Here you will get Bihar Board Class 9 Sanskrit Chapter 6 Solutions for free. This covers all question answers of chapter 6 – “संस्कृतसाहित्ये पर्यावरणम्” with hindi explanations.
‘संस्कृतसाहित्ये पर्यावरणम्’ पाठ में संस्कृत साहित्य के माध्यम से प्रकृति और पर्यावरण की महत्ता को दर्शाया गया है। यह पाठ आपको बताएगा कि कैसे वेद, महाकाव्य और कविताओं में प्रकृति की सुंदरता, पेड़-पौधों, जल और जानवरों की रक्षा का वर्णन है। आप सीखेंगे कि पर्यावरण को शुद्ध और संतुलित रखना हमारे जीवन के लिए क्यों जरूरी है।

Bihar Board Class 9 Sanskrit Chapter 6 Solutions
| Subject | Sanskrit (संस्कृत पीयूषम् भाग 1) |
| Class | 9th |
| Chapter | 6. संस्कृतसाहित्ये पर्यावरणम् |
| Board | Bihar Board |
अभ्यासः (मौखिकः)
1. अधोलिखितानां प्रश्नानाम् उत्तराणि वदत्- (निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर बोलिए)
(क) प्रकृते: उपकरणानि कथं प्रकल्पितानि? (प्रकृति के उपकरण कैसे माने गए हैं?)
उत्तर- प्रकृते: उपकरणानि देवरूपेण प्रकल्पितानि। (प्रकृति के उपकरण देवता के रूप में माने गए हैं।)
(ख) प्रकृतिवर्णनं कुत्र आवश्यकम्? (प्रकृति वर्णन कहाँ आवश्यक है?)
उत्तर- प्रकृतिवर्णनं संस्कृतकाव्येषु आवश्यकं भवति। (प्रकृति का वर्णन संस्कृत काव्यों में आवश्यक होता है।)
(ग) वाल्मीकिः कं सरोवरं वर्णयति? (वाल्मीकि किस सरोवर का वर्णन करता है?)
उत्तर- वाल्मीकिः पम्पासरोवरं वर्णयति। (वाल्मीकि पम्पा सरोवर का वर्णन करता है।)
(घ) ज्येष्ठमासस्य मध्याह्न: केन वर्णित:? (ज्येष्ठ मास के मध्याह्न का वर्णन किसने किया?)
उत्तर- ज्येष्ठमासस्य मध्याह्न: वाणभट्टेन वर्णित:। (ज्येष्ठ मास के मध्याह्न का वर्णन वाणभट्ट ने किया है।)
(ङ) जलाशयेषु कमलानां वर्णनं क: करोति? (जलाशयों में कमलों का वर्णन कौन करता है?)
उत्तर- जलाशयेषु कमलानां वर्णनं भट्टि: करोति। (जलाशयों में कमलों का वर्णन भट्टि करता है।)
अभ्यासः ( लिखितः)
1.अधोलिखितानां प्रश्नानाम् उत्तराणि संस्कृतभाषायां पूर्णवाक्येन लिखत- (निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संस्कृत भाषा में पूर्ण वाक्य में लिखिए)
(क) अन्नं कथं भवति? (अन्न कैसे उत्पन्न होता है?)
उत्तर- मेघः पृथिवीं जलेन रक्षति, ततः सर्वेभ्यः अन्नं भवति। (मेघ पृथ्वी को जल से सुरक्षित करता है, इससे सभी के लिए अन्न उत्पन्न होता है।)
(ख) संस्कृतकाव्येषु नदीनां वर्णनं किमुद्देश्यकम्? (संस्कृत काव्यों में नदियों का वर्णन किस उद्देश्य से किया जाता है?)
उत्तर- संस्कृतकाव्येषु नदीनां वर्णनं पर्यावरणस्य संरक्षणाय कृतं भवति। (संस्कृत काव्यों में नदियों का वर्णन पर्यावरण के संरक्षण के लिए किया जाता है।)
(ग) प्रकृतिचरदानं किम्? (प्रकृति चरदान क्या है?)
उत्तर- प्रकृतिचरदानं वृक्षैः ग्रीष्मतापेन सन्तप्तस्य रक्षाकरणं भवति। (प्रकृति चरदान वृक्षों द्वारा गर्मी से पीड़ित लोगों की रक्षा करना है।)
(घ) शाकुन्तले नाटके किं व्याख्याति? (शकुंतला नाटक में क्या बताया गया है?)
उत्तर- शाकुन्तले नाटके प्रकृतिप्रेमः कन्यया सह संनादति। (शकुंतला नाटक में प्रकृति के प्रति प्रेम कन्या के साथ व्यक्त किया गया है।)
(ड) पर्यावरणस्य स्वास्थ्यं प्रति के जागरूकाः? (पर्यावरण के स्वास्थ्य के प्रति कौन जागरूक हैं?)
