Here you will get Bihar Board Class 9 Sanskrit Chapter 9 Solutions for free. This covers all question answers of chapter 9 – “बिहारस्य संस्कृतिकं वैभवम्” with hindi explanations.
‘बिहारस्य सांस्कृतिकं वैभवम्’ पाठ में बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का सुंदर चित्रण है। यह पाठ आपको बिहार के संगीत, नृत्य, चित्रकला और मूर्तिकला जैसे क्षेत्रों की खासियतों से परिचित कराएगा। आप जानेंगे कि कैसे मिथिला की चित्रकला और लोकनाट्य जैसे रामलीला और विदेशिया बिहार की पहचान हैं।

Bihar Board Class 9 Sanskrit Chapter 9 Solutions
| Subject | Sanskrit (संस्कृत पीयूषम् भाग-1) |
| Class | 9th |
| Chapter | 9. बिहारस्य संस्कृतिकं वैभवम् |
| Board | Bihar Board |
अभ्यासः(मौखिकः)
1. अधोलिखितानां प्रश्नानाम् उत्तराणि एकैनैव पदेन वदत- (नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर एक शब्द में दीजिए)
(क) कलासु प्रमुखम् किम्? (कलाओं में सबसे प्रमुख क्या है?)
उत्तर: संगीतम् (संगीत)
(ख) ‘जट-जटिन- इति लोकनृत्यम् कस्मिन् अञ्चले प्रसिद्धम्? (‘जट-जटिन’ लोकनृत्य किस क्षेत्र में प्रसिद्ध है?)
उत्तर: मिथिलायाम् (मिथिला में)
(ग) नाट्य कतमो वेदः कथ्यते? (नाट्य को कौन सा वेद कहा जाता है?)
उत्तर: पञ्चमः (पांचवां)
(घ) पद्मश्री जगदम्बा देवी कस्यां कलायां प्रसिद्धा? (पद्मश्री जगदम्बा देवी किस कला में प्रसिद्ध हैं?)
उत्तर: चित्रकलायाम् (चित्रकला में)
(ङ) मण्डपाभ्यन्तरे केषां मूर्तय: स्थाप्यन्ते? (मंडप के अंदर किनकी मूर्तियां स्थापित की जाती हैं?)
उत्तर: गजानाम् घोटकानाम् च (हाथियों और घोड़ों की)
अभ्यासः (लिखितः)
1. अधोलिखितानां प्रश्नानाम् उत्तराणि संस्कृतभाषयापूर्ण वाक्येन लिखत- (नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर संस्कृत भाषा में पूर्ण वाक्य में लिखिए)
(क) किं नाम संगीतम्? (संगीत क्या है?)
उत्तर: गीतं, नृत्यं च वाद्यं च संनादति इति संगीतम् उच्यते। (गीत, नृत्य और वाद्य को मिलाकर संगीत कहा जाता है।)
(ख) लास्यं कीदृशं नृत्यम्? (लास्य नृत्य कैसा होता है?)
उत्तर: लास्यं सौम्यं च माधुर्यपूर्णं नृत्यं भवति। (लास्य नृत्य कोमल और मधुर भावों से भरा होता है।)
(ग) भोजपुरी अञ्चले कस्य किं नाम च नाटकं प्रसिद्धम्? (भोजपुरी क्षेत्र में किसका कौन सा नाटक प्रसिद्ध है?)
उत्तर: भोजपुरी अञ्चले भिखारी ठाकुरस्य ‘विदेशिया’ नाटकं प्रसिद्धम् अस्ति। (भोजपुरी क्षेत्र में भिखारी ठाकुर का ‘विदेशिया’ नाटक प्रसिद्ध है।)
(घ) संगीतकलायां प्रसिद्धाः साधका: के आसन्? (संगीत कला में प्रसिद्ध साधक कौन थे?)
