Bihar Board Class 9 Hindi Chapter 5 Solutions – भारतीय चित्रपट : मूक फिल्मों से सवाक फिल्मों तक

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‘भारतीय चित्रपट: मूक फिल्मों से सवाक् फिल्मों तक’ बिहार बोर्ड कक्षा 9 की हिंदी पाठ्यपुस्तक का एक रोचक अध्याय है। यह निबंध प्रसिद्ध साहित्यकार अमृतलाल नागर द्वारा लिखा गया है, जिसमें भारतीय सिनेमा के इतिहास और विकास की कहानी बताई गई है। लेखक ने बड़ी सरलता से भारत में फिल्मों की शुरुआत, पहले फिल्म प्रदर्शन, प्रारंभिक फिल्म निर्माताओं और मूक फिल्मों से लेकर बोलती फिल्मों तक के सफर को दर्शाया है। यह निबंध छात्रों को भारतीय सिनेमा की विरासत से परिचित कराता है और उन्हें फिल्म उद्योग के विकास की यात्रा को समझने में मदद करता है।

Bihar Board Class 9 Hindi Chapter 5

Bihar Board Class 9 Hindi Chapter 5 Solutions

SubjectHindi
Class9th
Chapter5. भारतीय चित्रपट : मूक फिल्मों से सवाक फिल्मों तक
Author
BoardBihar Board

Bihar Board Class 9 Hindi Chapter 5 Question Answer

प्रश्न 1: उन्नीसवीं और बीसवीं शताब्दी ने दुनिया को कई करिश्मे दिखाए। लेखक ने किस करिश्मे का विवरण विस्तार से किया है?

उत्तर: लेखक ने उन्नीसवीं और बीसवीं शताब्दी के करिश्मों में गैस की रोशनी, बिजली के चमत्कार, टेलीग्राफ, टेलीस्कोप, जादू, रेल, और मोटर जैसे विषयों का विस्तार से वर्णन किया है।

प्रश्न 2: भारतीय चित्रपट में मौन से साक्षात्कार तक के इतिहास को रेखांकित करते हुए दादा साहेब फाल्के का महत्व बताइए।

उत्तर: दादा साहेब फाल्के भारतीय सिनेमा के जनक माने जाते हैं। उन्होंने 1913 में फिल्म ‘राजा हरिश्चंद्र’ बनाई, जो पहली भारतीय मूवी मानी जाती है। उनके कारनामे में भारतीय सिनेमा के विकास में महत्वपूर्ण योगदान था।

प्रश्न 3: सावे दादा कौन थे? उनके भारतीय सिनेमा में योगदान को वर्णित कीजिए।

उत्तर: सावे दादा भारतीय सिनेमा के प्रथम निर्माता और निर्देशक थे। उन्होंने शालिनी स्टूडियो की स्थापना की और भारत में सिनेमा के विकास में अपना योगदान दिया।

प्रश्न 4: लेखक ने सावे दादा की तुलना में दादा साहेब फाल्के को क्यों भारतीय सिनेमा का जनक माना? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: सावे दादा ने तो भारत में पहली फिल्में बनाईं, लेकिन दादा साहेब फाल्के ने ‘राजा हरिश्चंद्र’ जैसी फिल्म बनाई, जो भारतीय सिनेमा की शुरुआत को प्रेरित करने वाली मानी जाती है।

प्रश्न 5: भारतीय सिनेमा के विकास में पश्चिमी तकनीक के महत्व को रेखांकित कीजिए।

उत्तर: भारतीय सिनेमा के विकास में पश्चिमी तकनीकी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। फ्रांस के ल्युमीयेर ब्रदर्स ने अपने प्रोजेक्टर के माध्यम से 19वीं सदी में भारत में सिनेमा को प्रस्तुत किया, जिससे भारतीय दर्शकों को नई तकनीक से परिचित होने का अवसर मिला। इससे सिनेमा की व्यापकता में वृद्धि हुई और कहानी की बेहतरीन प्रस्तुति का माध्यम बना।

प्रश्न 6: अपने शुरुआती दिनों में सिनेमा आज की तरह किसी कहानी पर आधारित नहीं होती थी, क्यों?