उत्तर- पर्यावरणस्य स्वास्थ्यं प्रति संस्कृतसाहित्यकाराः जागरूकाः। (पर्यावरण के स्वास्थ्य के प्रति संस्कृत साहित्यकार जागरूक हैं।)
2. अधोलिखितानां प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत- (निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए)
(क) पर्यावरणस्य किं स्वरूपम्? (पर्यावरण का स्वरूप क्या है?)
उत्तर- पर्यावरणस्य स्वरूपं प्रकृतिसंरक्षणं संतुलनं च भवति। (पर्यावरण का स्वरूप प्रकृति का संरक्षण और संतुलन है।)
(ख) ओषधयः कुञ्च देव्यः कथं स्तूयन्ते? (औषधियाँ कहाँ देवियों के रूप में स्तुति की जाती हैं?)
उत्तर- वेदे ओषधयः देव्यः इति कथं स्तूयन्ते। (वेद में औषधियों की देवियों के रूप में स्तुति की जाती है।)
(ग) संस्कृतकाव्येषु प्रकृतेः केषाम् उपादानानां वर्णनं भवति? (संस्कृत काव्यों में प्रकृति के किन उपादानों का वर्णन होता है?)
उत्तर- संस्कृतकाव्येषु प्रकृतेः ऋतवः, सागरः, नद्यः, सूर्योदयः, सन्ध्या, चन्द्रोदयः, सरोवराः, उद्यानं, वनं च वर्णितं भवति। (संस्कृत काव्यों में प्रकृति के ऋतु, सागर, नदियाँ, सूर्योदय, सन्ध्या, चन्द्रोदय, सरोवर, उद्यान और वन का वर्णन होता है।)
(घ) वृक्षारोपणं पुण्यं कथम्? (वृक्षारोपण पुण्य कैसे है?)
उत्तर- ग्रीष्मतापेन सन्तप्तानां रक्षां वृक्षाः कुर्वन्ति, अतः वृक्षारोपणं पुण्यं भवति। (वृक्ष गर्मी से पीड़ित लोगों की रक्षा करते हैं, इसलिए वृक्षारोपण पुण्य है।)
(ङ) कालिदासमतेन वसन्ते किं भवति? (कालिदास के अनुसार वसंत में क्या होता है?)
उत्तर- कालिदासमतेन वसन्ते सर्वं शोभनतरं भवति। (कालिदास के अनुसार वसंत में सब कुछ अधिक सुंदर हो जाता है।)
3 अधोलिखितकथनेषु रेखांकितपदानि आधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुते – (निम्नलिखित कथनों में रेखांकित पदों के आधार पर प्रश्न निर्माण करें)
(क) संर्वृतसाहित्ये पर्यावरणस्य चर्था अस्ति ।
उत्तर- संस्कृतसाहित्ये कस्य चर्चा अस्ति? (संस्कृत साहित्य में किसकी चर्चा है?)
(ख) पर्जन्यों वंदे स्तूयते ।
उत्तर- कः वेदे स्तूयते? (वेद में कौन स्तुति किया जाता है?)
(ग) मेघः पृथिवीं जलेन रक्षति ।
उत्तर- मेघः पृथिवीं केन रक्षति? (मेघ पृथ्वी को किससे रक्षित करता है?)
(घ) पृथिवी सवैध्यः अन्नं ददाति ।
उत्तर- थिवी अन्नं केभ्यः ददाति? (पृथ्वी अन्न किसे देती है?)
(ङ) वेदे ओषधयोः देव्यः स्तूयन्ते ।
उत्तर- वेदे काः देव्यः स्तूयन्ते? (वेद में किनकी देवियों के रूप में स्तुति की जाती है?)
(च) संस्कृतमहाकाव्येष प्रकृतिवर्णनम आवश्यकम् ।
उत्तर- संस्कृतमहाकाव्येषु किम् आवश्यकम्? (संस्कृत महाकाव्यों में क्या आवश्यक है?)
