Bihar Board Class 9 Hindi Chapter 1 Solutions – कहानी का प्लाँट

Bihar Board class 9 Hindi chapter 1 solutions are available for free here. This is a comprehensive guide that provides complete class 9 Hindi chapter 1 – “कहानी का प्लाँट” question answers.

कहानी का प्लॉट बिहार बोर्ड की कक्षा 9 की हिंदी पाठ्यपुस्तक का एक महत्वपूर्ण अध्याय है। यह शिवपूजन सहाय द्वारा रचित एक आंचलिक कहानी है, जो आत्मकथा शैली में लिखी गई है। इस कहानी में लेखक ने अपने गाँव के पास के एक छोटे गाँव की कहानी बताई है, जिसमें मुंशीजी और उनकी बेटी भगजोगनी के जीवन की विडंबनाओं को दर्शाया गया है। यह कहानी गरीबी, बेमेल विवाह, और समाज की कुरीतियों जैसे विषयों को छूती है, जो पाठकों को समाज की वास्तविकताओं से रूबरू कराती है।

Bihar Board Class 9 Hindi Chapter 1

Bihar Board Class 9 Hindi Chapter 1 Solutions

SubjectHindi
Class9th
Chapter1. कहानी का प्लाँट
Authorशिवपूजन सहाय
BoardBihar Board

Bihar Board Class 9 Hindi Chapter 1 Question Answer

प्रश्न 1. लेखक ने ऐसा क्यों कहा है कि कहानी लिखने योग्य प्रतिभा भी मुझमें नहीं है जबकि यह कहानी श्रेष्ठ कहानियों में एक है?

उत्तर- लेखक ने विनम्रता दिखाते हुए अपनी प्रतिभा को कम आंका है। वास्तव में, यह उनकी लेखन कला का एक उदाहरण है, जो पाठकों को आकर्षित करता है।

प्रश्न 2. लेखक ने भगजोगनी नाम ही क्यों रखा?

उत्तर- लेखक ने ‘भगजोगनी’ नाम इसलिए चुना क्योंकि यह ग्रामीण परिवेश को दर्शाता है और कहानी के मूल भाव को प्रतिबिंबित करता है। यह नाम पात्र की विशेषताओं और उसके जीवन की परिस्थितियों को भी सूचित करता है।

प्रश्न 3. मुंशीजी के बड़े भाई क्या थे?

उत्तर- मुंशीजी के बड़े भाई पुलिस दारोगा थे। वे एक सम्मानित पद पर थे और अपने परिवार के लिए एक आदर्श थे।

प्रश्न 4. दारोगाजी की तरक्की रुकने की क्या वजह थी?

उत्तर- दारोगाजी की तरक्की इसलिए रुकी क्योंकि उन्होंने अपनी प्रिय घोड़ी को बड़े अंग्रेज अफसरों को बेचने से इनकार कर दिया था। यह उनकी ईमानदारी और सिद्धांतों को दर्शाता है।

प्रश्न 5. मुंशीजी अपने बड़े भाई से कैसे उऋण हुए?

उत्तर- मुंशीजी ने अपने बड़े भाई के कर्ज से मुक्त होने के लिए एक गोरे अफसर को भारी रकम पर घोड़ी बेच दी। यह उनकी व्यावहारिकता और परिवार के प्रति जिम्मेदारी को दर्शाता है।

प्रश्न 6. ‘थानेदार की कमाई और फूस का तापना दोनों बराबर हैं, लेखक ने ऐसा क्यों कहा?

उत्तर- लेखक ने यह कहकर थानेदार की अस्थायी समृद्धि की ओर संकेत किया है। जैसे फूस जल्दी जलकर राख हो जाता है, वैसे ही अनैतिक तरीके से कमाया धन टिकाऊ नहीं होता।

प्रश्न 7. ‘मेरी लेखनी में इतना जोर नहीं’-लेखक ऐसा क्यों कहता है?

उत्तर- लेखक भगजोगनी के असाधारण सौंदर्य का वर्णन करने में अपनी असमर्थता व्यक्त कर रहा है। यह उनकी विनम्रता और भगजोगनी के अद्वितीय सौंदर्य को दर्शाता है।

प्रश्न 8. भगजोगनी का सौंदर्य क्यों नहीं खिल सका?