उत्तर: पश्चिमी तकनीक के उपयोग के कारण भारतीय सिनेमा अपने शुरुआती दिनों में कहानी की बजाय चित्रों और झांकियों पर आधारित थी। तकनीकी सुधारों के बाद वास्तविकता और कहानी से जुड़े फिल्म उत्पन्न होने लगीं।

प्रश्न 7: भारत में पहली बार सिनेमा कब और कहाँ दिखाया गया?

उत्तर: 1897 में पहली बार मुंबई के इंस्टीट्यूट ऑफ एक्टर्स के पर्दे पर भारतीय दृश्य देखने को मिले। इससे भारतीय सिनेमा का आदिकाल शुरू हुआ।

प्रश्न 8: सिनेमा दिखलाने के लिए अखबारों में क्या विज्ञापन निकला? इस विज्ञापन का बम्बई की जनता पर क्या असर हुआ था?

उत्तर: विज्ञापन में अखबारों ने घोषणा की थी कि “जिंदा तिलस्मात् देखिए, आपको चलती-फिरती टोड़तो दिखलाई पड़ेगा।” यह घोषणा बम्बई की जनता में बड़ा हलचल मचा दी और सिनेमा की लोकप्रियता में वृद्धि हुई।

प्रश्न 9: 1897 में पहली बार बम्बई की जनता को रुपहले पर्दे पर कुछ भारतीय दृश्य देखने को मिले। उन दृश्यों को लिखें।

उत्तर: 1897 में बम्बई में जनता को रुपहले पर पहली बार भारतीय त्योहार और दृश्य दिखाए गए, जैसे नारली पूर्णिमा का त्योहार, लाल किले का दृश्य, और लखनऊ के इमामबाड़ों के दृश्य।

प्रश्न 10: कलकत्ते में स्टार थियेटर की स्थापना किसने की?

उत्तर: स्टार थियेटर की स्थापना कलकत्ते में मिस्टर स्टीवेंसन नामक एक अंग्रेज सज्जन ने की थी।

प्रश्न 11. भारत में फिल्म उद्योग कैसे स्थापित हुआ? इसकी स्थापना में किन-किन व्यक्तियों ने योगदान दिया?

उत्तर- भारत में फिल्म उद्योग की स्थापना ब्रिटिश काल में हुई जब इंग्लिश फिल्म तकनीक और फ्रांसीसी रंगमंच आदिवासियों ने पहले फिल्म कैमरा से फिल्म उद्योग को शुरुआत में इन व्यक्तियों दिया महत्वपूर्ण योगदान।

प्रश्न 12. पहली फीचर फिल्म कौन थी?

उत्तर- पहली फीचर फिल्म ‘राजा हरिश्चंद्र’ थी, जो 1913 में बनाई गई थी।

प्रश्न 13. भारत की पहली बॉक्स-ऑफिस हिट फिल्म किसे कहा जाता है?

उत्तर- भारत की पहली बॉक्स-ऑफिस हिट फिल्म ‘लंकादहन’ कही जाती है, जो 1919 में रिलीज़ हुई थी।

प्रश्न 14. जे. एफ० मादन का भारतीय फिल्म में योगदान रेखांकित करें।

उत्तर- जे. एफ० मादन ने 1917 में एलफिंस्टन बाइस्कोप कंपनी बनाई और फिल्म उद्योग में महत्वपूर्ण योगदान दिया, उन्होंने पहली फीचर फिल्म ‘श्री विष्णु विजय’ तैयार की थी।

प्रश्न 15. शुरुआती दौर की फिल्म को लोग क्या कहते थे?

उत्तर- शुरुआती दौर की फिल्म को लोग ‘जादुई तिलस्म’ कहते थे, क्योंकि इनमें नए तकनीकी उपकरणों के द्वारा विशेष प्रकार की कला का प्रदर्शन किया जाता था।

प्रश्न 16. ‘राजा हरिश्चन्द्र फिल्म’ में स्त्रियों का पार्ट भी पुरुषों ने ही किया था। क्यों?

उत्तर- ‘राजा हरिश्चंद्र’ फिल्म में स्त्रियों का पार्ट पुरुषों ने ही किया था क्योंकि उस समय महिलाएँ फिल्मों में अभिनय करने के लिए सामाजिक रूप से स्वीकृत नहीं थीं।

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