उत्तर: संगीतकलायां पण्डित रामचतुर मल्लिकः, पण्डित सियाराम तिवारी च प्रसिद्धाः आसन्। (संगीत कला में पंडित रामचतुर मल्लिक और पंडित सियाराम तिवारी प्रसिद्ध थे।)
(ङ) कस्मिन् अवसरे काभिश्च चित्राणि निर्मीयन्ते? (किस अवसर पर किनके द्वारा चित्र बनाए जाते हैं?)
उत्तर: देवपूजनावसरे संस्कारोत्सवेषु च स्त्रीभिः चित्राणि निर्मीयन्ते। (देवपूजा और संस्कार उत्सवों के अवसर पर महिलाओं द्वारा चित्र बनाए जाते हैं।)
2. अधोलिखित प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत- (नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर लिखिए)
(क) संगीतं कलासु प्रमुखं कथम्? (संगीत कलाओं में प्रमुख क्यों है?)
उत्तर: संगीतं कलासु प्रमुखं यतः एतत् मनसः शान्तये, देवाराधनाय च साधनं भवति।
(संगीत कलाओं में प्रमुख है क्योंकि यह मन की शांति और देवताओं की पूजा के लिए साधन है।)
(ख) राज्यस्य अञ्चलेषु प्रसिद्धानां लोकनृत्यानां नामानि लिखत। (राज्य के क्षेत्रों में प्रसिद्ध लोकनृत्यों के नाम लिखिए।)
उत्तर: बिहारस्य अञ्चलेषु प्रसिद्धं लोकनृत्यानां नामानि- झिझिया, खेलडिन्, डोमकच्, नेटुआ, जोगीरा, चैता, गौड च।
(बिहार के क्षेत्रों में प्रसिद्ध लोकनृत्यों के नाम हैं- झिझिया, खेलडिन, डोमकच, नेटुआ, जोगीरा, चैता और गौड।)
(ग) मिथिला-चित्रकलाया: परिचयं दत्त। (मिथिला चित्रकला का परिचय दीजिए।)
उत्तर: मिथिला-चित्रकला बिहारस्य मिथिला अञ्चले प्रसिद्धा अस्ति। अस्मिन् स्त्रीभिः देवपूजनावसरे संस्कारोत्सवेषु च भूमौ भित्तौ च रंगैः सुन्दरं चित्रं निर्मीयते।
(मिथिला चित्रकला बिहार के मिथिला क्षेत्र में प्रसिद्ध है। इसमें महिलाएं देवपूजा और संस्कार उत्सवों के अवसर पर जमीन और दीवारों पर रंगों से सुंदर चित्र बनाती हैं।)
(घ) धार्मिकदृष्ट्या मूर्तिकलायाः किं महत्वम्? (धार्मिक दृष्टि से मूर्तिकला का क्या महत्व है?)
