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बिहार बोर्ड की कक्षा 7 की भूगोल की पाठ्यपुस्तक का ग्यारहवां अध्याय “मानव पर्यावरण अंतःक्रिया: तटीय प्रदेश केरल में जन-जीवन” हमें केरल राज्य के तटीय भूभागों में रहने वाले लोगों के जीवन से परिचित कराता है। इस अध्याय में हम केरल की समुद्र तटीय पारिस्थितिकी और उसमें निहित जैव विविधता के बारे में जानेंगे। साथ ही हम यह भी समझेंगे कि वहां के लोग अपनी आजीविका के लिए किन गतिविधियों पर निर्भर रहते हैं और उनका जीवन प्रकृति से कितना गहरा जुड़ाव रखता है। हम देखेंगे कि उनकी संस्कृति और रीति-रिवाज उनके पारिस्थितिक वातावरण से कैसे प्रभावित होते हैं।
Bihar Board Class 7 Geography Chapter 11 Solutions
Subject | Geography (हमारी दुनिया भाग 2) |
Class | 7th |
Chapter | 11. मानव पर्यावरण अंतःक्रिया : तटीय प्रदेश केरल में जन-जीवन |
Board | Bihar Board |
प्रश्न 1. केरल प्रदेश की जलवायु और वनस्पति पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर: केरल प्रदेश की जलवायु ऊष्ण-आर्द्र मानसूनी प्रकार की है। यहाँ वर्षा का पैटर्न अत्यधिक अनियमित और प्रचुर है। औसत वार्षिक वर्षा 200 सेमी से अधिक होती है। ग्रीष्म ऋतु में औसत तापमान 32°C और शीत ऋतु में 23°C रहता है। वार्षिक तापान्तर 2°C से 5°C है।
वनस्पति के मामले में, केरल का लगभग 1/4 भाग सदाबहार वनों से ढका हुआ है। यहाँ सागवान, चन्दन, सुपारी, नारियल, रबर और बाँस जैसी विविध वनस्पतियाँ पाई जाती हैं। केले भी यहाँ काफी उत्पादित होते हैं।
प्रश्न 2. पी. वेल्लू सुंदरम् ने केरल की किन-किन विशेषताओं का जिक्र किया?
उत्तर: पी. वेल्लू सुंदरम् ने केरल की कई महत्वपूर्ण विशेषताओं का वर्णन किया है:
- भौगोलिक स्थिति और अवस्थिति
- प्राकृतिक और भौतिक विशेषताएँ
- अधिकतम और न्यूनतम तापमान
- वार्षिक वर्षा की मात्रा
- वन, वनस्पति और वन्य जीव
- लोगों का आर्थिक जीवन, खान-पान और पहनावा
- उपलब्ध खनिज संसाधन
- आवागमन के साधन
इन विविध पहलुओं के माध्यम से सुंदरम् ने केरल की समग्र जीवन-शैली और विशिष्टताओं का वर्णन किया है।
प्रश्न 3. केरल मसालों का प्रदेश है। कैसे?
उत्तर: केरल को “मसालों का प्रदेश” कहा जाता है क्योंकि यहाँ अनेक प्रकार के मसाले बहुतायत में उगाए जाते हैं। काली मिर्च, इलायची, जायफल, दालचीनी, लवंग जैसे गर्म मसाले केरल में बड़ी मात्रा में उत्पन्न होते हैं। यही कारण है कि केरल को देश और विदेश में मसालों का प्रमुख उत्पादक और आपूर्तिकर्ता माना जाता है। इन मसालों की उपलब्धता और गुणवत्ता केरल की एक प्रमुख विशेषता है।
प्रश्न 4. लोग पर्यटन के लिये केरल जाना क्यों पसंद करते हैं?