उत्तर- भगजोगनी का सौंदर्य गरीबी और कठिन परिस्थितियों के कारण नहीं खिल पाया। उसके जीवन की मूलभूत आवश्यकताएं भी पूरी नहीं हो पाती थीं, जिससे उसका विकास बाधित हु आ।

प्रश्न 9. मुंशीजी गल-फाँसी लगाकर क्यों करना मरना चाहते हैं?

उत्तर- मुंशीजी गला-फांसी लगाकर मरना चाहते हैं क्योंकि वे भगजोगनी की दयनीय स्थिति और अपनी गरीबी से बहुत दुखी हैं। वे इस कठिन जीवन से मुक्ति चाहते हैं।

प्रश्न 10. भगजोगनी का दूसरा वर्तमान नवयुवक पति उसका ही सौतेला बेटा है। यह घटना समाज की किस बुराई की ओर संकेत करती है और क्यों?

उत्तर- यह घटना बाल विवाह और विधवा पुनर्विवाह जैसी सामाजिक बुराइयों की ओर संकेत करती है। समाज में महिलाओं की स्थिति और उनके साथ होने वाले अन्याय को भी उजागर करती है।

व्याख्याएँ

आशय स्पष्ट करें

(क) “जो जीभ एक दिन बटेरों का शोरबा सुड़कती थी, अब वह सराह-सराहकर मटर का सत्तू सरपोटने लगी। चुपड़ी चपातियाँ चबानेवाले दाँत अब चंद चबाकर दिन गुजरने लगे।”

उत्तर- इन पंक्तियों में लेखक ने अमीरी से गरीबी में आने पर होने वाले परिवर्तन का मार्मिक चित्रण किया है। पहले जो व्यक्ति विलासिता में जीता था और स्वादिष्ट भोजन करता था, अब वही व्यक्ति साधारण भोजन पर संतुष्ट होने को मजबूर है। यह वाक्य दर्शाता है कि जीवन में आर्थिक स्थिति कैसे व्यक्ति के जीवन शैली और खान-पान को प्रभावित करती है। लेखक ने यहाँ भोजन के माध्यम से समृद्धि और गरीबी के बीच के अंतर को स्पष्ट किया है, जो पाठक को परिस्थितियों की गंभीरता समझने में मदद करता है।

(ख) “सचमुच अमीरी की कब्र पर पनपी हुई गरीबी बड़ी ही जहरीली होती है।”

उत्तर- इस वाक्य में लेखक ने एक गहन सामाजिक सत्य को व्यक्त किया है। जब कोई व्यक्ति अमीरी से गरीबी की ओर जाता है, तो यह अनुभव उसके लिए अत्यंत कष्टदायक होता है। यह “जहरीली” शब्द गरीबी की पीड़ा और मानसिक यातना को दर्शाता है। लेखक यह भी संकेत करता है कि पूर्व की समृद्धि की स्मृतियाँ वर्तमान की कठिनाइयों को और भी दुःखदायी बना देती हैं। यह वाक्य पाठकों को जीवन के उतार-चढ़ाव और परिस्थितियों के प्रति सजग रहने का संदेश देता है। इस तरह, लेखक ने एक छोटे से वाक्य में जीवन के एक बड़े सत्य को समेट दिया है।

Other Chapter Solutions
Chapter 1 Solutions – कहानी का प्लाँट
Chapter 2 Solutions – भारत का पुरातन विद्यापीठ : नालंदा
Chapter 3 Solutions – ग्राम – गीत का मर्म
Chapter 4 Solutions – लाल पान की बेगम
Chapter 5 Solutions – भारतीय चित्रपट : मूक फिल्मों से सवाक फिल्मों तक
Chapter 6 Solutions – अष्टावक्र
Chapter 7 Solutions – टॉलस्टाय के घर में
Chapter 8 Solutions – पधारो म्हारे देश
Chapter 9 Solutions – रेल-यात्रा
Chapter 10 Solutions – निबंध
Chapter 11 Solutions – सूखी नदी का पुल
Chapter 12 Solutions – शिक्षा में हेर-फेर

Leave a Comment

WhatsApp Icon
X Icon