वास्तव में शुष्क है।
जाड़े का सीजन यहां लगभग पूरे वर्ष रहता है और कभी-कभी बहुत अधिक शीत भी पड़ता है। इस उच्च पहाड़ी क्षेत्र में अत्यधिक शीत के कारण वातावरण बहुत ठंडा रहता है। इस प्रकार लद्दाख की जलवायु बहुत ठंडी और शुष्क है।
प्रश्न (3) लद्दाख में विरल वनस्पति और विरल जनसंख्या क्यों है?
उत्तर: लद्दाख में विरल वनस्पति और जनसंख्या होने के प्रमुख कारण निम्नानुसार हैं:
- उच्च शुष्कता: लद्दाख में वर्षा बहुत कम होती है और जलवायु अत्यधिक शुष्क है। इस कारण वहां वनस्पति विकास बहुत कम है और हरियाली दिखाई नहीं देती।
- कृषि के लिए अनुपयुक्त भूमि: लद्दाख में कृषि के लिए उपयुक्त भूमि की बहुत कमी है। अधिकतर क्षेत्र पहाड़ी और बंजर हैं, जिससे कृषि संभव नहीं है।
- कठिन जीवन-यापन: लद्दाख में जीवन-यापन बहुत कठिन है। अत्यधिक शीत, कम वर्षा और संसाधनों की कमी से लोगों को दैनिक जीवन बिताना मुश्किल होता है। इससे जनसंख्या भी विरल रहती है।
- कठोर पर्यावरण: लद्दाख का पर्यावरण बहुत कठोर है और अनुकूल नहीं है। इस कारण वहां वनस्पति और जनसंख्या दोनों ही विरल हैं।
प्रश्न (4) याक की उपयोगिता हमारे यहाँ के किस पशु से मिलती है?
उत्तर: लद्दाख में याक की उपयोगिता हमारे यहाँ के भैंस पशु से मिलती है। याक और भैंस के बीच निम्नलिखित समानताएँ हैं:
- दूध उत्पादन: मादा याक के साथ-साथ मादा भैंस भी दूध उत्पादन करती हैं। इस दूध से खोवा, पनीर और मक्खन बनाए जाते हैं।
- ढोने का काम: नर याक और नर भैंस दोनों ही भारी बोझ ढोने, गाड़ी खींचने और हल चलाने के काम आते हैं।
- गतिशीलता: याक और भैंस दोनों ही ठंडे पहाड़ी इलाकों में आसानी से गतिशील हो सकते हैं और लोगों के लिए सहायक हैं।
प्रश्न (5) लद्दाख जैसे ठंडे रेगिस्तानी क्षेत्र में पर्यटन की क्या संभावनाएँ हैं?
उत्तर: लद्दाख जैसे ठंडे रेगिस्तानी क्षेत्रों में पर्यटन की संभावनाएँ कम हैं। इसके कुछ कारण निम्नलिखित हैं:
- अत्यधिक ठंड: लद्दाख में जाड़े का मौसम लगभग पूरे वर्ष रहता है और अत्यंत कठोर ठंड पड़ती है। ऐसे में पर्यटकों के लिए वहाँ जाना कठिन होता है।
- प्राचीन स्मारकों का अभाव: लद्दाख में कोई प्राचीन ऐतिहासिक स्मारक या पुरातात्विक स्थल नहीं हैं, जो पर्यटकों को आकर्षित कर सकें।
- यातायात की कमी: लद्दाख में यातायात की सुविधाएँ सीमित हैं और आवागमन कठिन है, जो पर्यटन को प्रभावित करता है।
- जीवन-यापन की कठिनाई: लद्दाख में जीवन-यापन बहुत कठिन है, क्योंकि प्राकृतिक संसाधनों की कमी है। ऐसे में पर्यटकों के लिए वहाँ रहना मुश्किल हो जाता है।