उत्तर: लोग पर्यटन के लिए केरल जाना इसलिए पसंद करते हैं क्योंकि यहाँ कई आकर्षक पर्यटन स्थल और गतिविधियाँ मौजूद हैं:
- नौका दौड़: केरल में नौका दौड़ का आयोजन एक प्रमुख आकर्षण है।
- कत्थकली और मोहनी अट्टम: केरल का विश्व प्रसिद्ध नृत्य-नाटिका और नृत्य।
- कलारीपयट्ट: केरल की प्रसिद्ध मार्शल आर्ट शैली।
- मलखम्भ: केरल का प्रमुख परंपरागत खेल।
- सबरीमाला: एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल।
इन आकर्षणों के अतिरिक्त, केरल में उपलब्ध विलासिता भरे नौकागमन और स्थानीय लोगों की सेवाभावना भी पर्यटकों को आकर्षित करती है।
प्रश्न 5. अपने मुहल्ले के दुकानदार से मसालों की आपूर्ति के स्रोत का वर्णन करें।
उत्तर: हमने अपने मुहल्ले के दुकानदार से मसालों की आपूर्ति के स्रोत के बारे में पूछा। उन्होंने बताया कि वे प्रायः थोक मंडी से मसाले खरीदते हैं।
लेकिन वे मुख्य रूप से दक्षिण भारत के राज्यों, खासकर केरल, से ट्रकों द्वारा मसाले मंगवाते हैं। केरल में मसालों की बहुल उपलब्धता और गुणवत्ता के कारण, देश के अन्य हिस्सों में भी केरल से मसाले आपूर्ति की जाती है।
यह बताता है कि केरल में उत्पादित मसाले न केवल राज्य में ही, बल्कि देश भर में भी लोकप्रिय और मांगित हैं। केरल को मसालों का प्रदेश कहा जाना इसी कारण से उचित है।
प्रश्न 6. केरल के खान-पान बनाने में किन खाद्य पदार्थों की जरूरत होगी? सूची बनाइए।
उत्तर: केरल के खान-पान बनाने में निम्नलिखित खाद्य पदार्थों की आवश्यकता होती है:
- चावल
- कोकोनट (नारियल)
- कोकोनट तेल
- मसाले (काली मिर्च, इलायची, जायफल, दालचीनी, लवंग आदि)
- मछली
- केरल के प्रमुख सब्जियाँ (तामरिंड, मूली, कटहल आदि)
- दूध और दही
- केरल के परंपरागत मसाले (गरम मसाला, करी पत्ता आदि)
- नमक
- तेल (नारियल तेल, पालम तेल)
- हर्ब्स और मसालेदार पत्तियाँ
यह खाद्य सामग्री केरल की विविध और स्वादिष्ट भोजन परंपरा का आधार बनती है।
प्रश्न 7. बिहार और केरल के पहनावे में क्या-क्या अंतर है?
उत्तर: बिहार और केरल के पहनावे में कुछ प्रमुख अंतर हैं:
महिलाओं का पहनावा:
- बिहार की महिलाएं साड़ी, पेटीकोट और ब्लाउज पहनती हैं।
- केरल की महिलाएं भी साड़ी, पेटीकोट और ब्लाउज पहनती हैं, लेकिन इनका स्टाइल बिहार से थोड़ा अलग होता है।
पुरुषों का पहनावा:
- बिहार के पुरुष धोती, कुर्ता, गंजी और गमछा का उपयोग करते हैं।
- केरल के पुरुष हाफ कमीज और लुंगी पहनते हैं। लुंगी बिहार के लोग भी घर पर या रात में पहनते हैं।
- बिहार में पायजामा-कुर्ता का प्रचलन अधिक है, जबकि केरल में यह कम है।
- दोनों राज्यों में फुलपैंट-शर्ट का प्रयोग समान रूप से होता है।
- इस प्रकार, केरल और बिहार के पारंपरिक पहनावे में कुछ महत्वपूर्ण अंतर देखने को मिलते हैं।
प्रश्न 8. केरल के नौका दौड़ का आयोजन अपने राज्य में करने के लिये आप क्या करेंगे?