उत्तर: धार्मिकदृष्ट्या मूर्तिकलायाः महत्त्वं यतः देवमूर्तयः निर्मीयन्ते, याः पूज्यन्ते च जनैः।
(धार्मिक दृष्टि से मूर्तिकला का महत्व है क्योंकि इसमें देवताओं की मूर्तियां बनाई जाती हैं, जिनकी लोग पूजा करते हैं।)
(ङ) बिहारस्य सांस्कृतिकं महत्त्वं वर्णयत। (बिहार के सांस्कृतिक महत्व का वर्णन कीजिए।)
उत्तर: बिहारस्य सांस्कृतिकं महत्त्वं अति विशिष्टम् अस्ति। बिहारः संगीतस्य, नृत्यस्य, चित्रकलायाः, मूर्तिकलायाः च विकासस्थलम् अस्ति। अस्मिन् धर्म-दर्शन-ज्योतिषादिशास्त्राणां च समृद्धिः अस्ति।
(बिहार का सांस्कृतिक महत्व बहुत विशेष है। बिहार संगीत, नृत्य, चित्रकला और मूर्तिकला का विकास स्थल है। यहां धर्म, दर्शन और ज्योतिष जैसे शास्त्रों की भी समृद्धि है।)
3. ‘क’ स्तम्भे प्रदत्तानां पदानां ‘ख’ स्तम्भे लिखित पदैः सह समुचित मेलर कुरुत- (‘क’ स्तंभ में दिए गए शब्दों का ‘ख’ स्तंभ के शब्दों के साथ उचित मिलान कीजिए)

उत्तर:
| क | ख |
|---|---|
| झिझिया | नृत्यम् |
| अल्पना | चित्रकला |
| क्रीडनकम् | मूर्तिकला |
| भिखारी ठाकुरः | नाट्यम् |
| समदाओन | गीतम् |
4. अधोलिखितेषु पदेषु धातुयुक्तम् उचितं प्रत्ययं निर्दिशत- (नीचे दिए गए शब्दों में धातु के साथ उचित प्रत्यय बताइए)
(क) नृत्यम् – नृत् + ल्यप् / क्यप्
उत्तर: नृत्यम् = नृत् + क्यप्
(ख) वाद्यम् – वद् + यत् / ण्यत्
उत्तर: वाद्यम् = वद् + यत्
(ग) साधनम् – साध् + घञ् / ल्युट्
उत्तर: साधनम् = साध् + ल्युट्
(घ) भिन्नम् – भिद् + क्त / ल्युट्
उत्तर: भिन्नम् = भिद् + क्त
(ङ) जातम् – जन् + घञ् / क्त
उत्तर: जातम् = जन् + क्त
5. निम्नलिखितेषु पदेषु उपसर्ग धातुं च पृथक् कृत्य समुचितप्रत्ययरूपं लिखत- (नीचे दिए गए शब्दों में उपसर्ग और धातु को अलग करके उचित प्रत्यय लिखिए)
(क) संगीतम् – सम् + गैं (गी) क्त्वा / क्त
उत्तर: सम् + गै + क्त
(ख) सम्प्राप्तिः – सम् + प्र + आप् – तुमुन् / क्तिन्
उत्तर: सम् + प्र + आप् + क्तिन्
(ग) संस्कृतिः – सम् + कृ – क्तिन् / तुमुन्
उत्तर: सम् + कृ + क्तिन्
(घ) विश्रुतः – वि + श्रु यत् / क्त
उत्तर: वि + श्रु + क्त
(ङ) प्रस्तोतव्यम् – प्र + स्तु ल्यप् / तव्यत्
उत्तर: प्र + स्तु + तव्यत्
(च) प्रस्तुतम् – प्र + स्तु क्त / ल्यप्
उत्तर: प्र + स्तु + क्त
6. अधोलिखितवाक्येषु रेखाङ्कितपदानां समुचितां विभक्तिं निर्दिशत- (नीचे दिए गए वाक्यों में रेखांकित शब्दों की उचित विभक्ति बताइए)
(क) संगीतं कलासु प्रमुखम्। (षष्ठी/सप्तमी) (संगीत कलाओं में प्रमुख है।)
उत्तर: सप्तमी
(ख) ‘सोहर- इति संस्कारगीतस्य भेद:। (तृतीया/षष्ठी) (‘सोहर’ संस्कार गीत का एक भेद है।)
उत्तर: षष्ठी
(ग) नाट्यं पञ्चमः वेदः कथ्यते। (प्रथमा/द्वितीया) (नाट्य को पांचवां वेद कहा जाता है।)
उत्तर: प्रथमा
(घ) संगीत संस्कृतेः अभिन्नम् अङ्गम्। (तृतीया/षष्ठी) (संगीत संस्कृति का अभिन्न अंग है।)
उत्तर: षष्ठी
(ङ) कम्भकारैः निर्मिताः गजानां मूर्तयः। (चतुर्थी/तृतीया) (कुम्हारों द्वारा हाथियों की मूर्तियां बनाई जाती हैं।)
उत्तर: तृतीया