4. कोष्ठकाद् उचितं पदं चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत- (कोष्ठक से उचित पद चुनकर रिक्त स्थान भरिए)
(क) इरा विश्वस्मै ………. जायते। (देवाय/भुवनाय)
उत्तर- भुवनाय (इरा विश्वस्मै भुवनाय जायते।) (इरा विश्व के लिए भुवन के लिए उत्पन्न होती है।)
(ख) ता नो ………. अंहसः। (गच्छन्तु/मुञ्चन्तु)
उत्तर- मुञ्चन्तु (ता नो मुञ्चन्तु अंहसः।) (वे हमें पापों से मुक्त करें।)
(ग) वाल्मीकिः ………. पम्पां वर्णयति। (सरोवरश्रेष्ठां/नदीश्रेष्ठाम्)
उत्तर- सरोवरश्रेष्ठां (वाल्मीकिः सरोवरश्रेष्ठां पम्पां वर्णयति।) (वाल्मीकि श्रेष्ठ सरोवर पम्पा का वर्णन करता है।)
(घ) सर्वं प्रियं ………. वसन्ते। (निम्नतरम्/चारुतरम्)
उत्तर- चारुतरम् (सर्वं प्रियं चारुतरं वसन्ते।) (सब कुछ प्रिय वसंत में अधिक सुंदर होता है।)
(ङ) मृगकुलं ………. अभ्यस्यतु। (पाठ/रोमन्थम्)
उत्तर- रोमन्थम् (मृगकुलं रोमन्थम् अभ्यस्यतु।) (हिरणों का समूह रोमन्थन का अभ्यास करे।)
(च) स्वयं न ………. पिबन्ति नद्यः। (दुग्धानि/वारीणि)
उत्तर- वारीणि (स्वयं न वारीणि पिबन्ति नद्यः।) (नदियाँ स्वयं जल नहीं पीतीं।)
5. अधोलिखितपदानां संधिविच्छेदं कृत्वा पूर्ववर्णं परवर्णञ्च निर्दिशत- (निम्नलिखित पदों का संधि-विच्छेद करके पूर्ववर्ण और परवर्ण लिखिए)
यथा- बालकस्तु = बालक: + तु (अः + त्)
उत्तर-
- कालिदासस्तु = कालिदासः + तु (अः + त्) (कालिदास + तु)
- वृक्षास्तु = वृक्षाः + तु (आः + त्) (वृक्ष + तु)
- कन्याश्च = कन्याः + च (आः + च्) (कन्या + च)
- पठितस्तेन = पठितः + तेन (अः + त्) (पठित + तेन)
- मुहुस्ताडितम् = मुहुः + ताडितम् (अः + त्) (मुहुः + ताडितम्)
- मानवश्च = मानवः + च (अः + च्) (मानव + च)
6. अधोलिखितपदेषु मूलशब्दं विभक्ति वचनं च लिखत- (निम्नलिखित पदों में मूलशब्द, विभक्ति और वचन लिखिए)
उत्तर-
| पद | मूलशब्द | विभक्ति | वचनम् |
|---|---|---|---|
| यथा – वैज्ञानिके | वैज्ञानिक | सप्तमी | एकवचनम् |
| 1. पर्यावरणम् | पर्यावरण | द्वितीया | एकवचनम् |
| 2. साहित्ये | साहित्य | सप्तमी | एकवचनम् |
| 3. भुवनाय | भुवन | चतुर्थी | एकवचनम् |
| 4. सर्वेभ्यः | सर्व | चतुर्थी | बहुवचनम् |
| 5. स्वरूपेषु | स्वरूप | सप्तमी | बहुवचनम् |
| 6. वृक्षान् | वृक्ष | द्वितीया | बहुवचनम् |
7. अधोलिखित क्रियापदेषु धातुं, लकारं, पुरुष, वचनञ्च निर्दिशत- (निम्नलिखित क्रियापदों में धातु, लकार, पुरुष और वचन लिखिए)
उत्तर-
| क्रियापद | धातु | लकारः | पुरुषः | वचनम् |
|---|---|---|---|---|
| यथा-कथयति | कथ् | लट् | प्रथमपुरुष | एकवचन |
| 1. भवति | भू | लट् | प्रथमपुरुष | एकवचन |
| 2. रक्षति | रक्ष् | लट् | प्रथमपुरुष | एकवचन |
| 3. कुर्वन्तु | कृ | लोट् | प्रथमपुरुष | बहुवचन |
| 4. मुञ्चन्तु | मुञ्च् | लोट् | प्रथमपुरुष | बहुवचन |
| 5. आसन् | अस् | लङ् | प्रथमपुरुष | बहुवचन |
8. उदाहरणमनुसृत्य प्रत्येकम् अव्ययपदेन वाक्यद्वयं रचयत- (उदाहरण के अनुसार प्रत्येक अव्यय पद से दो-दो वाक्य बनाइए)
उत्तर-
1. अधुना (अब):
- अधुना पर्यावरणस्य संरक्षणं सर्वं करोति। (अब पर्यावरण का संरक्षण सभी करते हैं।)
- अधुना छात्राः पाठं पठन्ति। (अब छात्र पाठ पढ़ते हैं।)
2. अत्र (यहाँ):
- अत्र प्रकृतिः शोभनं भवति। (यहाँ प्रकृति सुंदर होती है।)
- अत्र वृक्षाः सन्तप्तान् रक्षन्ति। (यहाँ वृक्ष पीड़ितों की रक्षा करते हैं।)
3. इति (इस प्रकार)
- पर्यावरणं शुद्धं भवेत् इति सर्वं कामति। (पर्यावरण शुद्ध हो इस प्रकार सभी चाहते हैं।)
- वृक्षारोपणं पुण्यं भवति इति वदति। (वृक्षारोपण पुण्य है इस प्रकार कहते हैं।)
Hii
Hello Amisha, kaisi chal rahi hai aapki padhai?