UP Board class 6 Science chapter 7 is an important chapter for students. Here we have presented you with the free guide of this chapter – “जीवों में अनुकूलन” in Hindi. It aims to provide you a solid understanding with complete question answers of this chapter.
प्रत्येक जीव अपने वातावरण के अनुकूल होता है। इस अध्याय में हम जीवों के अनुकूलन के विभिन्न तरीकों के बारे में जानेंगे। हम शारीरिक और व्यवहारगत अनुकूलन की अवधारणा समझेंगे। साथ ही यह भी सीखेंगे कि अनुकूलन जीवों के अस्तित्व के लिए कितना महत्वपूर्ण है।
UP Board Class 6 Science Chapter 7 Solutions
Subject | Science (विज्ञान) |
Class | 6th |
Chapter | 7. जीवों में अनुकूलन |
Board | UP Board |
प्रश्न 1. सही विकल्प को छाँटकर अपनी अभ्यास पुस्तिका में लिखिए (विकल्प चुनकर) –
(क) मेढक रहता है –
(i) स्थल पर
(ii) जल में
(iii) जल तथा स्थल दोनों जगह
(iv) वायु में
उत्तर – (iii) जल तथा स्थल दोनों जगह।
(ख) मछली साँस लेती है –
(i) गिल्स द्वारा
(ii) फेफड़े द्वारा
(iii) त्वचा द्वारा
(iv) पंखों द्वारा
उत्तर – (i) गिल्स द्वारा
(ग) ऊँट के कूबड़ में संचित होता है।
(i) वसा
(ii) कार्बोहाइड्रेट
(iii) प्रोटीन
(iv) खनिज लवण
उत्तर – (i) वसा
(घ) खानज लव नागफनी का पौधा है –
(i) जलीय
(ii) मरूस्थलीय
(iii) उपरिरोही
(iv) आरोही
उत्तर – (ii) मरूस्थलीय
(ङ) जलीय वातावरण में पाये जाने वाला पौधा है –
(i) मटर
(ii) सिंघाड़ा
(iii) आलू
(iv) मक्का
उत्तर – (ii) सिंघाड़ा
प्रश्न 2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (पूर्ति करके) –
प्रश्नोत्तर –
(क) मेढक पानी में श्वसन त्वचा द्वारा करता है।
(ख) नागफनी एक मरुस्थलीय वातावरण का पौधा है।
(ग) अल्प विकसित जड़े तथा वायु मृदूतक जलीय पौधों में पाया जाता है।
(घ) आलू एक भूमिका पौधा है।
(ङ) पक्षियों की हड्डियाँ खोखली होती हैं।
प्रश्न 3. सही कथन के आगे सही (✓) तथा गलत कथन के आगे गलत (✗) का चिहून लगाएँ-(चिहून लगाकर) –
(क) मरुस्थलीय पौधे कोमल तथा कमजोर तने वाले होते हैं। (✗)
(ख) पक्षियों की हड्डी खोखली तथा वायु से भरी होती है। (✓)
(ग) मरुभिद पौधों में जड़ें, अल्प विकसित होती हैं। (✗)
(घ) शरीर पर घने तथा लम्बे बाल और त्वचा के नीचे वसा की मोटी परत ठण्डे प्रदेशों में रहने वाले जन्तुओं में वातावरण से अनुकूलन करने में सहायक होता है। (✓)
प्रश्न 4. स्तम्भ ‘क’ का.स्तम्भ ‘ख’ से मिलान कीजिए (मिलान करके) –
प्रश्नोत्तर –
स्तम्भ (क) | स्तम्भ (ख) |
---|---|
क. वायुकोष | (स) पक्षी |
ख. शल्क | (अ) मछली |
ग. मेढ़क | (ख) शल्क |
घ. उपचर्म | (य) जलकुम्भी |
ङ. चिड़िया | (द) पंख |
प्रश्न 5. अनुकूलन किसे कहते हैं। मरूस्थलीय जीव में अनुकूलन को संक्षेप में स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – अनुकूलन का अर्थ है वे परिवर्तन जो किसी जीव को विशेष पर्यावरण में रहने में सहायता करते हैं। मरुस्थलीय जीवों में पानी की कमी से बचाव के लिए छोटे कान, खुरदरी त्वचा आदि विशेषताएं पायी जाती हैं। ऊंट में जल संचय की क्षमता और गद्देदार पैर होते हैं।
प्रश्न 6. जलीय जीवों में अनुकूलन की विशेषताओं को संक्षेप में लिखिए।
उत्तर – जलीय जीवों जैसे मछलियों में तैरने के लिए शरीर धारादार होता है और पंख होते हैं। साथ ही श्वसन के लिए क्लोम (गिल) होते हैं। आंखों पर परदे होते हैं।
प्रश्न 7. उभयचर जीवों में अनुकूलन को संक्षेप में उदाहरण सहित बताइए।
उत्तर – मेंढक जैसे उभयचर जीव जल और स्थल दोनों में रह सकते हैं। इनके पैरों में पादजाल होते हैं जो तैरने में मदद करते हैं। जल में त्वचा से और स्थल पर फेफड़ों से श्वसन होता है।
प्रश्न 8. वायुवीय जन्तुओं में अनुकूलन का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर – पक्षियों और कीटों का शरीर उड़ने के अनुकूल होता है। पक्षियों के शरीर का आकार नौकानुमा होता है। अग्रपाद पंखों में बदले होते हैं। हड्डियां खोखली और हल्की होती हैं। वायुकोष भी उड़ने में सहायता करते हैं। कीट छोटे और हल्के शरीर वाले होते हैं और दो जोड़ी पंख होते हैं।
प्रश्न 9. मंदार किस वातावरण में उगने वाला पौधा है?
उत्तर – मदार स्थलीय वातावरण में उगने वाला पौधा है?
प्रश्न 10. किन्हीं दो उभयचर जन्तुओं के नाम लिखिए।
उत्तर – मेढक और सैलामैंडर
प्रश्न 11. जलीय अनुकूलन में पंख की भूमिका बताइये।
उत्तर – तैरने में सहायक होते हैं।
प्रश्न 12. अपने आस-पास भ्रमण करके जलीय, स्थलीय व वायवीय पक्षियों एवं पौथों के नाम लिखिए।
उत्तर –
प्रश्न 13. मरुस्थलीय अनुकूलन के लिए ऊँट में किस प्रकार की विशेषताएँ पायी जाती हैं?
उत्तर – ऊंट के लम्बे पैर और गद्देदार तलवों से रेत पर चलना आसान होता है। खुरदरी त्वचा से पानी की कम ही खपत होती है। जल संचित करने की क्षमता भी होती है।
प्रश्न 14. पक्षियों में उड़ने के लिए अनुकूलन किन विशेषताओं के कारण होता है।
उत्तर – पक्षियों में अग्रपाद पंखों में बदले होते हैं, शरीर का आकार नौकानुमा होता है, हड्डियां खोखली और हल्की होती हैं तथा वायुकोष भी उड़ने में सहायक होते हैं।