उत्तर: केरल में होने वाले नौका दौड़ जैसे आयोजन को बिहार में करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
- उपयुक्त नदी का चयन: बिहार में केरल जैसी सीधी और गहरी नदी की पहचान करना होगा, जहाँ नौका दौड़ का आयोजन किया जा सके।
- प्रशिक्षण और कौशल विकास: नौका चालकों को विशेष प्रशिक्षण देकर उनके कौशल को विकसित करना होगा।
- नौकाओं का निर्माण: प्रतियोगिता के लिए उपयुक्त नौकाओं का निर्माण किया जाना चाहिए।
- प्रतियोगिता का आयोजन: बिहार में नौका दौड़ की एक प्रतियोगिता का आयोजन किया जा सकता है। इसके लिए पर्यावरण विभाग, पर्यटन विभाग और स्थानीय प्रशासन का सहयोग लिया जा सकता है।
- प्रचार और प्रोत्साहन: इस प्रतियोगिता को पर्याप्त प्रचार देकर लोगों को इसमें भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है।
इन कदमों के माध्यम से बिहार में भी केरल जैसी नौका दौड़ का आयोजन किया जा सकता है।
प्रश्न 9. केरल व बिहार के भोजन में कौन-सा खाद्यान्न समान है?
उत्तर: केरल और बिहार दोनों राज्यों में चावल मुख्य खाद्यान्न है। चावल दोनों राज्यों की आहार परंपरा का अभिन्न अंग है।
केरल में चावल को विभिन्न तरीकों से तैयार किया जाता है, जैसे – पिंडी, दोशा, इड्ली आदि। बिहार में भी चावल को भात, खिचड़ी, पूरी-सब्जी के रूप में खाया जाता है।
इस प्रकार, चावल दोनों राज्यों की खाद्य संस्कृति का मूलभूत घटक है और इसमें एक समानता देखी जा सकती है।
प्रश्न 10. राष्ट्रीय सेवा योजना के बारे में पता कीजिए।
उत्तर: राष्ट्रीय सेवा योजना (National Service Scheme – NSS) एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है, जिसका उद्देश्य छात्रों को स्वैच्छिक सामुदायिक सेवा करने के लिए प्रेरित करना है।
प्रमुख विशेषताएं:
- छात्र स्वयंसेवकों को सामुदायिक कार्यों में भाग लेने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है।
- छात्र स्वयंसेवक अपने अध्ययनकाल में वार्षिक रूप से 120 घंटे सेवा देते हैं।
- इस योजना का उद्देश्य छात्रों में देशभक्ति, नैतिक मूल्यों और सामाजिक जिम्मेदारी का विकास करना है।
- छात्र स्वयंसेवकों को प्रमाण-पत्र भी दिए जाते हैं, जो उनके भविष्य में लाभकारी हो सकते हैं।
- इस प्रकार, राष्ट्रीय सेवा योजना छात्रों को सामाजिक सेवा और स्वयं-विकास के अवसर प्रदान करती है।
प्रश्न 11. सही विकल्प पर (✓) का निशान लगाएँ :
प्रश्न (i) केरल प्रदेश की जलवायु है:
(क) उष्ण
(ख) शीतोष्ण
(ग) समशीतोष्ण
उत्तर- (क) उष्ण
प्रश्न (ii) केरल में नहीं उपजाया जाता है :
(क) कहवा
(ख) काजू
(ग) जूट
(घ) इलायची
उत्तर- (ग) जूट
प्रश्न (iii) साइलेंट वैली स्थित है:
(क) पूर्वी घाट में
(ख) पश्चिमी घाट में
(ग) य० एन० ओ० में
उत्तर- (ख) पश्चिमी घाट में
प्रश्न (iv) केरल में सबरीमाला क्या है ?
(क) तीर्थ स्थान
(ख) पर्यटन स्थल
(ग) नौका दौड़
(घ) एक प्रकार का नृत्य
उत्तर- (क) तीर्थ स्थान